डिजीटल पेमेंट के चलते स्वाइप मशीन रखना अनिवार्य हो गया है। पिछले साल आइसीआइसीआइ बैंक से एक एक्सक्यूटिव शॉप पर आया और अपनी स्वाइप मशीन की बडी तारिफ करने लगा। जरूरत थी, सो बैंक की शाखा में जाकर जरुरी विधि करके मशीन ले लिया। हमें कहा गया कि शुरुआत में चार हजार रुपये लगेंगे, फिर साल में एक बार कुछ रकम रेंट चार्जस के रुप में कटेगी। और यह चार हजार भी जब कोई कार्ड स्वाइप होगा तो अपने आप कटेंगे, हमें कैश देने की जरुरत नहीं है।
यहां बेंकवाले ने यह नहीं बताया कि पहली बार चार हजार कटने के बाद कितनी रकम हर साल कटेंगी। और यहीं गलती हो गई।
पिछले अप्रैल में एक साल मशीन लिए हुए पूरा हुआ। तब लॉकडाउन के कारण सारा बिजनेस ठप था। जून के दूसरे सप्ताह में जब ओड इवन के तहत दुकाने खोलने की छूट दी, तो पहले दिन कुछ पंद्रह सौ रुपये का स्वाइप मशीन से पेमेंट हुआ। अब पेमेंट का मैसेज तो आता हैं, पर बैंक के खाते में पैसा जमा नहीं दिखा रहा था। सोचा खाते में आने को कुछ समय लगता होगा। दो दिन बाद जब दूकान खुली तो फिर से पाच सौ का एक कार्ड हुआ। मैसेज आया पर पैसा खाते में जमा नहीं हुआ। सो ग्राहकों को पेमेंट के लिए गूगल पे वगैरह से पेमेंट करने के लिए कहना पडा।
बैंक की शाखा में जाकर इस विषय में पूछा तो जो जवाब मिला, उसे सुनकर तो दिमाग घूम गया।
कर्मचारी ने बताया कि अप्रैल महीने में मशीन का सालाना चार्ज ड्यु करना था। पर आपने नहीं भरा है। तो अब वो सालाना चार्ज प्लस इंटरेस्ट कट रहा है, इसलिए पैसा आपके खाते में जमा नहीं हो रहा है।
आगे जब पूछा कि ठीक है चार्ज कट रहा है पर इतना कितना चार्ज काट रहे हो?
'चार हजार और इंटरेस्ट ' उसने जवाब दिया। मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आया। ' अरे भाई, चार हजार तो शुरूआती चार्ज था न' मैने कहा। वह बोला, ' नो सर, सालाना चार्ज चार हजार ही है। और जब तक यह पूरा नहीं होगा पैसा आपके अकाउंट में नहीं आएगा। '
मैने कहा 'यार ये तो फ्रोड है। आपने एसा नहीं कहा था कि हर साल चार हजार चार्ज लगेगा। '
वो बोला, ' सर ये आपको मशीन लेते समय बताया गया होगा।'
क्या करता? मेरी गलती कि बैंकवालों के एक सामान्य फ्रोड में फंस गया। वहीं खडे खडे मशीन सरंडर करने का फार्म भर के दे दिया। मशीन सरंडर करने के बाद भी मशीन से संलग्न अकाउंट से दो सौ - दो सौ रुपये करके सोलह सौ रुपये काट लिए है। जब पुनः बैंक वालों को पूछा तो कहते है कि इनक्वायरी करके बताएंगे।
आखिर संलग्न खाते से सारा पैसा दूसरे खाते में ट्रांसफ़र कर दिया है। अब बैंक वाला प्रतिदिन फोन करके ब्रांच में बुलाता हैं। पर मै नहीं जाता।
बस, किसी दिन दूकान पर आए, इतनी देर।
पढने के लिए धन्यवाद।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.