घर से बड़े चूहों को कैसे भगाया जाए?
- चूहा अधिकतर इंसान की उंगलियों को सोते वक्त ज्यादा काटता है।
- एक पुरानी बात है, जिसे बचपन में सुना था कि- यदि चूहा ज्यादा हो रहे हैं तो घर या दुकान के कर्मचारी चोरी कर रहे हैं और ओर यदि चूहा नुकसान करे या कोई चीज कुतरे, तो समझो परिवार के सदस्य चोरी कर रहे हैं। हमारे इन उपेप्न से सतर्क होकर चोरी पकड़ लेते थे।
- हमने इसे कभी नहीं आजमाया। हो सकता है कि बुजुर्गों ली बात में दम हो।
- आयुर्वेद की एक बहुत दुर्लभ ग्रन्थ चिकित्सा चंद्रोदय में मूषक या चूहों को भगाने एवं मारने का प्रयोगों के वर्णन है। इससे बहुत लाभ होगा।
- चूहों को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह जहरीले भी होते हैं। कटने पर त्वचा रोग उत्पन्न करते हैं। चूहे के शरीर में 5 जगह विष पाया जाता है-
- चूहे के वीर्य में
- मूषक की पेशाब में
- चूहे के पखाने में
- चूहे के नाखूनों में
- चूहे की दाढ़ में।
- चूहों को मखाने सर्वाधिक पसंद होते हैं। इसे बंद कंटेनर में रखें।
- प्रधान विष पेशाब तथा वीर्य में होता है।
- चूहे के जहर से वातरक्त, त्वचारोग, उपदंश आदि रोग पैदा होते हैं। चमड़ी पर चकत्ते होने लगते हैं। यह तुरन्त कोप नहीं करता।
- नीतिकारों ने संस्कृत का एक श्लोक में लिखा है कि-
मारे बिना चूहा भगाने के सरल उपाय
- घर में अगर चूहे ज्यादा हों, तो सभी सदस्य जल में कपूर मिलाकर स्नान करें।
- फिटकरी का पॉवडर बनाकर बिल में डाल दो।
- एक चूहा पकड़कर उसे कपड़े धोने वाली नील में गीला करके छोड़ दो। नीला चूहा देखकर सारे चूहे तुरन्त भाग जाते हैं।
- घर - दुकान, फेक्ट्री में अगर चूहे अधिक हों, तो कपड़े हमेशा रोज बदले यानी धुले हुए ही पहिने।
- उपरोक्तानुसार उपाय करने से मूषक भाग जाएंगे।
- चूहे के जहर से वातरक्त, त्वचारोग, उपदंश आदि रोग पैदा होते हैं। चमड़ी पर चकत्ते होने लगते हैं। यह तुरन्त कोप नहीं करता।
मकड़ी का मकड़जाल
- मकड़ी अपने ही बनाये मकड़जाल में फंस जाती है और जो जल बुनेगा, उसके पास जहर ही एकत्रित होगा।
- विशेष बात यह कि मकड़ी के जाले में जहर नही होता परन्तु मकड़ी की लार जिसे लग जाये उसके शरीर में बहुत बारीक फुंसिया पनपने लगती है तथा भयंकर जलन होती है। इसे मकड़ी का फरना कहते हैं।
- आयुर्वेद के देशी उपचारों के अंतर्गत मकड़ी, कुत्ता, कनखजूरा, ततैया, मधुमक्खी, चूहा, बिच्छू, जहरीला नाग आदि के द्वारा काटने के बाद इसके इलाज का वर्णन उपलब्ध है।
- अगर कभी मकड़ी की वजह से त्वचा में जलन या फुंसी हों, तो नींबू में चुना मिलाकर लगाएं अथवा अमचूर पाउडर में तनिक सी हल्दी मिलाकर लेप करें।
- जब कभी मधु मक्खी काटे, तो लोहा घिसकर लगाने से राहत मिलती है।
- एक गंदा उपाय यह भी है कि जब कभी कोई जीव काटे, तब उसकी विष्ठा लगा देंवें।
- बाकी के उपाय इस पुरानी किताब के चित्र से जाने…
प्राचीन किताबों में 118 तरह के कीट काटने के उल्लेख ओर उपचार बताया है। हम संक्षिप्त जानकारी दे रहे हैं।
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