यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 17 फ़रवरी 2021

अगर किसी अन्य के बैंक अकाउंट में गलती से हमारे पैसे ट्रांसफर हो जाएं तो हमें क्या करना चाहिए?

नमस्कार ।

जब से इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग का चलन शुरू हुआ है इस तरह की घटनाएँ आम हो गई हैं। मेरे सामने भी अक्सर इस तरह की समस्या आती है जहाँ किसी ग्राहक ने पैसे भेजते समय गलती से किसी और के खाते में पैसे भेज दिए हों। और जब पाने वाले का बैंक कोई दूसरा हो तो पैसे वापस मिलना बड़ा कठिन हो जाता है।

चित्र स्रोत: गूगल

इसी समस्या का समाधान आपने अपने इस इस प्रश्न से जानने की कोशिश की है।

अगर किसी अन्य के बैंक अकाउंट में गलती से हमारे पैसे ट्रांसफर हो जाएं तो हमें क्या करना चाहिए?

एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे भेजने के आपके पास निम्नलिखित विकल्प हैं ।

  1. आरटीजीएस (RTGS)
  2. एनईएफटी (NEFT)
  3. आईएमपीएस (IMPS)
  4. यूपीआई (UPI)

इनमें से पहला विकल्प बैंक का फाॅर्म भरके ( Offline Mode) , दूसरा विकल्प बैंक का फाॅर्म भरके या इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग (Online Mode), तीसरा और चौथा विकल्प मोबाइल बैंकिंग (Online Mode) से किया जाता है।

कब आती है समस्या?

  • जब कोई ग्राहक( Remitter) अपने इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के द्वारा अपने खाते से पैसे किसी दूसरे बैंक के खाते में भेजता है।
  • या फिर बैंक का आरटीजीएस/ एनईएफटी फार्म भरते समय ।

वह पाने वाले(Beneficiary) की खाता संख्या गलत भर देता है।

क्यों आती है समस्या?

  • जब हम किसी दूसरे बैंक की खाता संख्या भरते हैं तो हमारा बैंक उस खाताधारक के नाम की पुष्टि नहीं कर पाता।
  • इसका कारण यह है कि एक बैंक दूसरे बैंको से अपने खाताधारकों का विवरण साझा नहीं करते।
  • अब जो गलत खाता संख्या भरी गई हैं उसके दो परिणाम हो सकते हैं ।
  1. उस गलत खाता संख्या का कोई भी खाता, पाने वाली बैंक में नहीं है।ऐसा होने पर पैसा अपने आप ही भेजने वाले (Remitter) के खाते में लौटा दिया जाता है।इसकी और अधिक जानकारी के लिए मेरे निम्न उत्तर को पढें ।

यदि कोई हमारे एक्सिस बैंक के बंद खाते में आरटीजीएस कर दे, तो वह पैसा कहाँ जायेगा और हमें कैसे मिलेगा?

2. उस गलत खाता संख्या का खाता, पाने वाली बैंक(Beneficiary's Bank) में मौजूद है।और आपके पैसे उसमें जमा हो जाते हैं।

मेरी समझ से आप भी इसी दूसरे परिणाम के बारे में जानना चाहते हैं । तो आगे पढें ।

समस्या होने पर क्या करें?

अब दूसरी बैंक में फंड ट्रांसफर हो जाने के बाद ना तो भेजने वाला खाताधारक (Remitter) और ना ही उसका बैंक(Remitting Bank) ही कुछ कर पाते हैं ।

तब भेजने वाले खाताधारक को तुरंत अपनी बैंक को एक लिखित निवेदन देकर सूचित कर देना चाहिए ।

आपकी बैंक निवेदन पाते ही ,पैसे पाने वाली बैंक (Beneficiary'sBank) को सूचित कर देगी।

पाने वाली बैंक निम्नलिखित जाँच करके पाने वाले (Beneficiary) के खाते में उतने पैसों का 'ग्रहणी का अंकन' (Lien marking) कर देगी । इससे पाने वाला इस रकम को नहीं निकाल पाएगा।

जाँच इस प्रकार होगी।

  • क्या भेजे गए पैसे के विवरण में खाताधारक का नाम और जमा पैसे के खाताधारक का नाम मिल रहा है?
  • यदि हाँ , तो निवेदन अस्वीकृत कर दिया जाएगा। क्योंकि यह गलती से भेजा हुआ पैसा नहीं है।
  • यदि नहीं , तो फिर यह जाँच की जाएगी कि आपके निवेदन पत्र में जो सही खाता संख्या है( जिसे आपने पैसे भेजते समय नहीं भरा), उसके खाताधारक का नाम और भेजे गए पैसे के विवरण में खाताधारक का नाम मिल रहा है या नहीं ।
  • यदि नहीं तो और पूछताछ की जाएगी और संतोषजनक उत्तर पाने पर ही आगे की कार्यवाही होगी ।
  • यदि हाँ , तो यह गलती से भेजा हुआ पैसा है।

फिर आगे की कार्यवाही इस प्रकार होगी ।

  1. यदि पैसे पाने वाले के खाते में आवेदन पाने तक पैसे नहीं निकले तो पाने वाले के खाते में उतने पैसों का 'ग्रहणी का अंकन' (Lien marking) लगा दिया जाता है।
  2. अब पाने वाली बैंक, भेजने वाली बैंक से अपने पक्ष में एक ' क्षतिपूर्ति पत्र' ( Idemnity Letter) मांगेगी।
  3. भेजने वाली बैंक इस ' क्षतिपूर्ति पत्र' को पाने वाली बैंक के पक्ष में देने से पहले , भेजने वाले ग्राहक से एक 'क्षतिपूर्ति पत्र' अपने पक्ष में लेगी।
  4. जैसे ही पाने वाली बैंक को भेजने वाली बैंक से उसके पक्ष में यह 'क्षतिपूर्ति पत्र' मिल जाता है वह पाने वाले के खाते में लगाया हुआ 'ग्रहणी का अंकन' हटाकर पैसे भेजने वाले के खाते में भेजता देगी।

लेकिन दिक्कत तब आती है जब पाने वाली बैंक के पास सूचना पहुँचने के पहले ही पाने वाला खाता धारक पैसे निकाल लेता है। तब उस बैंक के पास सिर्फ एक ही उपाय बचता है, पाने वाले ग्राहक से पैसे की वसूली (Recovery) के प्रयास । जबतक यह प्रयास सफल नहीं होता आप इंतजार ही कर सकते हैं!

इसलिए भलाई इसी में है की पैसे भेजने के पहले हम ये सावधानीयाँ रखें:

  1. पाने वाले का नाम(Beneficiary'sName), खाता संख्या (Beneficiary's Account No.) और आईएफएस कोड (IFSC) की अच्छी तरह पाने वाले से जाँच कर लें। इसके लिए आप पाने वाले से उसके बैंक खाते की चेक या पासबुक के पहले पन्ने की छवि मंगवाकर उसके साथ मिला लें।
  2. अपने खाते के इंटरनेट या मोबाईल बैंकिग लाॅगिन से पाने वाले को रजिस्टर करें ।
  3. फिर एक छोटी राशि जैसे 1 रू, 5 रू, 10रू या 100 रू भेजकर पाने वाले से उस पैसे के मिलने की पुष्टि कर लें।
  4. अब आप निश्चिंत होकर पैसे भेज सकते हैं ।

ध्यान दें कि आपको इस अभ्यास को केवल एक बार करने की आवश्यकता है। जब आप पहली बार पाने वाले को रजिस्टर कर रहे हैं । अगली बार उसे पैसे भेजते समय आपको अपने रजिस्टर किए हुए पाने वालों कि सूची से उन्हें चुनना है और सिर्फ पैसे की संख्या भर के भेज देनी है।

आशा है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी और आप इससे लाभान्वित होंगे ।

कृपया इसे अपने परिचित लोगों से भी बाँटे तथा स्वयं के साथ दूसरों को भी सुरक्षित रखें ।

धन्यवाद् ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी करें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

function disabled

Old Post from Sanwariya