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सोमवार, 20 अगस्त 2018

पूर्व प्रधानमंत्री  श्री अटल बिहारी वाजपेई  को भावपूर्ण श्रद्धांजलि


मौत खड़ी थी सर पर
इसी इंतजार में थी
ना झूकेगा ध्वज मेरा
15 अगस्त के मौके पर
तू ठहर इंतजार कर
लहराने दे बुलंद इसे
मैं  एक दिन और लड़ूंगा
मौत तेरे से 
मंजूर नही है कभी मुझे
झुके तिंरगा स्वतंत्रता के मौके पे  😢😢

🙏   *कोटि कोटि नमन*  🙏
    *भारत रत्न वाजपेयी जी*
       💐💐🌷🌷💐💐

*अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़े तथ्य- हरदिल अजीज राजनेता के रूप में रही उनकी छवि*

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी खराब स्‍वास्‍थ्‍य के कारण दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं। देश उनकी सलामती की दुआएं कर रहा है। तीन बार प्रधानमंत्री रहे,हरदिल अजीज राजनेता अटल जी वाजपेयी की लोकप्रिय राजनेता,ओजस्वी कवि, सम्मानित समाजसेवी और नरम हिंदूत्ववादी के रूप में कई छवियां  हैं।आरएसएस में शामिल होने से पहले वह साम्यवाद से प्रभावित थे,पर बाद में बाबासाहेब आप्टे से प्रभावित होकर साल 1939 में आरएसएस से जुड़ गए। उनके स्‍वभाव और व्‍यक्तित्‍व का ऐसा जादू रहा है कि अपनी पार्टी के लोगों के साथ-साथ विपक्ष भी उनकी प्रशंसा और सम्‍मान करता है।उन्‍हें भारत सरकार की ओर से पद्म विभुषण और भारत रत्‍न का सम्‍मान मिल चुका है। आज हम लाए हैं अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी प्रमुख खास बातें-

🔶 अटल जी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी कवि और अध्यापक थे और मां कृष्णा देवी घरेलू महिला थीं। अटल जी अपने माता-पिता की सातवीं संतान हैं।

🔶 उनकी प्रारंभिक शिक्षा बड़नगर, गोरखी के सरस्‍वती शिशु मंदिर से हुई। उन्‍होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेजियट स्कूल से इंटरमीडिएट तक और विक्टोरिया कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। उन्‍होंने एमए डीएवी कॉलेज, कानपुर से किया।

🔶 वो बचपन से ही प्रतिभा संपन्न थे और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे व कविताएं भी लिखते थे। उन्होंने कॉलेज जीवन से ही राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया था। पहले वह छात्र संगठन से जुड़े फिर आरएसएस के शाखा प्रभारी के रूप में कार्य किया।

🔶 अटल जी ने राष्ट्रधर्म नामक अखबार में बतौर सह सम्पादक और पांचजन्‍य, वीर अर्जुन व स्‍वेदश जैसे अखबारों में भी संपादन किया अटल जी और उनके पिता ने कानपुर के डीएवी कॉलेज से एक साथ कानून की पढ़ाई की थी। इतना ही नहीं दोनों ने एक ही क्लास में दाखिला लिया था। दोनों को हॉस्टल में भी एक ही कमरा दिया गया था पर राजनीति में आने के कारण वो लॉ की डिग्री ले नहीं पाए।

🔶 साल 1996 चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। सबसे बड़ी पार्टी के नेता के तौर पर अटल जी को सरकार बनाने का न्योता मिला। पहली बार प्रधानमंत्री बने अटलजी विश्वास प्रस्ताव रखने के लिए खड़े हुए और भूल गए कि वो खुद प्रधानमंत्री बन चुके हैं। जैसे ही उन्होंने लोकसभा में खड़े होकर कहा, ‘प्रधानमंत्री जी’, वैसे ही पूरा सदन हंसी से गूंज उठा।

🔶 अटल सबसे लम्बे समय तक सांसद रहे हैं और जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लम्बे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी। वह पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने गठबन्धन सरकार को न केवल स्थायित्व दिया बल्कि सफलता पूर्वक संचालित भी किया।

🔶 साल 2001 में जब अटल जी प्रधानमंत्री थे, तब उनके दाएं घुटने का ऑपरेशन हुआ था। वहीं, साल 2009 में अटल जी को आघात (स्ट्रोक) लगा था और इसके बाद उन्हें बोलने में समस्या होने लगी। बाद में वे डिमेंशिया से भी पीडि़त हो गए।

🔶 अटल ही पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर देश को गौरवान्वित किया था। उन्‍हें भारतीय नृत्‍य और संगीत बेहद पसंद रहे हैं, उन्‍हें प्रकृति से भी बहुत प्‍यार है। उनकी प्रमुख रचनाओं में 'मृत्यु या हत्या', अमर बलिदान, कैदी कविराय की कुण्डलियां, संसद में तीन दशक, मेरी इक्यावन कविताएं आती हैं।

विनम्र श्रधांजलि....

क्रूर काल के हाथो से देखो हम फिर से छले गए ।
राजनीति के शिखर हिमालय अटल बिहारी चले गए ।

अपनी शर्तों पर जिए सदा कोई टुकड़ा डाल नही पाया ।
अटल, अटल ही रहे सदा कोई उनको टाल नही पाया ।

देश धर्म की बात आए तो मुद्दे पर तन जाते थे ।
देशद्रोहियों के सम्मुख वो स्वयं आग बन जाते थे ।

आँख मूँदकर तीन रंग का कफ़न लपेटा चला गया ।
मन आहत है भारत माँ का प्यारा बेटा चला गया ।

चालीस साल रहे विपक्षी, मंत्री पद भी पाते थे ।
चाहे कोई सरकार रहे सब अटल को गले लगाते थे ।

राजनीति की परिभाषा और उत्कर्षों का नाम अटल है ।
पैरों के छालें ना देखे,,  संघर्षों का नाम अटल है ।

जिससे भारत रोशन था वो रवि भी चला गया ।
राजनेता के साथ साथ में एक कवि भी चला गया ।

वह अग्निपुंज भारत माँ का मृत्यु से हार नही सकता ।
अटल अमर है दुनिया में कोई उनको मार नही सकता ।

जो जो सपने देखे तुमने सबको सफल बनाएँगे ।
और तिरंगा दुनिया के हर कोने में लहराएँगे ।

भारत रत्न मेधावी कवि  परम राष्ट्रभक्त  भारत माता के वीर पुत्र  पूर्व प्रधानमंत्री  श्री अटल बिहारी वाजपेई  को भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवं शत शत नमन 💐💐 आप सदैव हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे एवं आपके विचार हमेशा अजर अमर रहेंगे!

🙏🙏वंदे मातरम भारत माता की जय🙏🙏

आज का पंचांग 20 August 2018

.                ।। 🕉 ।।
  🚩 🌞 *सुप्रभातम्* 🌞 🚩
◆««« *आज का पंचांग* »»»◆
कलियुगाब्द......................5120
विक्रम संवत्.....................2075
शक संवत्........................1940
मास...............................श्रावण
पक्ष.................................शुक्ल
तिथी...............................दशमी
दुसरे दिन प्रातः 05.16 पर्यंत पश्चात एकादशी
रवि...........................दक्षिणायन
सूर्योदय................06.05.46 पर
सूर्यास्त.................06.55.53 पर
सूर्य राशि............................सिंह
चन्द्र राशि.........................वृश्चिक
नक्षत्र................................ज्येष्ठा
रात्रि 09.35 पर्यंत पश्चात मूल
योग.................................वैधृति
दोप 03.06 पर्यंत पश्चात विष्कुम्भ
करण................................तैतिल
दोप 04.15 पर्यन्त पश्चात गर
ऋतु...................................वर्षा
दिन...............................सोमवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
20 अगस्त सन 2018 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 07.44 से 09.19 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें।

☸ शुभ अंक..............4
🔯 शुभ रंग.............लाल

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 06.08 से 07.43 तक अमृत
प्रात: 09.18 से 10.54 तक शुभ
दोप. 02.04 से 03.39 तक चंचल
अप. 03.39 से 05.15 तक लाभ
सायं 05.15 से 06.50 तक अमृत
सायं 06.50 से 08.15 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्र* :-
|| ॐ सोममूर्तये नमः ||

 *संस्कृत सुभाषितानि* :-
विदेशेषु धनं विद्या व्यसनेषु धनं मति:।
परलोके धनं धर्म: शीलं सर्वत्र वै धनम्॥
अर्थात :
विदेश में विद्या धन है, संकट में बुद्धि धन है, परलोक में धर्म धन है और शील सर्वत्र ही धन है॥

🍃 *आरोग्यं* :-
*आंख के नीचे सूजन को दूर करने के उपाय -*

*7. विटामिन ई -*
विटामिन ई मजबूत प्रतिरक्षा और स्वस्थ त्वचा और आंखों के लिए महत्वपूर्ण है। हाल के वर्षों में, विटामिन ई की खुराक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में लोकप्रिय हुई है। ये वे पदार्थ हैं जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं।

आंख के सूजन को कम करने के लिए आप एक कोटरे ठंडा पानी लें और इसमें विटामिन ई तेल की कुछ बूंदें डालें और अच्छी तरह से मिलाएं। फिर इसमें कॉटन बैग डुबोकर आंखों पर 20 मिनट तक रखें, यह आंखों के चारों ओर सूजन को कम करने में मदद करता है।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कुसंगति व जल्दबाजी से बचें। विवेक से कार्य करें, लाभ होगा। कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा। जीवनसाथी से आर्थिक मतभेद हो सकते हैं। खर्च की अधिकता से मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
कोर्ट व कचहरी के कार्यों में अनुकूलता रहेगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। आर्थिक साधनों में बढ़ोतरी होगी। सामाजिक कार्यों में सीमित रहना चाहिए। समय का सदुपयोग होगा। परिवार में सुख-शांति रहेगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। प्रवास में सावधानी रखें। विरोधियों एवं शत्रुओं के कारण अशांति होगी। नवीन कार्ययोजना की बातचीत में सफलता मिलने के संयोग बनेंगे।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद न करें। व्यापार में स्वयं के निर्णय से काम कर पाएंगे। स्थायी संपत्ति क्रय करने में जल्दबाजी न करें। साहस, पराक्रम में वृद्धि होगी। अपनी वस्तुओं को संभालकर रखें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
मेहनत अधिक होगी। बुरी खबर मिल सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है। व्यापार, नौकरी में स्थिति मध्यम रहेगी। बुद्धि, विवेक से कार्य करने पर विघ्न-बाधाएं दूर हो सकेंगी। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय में गति आएगी। आर्थिक समस्याओं का निराकरण संभव है। व्यापार, कारोबार में नई जवाबदारी बढ़ेगी। धर्म में रुचि रहेगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। अच्‍छे समाचार मिलेंगे। विवाद से बचें। मान बढ़ेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। परिवार में शांति का अनुभव होगा। व्यापार-व्यवसाय में अनुकूल अवसर प्राप्त होंगे। कानूनी कार्रवाई, कोर्ट-कचहरी के मामलों से दूर रहना चाहिए।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। धनार्जन होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। प्रसिद्ध व्यक्ति से मेलजोल बढ़ेगा। मकान, वाहन के क्रय-विक्रय की चर्चा संभव है। संतान की प्रगति से मन प्रसन्न रहेगा। रुका पैसा प्राप्त होगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
अप्रत्याशित खर्च होंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। वस्तुएं संभालकर रखें। आर्थिक स्थिति से ऋण की समस्या उभरेगी। चापलूसों से सावधान रहें। लेन-देन में सावधानी रखें। अनिर्णय की परिस्थिति से दूर रहना चाहिए।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। बकाया वसूली होगी। आय में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। भौतिक सुख-साधनों की प्राप्ति होगी। व्यापार में नई योजनाओं का श्रीगणेश संभव है। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
कार्यस्थल पर सुधार होगा। नए अनुबंध हो सकते हैं। योजना फलीभूत होगी। धनार्जन होगा। आर्थिक क्षेत्र में उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। समाज, परिवार में आपकी सलाह को महत्व मिलेगा। अध्ययन में रुचि बढ़ेगी। पारिवारिक जीवन में मतभेद खत्म होंगे।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
पूजा-पाठ में मन लगेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। राजकीय सहयोग मिलेगा। धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। अपनी भावनाओं को संयमित रखकर कार्य करें। भागीदारी के कार्यों में आपके द्वारा लिए गए निर्णयों से लाभ होगा। नवीन मुलाकातों से लाभ होगा।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।
                   
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

शुक्रवार, 17 अगस्त 2018

RIP" का मतलब ?

*“RIP" का मतलब ...??*

हमनें अक्सर देखा है कि किसी के भी मृत्यु की खबर जैसे ही आती है तो अधिकतर लोग RIP लिखकर भेजने लगते हैं ।आजकल सोशल मीडिया पर RIP का प्रयोग तो अच्छे अच्छे पढ़े लिखे लोग भी बिना इसके सही अर्थ को जाने बिना सही भाव को समझे करते हैं। एक दूसरे को देख के RIP लिखने कहने की होड़ लग जाती है लाइन लग जाती है।
आखिरकार ये *"RIP"* है क्या ?
आजकल देखने में आया है कि किसी मृतात्मा के प्रति RIP लिखने का *"फैशन"* सा चल पड़ा है। ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि कान्वेंटी दुष्प्रचार तथा विदेशियों की नकल के कारण हमारे युवाओं को धर्म की मूल अवधारणाएँ या तो पता ही नहीं हैं, अथवा विकृत हो चुकी हैं।
RIP शब्द का अर्थ होता है *"Rest in Peace" (शान्ति से आराम करो )* यह शब्द उनके लिए उपयोग किया जाता है जिन्हें कब्र में दफनाया गया हो। क्योंकि ईसाई अथवा मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार जब कभी *"जजमेंट डे"* अथवा *"क़यामत का दिन"* आएगा उस दिन कब्र में पड़े ये सभी मुर्दे पुनर्जीवित हो जाएँगे। अतः उनके लिए कहा गया है, कि उस क़यामत के दिन के इंतज़ार में *"शान्ति से आराम करो"।*
लेकिन हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार शरीर नश्वर है, आत्मा अमर है इसलिये हिन्दू शरीर को जला दिया जाता है, अतः उसके *"Rest in Peace"* का सवाल ही नहीं उठता। हिन्दू धर्म के अनुसार मनुष्य की मृत्यु होते ही आत्मा निकलकर किसी दूसरे नए जीव/ काया/ शरीर/ नवजात में प्रवेश कर जाती है। उस आत्मा को अगली यात्रा हेतु गति प्रदान करने के लिए ही श्राद्धकर्म की परंपरा निर्वहन एवं शान्तिपाठ आयोजित किए जाते हैं।
अतः किसी हिन्दू मृतात्मा हेतु *"विनम्र श्रद्धांजलि", "श्रद्धांजलि", "आत्मा को सदगति प्रदान करें"* जैसे वाक्य विन्यास लिखे जाने चाहिए। जबकि किसी मुस्लिम अथवा ईसाई मित्र के परिजनों की मृत्यु उपरांत उनके लिए *"RIP"* लिखा जा सकता है।
होता भी यह है कि श्रद्धांजलि देते समय भी हम शॉर्टकट (?) अपनाने की आदत से हममें से कई मित्र हिन्दू मृत्यु पर भी *"RIP"* ठोंक आते हैं। यह विशुद्ध *"अज्ञान और जल्दबाजी"* है, इसके अलावा कुछ नहीं।
अतः आप सभी कोशिश करें कि भविष्य में यह गलती ना हो एवं हम लोग *"दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि"* प्रदान करें ना कि उसे "RIP" (Apart)
निवेदन है कि अगली बार लिखने से पहले विचारे,,, अधूरा ज्ञान हमेशा घातक होता है ,,

पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई को भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवं शत शत नमन

अटल-अविरल-अमर वाणी हुई मौन..
 
आज आकाश भी रो पड़ा है..महानायक को अश्रुपूर्ण विदाई
हम सबके आदर्श एवं युगपुरूष भारत रत्न ओजस्वी राजनीति के पुरोधा, प्रखर वक़्ता पूज्य अटल बिहारी वाजपेई जी के निधन के हृदय विदारक समाचार ...मन अति पीढ़ा में हैं। उनके चरण कमलों की कमी हम सबको सदियों तक खलेगी
भगवान से हम सबकी कामना है कि वो दिवंगत आत्मा को मोक्ष प्रदान करेंगे...ॐ शांति..

अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़े तथ्य- हरदिल अजीज राजनेता के रूप में रही उनकी छवि



 
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी खराब स्‍वास्‍थ्‍य के कारण दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं। देश उनकी सलामती की दुआएं कर रहा है। तीन बार प्रधानमंत्री रहे,हरदिल अजीज राजनेता अटल जी वाजपेयी की लोकप्रिय राजनेता,ओजस्वी कवि, सम्मानित समाजसेवी और नरम हिंदूत्ववादी के रूप में कई छवियां हैं।आरएसएस में शामिल होने से पहले वह साम्यवाद से प्रभावित थे,पर बाद में बाबासाहेब आप्टे से प्रभावित होकर साल 1939 में आरएसएस से जुड़ गए। उनके स्‍वभाव और व्‍यक्तित्‍व का ऐसा जादू रहा है कि अपनी पार्टी के लोगों के साथ-साथ विपक्ष भी उनकी प्रशंसा और सम्‍मान करता है।उन्‍हें भारत सरकार की ओर से पद्म विभुषण और भारत रत्‍न का सम्‍मान मिल चुका है। आज हम लाए हैं अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी प्रमुख खास बातें-

🔶 अटल जी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी कवि और अध्यापक थे और मां कृष्णा देवी घरेलू महिला थीं। अटल जी अपने माता-पिता की सातवीं संतान हैं।

🔶 उनकी प्रारंभिक शिक्षा बड़नगर, गोरखी के सरस्‍वती शिशु मंदिर से हुई। उन्‍होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेजियट स्कूल से इंटरमीडिएट तक और विक्टोरिया कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। उन्‍होंने एमए डीएवी कॉलेज, कानपुर से किया।

🔶 वो बचपन से ही प्रतिभा संपन्न थे और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे व कविताएं भी लिखते थे। उन्होंने कॉलेज जीवन से ही राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया था। पहले वह छात्र संगठन से जुड़े फिर आरएसएस के शाखा प्रभारी के रूप में कार्य किया।

🔶 अटल जी ने राष्ट्रधर्म नामक अखबार में बतौर सह सम्पादक और पांचजन्‍य, वीर अर्जुन व स्‍वेदश जैसे अखबारों में भी संपादन किया अटल जी और उनके पिता ने कानपुर के डीएवी कॉलेज से एक साथ कानून की पढ़ाई की थी। इतना ही नहीं दोनों ने एक ही क्लास में दाखिला लिया था। दोनों को हॉस्टल में भी एक ही कमरा दिया गया था पर राजनीति में आने के कारण वो लॉ की डिग्री ले नहीं पाए।

🔶 साल 1996 चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। सबसे बड़ी पार्टी के नेता के तौर पर अटल जी को सरकार बनाने का न्योता मिला। पहली बार प्रधानमंत्री बने अटलजी विश्वास प्रस्ताव रखने के लिए खड़े हुए और भूल गए कि वो खुद प्रधानमंत्री बन चुके हैं। जैसे ही उन्होंने लोकसभा में खड़े होकर कहा, ‘प्रधानमंत्री जी’, वैसे ही पूरा सदन हंसी से गूंज उठा।

🔶 अटल सबसे लम्बे समय तक सांसद रहे हैं और जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लम्बे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी। वह पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने गठबन्धन सरकार को न केवल स्थायित्व दिया बल्कि सफलता पूर्वक संचालित भी किया।

🔶 साल 2001 में जब अटल जी प्रधानमंत्री थे, तब उनके दाएं घुटने का ऑपरेशन हुआ था। वहीं, साल 2009 में अटल जी को आघात (स्ट्रोक) लगा था और इसके बाद उन्हें बोलने में समस्या होने लगी। बाद में वे डिमेंशिया से भी पीडि़त हो गए।

🔶 अटल ही पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर देश को गौरवान्वित किया था। उन्‍हें भारतीय नृत्‍य और संगीत बेहद पसंद रहे हैं, उन्‍हें प्रकृति से भी बहुत प्‍यार है। उनकी प्रमुख रचनाओं में 'मृत्यु या हत्या', अमर बलिदान, कैदी कविराय की कुण्डलियां, संसद में तीन दशक, मेरी इक्यावन कविताएं आती हैं।

विनम्र श्रधांजलि....

क्रूर काल के हाथो से देखो हम फिर से छले गए ।
राजनीति के शिखर हिमालय अटल बिहारी चले गए ।

अपनी शर्तों पर जिए सदा कोई टुकड़ा डाल नही पाया ।
अटल, अटल ही रहे सदा कोई उनको टाल नही पाया ।

देश धर्म की बात आए तो मुद्दे पर तन जाते थे ।
देशद्रोहियों के सम्मुख वो स्वयं आग बन जाते थे ।

आँख मूँदकर तीन रंग का कफ़न लपेटा चला गया ।
मन आहत है भारत माँ का प्यारा बेटा चला गया ।

चालीस साल रहे विपक्षी, मंत्री पद भी पाते थे ।
चाहे कोई सरकार रहे सब अटल को गले लगाते थे ।

राजनीति की परिभाषा और उत्कर्षों का नाम अटल है ।
पैरों के छालें ना देखे, संघर्षों का नाम अटल है ।

जिससे भारत रोशन था वो रवि भी चला गया ।
राजनेता के साथ साथ में एक कवि भी चला गया ।

वह अग्निपुंज भारत माँ का मृत्यु से हार नही सकता ।
अटल अमर है दुनिया में कोई उनको मार नही सकता ।

जो जो सपने देखे तुमने सबको सफल बनाएँगे ।
और तिरंगा दुनिया के हर कोने में लहराएँगे ।

भारत रत्न मेधावी कवि परम राष्ट्रभक्त भारत माता के वीर पुत्र पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई को भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवं शत शत नमन 💐💐 आप सदैव हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे एवं आपके विचार हमेशा अजर अमर रहेंगे!

🙏वंदे मातरम भारत माता की जय🙏
जितने लोग आज अटल जी के निधन पर दुःखी और उदास दिख रहे है, काश इन्ही लोगों ने अटल जी को बस एक और मौका दिया होता तो देश के हालात ही कुछ और होते लेकिन हम ना तो तब आलु, प्याज, पेट्रोल से ऊपर उठ पाए थे और न अब। हमने तो अटल जी जैसी प्रतिभा को बहुत पहले अपने ही हाथों खो दिया था। आज तो उन्होंने बस देह त्यागी है।
सादर नमन

आज का पंचांग 17 August 2018

.        ।। 🕉 ।।
    🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द.................5120
विक्रम संवत्...............2075
शक संवत्..................1940
मास..........................श्रावण
पक्ष............................शुक्ल
तिथी........................सप्तमी
रात्रि 01.04 पर्यंत पश्चात अष्टमी
रवि......................दक्षिणायन
सूर्योदय...........06.04.27 पर
सूर्यास्त...........06.57.39 पर
सूर्य राशि.......................कर्क
चन्द्र राशि.....................तुला
नक्षत्र..........................स्वाति
दोप 04.10 पर्यंत पश्चात विशाखा
योग............................शुक्ल
दोप 03.28 पर्यंत पश्चात ब्रह्मा
करण............................गरज
दोप 01.00 पर्यंत पश्चात वणिज
ऋतु..............................वर्षा
दिन..........................शुक्रवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
17 अगस्त सन 2018 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक......................8
🔯 शुभ रंग...............आसमानी

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 10.54 से 12.30 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.42 से 09.18 तक लाभ
प्रात: 09.18 से 10.54 तक अमृत
दोप. 12.29 से 02.05 तक शुभ
सायं 05.17 से 06.52 तक चंचल
रात्रि 09.41 से 11.05 तक लाभ ।

💮 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ वृषभध्वजाय नमः ।।

📢 *संस्कृत सुभाषितानि* --
गते शोको न कर्तव्यो भविष्यं नैव चिन्तयेत् ।
वर्तमानेन  कालेन वर्तयन्ति विचक्षणाः॥
अर्थात :-
बीते हुए समय का शोक नहीं करना चाहिए और भविष्य के लिए परेशान नहीं होना चाहिए, बुद्धिमान तो वर्तमान में ही कार्य करते हैं ॥

🍃 *आरोग्यं सलाह* :-
*आंख के नीचे सूजन को दूर करने के उपाय -*

*1. आंखों पर सेंक -*
आंखों की सूजन कम करने के लिए बर्फ जमाने वाली ट्रे में दूध डालकर छोटे-छोटे क्यूनब्स में जमा लें और उस क्यूदब को निकालकर किसी कपड़े में लेकर आंखों पर सेंक करें। इस उपाय को करने से सूजन तो कम होती ही है साथ ही आंखों की थकान भी दूर हो जाती है।

*2. कॉफी पाउडर -*
कॉफी का फेसपैक एक चमकती त्वचा देता है और मृत 5त्वचा कोशिकाओं से छुटकारा पाने में मदद करेगा। कॉफी ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और पफ्फी को कम करने में भी मदद करता है, क्योंकि यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों में उच्च है। इसके लिए आप एक चम्मकच कॉफी पाउडर में दो चम्म।च कच्चा दूध मिलाकर पेस्टक बना लें और इस लेप को आंखों के नीचे लगाकर 5 से 10 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर धो लें। आपको फर्क खुद दिखेगा और आंखों की सूजन कम होने लगेगी।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धनार्जन होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। प्रमाद न करें। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है। भाइयों की मदद मिलेगी। संपत्ति के लेनदेन में सावधानी रखें।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर नहीं करें।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
जीवनसाथी का कार्यों में सहयोग मिलने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। अनुकूल समाचार आएंगे। मनोरंजन के अवसर उपलब्ध होंगे। नौकरी में पदोन्नति के योग हैं। वास्तविकता को महत्व दें। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
क्रोध पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय में सावधानी रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह-कलेश का माहौल रह सकता है।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत रहेंगे। धनार्जन होगा। आज विशेष लाभ होने की संभावना है। बुद्धि एवं मनोबल से सुख-संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार में कार्य का विस्तार

होगा। सगे-संबंधी मिलेंगे।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
मेहमानों का आवागमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। मान बढ़ेगा। जल्दबाजी न करें। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अभिष्ट कार्य की सिद्धि के योग हैं। उलझनों से मुक्ति मिलेगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। भेंट आदि की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में उन्नति के योग हैं। संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी। प्रयास की मात्रा के अनुसार लाभ की अधिकता रहेगी। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है, जोखिम न लें। अजनबी व्यक्ति पर विश्वास न करें। उदर विकार के योग के कारण खान-पान पर संयम रखें। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक प्रगति में रुकावट आ सकती है।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। परिवार की समस्याओं की चिंता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ अधिकाधिक लेना चाहिए। नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
नए अनुबंधों का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पूछ-परख रहेगी। रुके कार्य बनेंगे। जोखिम न लें। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवहार कुशलता एवं सहनशीलता के बल पर आने वाली बाधाओं का समाधान हो सकेगा। खानपान पर नियंत्रण रखें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। संतान के कार्यों से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नेतृत्व गुण की प्रधानता के कारण प्रशासन व नेतृत्व संबंधी कार्य सफल होंगे। शत्रुओं से सावधान रहें।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। दूसरों की जमानत न लें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पारिवारिक जीवन में तनाव हो सकता है। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ के योग हैं। स्थायी संपत्ति क्रय करने के योग बनेंगे। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भेंट होगी।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो |

☯ भारतीय राजनीति की उत्सव मूर्ति, समावेशी विचार विश्वविध्यालय के कुलाधिपति, अजातशत्रु, कविकुल भूषण, अभूतपूर्व प्रधानमन्त्री भारत रत्न *परम श्रध्येय पं. अटलबिहारी वाजपेयी जी* का निर्वाण सम्पूर्ण राष्ट्र की क्षति है... महामना के चरणों में कोटिश: प्रणाम |

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

बुधवार, 15 अगस्त 2018

राष्ट्रीय ध्वजतिरंगा फहराने के नियम सख्त आचार संहिता -फ्लैग कोड ऑफ इंडिया

तिरंगा फहराने के नियम कायदों से अनजान हैं  देशवासी


लोगों को अब तिरंगा भले ही घर, दफ्तर और कार में लगाने की अनुमति मिल गई है लेकिन फिर भी अभी तक अधिकतर लोगों को तिरंगा लगाने के नियम कायदों की जानकारी नहीं हैं।
लोगों को अब तिरंगा भले ही घर, दफ्तर और कार में लगाने की अनुमति मिल गई है लेकिन फिर भी अभी तक अधिकतर लोगों को तिरंगा लगाने के नियम कायदों की जानकारी नहीं हैं।

पंद्रह अगस्त पर 68 वें स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए अधिकतर लोग सोशल मीडिया पर जहां अपनी प्रोफाइल पिक्चर के रूप में तिरंगे को लगा रहें हैं। सवाल यह उठता है कि क्या इस तरह से तिरंगे का इस्तेमाल करना कानून के दायरे में आता है। पुराने कानूनों को सम्मिलित करते हुए सन् 2002 से प्रभाव में आए ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ के रूप में आम जनता को सालभर तिरंगा फहराने का नया मौलिक अधिकार मिला लेकिन इसे फहराने के कुछ नियम कायदे भी निर्धारित किए गए हैं।

कोड के अनुसार खुले में कहीं पर भी फहराया जाने वाला झंडा सुबह से शाम तक ही फहराया जा सकता है। इस नियम से छूट सिर्फ प्रतीकात्मक झंडों को मिली है जैसा कि दिल्ली के कनॉट प्लेस में लगाया गया है। इनको भी रात में फहराने की अनुमति तब ही मिलती है जब झंडे के आसपास उचित प्रकाश की व्यवस्था हो। कनॉट प्लेस के झंडे का रखरखाव करने वाले फ्लैग फाउंडेशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कमांडर केवी सिंह ने बताया कि राजीव चौक पर लगे झंडे के रखरखाव पर हर महीने 60,000 रुपये खर्च होते हैं। झंडे के आस-पास सीसीटीवी और सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं और आठ फ्लड लाइटों से रोशनी की व्यवस्था की गई है ताकि 207 फुट उंचा झंडा रात में भी प्रकाशमान हो। अगर झंडा फट जाता है या गंदा हो जाता है तो उसे बदला जाता है।

उच्चतम न्यायालय में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना है कि भारतीय तिरंगे को पूर्ण सम्मान के साथ फहराना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय सम्मान का प्रतीक है। अस्त व्यस्त और क्षतिग्रस्त झंडे को प्रदर्शित नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करना फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के अनुपालन में कमी होगी। इसकी वजह से जेल भी हो सकती है जिसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर आमतौर पर कई तरह से झंडा फहराया जाता है जैसे कि बच्चे कागज पर तिरंगे का चित्र बनाते हैं। फ्लैग कोड में झंडे के निस्तारीकरण करने के बारे में भी स्पष्ट नियम बनाए गए हैं और प्लास्टिक जैसे पदाथरें से झंडा बनाने की मनाही है।

तेइस जनवरी 2004 को उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के मुताबिक लोगों को कार के अंदर भी झंडे की छोटी प्रतिकृति लगाने का अधिकार दिया गया और झंडे को फहराना एक नया मौलिक अधिकार बना। हालांकि कार के बोनट पर तिरंगा लगाने की अनुमति कुछ विशेष लोगों को ही है। सोशल मीडिया पर फेसबुक पर तिरंगे को प्रोफाइल पिक्चर के रूप में लगाने को लेकर लोगों में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा अपूर्वा शिवम ने बताया कि उन्‍हें व्हाट्सएप पर एक संदेश प्राप्त हुआ था कि तिरंगे को प्रोफाइल पिक्चर के रूप में लगाना गैर कानूनी है। उन्हें यह स्पष्ट नहीं था कि यह सही है या नहीं लेकिन उन्होंने अपने उन दोस्तों को यह संदेश भेज दिया जिन्होंने ध्वज को प्रोफाइल पिक्चर के रूप में लगाया था।

इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे अधिवक्ता खगेश झा ने बताया कि भारतीय झंडे को प्रोफाइल पिक्चर के रूप में लगाना भारतीय कानून के हिसाब से अपराध नहीं है।

ऐसा करना तिरंगे का अपमान होगा...

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को लेकर कई तरह की आचार संहिताएं हैं. तिरंगे को हाथ में लेने से पहले ये जान लें कि आपको इसे कैसे मान देना है-
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्‍मृति ईरानी ने जेएनयू सहित सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय को लेकर एक आदेश जारी किया है. इसके अनुसार अब सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 207 फुट ऊंचा और 125 किलोग्राम का तिरंगा झंडा फहराया जाएगा. हमारे देश में समय-समय पर तिरंगे को लेकर काफी विवाद भी होता रहा है. इस विवाद से बचने के लिए यह जानना जरूरी है कि हमें अपने राष्ट्रीय ध्वज को कैसे मान देना चाहिए.

राष्ट्रीय ध्वज के साथ एक सख्त आचार संहिता भी है, जिसका पालन करना हम सभी का कर्तव्य है. तिरंगा हाथ में लेने से पहले ये जाने लें कि आपको इसका मान कैसे रखना है -
1. सजावट के लिए आप तिरंगे का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.

2. आप अपने कॉपी, किताब या किसी भी वस्तु में तिरंगे का इस्तेमाल कवर की तरह नहीं कर सकते हैं.

3. तिरंगा कभी भी जमीन नहीं छूना चाहिए.

4. उल्टा मत पकड़िए, न लहराइए.

5. तिरंगे पर कुछ भी लिखना मना है.

6. इस पर कोई भी विज्ञापन मत लगाइए.

7. उससे ऊपर कोई भी झंडा मत लगाइए.

8. झंडे का अपमान किसी भी अवस्था में नहीं होना चाहिए.

9. तिरंगे का कोई भी हिस्सा फटा नहीं होना चाहिए.

भारतीय ध्वज संहिता भारतीय ध्वज को फहराने व प्रयोग करने के बारे में दिये गए निर्देश हैं। इस संहिता का आविर्भाव २००२ में किया गया था। भारत का राष्ट्रीय झंडा, भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिरूप है। यह राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। सभी के मार्गदर्शन और हित के लिए भारतीय ध्वज संहिता-२००२ में सभी नियमों, रिवाजों, औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है। ध्वज संहिता-भारत के स्थान पर भारतीय ध्वज संहिता-२००२ को २६ जनवरी २००२ से लागू किया गया है।

जब भी झंडा फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहाँ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।
सरकारी भवन पर झंडा रविवार और अन्य छुट्‍टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है, विशेष अवसरों पर इसे रात को भी फहराया जा सकता है।
झंडे को सदा स्फूर्ति से फहराया जाए और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाए। फहराते और उतारते समय बिगुल बजाया जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाए कि झंडे को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए।
जब झंडा किसी भवन की खिड़की, बालकनी या अगले हिस्से से आड़ा या तिरछा फहराया जाए तो झंडे को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए।
झंडे का प्रदर्शन सभा मंच पर किया जाता है तो उसे इस प्रकार फहराया जाएगा कि जब वक्ता का मुँह श्रोताओं की ओर हो तो झंडा उनके दाहिने ओर हो।
झंडा किसी अधिकारी की गाड़ी पर लगाया जाए तो उसे सामने की ओर बीचोंबीच या कार के दाईं ओर लगाया जाए।
फटा या मैला झंडा नहीं फहराया जाता है।
झंडा केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है।
किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊँचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा, न ही बराबर में रखा जाएगा।
झंडे पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए।
जब झंडा फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकांत में पूरा नष्ट किया जाए।


संशोधन
भारतीय नागरिक अब रात में भी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहरा सकते हैं। इसके लिए शर्त होगी कि झंडे का पोल वास्तव में लंबा हो और झंडा खुद भी चमके।[2] गृह मंत्रालय ने उद्योगपति सांसद नवीन जिंदल द्वारा इस संबंध में रखे गये प्रस्ताव के बाद यह फैसला किया। इससे पहले जिंदल ने हर नागरिक के मूलभूत अधिकार के तौर पर तिरंगा फहराने के लिहाज से अदालती लड़ाई जीती थी। कांग्रेस नेता जिंदल को दिये गये संदेश में मंत्रालय ने कहा कि प्रस्ताव की पड़ताल की गयी है और कई स्थानों पर दिन और रात में राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के लिए झंडे के बड़े पोल लगाने पर कोई आपत्ति नहीं है। जिंदल ने जून २००९ में मंत्रालय को दिये गये प्रस्ताव में बड़े आकार के राष्ट्रीय ध्वज को स्मारकों के पोलों पर रात में भी फहराये जाने की अनुमति मांगी थी। जिंदल ने कहा था कि भारत की झंडा संहिता के आधार पर राष्ट्रीय ध्वज जहां तक संभव है सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच फहराया जाना चाहिए, लेकिन दुनियाभर में यह सामान्य है कि बड़े राष्ट्रीय ध्वज १०० फुट या इससे उंचे पोल पर स्मारकों पर दिन और रात फहराये गये होते हैं।

भारत की शान है राष्ट्रीय ध्वज, जानें कैसे करें इसका सम्मान

हमारे देश के मान और गौरव का प्रती‍क है तिरंगा. क्या आप जानते हैं कि तिरंगे को किसने तैयार किया था और किस बात को लेकर राष्ट्रपिता को तिरंगे के डिजाइन से नाराजगी थी...

भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज को इसके वर्तमान स्‍वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था, जो 15 अगस्‍त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्‍वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व की गई थी. इसे 15 अगस्‍त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया गया.

हमारे लिए तिरंगा बेहद महत्वपूर्ण और गौरव का विषय है. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन रंग हैं, केसरिया, सफ़ेद और हरा. इसके मौजूदा स्वरूप का विकास भी कई पड़ावों में हुआ है.

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अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था. तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था. इनकी मौत सन् 1963 में गुमनामी में हुई थी. मौत के 46 साल बाद डाक टिकट जारी करके इनको सम्मान दिया गया.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिरंगे को फहराने के कुछ नियम भी हैं. जैसे किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुंह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए.

तिरंगे से जुड़ी ऐसे ही कुछ और दिलचस्प तथ्य -
1. संसद भवन देश का एकमात्र ऐसा भवन हैं जिस पर एक साथ 3 तिरंगे फहराए जाते हैं.

2. बताया जाता है कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे.

3. रांची का पहाड़ी मंदिर भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं जहां तिरंगा फहराया जाता हैं. 493 मीटर की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा झंडा भी रांची में ही फहराया गया है.

4. देश में 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं. इन नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल भी हो सकती है.

5. तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए. प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही है.

6. तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा, जिसका अनुपात 3:2 तय है. वहीं जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं.

7. सबसे पहले लाल, पीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क), कोलकाता में फहराया गया था.
8. झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है.

9. किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा नहीं लगाया जा सकता. और न ही इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने किया जा सकता है.

10. किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन पर टच नहीं होना चाहिए. यह इसका अपमान होता है.

11. तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता.

12. भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित हुबली एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता है.

13. किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं.


14. 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था. इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी.

15. आम नागरिकों को अपने घरों या ऑफिस में आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली.

16 . तिरंगे को रात में फहराने की अनुमति सन् 2009 में दी गई.

17. पूरे भारत में 21 × 14 फीट के झंडे केवल तीन जगह पर ही फहराए जाते हैं: कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला.

18. राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक ऐसा लघु तिरंगा हैं, जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया है.

19. भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होने और राष्ट्रीय शोक घोषित होने पर कुछ समय के लिए ध्वज को झुका दिया जाता है. लेकिन सिर्फ उसी भवन का तिरंगा झुकाया जाता है जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा है. जैसे ही पार्थिव शरीर को भवन से बाहर निकाला जाता है, वैसे ही ध्वज को पूरी ऊंचाई तक फहरा दिया जाता है.

20. देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश की महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता है. इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरों की तरफ होनी चाहिए. शव को जलाने या दफनाने के बाद उसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता है या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती हैं.

21. कटे-फटे या रंग उड़े हुए तिरंगे को भी सम्मान के साथ जला दिया जाता है या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती है.

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