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बुधवार, 20 अक्टूबर 2021

कभी-कभी प्लास्टिक की कुर्सी को छूने पर करंट क्यों लगता हैं?


कभी कभी आपको प्लास्टिक की कुर्सी, कार का दरवाजे का हैंडल, फाउंटेन को छूने मात्र से करंट लग जाता है, ऐसा क्यों होता है आइये जानते हैं।

आप शायद नहीं जानते होंगे कि स्टैटिक/स्थायी बिजली क्या होती है। यह सब एक छोटी चीज से शुरू होता है जिसे परमाणु कहा जाता है। दुनिया में सब कुछ परमाणुओं से बना है - आपकी पेंसिल से आपकी नाक तक। एक परमाणु इतना छोटा है कि आप इसे अपनी आंखों से नहीं देख सकते हैं - आपको एक विशेष माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होगी। दुनिया के सभी सामानों के लिए ब्लॉक बनाने के रूप में परमाणुओं के बारे में सोचें।

प्रत्येक छोटे परमाणु भी सूक्ष्म चीजों से बने होते हैं:

प्रोटॉन (कहते हैं: PRO-stanza), जिसमें एक सकारात्मक चार्ज है।

इलेक्ट्रॉनों (कहते हैं: hi-LEK-trahnz), जिसमें एक नकारात्मक चार्ज है।

न्यूट्रॉन (कहते हैं: NEW-trahns), जिनके पास कोई चार्ज नहीं है।

अधिकांश समय, परमाणुओं में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों की समान संख्या होती है और परमाणु चार्ज तटस्थ (सकारात्मक या नकारात्मक नहीं) होता है। सकारात्मक और नकारात्मक चार्ज संतुलित नहीं होने पर स्थैतिक बिजली बनाई जाती है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन बहुत घूमते नहीं हैं, लेकिन इलेक्ट्रॉनों को सभी जगह कूदना पसंद है!

जब किसी वस्तु (या व्यक्ति) में अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं, तो इसका ऋणात्मक आवेश होता है। विपरीत आरोप वाली चीजें हमेशा एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होती हैं, इसलिए सकारात्मक आरोप नकारात्मक की तलाश करते हैं और नकारात्मक सकारात्मक की तलाश करते हैं। बस यही स्टैटिक चार्ज कारण है कि आपको प्लास्टिक की कुर्सी से भी छोटा करंट लग जाता है।

कभी आप धूप में प्लास्टिक की कुर्सी रख कर बैठें, आप गौर करेंगे कि आपके रोम के केश कुर्सी की तरफ आकर्षित होकर खड़े हो जाएंगे, आपके कंघे द्वारा छोटे कागज़ के टुकड़े आकर्षित होते हैं, ऐसा भी static चार्ज के कारण ही होता है।

आशा करता हूँ कि यह आपको समझने में सहायक होगा।

सरसों कच्ची धानी व पक्की धानी तेल में क्या अंतर होता है?

कच्ची धानी अर्थात पुराने जमाने में बैलों से चलने वाले कोल्हू होते थे उन्हें ही कच्ची घानी कहते हैं।

वह एक पत्थर/ लकड़ी की काफी बड़ी ओखली नुमा होता था, जिसमे एक लकड़ी के लम्बे मूसल को घुसा कर रखा जाता था। उस ओखली व मूसल के बीच के खाली स्थान में वह तिलहन डाला जाता था जिसका तेल निकालना हो।

उस मूसल को बैलों की सहायता से घुमाया जाता था, दोनों के बीच आकर तिलहन का तेल निकल जाता था, जिसे साइड में लगी टोंटी से निकाल लिया जाता था।

आज भी कुछ जगह इसका प्रयोग करके तेल निकला जाता है वही वास्तविक कच्ची घानी का तेल कहलाता है। आजकल यह विधि लगभग समाप्ति के कगार पर है, कारण उसे निकालना काफी महंगा पड़ता है। साथ ही आधुनिक मोटर से चलने वाली मशीन (आयल एक्सपेलर) के मुकाबले कम तेल निकलता है, अतः वह सामान्य रिफाइंड तेल से चार गुनी कीमत में बिकता है।

दूसरी है पक्की घानी - आजकल इसी सिद्धांत पर कुछ मोटर से चलने वाली घानी भी प्रचलित हैं हैं। उनसे भी तेल कम ही निकलता है, पर शीघ्र निकलता है। इसे ही पक्की घानी भी कहते हैं।

तीसरी है आधुनिक मोटर से चलने वाली "आयल एक्सपेलर मशीन", यह मशीन भी ठंडी विधि से ही तेल निकालती है, पर इससे तेल कुछ अधिक व शीघ्र निकलता है, कम नमी युक्त व साफ होता है।

उपरोक्त सभी विधियों से निकलने वाला तेल रिफाइड या फिलटर्ड नहीं कहलाता, इस तेल में नमी की काफी मात्रा होती है, कारण तेल निकालते समय तिलहन को कुछ गीला करना पड़ता है। इस तेल को आप खरीद कर 1 माह से अधिक स्टोर नहीं कर सकते।

यहां मैं तीनो मशीनों के चित्र प्रस्तुत कर रहा हूँ।

यह सभी चित्र गूगल से साभार

सेहत और सीरत का संगम प्रोटीन पाउडर घर मे बनाये, रहेगा शुद्ध और किफायती भी



 सेहत और सीरत का संगम प्रोटीन पाउडर घर मे बनाये, रहेगा शुद्ध और किफायती भी


आजकल मार्किट में नाना प्रकार के हेल्थ पाउडर प्रचलित है बूस्ट, बोर्नविटा होर्लिक्स वगैराह वगैरह।। अब इन पाउडर में क्या तो डाला जाता है और क्या ये सेहत के लिए फायदेमंद भी है या नही .. पर बिना जाने हम खरीद रहे है और उपयोग भी कर रहे है.. ये पाउडर किन वस्तुओं से बने है और इतने महंगे क्यो है ये भी हम नही जानते।

पर ये तो सत्य हैं कि इन सबको केवल मार्केटिंग, विज्ञापन के जरिये ही इतना पॉपुलर किया गया है वास्तविकता कुछ और है

चलिए आज हम आपको घर मे ही शुध्द सात्विक और किफायती हेल्थ पाउडर का फार्मूला दे रहे है जिसमे शामिल हर सामग्री के बारे में आप शत प्रतिशत जानते और मानते हैं।

मार्केट का  प्रोटीन पाउडर क्यों.?
अपने घर पर ही बनाइये..

सामग्री
-150 ग्राम बादाम
-100 ग्राम मूंगफली
-100 ग्राम तिल्ली की बारीक खली
-150 ग्राम अखरोट गिरी
-150 ग्राम मिल्क पाउडर
-50 ग्राम तरबूज के बीज
-20 ग्राम दालचीनी पाउडर
-10 ग्राम छोटी इलायची के दाने।
-20 ग्राम चॉकलेट या अन्य फ्लेवर पाउडर
-150 ग्राम भुने चने (आप चाहे तो उपयोग नही भी कर सकते है )

मूंगफली, बादाम को भिगो कर उनके छिलके उतार कर सुखा कर ही काम में लें क्योंकि छिलकों में कुछेक हानिकारक पदार्थ हो सकते हैं।

सभी चीजों को मिक्सर ग्राइंडर में डालकर एक साथ पीस लें।

बस हो गया घर पर बनाया हुआ प्रोटीन पाउडर तैयार

आप चाहें तो मिल्क पाउडर के साथ फ्लेवर के लिए थोड़ा वनीला, चॉकलेट या कॉफी पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

सेवन का  तरीका..
– सुबह और शाम दिन में दो बार एक गिलास दूध के साथ इसे पिएं, मिलेगा बेहतरीन फायदा।

ध्यान रखिये, जितना किलो आपका वजन, उतने ही ग्राम प्रोटीन आपको रोज चाहिये...

(सुबह शाम चीनी की जगह शहद या फिर मिश्री डालकर पियें ये चीजें, गजब की ताकत मिलेगी)

– जिम जाने वाले इस पाउडर को 5 से 6 चम्मच लें।

– बच्चे जो जिम नहीं जाते हैं वो भी दूध के साथ इस पाउडर को सिर्फ 3 से 4 ही चम्मच ले सकते हैं।

– बुजुर्ग भी इस पाउडर को दिन में 4 से 5 चम्मच लेंगे तो उनकी हड्डियों को कैल्शियम मिलेगा।

– गर्भवती महिलाएं भी तंदुरुस्त बच्चा पाने के लिए 4 से 5 चम्मच प्रोटीन पाउडर का सेवन कर सकती हैं।

उबलना चाहें तो उबालें, अन्यथा वैसे ही लें क्योंकि दूध पाउडर इसमें है ही।

कुछ श्रेष्ठ मनोवैज्ञानिक तथ्य

  • जो इंसान ज्यादा कसमें खाते है , वह लोग ज्यादा निष्ठावान और ईमानदार होते है ।
  • चॉकलेट खाना और खरीरदरी करना ज्यादा नस्ली है ड्रग्स से भी ज्यादा ।
  • जो लोग ज्यादा झूठ बोलते है , वह दूसरों के झूठ को जल्दी पकड़ लेते है ।
  • यदि आप अपने जीवन का लक्ष्य दूसरे को बता देंगे तो ज्यादा समभावना है कि आप उसे हासिल नहीं कर पाएंगे , क्योंकि हाल ही में कि गई खोज में पता चला है कि ऐसा करने से आप अपना प्रेरणा खो देते है ।
  • जितना ज्यादा आप किसी के बारे में बात करेंगे उतना ज्यादा यह संभावना है कि आप उसके साथ प्यार में पड़ जाएंगे ।
  • जो इंसान जितना ज्यादा लोगो को खुश करने की कोशिश करता है वह खुद अंत में अकेला रह जाता है ।
  • जिस चीज से आपको डर लगता है , वह करने से आपको सबसे ज्यादा खुशी मिलती है ।
  • जिस इंसान का आतम सम्मान जितना कम होता है वह उतना ज्यादा लोगो की आलोचना करता है ।
  • जिस लड़की का जितना ज्यादा IQ होता है उसे उतनी ज्यादा दिक्कत आती है अपना प्रेमी साथी ढूंढने में होती है।
  • कभी कभी हम खुशी आने पर भी खुश होने के लिए डरते है , क्योंकि हमें लगता है कहीं कुछ दुखद ना हो जाए ।
  • लोग ज्यादा आत्मविश्वास महसूस करते है , जब वह उन चीजों के बारे में बात करते है जिसमें उनकी रुचि होती है।
  • सोने से पहले आखिरी इंसान जिसे आप सोचते है , वह आपकी खुशी या दुख का कारण होता है ।
  • औसत समय जो एक औरत किसी रहस्य को अपने तक केवल 48 घंटो तक ही रख पाती है ।
  • जिस तरह के गीत आप सुनते है , वह आपके जीवन को देखने के नजरियों को काफी प्रभावित करता है ।
  • कई बार चुप रहने का अर्थ यह होता है कि आप यह नहीं सोचते कि दूसरा व्यक्ति आपके विचार को सुनने के लिए तैयार है।
  • जो लोग असल जिंदगी में जितना ज्यादा हस्ते है , वोह असल में उतना ज्यादा उदास होते है ।
  • जो इंसान आपको सबसे ज्यादा अच्छे सलाह देता है , वह इंसान के खुद के जीवन में सबसे ज्यादा परेशानियों होती है ।
  • नजरअंदाज कर दिया जाना उतना ही दर्द देता है जितना चोट लगना देता है ।
  • यदि आपको कोई किसी चीज के लिए मना कर दे तो , आपका दिमाग उसे शारीरिक दर्द के रूप में ही लेता है ।
  • बहुत समय तक अकेला रहना आपके सेहत पर बुरा असर डाल सकता है ।
  • ज्यादा तर लोग गीत इसलिए सुनते है क्योंकि वह अपनी परेशानी को भूलना चाहते है ।
  • समझदार लोग अपने आप को कम प्रतिभाशाली समझते है और अनजान / जो गंभीर नहीं है वह अपने आप को ज्यादा प्रतिभाशाली समझते है ।

चित्र स्रोत - गूगल

 

11 वैज्ञानिक तथ्य जो दिमाग हिला दे

11 वैज्ञानिक तथ्य जो दिमाग हिला दे

1-अपने होंठ के ऊपर और नाक के नीचे बीच वाली जगह को अपनी अंगुली से धीमे से प्रेस करे। इस जगह को शुईगो स्पॉट के नाम से जाना जाता है। रोजाना इस जगह की 2-3 मिनट तक प्रवेश करें। इससे आपका वजन घटेगा।

2-वैज्ञानिक एक Clone तैयार कर रहे है 12000 साल पुराने Ice Age के Lion के DNA से जो इन्हें इनके पुराने अवशेषों से मिला है।

3-आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जो लोग ज्यादा हंसते हैं उनके अंदर उतना ही ज्यादा दर्द सहन करने की क्षमता भी होती है.

4-अमेरिका में सैकड़ों लोगों का नाम ABCDE है।

5- सिर्फ एक घंटा हेडफोन लगाने से हमारे कानो में जीवाणुयों की तादाद 700 गुना बढ़ जाती है।

6- पूरे जीवन काल के दौरान नीद में आप भिन्न-भिन्न तरह के 70 कीट खा जाते हैं।

7-उँगलियों के नाखुन पैरों के नाखुनों से 4 गुना ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं।

8-एक औसतन इंसान दिन में 10 बार हंसता है।

9-दुनिया के अधिकतर Serial Killer November महीने में पैदा हुए हैं।

10- “Rhythm”( रिदम) vowel के बिना इंग्लिश का सबसे बड़ा शब्द है।

11-‘TYPEWRITER’ सबसे लंम्बा शब्द है जो कि keyboard पर एक ही लाइन पर टाइप होता है।

गूगल से

सड़कों पर सफेद और पीली लाइन क्यों खिंची जाती है?


 

आपको एक ही लेन में चलना होगा। यह टूटी सफेद लाइन इस बात की ओर इशारा करती है कि आप लेन बदल सकते हैं, लेकिन आपको पीछे से आने वाली गाड़ियों पर ध्यान रखना होगा, ताकि कोई हादसा ना हो। पीली लंबी लाइन का मतलब है कि आप आसानी से ओवरटेक कर सकते हैं, लेकिन आप इस लाइन को पार करके दूसरी तरफ नहीं जा सकते।

बाई पास से करें बचाव उच्च रक्तचाप हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग में लौकी के जूस का करें सेवन

 बाई पास से करें बचाव उच्च रक्तचाप हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग में लौकी के जूस का करें सेवन


भारत में हृदय रोगियो की संख्या बढ़ती ही जा रही है ।अनियमित दूषित खान पान और भागम भाग वाली जीवन चर्या कै कारण होने वाले इस रोग से सर्जन की भी चांदी हो रही है । किन्तु इस रोग और धन की बर्बादी से बचना भी आसान है यदि आप चाहे। इसके लिए श्रेष्ट है लौकी का जूस ...

जूस कैसे बनावे

लम्बोत्तर लौकी (घिया) ले इसे अच्छी तरह धो पोंछ लें फिर हल्का हल्का छिलका उतार कर कद्दूकस कर लें, इसके बाद इसे सिलबट्टे या ग्राइंडर से पीस लें, पीसते समय इसमें ;5-7 तुलसी, 5-7  पुदिने की पत्तियां मिला लें, इस पिसे हुए पेस्ट को साफ कपडे से छान लें, ये रस 125 ग्राम होना चाहिए, इस रस में 125 ग्राम साफ पानी मिला कर 250 ग्राम बना लें, अब इसमें 5-7 पिसी काली मिर्च और एक ग्राम सेंधा नमक मिला लें,
ये दवा की एक मात्रा तैयार हो गयी।

सेवन विधि :
हृदय रोगी को दिन में 3 बार सुबह दोपहर शाम भोजन के आधा घंटे बाद एक मात्रा लेनी है। पहले 3 -4 दिन इस दवा को पीने से पेट में कुछ गड़गड़ाहट होगी, पतले दस्त हो सकते हैं, उनसे घबराना नही है, 3 -4 दिनों में पेट के सभी विकार मल के साथ बाहर निकल कर पेट स्वस्थ हो जाएगा।

इन रोगों में भी लाभकर है लोकी जूस
अम्लीयता, कब्ज, भूख ना लगाना, एसिडिटी, खट्टी डकार, अनावश्यक मोटापा, रक्त अशुद्धि, किडनी की समस्याएं, मूत्र की जलन, आंतो की समस्या, बवासीर, मधुमेह, उच्च रक्त चाप, लिवर रोग इत्यादि

इस उपचार को दो से तीन महीने आवश्यकता अनुसार लेने से हृदय रोगी ठीक हो जाते हैं, बाई पास सर्जरी की ज़रूरत नही रहती, ये अनुभूत उपचार है, कभी असफल नही होता।

भारत माता की जय 🇮🇳
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः






बनाया 'पानी' से चलने वाला 'इंजन', भारत में किसी ने नहीं सुनी तो जापान सरकार ने की मदद, अब वहां होगा लॉन्च


 

इंजीनियर ने बनाया 'पानी' से चलने वाला 'इंजन', भारत में किसी ने नहीं सुनी तो जापान सरकार ने की मदद, अब वहां होगा लॉन्च

तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित एक मैकेनिकल इंजीनीयर एस कुमारस्वामी ने 10 साल की मेहनत से एक ऐसे इंजन का आविष्कार किया है,.

नई दिल्ली: तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित एक मैकेनिकल इंजीनीयर एस कुमारस्वामी ने 10 साल की मेहनत से एक ऐसे इंजन का आविष्कार किया है, जो डिस्टिल्ड वाटर से चल सकेगा. बताया जा रहा है कि यह अपने आप में एक अलग तरह का इंजन है, जो इको-फ्रेंडली भी है. इंजन इको-फ्रेंडली इसलिए है, क्योंकि यह ऑक्सीजन छोड़ता है और फ्यूल यानी इंधन के तौर पर हाइड्रोजन का इस्तेमाल करता है. मगर अफसोस कि इस इंजन को भारत के बदले जापान में लॉन्च किया जाएगा. प्रशासनिक उदासीनता की वजह से एस कुमारस्वामी को अपने आविष्कार को जापान में लॉन्च करना पड़ रहा है.

दरअसल, तमिलनाडु के एस कुमारस्वामी ने दावा किया है कि इस इंजन को विकसित करने में उन्हें 10 साल लग गए. उनका दावा है कि यह अपने तरह का दुनिया का पहला इंजन है. उन्होंने कहा, ' इसे बनाने में मुझे 10 साल लग गए. यह इंधन के रूप में हाईड्रोडन का इस्तेमाल करता है और ऑक्सीजन छोड़ता है.'

उन्होंने आगे कहा कि 'मेरा सपना था कि मैं इस इंजन को भारत में इंट्रोड्यूस करूं, इसलिए मैंने सभी प्रशासनिक दरवाजे खटखटाए. मगर मुझे कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला. इसलिए मैंने जापान के सरकार से संपर्क साधा और मुझे वहां यह अवसर मिला. अब आने वाले दिनों में यह इंजन जापान में लॉन्च किया जाएगा. ' बता दें कि इंजीनियर ने भारत में इस इंजन को लॉन्च करने की कई कोशिश की, मगर लालफीताशाही ने इसकी कद्र नहीं की.

मंगलवार, 19 अक्टूबर 2021

आजकल के बच्चे ये कभी नहीं जान पाएंगे कि पुराने जमाने में हमें निम्नलिखित कारणों से कूटा जाता था

*आजकल के बच्चे ये कभी नहीं जान पाएंगे कि  पुराने जमाने में हमें निम्नलिखित कारणों से कूटा जाता था:-*

1. पिटने के बाद रोने पर।
2. पिटने के बाद नहीं रोने पर।
3. बिना पिटे रोने पर।
4. दोस्तों के साथ खेलने-कूदने पर।
5. दोस्तों के साथ नहीं खेलने-कूदने पर।
6. जहां बड़े बैठे हों वहां टहलने पर।
7. बड़ों को जवाब देने पर।
8. बड़ों को जवाब नहीं देने पर।
9. बहूत समय तक बिना पिटे रहने पर।
10. उपदेश पर गाना गुनगुनाने पर।
11. अतिथियों को प्रणाम नहीं करने पर।
12. अतिथियों के लिए बनाए नाश्ते पर हाथ साफ करने पर।
13. अतिथियों के जाते समय साथ जाने की जिद पर।
14. खाने से मना करने पर।
15. सूर्यास्त के बाद घर आने पर।
16. पड़ोसियों के यहां खाना खा लेने पर।
17.  जिद्दी होने पर।
18. अति उत्साही होने पर।
19. हम उम्र बच्चों के साथ लड़ाई में हार जाने पर।
20. हम उम्र बच्चों के साथ लड़ाई में जीत जानेपर।
21. धीरे-धीरे खाने पर।
22. जल्दी-जल्दी खाने पर।
23. बड़े जाग गए हों तो सोते रहने पर।
24. अतिथियों को खाते समय निहारने पर।
25. चलते समय रपट कर गिर जाने पर।
26. बड़ों के साथ नजरें मिलाने पर।
27. बड़ों के साथ नजरें नहीं मिलाने पर।
28. बड़ों के साथ बात करते समय पलकें झपकाने पर।
29. बड़ों के साथ बात करते समय पलकें नहीं झपकाने पर।
30. रोते हुए बच्चे को देखकर हंसने पर।

*#  कूटे ही नही "भय़ंकर कूटे" जाते थे. ....   जब रोना निकल जाता था ..  तब ... चिल्ला कर कहा जाता था ....
अबे  चुप होता है ..
कि    ...उठाएं जूता ...
😂😂
लेकिन
वो प्यार का तरीका अदभुत था, सब कुछ हमारी भलाई के लिये ही  था ...
अपने माता पिता व कूटने डाँटने वाले सभी बड़े-बुजुर्गों को सादर प्रणाम.. 🙏🙏🙏🌹💕🌹🙏🙏

शरद पूर्णिमा विशेष 19,20 अक्टूबर, 2021- कुछ विशेष करने योग्य बातें

 🌝 शरद पूर्णिमा 🌝
19,20 अक्टूबर, 2021-

कुछ विशेष करने योग्य बातें

आँखों के लिए टॉनिक
त्रिफला, शहद और देसी गाय के घी का 02:02:01 के अनुपात में मिश्रण तैयार करके उसे शरद पूनम की पूरी रात (19,20 अक्तूबर 2021) को चांदनी में रखो । फिर उस मिश्रण को काँच की बाटल में रख लें । फिर अगले 40 दिनों तक इस मिश्रण को 11 ग्राम सुबह - शाम लें । आंखें टनाटन, न मोतिया न मोतियाबिंद न लेंस ।

बल, सौंदर्य व आयुवर्धक प्रयोग
शरद पूर्णिमा की चाँदनी में रखे हुए आँवलों के रस 4 चम्मच, शुद्ध शहद 2 चम्मच् व गाय का घी 1 चम्मच मिलाकर नियमित सेवन करें। इससे बल, वर्ण, ओज, कांति व दीर्घायुष्य की प्राप्ति होती है।

नेत्र सुरक्षा के लिए शरद पूर्णिमा का प्रयोग

वर्षभर आंखें स्वस्थ रहे, इसके लिए शरद पूनम की रात को चन्द्रमा की चांदनी में एक सुई में धागा पिरोने का प्रयास करें । कोई अन्य प्रकाश नहीं होना चाहिए । दशहरा से शरद पूर्णिमा तक 15-20 मिनट चन्द्रमा की ओर देखते हुए त्राटक करने से भी आखों की रौशनी बढती है l

शरद पूर्णिमा पर अध्यात्मिक उन्नति
शरद पूनम रात आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत फायदेमंद है । इसलिए सबको इस रात को जागरण करना चाहिए अर्थात जहाँ तक संभव हो सोना नही चाहिए और इस पवित्र रात्रि में जप, ध्यान, कीर्तन करना चाहिए ।

शरद पूर्णिमा विशेष
चावल, दूध और मिश्री की खीर बनायें । खीर बनाते समय उसमें कुछ समय के लिए थोड़ा चाँदी मिला दें । खीर को कम से कम 2 घंटे के लिए चन्द्रमा के प्रकाश में रख दें । उस दिन के लिए कोई अन्य भोजन नहीं पकाएं, केवल खीर खाएं ।

हमें देर रात को भारी आहार नहीं लेना चाहिए इसलिए तदनुसार खीर खाएं । शरद पूनम की रात में रखी गयी खीर को भगवान को भोग लगाने के बाद अगले दिन प्रसाद रूप में नाश्ते में भी ले सकते है ।


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