जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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शनिवार, 1 जुलाई 2023
20 घरेलू नुस्खे जो आपको रखेंगे सभी रोगों से दूर, यकीन न होतो आजमा कर देख ले।
गुरुवार, 29 जून 2023
100 करोड़ लोगों के रोजगार की योजना
*पूरे देश और हिंदू समाज को संगठित करने का आसान और सटीक सूत्र
सोच रहा हू कौन सी ईंट भेजे में मारू लोहा चांदी पीतल हीरा क्योकि सोने की ईंट से भरोसा उठ गया है
सोच रहा हू कौन सी ईंट भेजे में मारू
लोहा चांदी पीतल हीरा क्योकि सोने की ईंट से भरोसा उठ गया है
घटना त्रिवेन्द्रम स्थित Kalyan Jewellers की है!
एक पिता नें 29/11/2013 को अपनी बेटी की शादी के लिए एक नेकलेस खरीदा जिसका कुल वजन 49.580 ग्राम था
तथा डिजाइनर स्टोन का वजन घटाने के बाद लगभग 43.500 ग्राम ,,,
कुछ दिनों पहले 17/03/2018 को वो इस नेकलेस को बैंक के पास गिरवी रखने के लिए गये तो उन्हें झटका लगा
जब बैंक के मुल्यांकनकर्ता (bank appraiser) नें जाँच के बाद बताया कि नेकलेस में सिर्फ 12 ग्राम के लगभग
सोना है क्योंकि मोतियों के अंदर बाकी #वैक्स भरा गया है।
जब वो इस बात को लेकर
वापस कल्याण ज्वेलर्स के पास गये तो वहां के ब्रांच मेनेजर नें कहा कि
ये सही है कि ये वैक्स भरा जाता है
और ये बात सभी को पता होती है।
जरा सोचिये...
अगर पता हो तो कौन मूर्ख
मोम को सोने के भाव खरीदेगा.....???
पिता द्वारा विरोध जताने पर मेनेजर बोला कि चलिए हम ये नेकलेस वापस ले लेंगे तथा आपको आज के सोने के भाव पर आपको पैसे वापिस कर देंगे
(जितना सोना है).
लेकिन परिवार नहीं माना और बोला कि उन्हें वो वास्तविक रकम चाहिये जो उनसे खरीदते समय ली गई थी और उन्होंने नजदीकी पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज कर दी.
21/03/2018 को कल्याण ज्वेलर्स के स्टाफ का एक सदस्य समझौता करने के लिए पुलिस स्टेशन आया और बोला कि हम ग्राहक की मांग अनुसार इन्हें इस नेकलेस की वही कीमत लौटा देंगे
जो इनसे ली गई थी!
90 % लोग सोना खरीदने के बाद बेचते नही है वो सोच रहे है हमारे पास इतना सोना पड़ा है पर हकीकत में वो गलत फहमी के शिकार है सोने का पैसा देकर वैक्स खरीद कर रखा हुआ है ।
गहने जितने भी है सब मे 50% खोट है!
एक बार अपने आभूषणों व सोने की जांच अवष्य दूसरे जगह करवाएं!
Wall- pushpendra ji
🙏
वे भक्त धन्य हैं जो भगवान का नाम तो जपते हैं, पर बदले में भगवान से कभी कुछ नहीं माँगते।
एक भक्त थे। उन्होंने भगवान का नाम जपते हुए जीवन बिता दिया, पर भगवान से कभी कुछ नहीं माँगा।
एक दिन वे भक्त बाँके बिहारी मंदिर गए। पर यह क्या, वहाँ उन्हें भगवान नहीं दिखे। वे आसपास के अन्य भक्तों से पूछने लगे कि आज भगवान कहाँ चले गए?
सब उनकी ओर हैरानी से देखते हुए कहने लगे- भगवान तो ये रहे। सामने ही तो हैं। तुझे नहीं दिखते? तूं अंधा है क्या?
उन भक्त ने सोचा कि सब को दिख रहे हैं, मुझे क्यों नहीं दिख रहे? मुझे ये सब दिख रहे हैं, भगवान ही क्यों नहीं दिख रहे?
ऐसा विचार कर उनका अंतःकरण ग्लानि से भर गया। वे सोचने लगे- लगता है कि मेरे सिर पर पाप बहुत चढ़ गया है, इसीलिए मुझे भगवान नहीं दिखते। मैं इस शरीर का अन्त कर दूंगा। आखिर ऐसे शरीर का क्या लाभ? जिससे भगवान ही न दिखते हों।
ऐसा सोच कर वे यमुना में डूबने चले।
इधर अंतर्यामी भगवान एक ब्राह्मण का वेष बना कर, एक कोढ़ी के पास पहुँचे और कहा कि ऐसे ऐसे एक भक्त यमुना को जा रहे हैं, उनके आशीर्वाद में बहुत बल है। यदि वे तुझे आशीर्वाद दे दें, तो तेरा कोढ़ तुरंत ठीक हो जाए।
यह सुन कर कोढ़ी यमुना की ओर दौड़ा। उन भक्त को पहचान कर, उनका रास्ता रोक लिया। और उनके पैर पकड़कर, उनसे आशीर्वाद माँगने लगा।
भक्त कहने लगे- भाई! मैं तो पापी हूँ, मेरे आशीर्वाद से क्या होगा?
पर जब बार बार समझाने पर भी कोढ़ी ने पैर न छोड़े, तो उन भक्त ने अनमने भाव से कह ही दिया- भगवान तेरी इच्छा पूरी करें।
ऐसा कहते ही कोढ़ी बिल्कुल ठीक हो गया। पर वे भक्त हैरान हो गए कि यह चमत्कार कैसे हो गया? वे अभी वहीं स्तब्ध खड़े ही थे कि साक्षात भगवान सामने आ खड़े हुए।
उन भक्त ने भगवान को देखा तो अपने को संभाल न सके और रोते हुए, भगवान के चरणों में गिर गए। भगवान ने उठाया।
वे भगवान से पूछने लगे- भगवान! यह आपकी कैसी लीला है? पहले तो आप मंदिर में भी दिखाई न दिए, और अब अनायास आपका दर्शन ही प्राप्त हो रहा है।
भगवान ने कहा- भक्तराज! आपने जीवन भर जप किया, पर कभी कुछ माँगा नहीं। आपका मुझ पर बहुत ॠण चढ़ गया था, मैं आपका ॠणी हो गया था, इसीलिए पहले मुझे आपके सामने आने में संकोच हो रहा था। आज आपने उस कोढ़ी को आशीर्वाद देकर, अपने पुण्यपुञ्ज में से कुछ माँग लिया। जिससे अब मैं कुछ ॠण मुक्त हो सका हूँ। इसीलिए मैं आपके सामने प्रकट होने की हिम्मत कर पाया हूँ।
मेरे भाई बहन, वे भक्त धन्य हैं जो भगवान का नाम तो जपते हैं, पर बदले में भगवान से कभी कुछ नहीं माँगते।
जिनके भगवान भी ॠणी हैं, ऐसे भक्तों के चरणों में लोकेशानन्द अपना माथा टिकाता है।
डरपोक अकबर ने 7 फ़ीट 8 इंची बहलोल खान को भेजा था महाराणा प्रताप का सर लाने, कभी नहीं हारा था बहलोल..
डरपोक अकबर ने 7 फ़ीट 8 इंची बहलोल खान को भेजा था महाराणा प्रताप का सर लाने, कभी नहीं हारा था बहलोल....
मुगली अकबर का सबसे खतरनाक वाला एक सेना नायक हुआ . . . नाम - बहलोल खां . . . . कहा जाता है कि हाथी जैसा बदन था इसका . . . और ताक़त का जोर इतना कि नसें फटने को होती थीं . . . ज़ालिम इतना कि तीन दिन के बालक को भी गला रेत-रेत के मार देता था . . . . बशर्ते वो हिन्दू का हो . . . . . एक भी लड़ाई कभी हारा नहीं था अपने पूरे करियर में ये बहलोल खां ॥
काफी लम्बा था, 7 फुट 8 इंच की हाइट थी, कहा जाता है की घोडा उसने सामने छोटा लगता था ॥ बहुत चौड़ा और ताकतवर था बहलोल खां, अकबर को बहलोल खां पर खूब नाज था, लूटी हुई औरतों में से बहुत सी बहलोल खां को दे दी जाती थी ॥
फिर हल्दीघाटी का युद्ध हुआ, अकबर और महाराणा प्रताप की सेनाएं आमने सामने थी, अकबर महाराणा प्रताप से बहुत डरता था इसलिए वो खुद इस युद्ध से दूर रहा ॥
अब इसी बहलोल खां को अकबर ने भिड़ा दिया हिन्दू-वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप से . . . . . लड़ाई पूरे जोर पर और मुगलई गंद खा-खा के ताक़त का पहाड़ बने बहलोल खां का आमना-सामना हो गया अपने प्रताप से ॥
अफीम के ख़ुमार में डूबी हुई सुर्ख नशेड़ी आँखों से भगवा अग्नि की लपट सी प्रदीप्त रण के मद में डूबी आँखें टकराईं और जबरदस्त भिडंत शुरू. . . कुछ देर तक तो राणा यूँ ही मज़ाक सा खेलते रहे मुगलिया बिलाव के साथ . . . .
और फिर गुस्से में आ के अपनी तलवार से एक ही वार में घोड़े सहित . . हाथी सरीखे उस नर का पूरा धड़ बिलकुल सीधी लकीर में चीर दिया . . . ऐसा फाड़ा कि बहलोल खां का आधा शरीर इस तरफ और आधा उस तरफ गिरा ॥
ऐसे-ऐसे युद्ध-रत्न उगले हैं सदियों से भगवा चुनरी ओढ़े रण में तांडव रचने वाली मां भारती ने..
जय जय महाराणा
मारे बिना चूहा भगाने के सरल उपाय
- चूहा अधिकतर इंसान की उंगलियों को सोते वक्त ज्यादा काटता है।
- एक पुरानी बात है, जिसे बचपन में सुना था कि- यदि चूहा ज्यादा हो रहे हैं तो घर या दुकान के कर्मचारी चोरी कर रहे हैं और ओर यदि चूहा नुकसान करे या कोई चीज कुतरे, तो समझो परिवार के सदस्य चोरी कर रहे हैं। हमारे इन उपेप्न से सतर्क होकर चोरी पकड़ लेते थे।
- हमने इसे कभी नहीं आजमाया। हो सकता है कि बुजुर्गों ली बात में दम हो।
- आयुर्वेद की एक बहुत दुर्लभ ग्रन्थ चिकित्सा चंद्रोदय में मूषक या चूहों को भगाने एवं मारने का प्रयोगों के वर्णन है। इससे बहुत लाभ होगा।
- चूहों को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह जहरीले भी होते हैं। कटने पर त्वचा रोग उत्पन्न करते हैं। चूहे के शरीर में 5 जगह विष पाया जाता है-
- चूहे के वीर्य में
- मूषक की पेशाब में
- चूहे के पखाने में
- चूहे के नाखूनों में
- चूहे की दाढ़ में।
- चूहों को मखाने सर्वाधिक पसंद होते हैं। इसे बंद कंटेनर में रखें।
- प्रधान विष पेशाब तथा वीर्य में होता है।
- चूहे के जहर से वातरक्त, त्वचारोग, उपदंश आदि रोग पैदा होते हैं। चमड़ी पर चकत्ते होने लगते हैं। यह तुरन्त कोप नहीं करता।
- नीतिकारों ने संस्कृत का एक श्लोक में लिखा है कि-
मारे बिना चूहा भगाने के सरल उपाय
- घर में अगर चूहे ज्यादा हों, तो सभी सदस्य जल में कपूर मिलाकर स्नान करें।
- फिटकरी का पॉवडर बनाकर बिल में डाल दो।
- एक चूहा पकड़कर उसे कपड़े धोने वाली नील में गीला करके छोड़ दो। नीला चूहा देखकर सारे चूहे तुरन्त भाग जाते हैं।
- घर - दुकान, फेक्ट्री में अगर चूहे अधिक हों, तो कपड़े हमेशा रोज बदले यानी धुले हुए ही पहिने।
- उपरोक्तानुसार उपाय करने से मूषक भाग जाएंगे।
- चूहे के जहर से वातरक्त, त्वचारोग, उपदंश आदि रोग पैदा होते हैं। चमड़ी पर चकत्ते होने लगते हैं। यह तुरन्त कोप नहीं करता।
मकड़ी का मकड़जाल
- मकड़ी अपने ही बनाये मकड़जाल में फंस जाती है और जो जल बुनेगा, उसके पास जहर ही एकत्रित होगा।
- विशेष बात यह कि मकड़ी के जाले में जहर नही होता परन्तु मकड़ी की लार जिसे लग जाये उसके शरीर में बहुत बारीक फुंसिया पनपने लगती है तथा भयंकर जलन होती है। इसे मकड़ी का फरना कहते हैं।
- आयुर्वेद के देशी उपचारों के अंतर्गत मकड़ी, कुत्ता, कनखजूरा, ततैया, मधुमक्खी, चूहा, बिच्छू, जहरीला नाग आदि के द्वारा काटने के बाद इसके इलाज का वर्णन उपलब्ध है।
- अगर कभी मकड़ी की वजह से त्वचा में जलन या फुंसी हों, तो नींबू में चुना मिलाकर लगाएं अथवा अमचूर पाउडर में तनिक सी हल्दी मिलाकर लेप करें।
- जब कभी मधु मक्खी काटे, तो लोहा घिसकर लगाने से राहत मिलती है।
- एक गंदा उपाय यह भी है कि जब कभी कोई जीव काटे, तब उसकी विष्ठा लगा देंवें।
- बाकी के उपाय इस पुरानी किताब के चित्र से जाने…
प्राचीन किताबों में 118 तरह के कीट काटने के उल्लेख ओर उपचार बताया है। हम संक्षिप्त जानकारी दे रहे हैं।
अच्छा लगता है जब भारतीय प्रधानमंत्री की तस्वीरों
अच्छा लगता है...
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अच्छा लगता है जब देश के प्रधानमंत्री अमेरिका जाते हैं और न्यूयार्क के आसमान के हेलिकॉप्टर से उनकी तस्वीर वाला ध्वज घण्टों लहराया और घुमाया जाता है।
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अच्छा लगता है जब भारतीय प्रधानमंत्री की तस्वीरों और उनके लिए लिखे गए संदेशों से न्यूयार्क का टाइम्स स्क्वायर पट जाता है।
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अच्छा लगता है जब अमेरिकी संसद के सारे सदस्य भारतीय प्रधानमंत्री को ऑटोग्राफ लेने और सेल्फी खिंचाने के लिए देर तक घेरे रहते हैं, और हाथ मिलाने के लिए लाइन में लगते हैं। अमेरिकी संसद में मोदी-मोदी के नारे मोदी से अधिक भारत और भारतीयों के लिए गर्व का विषय है। अमेरिकी सांसदों के बीच से "भारत माता की जय" और "वंदे मातरम" के नारों का उठना कितना आनन्ददायक है, यह किसी राजनैतिक व्यक्ति से अधिक भारत का आम नागरिक समझता है।
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अच्छा लगता है, जब हमेशा भारत के विरुद्ध जहर उगलने वाली अमेरिकी मीडिया मोदी के आगे नतमस्तक दिखती है, और हर अखबार के मुख्य पृष्ठ पर केवल मोदी ही मोदी छा जाते हैं। तालिबानी मानसिकता के कुछ सदस्यों द्वारा साम्प्रदायिक भावना तहत बहिस्कार की नौटंकी का उत्तर अमरीकी सांसद ही देते हैं, और पूरे भाषण के बीच चौदह बार खड़े होकर तालियां बजाते हैं। स्टैंडिंग ओवेशन... अच्छा लगता है।
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और सबसे ज्यादा अच्छा तब लगता है जब भारत के प्रधानमंत्री अमेरिका के सांसदों से कहते हैं कि हमारे यहाँ लगभग दो हजार पार्टियां हैं, देश के अलग अलग राज्यों में लगभग 20 दल शासन चला रहे हैं, फिर भी हम एक हैं। भारत संसार का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत के प्रधान का विश्व के समक्ष यही भाषा, यही भाव होना चाहिये।
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अमेरिका में कितने समझौते हुए, कितनी कम्पनियों ने यहां निवेश करने की योजना बनाई, कितना धन आया, यह अर्थशास्त्रियों का विषय है। और भारत-अमेरिका के सुदृढ होते सम्बन्धों के क्या दूरगामी परिणाम होंगे यह कूटनीतिज्ञ जानें। पर अमेरिका से वापस लौट रहे मोदी को उपहार की तरह भारत से चोरी हुई सौ कलाकृतियों को लौटाते अमेरिका का मित्रभाव अच्छा लगा। एक सामान्य नागरिक के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण बात है।
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प्रधानमंत्री के रूप में अमेरिकी संसद को दो बार सम्बोधित करने वाले मोदी जी पहले भारतीय हैं। उनकी इस व्यक्तिगत उपलब्धि को भी मैं भारत की उपलब्धि मानता हूँ कि अमेरिका ने आठ वर्षों में दो बार भारतीय प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है। यह राजकीय यात्रा भी थी, अर्थात अमेरिका की विशेष यात्रा, जिसका समूचा खर्च अमेरिकी राष्ट्रपति उठाते हैं। मोदीजी भारत के केवल दूसरे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें अमेरिका ने राजकीय यात्रा पर बुलाया है। यही नहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने कार्यकाल में केवल तीन देशों के प्रमुख को राजकीय अतिथि बना कर बुलाया है, उनमें से एक भारतीय प्रधानमंत्री हैं। अमेरिका समझ रहा है भारत की शक्ति को...
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अच्छा लगता है देश के प्रधान को चमकते हुए देखना! क्योंकि यह किसी व्यक्ति की चमक नहीं, इस राष्ट्र की चमक है।
पीएम मोदी के दौरे से भारत-अमेरिका - रेलवे से लेकर अंतरिक्ष तक हुए 8 अहम समझौते
पीएम मोदी के दौरे से भारत-अमेरिका - रेलवे से लेकर अंतरिक्ष तक हुए 8 अहम समझौते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे के दौरान कई बड़े समझौते किए गए हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच बैठक में जिन समझौतों पर मुहर लगाई गई वो दोनों देशों के बीच दोस्ती को नई ऊंचाई देने वाली है। इससे दोनों देशों के बीच संबंध में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। इस दौरान जो महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं उनमें सेमीकंडक्टर प्लांट, रेलवे, तकनीक, ड्रोन, जेट इंजन और अंतरिक्ष सेक्टर शामिल हैं। इन करार का असर आने वाले सालों में देखने को मिलेगा। भारत और अमेरिका के बीच कुछ ऐसे भी समझौते किए गए हैं, जिनसे भारत आने वाले सालों में ग्लोबल मैन्यूफैक्चर हब में बदल जाएगा। इसके अलावा पीएम मोदी के दौरे से कुछ और उपलब्धियां हासिल हुई हैं इनमें बाइडन प्रशासन ने एच-1बी वीजा में ढील देने का फैसला किया है और साथ ही 6 व्यापारिक बाधाओं को सुलझाने पर सहमति जताई है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कई बड़ी अमेरिकी कंपनियों के CEO के साथ मिलकर उन्हें भारत में इन्वेस्टमेंट का न्योता दिया है।
आइए जानते हैं इस दौरे में भारत-अमेरिका के बीच हुईं 8 सबसे बड़ी डील में क्या है।
1. फाइटर जेट्स इंजन प्लांट
अब भारत में ही बनेंगे लड़ाकू विमानों के जेट इंजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे
का सबसे बड़ा फायदा रक्षा मामलों में हुआ है। पीएम मोदी के अमेरिका दौरे
के बीच लड़ाकू जेट इंजन बनाने के लिए भारत में प्लांट लगाने की डील फाइनल
हुई है। अब अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस के सहयोग से हिंदुस्तान
एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारत में ही लड़ाकू विमानों के लिए जीई-एफ 414
इंजन बनाएगी, जिससे भारत के फाइटर जेट्स को आधुनिक इंजन मिल जाएंगे।
अमेरिकी कंपनी जीई एरोस्पेस ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ
भारत में लड़ाकू विमानों के इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए अहम समझौते पर
हस्ताक्षर किए हैं। जीई और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने
एफ414 जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए एक सहमति पत्र (MoU) पर
हस्ताक्षर किए हैं। भारत ने तेजस विमानों के लिए जीई-414 इंजन खरीदे थे और
भारत में ही इसके बनने से आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम है।
2. प्रीडेटर ड्रोन (एमक्यू-9 रीपर)
हिंद महासागर, चीनी सीमा पर निगरानी करेगा यह ड्रोन
भारत और अमेरिका के बीच एमक्यू-9 रीपर
ड्रोन की खरीद पर भी मुहर लगी है। एमक्यू-9 रीपर ड्रोन भारत की नेशनल
सिक्युरिटी के लिए बेहद अहम है। ये ड्रोन हिंद महासागर के अलावा चीनी सीमा
के साथ दूसरे अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर की निगरानी में लगाया जाएगा। 29 हजार
करोड़ रुपए के इस सौदे में भारत को 30 लड़ाकू ड्रोन दिए जाएंगे। दोनों देशों
के इस समझौते से चीन काफी बौखलाया हुआ है। फिलहाल, भारत को यह ड्रोन पायलट
प्रोजेक्ट के तहत दिए जाएंगे, इसके बाद तीनों सेनाओं से फीडबैक मिलने के
बाद इनका निर्माण भी भारत में किया जाएगा।
3. गुजरात में सेमीकंडक्टर प्लांट
इस प्लांट से 5,000 नई नौकरियां तुरंत पैदा होंगी
अमेरिका की सेमीकंडक्टर कंपनी माइक्रॉन
(Micron) गुजरात में अपना सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग प्लांट स्थापित
करेगी। इसमें कुल 2.7 अरब डॉलर का इन्वेस्टमेंट होगा। इस समझौते के तहत
अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी को 1.34 अरब डॉलर के प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव
(PLI) का भी फायदा मिलेगा। कंप्यूटर चिप बनाने वाली कंपनी माइक्रोन
टेक्नोलॉजी और भारत नेशनल सेमीकंडक्टर मिशन मिलकर भारत में सेमीकंडक्टर
बनाएंगे। इसके लिए कंपनी की ओर से 2.75 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। इस
समझौते के तहत 50 प्रतिशत निवेश भारत सरकार की तरफ से किया जाएगा, जबकि 20
प्रतिशत का निवेश गुजरात सरकार की तरफ से किया जाएगा। माइक्रोन टेक्नोलॉजी
कंपनी ने कहा है कि इस निवेश से 5,000 नई नौकरियां तुरंत पैदा होंगी।
4. भारतीय रेलवे और अमेरिका के बीच करार
मानवीय सहायता, जलवायु परिवर्तन और संघर्ष प्रबंधन पर होगा काम
भारतीय रेलवे और अमेरिकी सरकार की एक
स्वतंत्र एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट/इंडिया
(यूएसएआईडी/इंडिया) ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौते में कहा
गया है, कि USAID/India आर्थिक विकास, कृषि क्षेत्रों, व्यापार, स्वच्छ
ऊर्जा, वैश्विक स्वास्थ्य, लोकतंत्र, मानवीय सहायता, जलवायु परिवर्तन के
मुद्दों और संघर्ष प्रबंधन में सहायता करके अंतर्राष्ट्रीय विकास का समर्थन
करता है। वहीं मिशन नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पाने के लिए
भारतीय रेलवे के कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने का प्रयास किया गया है। रेल
मंत्रालय ने बताया है कि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ अनिल कुमार
लाहोटी की उपस्थिति में भारतीय रेलवे के रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैक्शन
एंड रोलिंग स्टॉक) नवीन गुलाटी और यूएसएआईडी के उप प्रशासक इसाबेल कोलमैन
ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
5. अर्टेमिस एकॉर्ड्स समझौता
इसरो और नासा ज्वॉइंट मिशन पर काम करेंगे
भारत और अमेरिका के बीच होने वाले एक अहम
समझौते में ‘आर्टेमिस एकॉर्ड्स’ शामिल है। इसके जरिए समान विचारधारा वाले
देशों के नागरिकों को अंतरिक्ष खोज वाले मुद्दे पर एक साथ लाने का काम किया
जाएगा। साल 2024 में नासा और इसरो एक साथ मिलकर संयुक्त मिशन करने पर सहमत
हुए हैं। इस मिशन के पूरा होने के बाद भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल
हो जाएगा, जो अंतरिक्ष में अमेरिका का सहयोगी है। अगले साल नासा के जरिए
भारतीय अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की भी यात्रा करेंगे। मतलब
नासा और इसरो 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक ज्वॉइंट
मिशन पर काम करेंगे। इस समझौते का मकसद भारत-अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग
को बढ़ावा देना है।
6. iCET की शुरुआत
दोनों देश जटिल तकनीक बाटेंगे और उसको सुरक्षित रखेंगे
भारत और अमेरिका के बीच इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी
(iCET) की शुरुआत भी की गई है। वैसे, इसकी शुरुआत जनवरी, 2023 में ही हो गई
थी, लेकिन औपचारक ऐलान पीएम मोदी के अमेरिका दौरे में ही किया गया। इसके
साथ ही दोनों देशों ने आपस में समझौता किया है कि वो आपस में जटिल तकनीक
बाटेंगे और उसको सुरक्षित रखेंगे।
#WATCH | India has decided to resolve all pending matters related to trade and mark a new beginning. Initiative for Critical and Emerging Technology (ICET) emerged as an important framework of our technological collaboration: PM @narendramodi in a Joint Press statement with US… pic.twitter.com/GXmtjKd9Fr
— DD News (@DDNewslive) June 22, 2023
7. इंडस-एक्स की शुरुआत
भारतीय स्टार्टअप्स के लिए डिफेंस निर्माण के क्षेत्र में खुलेंगे द्वार
भारत-अमेरिका मिलकर यूएस-इंडिया डिफेंस
एक्सेलेरेशन इकोसिस्टम (INDUS-X) शुरू करने पर भी राजी हो गए हैं। इस
नेटवर्क के जरिए दोनों देशों की यूनिवर्सिटी, स्टार्टअप्स, उद्योग और थिंक
टैंक्स शामिल होंगे। इस करार के बाद दोनों देशों के बीच डिफेंस टेक्नोलॉजी
से जुड़े नए इनोवेशन होंगे। इसके तहत एक नेटवर्क की स्थापना की जाएगी। इस
नेटवर्क में दोनों देशों के स्टार्टअप्स, यूनिवर्सिटीज, इंडस्ट्री और अलग
स्टार्ट्स अप्स से जुड़े थिंट टैंक शामिल होंगे। इसके जरिए दोनों देशों के
बीच संयुक्त तौर पर डिफेंस टेक्नोलॉजी के विस्तार पर ध्यान दिया जाएगा।
इसका सबसे बड़ा फायदा भारत को ये होने वाला है कि इस नेटवर्क से जुड़कर
भारत के स्टार्टअप्स डिफेंस निर्माण के क्षेत्र में कदम बढ़ा सकते हैं,
जैसा कि इजरायल में होता है। ऐसे ही स्टार्ट्सअप्स के जरिए इजरायली रक्षा
क्षेत्र में दर्जनों निजी कंपनियां खुल गईं, जो दुनियाभर में हथियारों की
सप्लाई करते हैं।
8. भारत में अमेरिकी दूतावास
भारत में अमेरिका के दो नए दूतावास, भारत सिएटल में खोलेगा दूतावास
अमेरिका ने भारत के दो शहरों बेंगलुरु और
अहमदाबाद में दो नए वाणिज्यिक दूतावास खोलने का भी ऐलान किया। भारत के
हैदराबाद और बेंगलुरु में अमेरिका ने दो नए दूतावास स्थापित करने का ऐलान
किया है। देश की राजधानी में स्थापित अमेरिकी दूतावास विश्व के सबसे बड़े
दूतावासों में से एक है। यह अमेरिकी दूतावास मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और
हैदराबाद में चार वाणिज्य दूतावासों के साथ समन्वय करता है और यह सुनिश्चित
करता है कि दोनों देशों के बीच के संबंधों में किसी तरह का तनाव न आए। साथ
ही दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूतर करने और बढ़ावा देने के लिए भारत
ने अमेरिका के सिएटल शहर में एक मिशन शुरू करने की घोषणा की है।
पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से कई और उपलब्धियां हुई हैं, इन्हीं में कुछ पर एक नजर-
हजारों भारतीयों के लिए खुशखबरी! H-1B वीजा नियमों में ढील
अमेरिका सरकार के H-1B वीजा नियमों में ढील
देने से हजारों भारतीयों को फायदा होने वाला है। अमेरिका ने अब भारतीयों
के लिए अमेरिका में रहना और काम करना आसान बना दिया है। बाइडन प्रशासन देश
में नवीकरणीय एच-1बी वीजा पेश करने के लिए तैयार है, जिसके तहत अब भारतीय
नागरिक और अन्य विदेशी कर्मचारी स्वदेश जाए बिना अमेरिका में ही एच1बी वीजा
को रिन्यू करा सकेंगे। भारतीय नागरिक अब तक यूएस एच1-बी वीजा के सबसे
सक्रिय उपयोगकर्ता रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2022-23 में
लगभग 442000 ने एच1-बी वीजा का उपयोग किया, जिनमें से 73 प्रतिशत भारतीय
नागरिक थे।
6 व्यापारिक बाधाओं को सुलझाने पर सहमति
व्यापारिक बाधाओं को सुलझाने के लिए भारत
और अमेरिका वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में चल रहे 6 व्यापारिक बाधाओं को
सुलझाने के लिए सहमत हो गए हैं। इसके तहत नई दिल्ली 28 अमेरिकी उत्पादों पर
सीमा शुल्क को हटा लेगा। ये सीमा शुल्क भारत ने टिट फॉर टैट के तहत लगाया
था, जब अमेरिका ने कुछ भारतीय उत्पादों पर सीमा शुल्क में बढ़ोतरी कर दी
थी। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ने की संभावना है और
भारतीय निर्यातकों को प्रमुख कर लाभ प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।
अमेरिका ने 2018 में राष्ट्रीय सुरक्षा को आधार बनाकर पर कुछ स्टील और
एल्यूमीनियम उत्पादों पर क्रमशः 25 प्रतिशत और 10 प्रतिशत आयात टैक्स लगा
दिया था। जवाबी कार्रवाई में, भारत ने जून 2019 में चना, दाल, बादाम,
अखरोट, सेब, बोरिक एसिड और डायग्नोस्टिक उत्पादों सहित 28 अमेरिकी उत्पादों
पर भारी सीमा शुल्क लगा दिया था और उसके बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक
विवाद शुरू हो गये थे, जो अब खत्म हो गए हैं।
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