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मंगलवार, 25 अक्टूबर 2022
आज का संदेश "दीपावली" पर विशेष
सोमवार, 24 अक्टूबर 2022
आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं - कैलाश चंद्र लढा संस्थापक 👑सांवरिया 👑
साथ बना रहे........ ❤से
स्नेह बना रहे......... 💕से
रूबरू मिलने का मौका नहीं मिलता इसलिए
शब्दो से नमन कर लेता हूं और आशीष आप सभी का प्राप्त कर लेता हूं अपनो से !!!
प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में मुझसे श्रेष्ठ है | अतः मैं सभी श्रेष्ठ व्यक्तियों को हृदय की गहराइयों से प्रणाम करता हूं और निवेदन करता हूं कि नकारात्मक सोच को निकाल कर सकारात्मक सोच की ओर अग्रसर हो .....!!!दीपावली, गोवर्धन पूजा एवं भाई दूज के इस पावन पर्व पर मैं और मेरा परिवार आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता है
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दीपावल्याः सहस्रदीपाः भवतः जीवनं सुखेन,
सन्तोषेण, शान्त्या आरोग्येण च प्रकाशयन्तु।
*भावार्थ: दिवाली के हजारों दीपक आपके जीवन को ख़ुशी, शांति और आनंद से रोशन करें और आपके स्वास्थ्य को लाभ दें।*
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*आपको दीपावली की*
*हार्दिक शुभकामनाएं।*
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🖊️कैलाश चंद्र लढा
संस्थापक 👑सांवरिया 👑
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शनिवार, 22 अक्टूबर 2022
धनतेरस (Dhanteras Puja 2022): Date And Time, Shubh Muhurat, Significance, Vastu Tips
धनतेरस (Dhanteras) जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, भारत में दिवाली के त्योहार का पहला दिन है। यह अश्विनी के हिंदू कैलेंडर महीने में कृष्ण पक्ष के तेरहवें चंद्र दिवस पर मनाया जाता है। भारतीय आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी मंत्रालय ने धनतेरस को "राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस" के रूप में मनाने के अपने निर्णय की घोषणा की, जिसे पहली बार 28 अक्टूबर 2016 को मनाया गया था। भारतीय लोग रंगोली बनाकर भी धनतेरस मनाते हैं।
Dhanteras Puja 2022
धनतेरस का त्योहार 23 अक्टूबर को है. धनतेरस भगवान धन्वंतरि की पूजा है। भगवान धन्वंतरि, हिंदू परंपराओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान उभरे, एक हाथ में अमृत से भरा एक कलश और दूसरे हाथ में आयुर्वेद के बारे में पवित्र पाठ था। उन्हें देवताओं का वैद्य माना जाता है।
धनतेरस पर, दिवाली की तैयारी में अभी तक साफ नहीं किए गए घरों को अच्छी तरह से साफ और सफेदी कर दिया जाता है, और शाम को स्वास्थ्य और आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। मुख्य प्रवेश द्वार को रंगीन लालटेन, हॉलिडे लाइट से सजाया गया है और धन और समृद्धि की देवी के स्वागत के लिए रंगोली डिजाइन के पारंपरिक रूपांकनों को बनाया गया है।
Dhanteras 2022 Date And Time:
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर को शाम में 6 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 23 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 4 मिनट तक रहेगी।
धनतेरस 2022 शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2022 Shubh Muhurat)
कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि आरंभ - 22 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 02 मिनट से
कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त - 23 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 03 मिनट तक
पूजन का शुभ मुहूर्त - 23 अक्टूबर 2022 को रविवार शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक
प्रदोष काल: शाम 5 बजकर 44 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक।
वृषभ काल: शाम 6 बजकर 58 मिनट से रात 8 बजकर 54 मिनट तक।
धनतेरस महत्व (Dhanteras Significance)
धनत्रयोदशी के दिन समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी दूध के सागर से निकलीं। इसलिए, त्रयोदशी के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। हालांकि, पवित्र शास्त्रों के अनुसार, यह पूजा सभी लोक कथा है, जिसका उल्लेख हमारे पवित्र ग्रंथों में कहीं नहीं है। यहां तक कि श्रीमद्भगवद् गीता अध्याय 16 श्लोक 23 और 24 ने भी इसका खंडन किया है।
हिंदू इसे नई खरीदारी करने के लिए एक अत्यंत शुभ दिन मानते हैं, विशेष रूप से सोने या चांदी की वस्तुओं और नए बर्तनों की। ऐसा माना जाता है कि नया "धन" (धन) या कीमती धातु से बनी कोई वस्तु सौभाग्य का संकेत है। आधुनिक समय में, धनतेरस को सोना, चांदी और अन्य धातुओं, विशेष रूप से बरतन खरीदने के लिए सबसे शुभ अवसर के रूप में जाना जाता है।
चूंकि यह दिवाली से पहले की रात है, इसलिए इसे 'छोटी दिवाली' या छोटी दिवाली भी कहा जाता है। जैन धर्म में, इस दिन को धनतेरस के बजाय धनतेरस के रूप में मनाया जाता है जिसका अर्थ है तेरहवें का शुभ दिन। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन महावीर इस दुनिया में सब कुछ छोड़कर मोक्ष से पहले ध्यान करने की स्थिति में थे, जिसने इस दिन को शुभ या धन्य बना दिया।
Dhanteras 2022: धनतेरस की रात इन जगहों पर जलाएं दीपक
- धनतेरस के दिन घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए.
- धनतेरस पर शाम के समय पीपल वृक्ष के नीचे एक दीपक जरूर जला दें.
- धनतेरस की रात में बेल के पेड़ के नीचे दीपक जरूर जलाएं.
Dhanteras 2022 Vastu Tips
- धनतेरस के दिन मुख्य द्वार में दोनों ओर स्वास्तिक का चिन्ह जरूर लगाएं।
- घर में किसी भी तरह का मांगलिक या फिर शुभ काम होने पर घर के मुख्य द्वार में बंदनवार जरूर लगाया जाता है।
- धनतेरस के दिन घर के मुख्य द्वार में मां लक्ष्मी के प्रतीकात्मक चरण जरूर लगाएं।
- धनतेरस के दिन से ही रोजाना मुख्य द्वार के बाएं ओर घी का दीपक जरूर जलाएं।
- घर के मुख्य द्वार में साफ सुथरा करके मनी प्लांट या फिर तुलसी का पौधा जरूर रखना चाहिए।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय
हमारी आंखें बहुत नाजुक होती हैं। इन आँखों से हम अपने आस-पास की दुनिया को देख सकते हैं और आसानी से जीवन जी सकते हैं। यदि आंखों से संबंधित किसी समस्या के कारण दृष्टि कमजोर हो जाती है तो कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में हम डॉक्टर के पास जाते हैं और हमें चश्मे की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा डॉक्टर हर तरह की देखभाल के तरीके भी सुझाते हैं। हालांकि आंखों की इस समस्या को दूर करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी हैं जिन्हें लोग सालों से अपना रहे हैं।
तो आइए जानते हैं आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपायों के बारे में।
१. ठंडे पानी से बढ़ती है आंखों की रोशनी। अपने आंखों को दिन में 3/4 बार ठंडे पानी से धो लें। इससे आपकी आंखों को ठंडक मिलती है। चेहरे पर चमक आएगी और आंखें साफ होती हैं। (ध्यान राखे की पानी जोर जोर से ना मारे)
२. अगर आपकी आंखों की रोशनी कमजोर है तो नियमित रूप से आंखों का व्यायाम करें। आंखों की पुतलियों को दाएं से बाएं और ऊपर से नीचे की ओर घुमाएं।
३. दीपक की ज्योती को निहारने की प्रक्रिया को त्राटक कहते हैं। यह दृष्टि में सुधार करता है और एकाग्रता को भी बढ़ाता है। इसके अलावा अपने अंगूठे को भौंहों के बीच रखें और अपनी आंखों को उस बिंदु पर कुछ देर के लिए केंद्रित करें। इसके अलावा आप दिवार पर एक बिंदु पर भी ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। धीरे-धीरे अभ्यास का समय बढ़ाएं ओर अंतर भी बढ़ाएं।
४. गाजर के नियमित सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद मिलती है गाजर सलाद के रूप में भी खाया जा सकता है, गाजर और करवंदा का रस भी आंखों की रोशनी में सुधार के लिए उपयोगी है।
५. सरसों के तेल की मालिश। रात को सोने से पहले पैरों के तलवों में सरसों के तेल से मालिश करें और सुबह उठकर हरी घास पर नंगे पांव नियमित रूप से चलें ताकि आंखों की रोशनी में सुधार होता है।
६. आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए आई ड्रॉप। मेडिकल स्टोर्स पर कई आई ड्रॉप्स उपलब्ध हैं। जो आपकी आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। यह आंखों की जलन को कम करता है।
७. दृष्टि में सुधार के लिए विटामिन। हमारे शरीर में विटामिन सी और विटामिन ई का होना आंखों की रोशनी के लिए बहुत जरूरी है। अगर आपके शरीर में विटामिन ई और विटामिन सी की कमी है तो आपको आंखों में कमजोरी के लक्षण दिखने लगेंगे। इसलिए अपने आहार में विटामिन सी और विटामिन ई से भरपूर फलों और सब्जियों को शामिल करें। विटामिन की कमी से दृष्टि हानि हो सकती है। जैसे बदाम, मुफळी, ब्रोकोली, पालक, आम्, आखरोट.
८. आय फोकस गोली। यह हर्बल एक्स्ट्रा अपने आप में अनोखा और बहुत कंसंट्रेटेड कॉम्बिनेशन है।
आपको 1-2 दिन ट्रीटमेंट में ही अपनी नज़र में बेहतरी महसूस होने लगेगा। आपकी नज़र साफ हो जाएगी, फोकस पैना हो जाएगा, आंखें लाल होना और जलन होना बंद हो जाएगा। इसके बाद कोशिकाएं पुनर्जीवित होने लगती है और बिगड़ चुके मामलों में भी नज़र सामान्य हो जाती है। दवाई की दुकानों पर बिकने वाली केमिकल से भरी हुई दवाओं की तुलना में iFocus का आंख की रक्त धमनियों पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता।(आय फोकस दुकान पर उपलब्ध नहीं हैं, आपको लेणा हो तो आय फोकस के ऑफिसियल वेबसाइट से ऑर्डर करना पडेगा मैं आपको कॉमेंट मैं लिंक देता हू)
९. आंखों की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए आंखों की मालिश जरूरी है। विटामिन ई युक्त तेल या क्रीम से रोजाना आंखों की मालिश करें। इसके लिए आप एलोवेरा का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
हम दीपावली क्यूँ मनाते हैं?
धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में कुछ ना कुछ खरीदारी अवश्य ही करनी चाहिए ।
धनतेरस की खरीदारी,
धनतेरस हिन्दुओं का एक बहुत ही प्रमुख पर्व है जो दीपावली से दो दिन पूर्व आता है। धनतेरस पर खरीदारी dhanteras par kharidari, का अत्यधिक महत्त्व है, मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से पूरे वर्ष आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती है ।
कहते है कि यदि इस दिन कुछ वस्तुओं को खरीदने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती है, दिन दूनी रात चौगनी लाभ की प्राप्ति होती है इसलिए इस दिन प्रत्येक मनुष्य को शुभ मुहूर्त में कुछ ना कुछ खरीदारी अवश्य ही करनी चाहिए ।
धनतेरस Dhanteras के दिन चाँदी और पीतल खरीदने से भाग्य प्रबल होता है, घर में धन समृद्धि बढ़ती है, खरीदी हुई वस्तुओं में 13 गुना वृद्धि होती है।
धातु से बने बर्तन, सामान और गहने खरीदने के लिए धनतेरस Dhanteras का वर्ष का सबसे दिन श्रेष्ठ दिन माना गया है।
मान्यता है कि भगवान धन्वंतरी bhagwan dhanvantri अमृत कलश लेकर समुद्र मंथन से इसी दिन प्रकट हुए थे। इस दिन पीतल और चाँदी खरीदना चाहिए क्योंकि पीतल भगवान धन्वंतरी bhagwan dhanvantri की धातु है। पीतल खरीदने से घर में आरोग्य, सौभाग्य और स्वास्थ्य की दृष्टि से शुभता आती है।
इस दिन घर में धातु का सामान लाने से घर कारोबार में सदैव स्थिर लक्ष्मी का वास रहता हैं।
धनतेरस Dhanteras के दिन दीपावली dipavali में पूजन के लिए लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति जरूर लानी चाहिए।
मान्यता है कि इस दिन दीपावली की पूजा के लिए गणेश लक्ष्मी खरीदने से घर धन धान्य से भरा रहता है।
धनतेरस के दिन देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर देव kuber dev की पूजा का बहुत महत्व है । इस दिन घर में कुबेर देव kuber dev की तस्वीर को लाकर उसे उत्तर दिशा में लगाएं। और यदि कुबेर देव kuber dev की तस्वीर पहले से ही है तो उसे अच्छी तरह से साफ करके उसके ऊपर नयी साफ माला पहनाएं।
धनतेरस के दिन घर में कुबेर देव की तस्वीर लगाने उनकी पूजा करने से घर कारोबार में धन समृद्धि भरी रहती है।
धनतेरस Dhanteras के दिन शंख को खरीदना अत्यंत शुभ समझा जाता है । धनतेरस Dhanteras के शंख को घर में लाकर उसे पूजा घर में रखकर उसकी भी पूजा करें और दीपावली पूजन के समय शंख को अवश्य ही बजाएं।
शास्त्रो के अनुसार जिस घर में नित्य पूजा में शंख को बजाया जाता है उस घर से माँ लक्ष्मी कभी भी नहीं जाती है और उस घर से सभी संकट दूर रहते है।
माँ लक्ष्मी को कौड़ियाँ अत्यंत प्रिय है और जहाँ पर कौड़ियाँ होती हैआर्थिक संकट पास भी नहीं आते है।वहाँ पर माँ लक्ष्मी को रहना ही होता है। धनतेरस Dhanteras के दिन कौडियों को खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है।धनतेरस Dhanteras के दिन कौड़ियाँ लाकर उन्हें घर के मंदिर में रखे और सांयकाल माँ लक्ष्मी, कुबेर जी के साथ इनकी भी पूजा करे ।
दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा के बाद इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपने धन स्थान / तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से घर में धन की कभी भी कमी नहीं रहती है।
धनिया भी माँ लक्ष्मी को बहुत प्रिय है । जिस घर में साबुत धनिया होता है वहाँ पर माँ लक्ष्मी अवश्य ही निवास करती है। धनतेरस Dhanteras के दिन घर पर साबुत धनिया / धनिया के बीज घर जरूर लाना चाहिए और इसे पूजा के बाद अपने घर के आंगन / गमले में छिड़क कर उसकी देखभाल करनी चाहिए। कहते है धनिया आपके घर में जितना अच्छा फलेगा / उगेगा उतनी ही आर्थिक स्थिति अच्छी होती है ।
धनतेरस के दिन घर में नई झाडू अवश्य ही लाएं । झाडू देवी लक्ष्मी जी का प्रतीक है जो घर से दरिद्रता, अलक्ष्मी को दूर भगाता है। धनतेरस Dhanteras के दिन घर में नई झाडू लाने से घर से दरिद्रता, नकारात्मक उर्जा दूर चली जाती हैं, और स्वच्छ घर में माँ लक्ष्मी का वास होता हैं।
झाड़ू मात्र 40 – 50 रूपये की ही मिलती है लेकिन धनतेरस को इसके खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन घर में झाड़ू लाने से धन धान्य की कोई कमी नहीं रहती ।
शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2022
इस बार धनतेरस 22 को है या 23 अक्टूबर को? जानें इस बारे में
गुरुवार, 20 अक्टूबर 2022
एक ऐसा योद्धा, जिन्होंने 50 वर्ष के शासनकाल में 40 से अधिक युद्ध लड़कर अरबो को भारत से पलायन के लिए मजबूर कर दिया था.
बुधवार, 19 अक्टूबर 2022
डीएनए ( DNA ) में खुलासा : आर्य भारत के मूल निवासी हैं, बाहर से नहीं आए थे
कैसे पैरों को दर्द पहुँचाने वाले शूज को ठीक करें
कैसे पैरों को दर्द पहुँचाने वाले शूज को ठीक करें (Fix Painful Shoes)
कुछ शूज को पहनना दर्दभरा हो सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि आप उन्हें हमेशा ही आपको चोट पहुँचाने दें। इससे पहले कि आप अपने आप को इस दर्द के टॉर्चर, पैरों के जकड़ने और पैरों में छालों का शिकार बनाएँ, इस आर्टिकल में दी हुई कुछ टिप्स और ट्रिक्स को ट्राई करके देखें। हालांकि, एक बात का ध्यान रखें कि कुछ शूज की बनावट ही खराब हो सकती है और वो शायद अच्छी तरह से फिक्स भी न हो पाते हों। अपने दर्द देने वाले जूतों को एकदम बिना दर्द के पहनने के लिए या उन्हें पहनने के लायक बनाने के लिए इस आर्टिकल को पढ़ें।
विधि1मोलस्किन, इन्सर्ट्स और इनसोल्स का यूज करना (Using Moleskin, Inserts, and Insoles)
- 1शूज के अंदर मोलस्किन के पीस लगाकर, ब्लिस्टर्स (छाले), पैरों के जकड़ने और कटने को रोकना: शू स्टोर (या जूते रिपेयर करके देने वाली जगह) से कुछ मोलस्किन खरीद लें और एक शीट निकाल लें। इस शीट को उस परेशान करने वाली स्ट्रेप या हील के पीछे लगाएँ और फिर उसे पेंसिल से ट्रेस कर दें। एक पेयर सीजर्स का यूज करते हुए शेप काट लें और बैकिंग को निकाल दें। स्ट्रेप या हील पर मोलस्किन लगा दें।
- ये पैरों में जकड़न देने वाले दूसरे एरिया पर भी काम करेगा। अगर वो एरिया आपके शूज के अंदर है, उस जकड़न पैदा करने वाले एरिया से हल्का सा छोटा सर्कल या ओवल काट लें। बैकिंग को निकाल लें और फिर उस एरिया पर मोलस्किन चिपका दें।
- आप चाहें तो सीधे अपने पैरों पर भी मोलस्किन फिट कर सकते हैं और फिर दिनभर के बाद उसे निकाल सकते हैं।
- 2अपने पैरों पर एक एंटी-फ्रिक्शन स्टिक लगाकर, फ्रिक्शन (घर्षण) और ब्लिस्टर्स (छाले) को रोकें: आप इसे मेडिकल स्टोर्स पर से भी खरीद सकते हैं। आप बाम को सीधे अपनी स्किन पर, जहां पर जकड़न और छाले हुआ करते हैं, पर लगा सकते हैं।
- आपको इसे अपने पहले से मौजूद छाले पर नहीं लगाना है। इसकी जगह, किसी ब्लिस्टर ट्रीटमेंट्स को खरीद लें। ये ओवल बैंड-एड्स की तरह दिखते हैं और आपके ब्लिस्टर के ऊपर जाते हैं। ये ब्लिस्टर को कुशन देने में मदद करते हैं और उसे साफ भी रखते हैं, ताकि उस पर इन्फेक्शन न होने पाए।
- 3पसीना को रोकने के लिए एक एंटीपर्स्पिरेंट स्टिक यूज करने का सोचें: जकड़न की वजह से पैदा होने वाला पसीना और नमी आपको छाले दे सकते हैं या उनको और भी बदतर बना सकते हैं। एंटीपर्स्पिरेंट नमी को कम करता है, जो छाले बनने को कम करता है।
- 4अपने पैर को जगह पर रखें और फिर एक इनसोल (insole) की मदद से जकड़न और छिलने को रोकें: जब आपके पैर साइड से साइड स्लिप हुआ करते हैं, तब इसके साथ-साथ आपके पैर के सामने और पीछे के हिस्से पर, जहां पर मटेरियल आपकी स्किन के साथ घिसता है, छाले बनते जाते हैं। अगर आप आपके पैरों को एक वेज हील या इसी तरह की स्टाइल में मूव होता हुआ पाते हैं, तो इस मूवमेंट को रोकने के लिए, अपने शूज के अंदर जेल या पैड वाले इनसोल को लगा सकते हैं।
- 5कुछ बॉल-ऑफ-फूट (ball-of-foot) कुशन्स की मदद से अपने पैरों की बॉल के दर्द को कम करें: अगर दिन गुजरने के बाद, आपके पैर की बॉल में दर्द होता है, तो शायद आपके शूज बहुत हार्ड हो सकते हैं; ये खासकर हाइ हील्स में बहुत कॉमन है। बॉल-ऑफ-फूट कुशन्स का एक सेट खरीद लें और उन्हें अपने शूज के सामने, ठीक उस जगह पर जहां आपके पैर की बॉल आती है, लगा लें। ये आमतौर पर ओवल्स या एग्ज के जैसे शेप में हुआ करते हैं।
- अगर आपके पास सैंडल्स के ऐसे पेयर हैं, जिनमें टो (अंगूठे) के पास में एक स्ट्रेप है, तो फिर एक हार्ट-शेप्ड कुशन लेने के बारे में सोचें। हार्ट का राउंड वाला पार्ट, आपके टो स्ट्रेप के किसी भी हिस्से में फिट होगा।[३]
- 6छोटे एरिया में मौजूद बहुत ज्यादा प्रैशर को कम करने के लिए कुछ सिलिकॉन जेल डॉट्स यूज करें: इन दोनों को ही शू स्टोर या मेडिकल स्टोर से खरीदा जा सकता है। सिलिकॉन जेल डॉट्स एकदम क्लियर होते हैं और इन्हें आसानी से छिपाया जा सकता है, लेकिन फ़ोम टेप को आसानी से एकदम सही शेप और साइज में काटा जा सकता है।[४]
- 7दर्द देने वाली हील्स को आराम देने के लिए सिलिकॉन हील कप्स या आर्क-सपोर्टिंग इनसोल्स यूज करें: अगर आपके हील्स में दर्द हो रहा है, तो ऐसा शायद इसलिए हो सकता है, क्योंकि शायद आपके जूते का पिछला/हील वाला एरिया हार्ड हो। ऐसा शायद आपके शूज के द्वारा आपके पैरों को भरपूर आर्क सपोर्ट नहीं देने की वजह से भी हो सकता है। एक सिलिकॉन हील कप या एक आर्क सपोर्ट लगाकर देखें। इन दोनों को ही सही साइज में काटा जा सकता है और दोनों पर पीछे अधेसिव होता है, ताकि ये और किसी जगह पर न खिसकने पाएँ।[५]
- वैसे तो आर्क सपोर्टिंग इनसोल्स आमतौर पर लेबल किए गए होते हैं; अगर आपको इन्हें पाने में मुश्किल जा रही है, तो फिर ऐसी किसी चीज की तलाश करें, जो आपके इनसोल पर बीच में—ठीक उस जगह, जहां आपके पैर का आर्क होता है, मोटा हो।
- इनसोल को किसी टाइट शू में रखना शायद आपके पैरो को और ज्यादा कस सकता है और अनकम्फ़र्टेबल भी हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो फिर एक पतले इनसोल को ट्राई करके देखें।
- 8किसी मोची से अपने शूज की हील्स को कम कराकर, अंगूठे के दबने को रोकें: कभी-कभी, हील और पैर की बॉल के बीच का एंगल बहुत ज्यादा होता है, जो आपके पैर को आगे की ओर धकेल देता है और आपके अंगूठे को शूज के सामने के हिस्से पर दबा देता है। हील की हाइट कम करने से शायद ये प्रॉब्लम ठीक हो सकती है। हालांकि, इसे खुद से करने की कोशिश मत करें; एक मोची की तलाश करें, जो आपके लिए ऐसा करके दे सके। ज़्यादातर हाइ हील्स को, मोची के द्वारा करीब 1 इंच (2.54 centimeters) तक कम किया जा सकता है।[६]
विधि2साइज फिक्स करना (Fixing the Size)
- 1जानें, किस तरह से एक गलत साइज आपके पैर को दर्द पहुँचा सकता है और इसे किस तरह से ठीक किया जा सकता है: बहुत ज्यादा बड़े शूज भी ठीक उसी तरह से नुकसान पहुँचा सकते हैं, जैसे कोई बहुत छोटा शूज पहुँचाता है। बड़े शूज आपको भरपूर सपोर्ट नहीं दे सकते हैं और आपके पैर को बहुत ज्यादा इधर-उधर मूव कर सकते हैं, जो पैरों और अंगूठे को दबा देता है। बहुत ज्यादा छोटे शूज दिन के आखिर में आपके पैरों को जकड़ा हुआ और दर्द महसूस करा सकता है। अच्छी बात ये है, कि जूतों को हल्का सा स्ट्रेच करना मुमकिन है; इसके साथ ही जूतों को छोटा करने के लिए उन्हें भरना भी मुमकिन है।
- एक बात याद रखें, कि कुछ मटेरियल्स को, दूसरों के मुक़ाबले आसानी से स्ट्रेच किया जा सकता है।
- 2अगर आपके शूज बहुत ज्यादा बड़े हैं, तो उसमें एक इनसोल रखकर देखें: ये आपके शूज के अंदर एक्सट्रा कुशन प्रोवाइड करते हैं और उन्हें बहुत ज्यादा यहाँ-वहाँ हिलने से रोकता है।
- 3अगर आपके शूज बहुत बड़े हैं और आपके पैर आगे की ओर बहुत ज्यादा खिसक रहे हैं, तो हील ग्रिप यूज करें: हील ग्रिप एक ओवल शेप्ड कुशन होता है, जिसमें एक साइड पर अधेसिव होता है। इसे मोलस्किन से कवर किए हुए जेल या फ़ोम से बनाया जा सकता है। बस हील ग्रिप की बैकिंग को निकाल लें और इसे अपने शूज के अंदर, ठीक उसी जगह, जहां पर हील होती है, चिपका लें। ये शूज के पीछे एक एक्सट्रा कुशनिंग एड करेगा, जो आपकी हील को घिस-घिस कर चोट खाने से रोकेगा और आपके पैरों को जगह पर बनाए रखेगा।
- 4लैंब (भेड़) की ऊन के साथ लार्ज टो बॉक्सेस भरें: अगर आपके लोफार्स (loafers) नए हैं या फिर आपके मौजूदा शूज बहुत बड़े हैं और आपका अंगूठा आगे की ओर खिसकते जा रहा है और दब रहा है, तो फिर अंगूठे वाले एरिया को जरा से लैंब वूल से भर लें। ये साँस लेने लायक, हवादार मटेरियल ज्यादा कम्फ़र्टेबल होता है और टिशू की तरह इसके गुच्छा बनने की संभावना भी कम होती है।[७] आप चाहें तो कुछ कॉटन बॉल्स भी यूज कर सकते हैं।
- 5एक शू ट्री से अपने शूज को स्ट्रेच करें: एक शू ट्री, आपके पास मौजूद ट्री की लेंथ और विड्थ के हिसाब से या तो आपके शूज के शेप को मेंटेन रखता है या फिर उसे स्ट्रेच कर देता है। पहनते वक़्त अपने शूज के बीच में शू ट्री इन्सर्ट करें। ये टेक्निक लैदर और स्वैड (suede) के ऊपर अच्छी तरह से काम करता है, लेकिन ये रबर या प्लास्टिक पर काम नहीं करता।
- 6शू स्ट्रेचर यूज करते हुए अपने शूज स्ट्रेच करें: अपने शू पर शू स्ट्रेचिंग स्प्रे से स्प्रे कर दें, फिर स्ट्रेचर को अपने शू में दबा दें। सारे शू स्ट्रेचर्स थोड़ा-बहुत अलग होने वाले हैं, लेकिन ज़्यादातर में एक हैंडल और एक नोब होती है। नोब लेंथ को एडजस्ट करेगा और हैंडल विड्थ को एडजस्ट करेगा। शू मटेरियल के छोटे होने तक हैंडल और नोब को टर्न करते रहें, फिर छह से आठ घंटे के लिए स्ट्रेचर को शूज में रहने दें। एक बार जैसे ही ये टाइम पूरा हो जाए, हैंडल और नोब को दूसरी तरफ (शू स्ट्रेचर को छोटा करने के लिए) टर्न कर दें और स्ट्रेचर को शूज में से बाहर खींच लें। ये बहुत ज्यादा बड़े लोफार्स और वर्क शूज के लिए अच्छा ऑप्शन होता है।
- कई तरह के अलग-अलग शू स्ट्रेचर मौजूद हैं, जिनमें एक हाइ हील्स के लिए भी शामिल है। एक टू-वे स्ट्रेचर क्योंकि विड्थ और लेंथ दोनों को ही स्ट्रेच करता है, इसलिए ये शायद ज्यादा मददगार हो सकता है।
- कुछ शू स्ट्रेच में बनियन्स (गोखरू) जैसी बीमारी के लिए अटेचमेंट्स भी होते हैं। शू स्ट्रेचर यूज करने से पहले इन अटेचमेंट्स को इन्सर्ट करें।
- शू स्ट्रेचर सिर्फ शूज के अंदर जाती है और उन्हें लूज कर देते हैं, ताकि फिर वो जरा भी जकड़े हुए या टाइट न महसूस हों; ये आपके शू के पूरे साइज को बड़ा नहीं कर सकता है।
- शू स्ट्रेचर लैदर और स्वेड जैसे नेचुरल मटेरियल्स पर अच्छी तरह से काम करते हैं। ये शायद कुछ खास तरह के फ़ैब्रिक पर भी काम कर सकते हैं, लेकिन ये सिंथेटिक्स और प्लास्टिक्स के ऊपर ज्यादा इफेक्टिव नहीं रहेंगे।
- 7एक मोची से आपके लिए आपके शूज को स्ट्रेच करने का कहें: ऐसा करने से आपके अंगूठे के लिए और ज्यादा जगह मिल जाएगी, जो आपके पूरे पैर के दबने और दर्द में कमी कर देगा। हालांकि स्ट्रेचिंग केवल लैदर और स्वेड से बने हुए शूज पर ही काम करती है। अगर आपके पास में एक ऐसे महंगे शूज की पेयर है, जिसे आप खुद से स्ट्रेच करने का जोखिम नहीं उठाना चाहते, तो फिर ये एक अच्छा आल्टर्नेटिव होगा।
- 8टो एरिया पर बहुत ज्यादा कसे हुए शू को स्ट्रेच करने के लिए आइस यूज करें: आप पानी के साथ दो जिप्लोक (Ziploc) बैग को भरकर और फिर उन्हें टाइटली सील करके, ताकि बैग्स के अंदर जरा सी भी हवा न रह जाए और पानी बाहर न गिरे, ऐसा कर सकते हैं। हर एक बैग को शूज के अंगूठे वाले हिस्से पर डाल दें और दोनों शूज को फ्रीजर में रख दें। आइस जमने तक शूज को वहीं रहने दें। बैग्स को शूज में से बाहर निकाल लें, फिर शूज को पहन लें। आपके जूते गरम होते ही आपके पैर के शेप में ढल जाएंगे।[८]
- क्योंकि पानी फ्रीज़ होने पर बढ़ता है, इसलिए ये शूज को कुछ हद तक स्ट्रेच करने में मदद करता है।
- ये केवल लैदर, स्वेड और फ़ैब्रिक जैसे नेचुरल मटेरियल्स पर ही काम करता है। प्लास्टिक्स और प्लेथर (pleather) पर इसका ज्यादा असर नहीं होता है।
- एक बात याद रखें, अगर आपके लैदर या स्वेड शूज गीले हो जाते हैं, तो आपको कुछ धब्बे नजर आ सकते हैं। अपने शूज को प्रोटेक्ट करने के लिए, उसे टॉवल से लपेटने के बारे में सोचें।
विधि3दूसरी प्रॉब्लम्स ठीक करना (Fixing Other Problems)
- 1कुछ खास किस्म के सॉक्स (मोजे) खरीद लें: कभी-कभी, अपने जूतों की वजह से होने वाले दर्द को रोकने के लिए, बस आपको जूतों के साथ सही तरह के सॉक्स पहनने की जरूरत पड़ती है। इस तरह के सॉक्स आपके पैरों को सपोर्ट देते हैं, नमी को सोख लेते हैं और पैरों के खिसकने और छाले होने से रोकते हैं। यहाँ पर कुछ खास तरह के सॉक्स और वो आपके लिए क्या कर सकते हैं, दिए हुए हैं, जिन्हें आप शायद आसानी से पा सकेंगे:[९] [१०]
- एथलेटिक सॉक्स (Athletic socks) आर्क एरिया में ज्यादा टाइट होते हैं। ये आर्क सपोर्ट देने में मदद करते हैं और उन्हें एथलेटिक और रनिंग शूज के लिए सबसे अच्छा बना देता है।
- मॉइस्चर विकिंग (Moisture wicking) सॉक्स आपके पैरों के पसीने को निकालने में मदद करते हैं। ये आपके पैरों को सूखा रखने में मदद करते हैं और छालों को होने से रोकते हैं।
- रनिंग सॉक्स (Running socks) में अंदर की तरफ एक्सट्रा पैडिंग होती है, ये आपके द्वारा दौड़ने पर, आपके पैरों पर पड़ने वाले असर को एब्जोर्ब कर लेते हैं।
- टो सॉक्स (Toe socks) ग्लव्स के जैसे होते हैं, लेकिन ये आपके पैरों के लिए होते हैं। ये हर एक उंगली को अलग से कवर करते हैं और ये उँगलियों के बीच में होने वाले छालों को भी रोक सकते हैं।
- मटेरियल के बारे में सोचें: कुछ मटेरियल, जैसे कि कॉटन बहुत आसानी से पसीने को सोख लेते हैं, जो कि छाले पैदा कर सकते हैं। एक्रिलिक (Acrylic), पॉलियस्टर (polyester) और पॉलीप्रोपिलीन (polypropylene) आपके पैरों को सूखा रखकर, पसीना हटाने में मदद करते हैं।
- 2फ्लिप-फ्लॉप्स के थोंग (thong) पार्ट को कुशन लगाकर, उन से होने वाले दर्द को रोकें: फ्लिप-फ्लॉप्स बहुत कम्फ़र्टेबल और आसानी से पहनी जाने लायक हो सकती हैं। जब आपकी थोंग आपकी उँगलियों के बीच में घिसना शुरू हो जाती हैं, तब वो दर्दभरी हो सकती हैं। यहाँ पर ऐसी कुछ ट्रिक्स दी हुई हैं, जिनसे आप आपकी फ्लिप-फ्लॉप्स को कम पेनफुल बना सकते हैं:
- सिलिकॉन फ्लिप-फ्लॉप इन्सर्ट्स यूज करें। ये बॉल-ऑफ-फूट कुशन्स के शेप जैसे होते हैं, बस इनमें एक छोटा सा सिलिन्डर होता है, जो सामने की तरफ लगा होता है। इन्सर्ट को अपने फ्लिप-फ्लॉप के सामने के हिस्से पर रखें, फिर थोंग पार्ट को सिलिन्डर में खिसका दें। सिलिन्डर थोंग को आपकी उँगलियों के बीच में घिसने से रोक देगा।
- थोंग एरिया को कुछ अधेसिव मोलस्किन से लपेट दें। ये खासकर प्लास्टिक या रबर फ्लिप-फ्लॉप्स पर असरदार होगा। ये आपके पैरों को कुशन देने में और किसी भी शार्प एज (तीखे किनारों) को सॉफ्ट करने में मदद करेगा।
- थोंग के चारों तरफ कुछ फ़ैब्रिक लपेट दें। आप चाहें तो एक कलरफुल, पर्सनल टच पाने के लिए स्ट्रेप्स के चारों तरफ फ़ैब्रिक भी लपेटना जारी रख सकते हैं। शू ग्लू की एक ड्रॉप के साथ फेब्रिक के दोनों एन्ड्स को शू से जोड़ दें।
- 3दर्दभरे-बदबूदार जूतों को ट्रीट करने के बारे में जानें: आप चाहें तो बदबू पैदा करने वाले पसीने को सोखने के लिए माइक्रो-स्वेड इनसोल्स यूज कर सकते हैं या फिर जब आप शूज न पहन रहे हों, तब शूज के अंदर कुछ टी बैग्स लगा सकते हैं। टी बैग्स बदबू को सोख लेंगी। अगले दिन टी बैग्स को निकाल दें।
- 4स्किन-कलर के मेडिकल टेप की मदद से अपनी तीसरी और चौथी उंगली को एक-साथ जोड़कर देखें: ये बॉल ऑफ फूट के दर्द को कम करने में मदद करती है। इसके काम करने के पीछे की वजह ये है, कि इन उँगलियों के बीच में एक नर्व होती है। वो नर्व आपके हील पहनने पर अलग हो जाती है और उस पर प्रैशर डालती है। उन उँगलियों को एक-साथ टेप करने से कुछ स्ट्रेन कम हो सकता है।[११]
- 5अपने कड़क शूज को कुछ देर के लिए पहनकर ठीक करना: अगर आपके नए शूज बहुत ज्यादा कड़क होने की वजह से आपको दर्द पहुँचा रहे हैं, तो आप उन्हें अपने घर में पहनकर सॉफ्ट कर सकते हैं। बार-बार ब्रेक्स लेना मत भूलें और जब आपके शूज बहुत ज्यादा दर्दभरे बन जाएँ, तब उन्हें निकाल दें। वक़्त के साथ-साथ, शूज लूज हो जाएंगे और पहनने में और ज्यादा कम्फ़र्टेबल बन जाते हैं।
- 6कड़क शूज को स्ट्रेच करने और पहनने के लिए हेयरड्रायर यूज करें: हेयरड्रायर को उसकी लोवेस्ट सेटिंग पर ऑन करें और नोजल को शूज में पॉइंट करें। शूज को अंदर से कुछ मिनट्स के लिए गरम करें, फिर हेयरड्रायर को बंद कर दें। जैसे ही शूज वापस ठंडे होंगे, ये आपके पैरों के शेप में आ जाएंगे। ये मेथड नेचुरल मटेरियल से बने हुए शूज के लिए बेस्ट होती है; इसे प्लास्टिक्स और दूसरे सिंथेटिक मटेरियल के ऊपर यूज करे जाने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि ये उन्हें डैमेज कर सकती है।[१२]
सलाह
- एक बात याद रखें, कि पैरों का साइज बदलता रहता है। गर्मी में ये जरा ज्यादा सूजे हुए हो जाते हैं और ठंड के मौसम में ये पतले हो जाते हैं। साथ ही, उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनका साइज भी बढ़ जाता है। बीच-बीच में अक्सर किसी शू स्टोर पर जाकर, किसी स्पेशलिस्ट से अपने पैरों का माप लेना एक अच्छा आइडिया हो सकता है।
- अपने शूज को दिनभर में बदल-बदल कर देखें। अगर आप काम पर या किसी इवैंट पर जा रहे हैं, तो कुछ कम्फ़र्टेबल शूज पहनें। एक बार जब आप ऑफिस या इवैंट में पहुँच जाएँ, फिर अपने शूज को बदल लें।
- अपने शूज को उतारने के बाद, अपने हर्ट हुए पैरों को गरम पानी में सोख लें। गर्माहट दर्द से आराम पहुँचाएगी और आपके पैरों को और भी बेहतर बना सकती है।
- अगर आपको छाले हुए हैं, तो अपने पैरों को 10 मिनट्स के लिए गरम ग्रीन टी में सोखने दें: एस्ट्रिंजेंट टी बैक्टीरिया को खत्म करती है, बदबू को कम करती है और इन्फेक्शन फैलने के आपके चांस को कम करती है। इसकी गर्माहट भी दर्द से राहत देने में मदद करेगी।
- अगर आप बनियन्स (गोखरू) से जूझ रहे हैं, तो ऐसे शूज की तलाश करें, जिन पर "wide" लिखा हुआ हो। कुछ शूज सँकरे, नॉर्मल/रेगुलर और चौड़े (wide) साइज में आया करते हैं।
- अपने नए शूज को बाहर पहनने से पहले, अपने घर में पहनकर घूमें। ऐसा करके आपको उनसे हो सकने वाली किसी भी प्रॉब्लम के बारे में, उसके बहुत बड़ा बनने से पहले ही मालूम हो जाएगा।
- जब भी आपके किसी ऊँची-नीची जगह पर चलने की उम्मीद हो, तब अपनी स्किनी हील्स में बॉटम पर एक क्लियर या ब्लैक हील प्रोटेक्टर लगा लें। हील प्रोटेक्टर और ज्यादा सरफेस एरिया बना देते हैं, जो आपकी हील के अटकने की संभावना को कम कर देता है।
चेतावनी
- कभी-कभी, दर्द पहुँचा रहे शूज को ठीक कर पाना मुमकिन नहीं होता है, फिर या तो ऐसा शूज के स्ट्रक्चर, साइज की वजह से होता हो या फिर उसकी क्वालिटी की वजह से। ऐसे मामले में, आपको एक शायद शूज के अलग पेयर खरीदने के बारे में सोचना चाहिए।
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