*आजकल के बच्चे ये कभी नहीं जान पाएंगे कि पुराने जमाने में हमें निम्नलिखित कारणों से कूटा जाता था:-*
1. पिटने के बाद रोने पर।
2. पिटने के बाद नहीं रोने पर।
3. बिना पिटे रोने पर।
4. दोस्तों के साथ खेलने-कूदने पर।
5. दोस्तों के साथ नहीं खेलने-कूदने पर।
6. जहां बड़े बैठे हों वहां टहलने पर।
7. बड़ों को जवाब देने पर।
8. बड़ों को जवाब नहीं देने पर।
9. बहूत समय तक बिना पिटे रहने पर।
10. उपदेश पर गाना गुनगुनाने पर।
11. अतिथियों को प्रणाम नहीं करने पर।
12. अतिथियों के लिए बनाए नाश्ते पर हाथ साफ करने पर।
13. अतिथियों के जाते समय साथ जाने की जिद पर।
14. खाने से मना करने पर।
15. सूर्यास्त के बाद घर आने पर।
16. पड़ोसियों के यहां खाना खा लेने पर।
17. जिद्दी होने पर।
18. अति उत्साही होने पर।
19. हम उम्र बच्चों के साथ लड़ाई में हार जाने पर।
20. हम उम्र बच्चों के साथ लड़ाई में जीत जानेपर।
21. धीरे-धीरे खाने पर।
22. जल्दी-जल्दी खाने पर।
23. बड़े जाग गए हों तो सोते रहने पर।
24. अतिथियों को खाते समय निहारने पर।
25. चलते समय रपट कर गिर जाने पर।
26. बड़ों के साथ नजरें मिलाने पर।
27. बड़ों के साथ नजरें नहीं मिलाने पर।
28. बड़ों के साथ बात करते समय पलकें झपकाने पर।
29. बड़ों के साथ बात करते समय पलकें नहीं झपकाने पर।
30. रोते हुए बच्चे को देखकर हंसने पर।
*# कूटे ही नही "भय़ंकर कूटे" जाते थे. .... जब रोना निकल जाता था .. तब ... चिल्ला कर कहा जाता था ....
अबे चुप होता है ..
कि ...उठाएं जूता ...
😂😂
लेकिन
वो प्यार का तरीका अदभुत था, सब कुछ हमारी भलाई के लिये ही था ...
अपने माता पिता व कूटने डाँटने वाले सभी बड़े-बुजुर्गों को सादर प्रणाम.. 🙏🙏🙏🌹💕🌹🙏🙏
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.