जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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सोमवार, 10 जून 2024
क्या भगवान शिव को अर्पित नैवेद्य ग्रहण करना चाहिए?
शनिवार, 8 जून 2024
जानबूझकर यह नैरेटिव सेट किया जा रहा* है कि बीजेपी ने अयोध्या खो दी है. *फैजाबाद नाम का उपयोग नहीं किया गया है और अयोध्या का उपयोग किया गया है।*
शनिवार को भाग्योन्नति का उपाय
जिसके माथे पर तिलक ना दिखे, उसका सर धड़ से अलग कर दो ------ पुष्यमित्र शुंग
पाप-पुण्य के बुरे और अच्छे फल भुगतने की धारणा क्यों ?
गुरुवार, 6 जून 2024
सरकार गिरनी चाहिए.. हां ये सरकार गिरनी चाहिए...
सरकार गिरनी चाहिए..
हां ये सरकार गिरनी चाहिए...
और कांग्रेस की सरकार बननी
चाहिए..
फिर चुनाव खत्म हो जाने
चाहिए भारत में सदा सदा
के लिए,
वोटिंग का अधिकार
समाप्त हो जाना चाहिए...
कांग्रेस को ही ये देश
डिजर्व करता है..
इस देश को जिस हालातों
में कांग्रेस ने 70 साल रखा,
ये देश वही डिजर्व करता है,
इसे डेवलपमेंट पसंद नहीं,
इसे सुरक्षा पसंद नहीं,
इसे वैश्विक पटल पर एक
सशक्त भारत पसंद नहीं,
इसे पसंद है कांग्रेस,सपा
और भारत विरोधी पार्टियां,
तो वही सही..
तुम सबकी इच्छा पूर्ण हो जाए..🙌🏻
भारत नाम के राष्ट्र के अंत
तक कांग्रेस जैसी पार्टियों
का ही शासन रह जाए,
भारत जो अखंड होना था,
वो खंड खंड हो जाए..
तुम्हें संतुष्टि तब ही तो मिलेगी..
जब जातियों के नाम पर राज्य
मिल जाए..
और उन राज्यों को जेहादी तुमसे
हथिया लें तुम्हें संतुष्टि तब ही तो
मिलेगी..
तुम्हारी अयोध्या,तुम्हारी मथुरा
नगरी,तुम्हारी काशी तुमसे सदा
सदा के लिए छिन जाए..
तुम्हें संतुष्टि तभी तो मिलेगी..
अयोध्या के व्यापारी और शहर वासी,
जो वोटिंग के दिन भी,
पैसा जोड़ने में व्यस्त थे..
उनके यहां जब कोई न जाए 😘
तभी उन्हें संतुष्टि मिलेगी..
सड़कें जो बन रहीं हैं
वो बीच में ही रुक जाएं
तभी संतुष्टि मिलेगी
एयरपोर्ट जो बनें हैं
सूनसान हो जाएं
तभी संतुष्टि मिलेगी ना?
रेलवे स्टेशन पर गंदगी ही चाहिए,
मल मूत्र की बदबू के बिना
तुम कहां वहां रह पाओगे,
साफ़ पाओगे तो विमल केसरी
गुटखा थूक आओगे..
भगवा को फिर से
लाल कर जाओगे..
तभी संतुष्टि मिलेगी..
तुमको मंदिर नहीं चाहिए,
तुमको स्वाभिमान नहीं चाहिए,
तुमको दंगे चाहिए,
तुमको चाहिए डर डर कर
जीना और पलायन करना,
तुमको उनसे भाई चारा
चाहिए और भाई का चारा
बनने का मौका चाहिए,
तभी तुम्हें संतुष्टि मिलेगी..
तुम दोषारोपण कितना भी दो
तुमको ये सब वापस से चाहिए..
ये ही तुम्हारा सत्य है !!
कांग्रेस तुम्हारी जननी है
कांग्रेस ही तुमको कब्र में भेजे..
चिता कहां मिलेगी तुम्हें,
क्योंकि तब तक तो तुम
खतना करवा चुके होगे,
तुम्हें संतुष्टि तब ही प्राप्त होगी..
तथास्तु🙌🏻
मिल जाए तुम्हें संतुष्टि..
ये ही प्रार्थना है मेरी आज🙏🏻
मेरे प्रभु से,जिन्हें तुमने पुनः ठगा है..
ये धरती अब कलि की है
यहां अब राम नहीं
कल्कि ही आयेंगे..
तुम सबको संतुष्टि दे जाएंगे..
यही तुम्हारी नियति है ..
यही तुम्हारी नियति..!
जन्मदिन की हार्दिक मंगलकामनाएं
MYogiAdityanath जी
आपको इस जन्मदिन पर उत्तरप्रदेश
की जनता की ओर से विश्वासघात
मिला है तोहफे में..
उपहार में हार मिली है,
कुबूल कीजिए...
यूपी त्याग दीजिए,
ये प्रदेश आपको
डिजर्व नहीं करता...
✒️ तत्वज्ञ देवस्य 🎉
ज्येष्ठ कृष्णा चतुर्दशी
योगी आदित्यनाथ जन्म दिवस
🌝 बुधवार,५ जून २०२४ 🎉
विक्रम संवत् २०८१ 🎉
@highlight
अब इस कोंग्रेसी गद्दारों ने एक और केजरीवाल पैदा किया नाम है सोनम वांगचुक ।
कांग्रेस ने पिछले 75 वर्ष में एक ऐसा ट्रेंड बना दिया कि हिन्दू विरोधी या देशद्रोह की बात करो और राजनीति में जगह बनाओ, इसलिए कांग्रेस मुक्त भारत जरुरी है
अब इस कोंग्रेसी गद्दारों ने एक और केजरीवाल पैदा किया नाम है सोनम वांगचुक ।
** सोनम वांग्चुक: पर्दे के पीछे कौन?
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हमारे देश में जब कोई अच्छा कार्य करता है , तो सरकार ही नहीं जनता भी उसे सम्मान देती है। उसके अच्छे कामों का विवरण समाचार पत्र और टीवी द्वारा भी दिया जाता है , तो जनता उसके समर्थन में एकजुट हो जाती है। जैसे सोनू सूद, केजरीवाल , अन्ना हज़ारे, गांधी, नेहरू, शिर्डी के साई बाबा, मदर टेरेसा, और कई अन्य हैं। बाद में पता चलता है की अरे ये तो कोंग्रेसी दलाल थे।
ऐसे ही सोनम वांग्चुक भी हैं। इन पर एनडीटीवी की विशेष कृपा बरसी। न केवल इनके काम दिखाए गए, अपितु भरपूर प्रसंशा भी हुई। और यही बात जनमानस को प्रभावित करती है। एक फिल्म आई थी थ्री ईडियट जो आमिर खान की थी और बाद में बताया गया कि यह सोनम वांग्चुक से प्रेरित होकर ही बनाई गई है।
सोचो काँग्रेस ने कई साल पहले ही बीज़ बो दिया था ।
इससे इनकी लोकप्रियता को उड़ान मिल गई , और जब विदेशी हमारे किसी देश वासी को पुरस्कार देते हैं, तो लॉर्ड मैकाले की मानसिक गुलामी से प्रभावित , हम लोग प्रसन्नता से बल्लियों उछल जाते हैं।
ऐसे लोगों पर विदेशी संस्थाओं की नजर रहती है, और वह दाना डालते हैं। सोनम वांग्चुक को राज्य सरकारों ने, अनेक भारतीय संस्थाओं ने भी पुरस्कार दिए, फिर फ्रांस, अमेरिका ने भी दिए और 2018 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार भी मिला।
आजकल , सोनम फिर से चर्चा में हैं । उन्होंने अनेक दिन तक का सैकड़ों लोगों के साथ इस भयानक ठंड में उपवास किया।
क्या हैं उनकी मांगें?
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2019 में लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, और लद्दाख वासी पहले से ही अपने को कश्मीर से अलग करने की मांग करते रहे हैं। वह तो पूरी हो गई ।
अब सोनम वांग्चुक एक नई मांग लेकर आते हैं कि,
इसे 6ठी अनुसूची के अंतर्गत लाया जाय। इसमें स्थानीय संस्कृति, भाषा, व्ययसाय को देश की दूसरी संस्कृतियों से अप्रभावित रखने के लिये प्रावधान है।
क्या यह मांग गैर संवैधानिक है? तो उत्तर है -- नहीं ।
अनुचित है ? तो उत्तर है नहीं।
स्थानीय लोगों को नौकरी में आरक्षण
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अब यह केंद्र शासित प्रदेश बन गया है । यह तो पहले कहना था, जब कश्मीर राज्य में आता था। अब तो अलग होने से कर्मचारी तो स्थानीय ही भर्ती होगा। अधिकारी के लिए कहीं भी किसी भी राज्य में इस प्रकार का घोषित आरक्षण, मेरी जानकारी में नहीं है।
पर्यावरण की रक्षा ?
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क्योंकि उद्योग से पर्यावरण दूषित होता है, इस पर सरकार पहले ही कह चुकी है कि, पर्यावरण को कम से कम हानि हो यह ध्यान रखा जाएगा।
तो समस्या कहाँ है?
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जब देश में आम चुनाव होने की घोषणा होने ही वाली होती है, तभी यह (वांगचुक) अनशन पर बैठता है। यह दो लोकसभा सीट हो कहता है, जबकि 2026 में परिसीमन होना ही है। और अंतिम समय पर नहीं हो सकता। बस विवाद खड़ा करना है।
पूर्ण राज्य का दर्जा
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इस पर मुझे संदेह है। क्योंकि यह अति संवेदनशील क्षेत्र है। चीन और पाकिस्तान दोनों से सीमा मिलती है , तथा जनसंख्या मात्र 3 लाख।
चलो , दो लोकसभा सीट दे भी दी , तो यह फिर 3 के लिए आंदोलन करेगा।
लेकिन इससे भी बड़ी कहानी तो अलग ही है।
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जरा दो घटनाक्रमों पर ध्यान दीजिए ।
इसे भी सीएनएन, एनडीटीवी आदि सारा मीडिया प्रमोट करता है , और केजरीवाल को भी। दोनों प्रारम्भ में अपने अच्छे उद्देश्य बताते हैं , और मीडिया उछालता है। इन्हें जननायक बनाता है ! इसमें 15 वर्ष के लगभग लगते हैं दोनों के । फिर दोनों को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार मिलता है। केजरी को 2006 में और 2011-12 में पूरा अवतरित होता है।
इसे भी 2018 में यही पुरस्कार मिलता है , और यह भी 5 वर्ष बाद अवतरित हुआ है।
लालू , जयललिता से लेकर हेमंत सोरेन तक की गिरफ्तारी पर , कोई विदेशी हस्तक्षेप नहीं। लेकिन मेयर जैसे मु. मंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी, अमेरिका और सन्युक्त राष्ट्र संघ क्यों बौखला गए? इसी प्रकार सोनम को भी विदेशी मीडिया खूब उछाल रहा है।
अब इससे भयानक बात
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चीन के विश्व में आर्थिक व्यापार की जड़ उसका माइकों चिप और सेमी कंडकटर का व्यापार है। चिप बनाने के लिए रेत और शुद्ध जल की आवश्यकता होती है , जो कि हिमालय के ग्लेशियर की नदियों से ही मिल सकती है। क्योंकि , मैदानी नदियाँ प्रदूषित हो गई हैं , और इसीलिए चीन ने 1963 में पाकिस्तान द्वारा कब्जाए गए उत्तरी लद्दाख में भूमि , पाकिस्तान से ले ली थी जिसमें 252 हिम ग्लेशियर हैं। वहाँ से शुद्ध पानी लेता है ,और उसकी चिप वहीं बनती हैं।
भारत ने इसे समझ लिया है, और लद्दाख में चिप बनाने की फैक्टरी लगाना चाहती है , और वह भी चीन के धुर विरोधी ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया के सहयोग से।
इसी का विरोध यह गद्दार,देशद्रोही सोनम वांग्चुक कर रहा है । बाकी अम्बानी अडानी की रट तो दिखाने के लिए लगा रहा है।
#गद्दार
#देशद्रोही
#सोनम_वांगचुक
पाकिस्तानी मूल की एक लड़की आफिया सिद्दीकी पढ़ने में बहुत ब्रिलियंट थी
पाकिस्तानी मूल की एक लड़की आफिया सिद्दीकी पढ़ने में बहुत ब्रिलियंट थी
आगा खान ट्रस्ट के स्कॉलरशिप पर उसने यूरोप के प्रतिष्ठित विद्यालय से न्यूक्लियर साइंटिस्ट में मास्टर्स डिग्री लिया और फिर आगा खां ट्रस्ट के स्कॉलरशिप पर उसने अमेरिका में ही न्यूरो न्यूक्लियर साइंटिस्ट में पीएचडी किया
वह आतंकवादियों को परमाणु बम बनाने की ट्रेनिंग देने के फिराक में थी और उसने अपने घर पर इतना युरेनियम जमा कर लिया था जिससे एक छोटा मोटा परमाणु बम बनाया जा सके
इतना ही नहीं वह 9/11 के प्रमुख आतंकी खालिद शेख मोहम्मद के संपर्क में भी थी और उसने तीन आतंकवादियों को अपने घर पर पनाह भी दिया था वह इतनी ज्यादा कट्टरपंथी हो गई थी कि अपने वैज्ञानिक पति को तलाक देकर उसने आतंकी खालिद शेख मोहम्मद के आतंकी भतीजे से दूसरा निकाह कर लिया जबकि वह 5 बच्चों की मां थी
और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से डिग्री ली.
11 सितंबर 2001 के हमले के कुछ समय बाद आफिया अमेरिका के कानून प्रवर्तन की नजर में आईं. अमेरिका की एफबीआई और न्याय विभाग ने मई 2004 के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आफिया को अलकायदा का संचालक और सूत्रधार बताया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने वाले महीनों में अल-कायदा द्वारा हमले की योजना की खुफिया जानकारी की चेतावनी भी दी गई.
आफिया सिद्दीकी अभी अमेरिका की एक जेल में बंद है वह पिछले कई सालों से जेल में है और अमेरिकी कानून ने उसे जब तक वह जिंदा रहेगी तब तक जेल में रखने का सजा सुनाया है
एक बार अमेरिका के टेक्सास शहर में एक हमलावर ने चार लोगों को बंधक बना लिया और पाकिस्तानी वैज्ञानिक डॉ. आफिया सिद्दीकी की रिहाई की मांग करने लगा. हालांकि, पुलिस ने हमलावर को ढेर कर दिया और सभी लोगों को बचा लिया गया
यहां तक कि उसके कारनामे सुनकर अमेरिका की उस जेल में बंद दूसरी महिला कैदी जो अमेरिकी थी उन्होंने उसकी जमकर कंबल पिटाई भी कर दिया था जेल में उसके ऊपर तीन बार हमले हुए इसीलिए उसे जेल के एक विशेष सेल में रखा गया है
मैंने पहले भी कहा है अभी भी कह रहा हूं जो शांतिदूत जितना ज्यादा पढ़ा लेता है वह उतना ही बड़ा आतंकवादी बनता है यह अगर टेंपो चलाएंगे पंचर लगाएंगे तो कम से कम आतंकवादी तो नहीं बनेंगे
ओहदे की कीमत
ओहदे की कीमत
चौबे जी का लड़का है अशोक, एमएससी पास।
नौकरी के लिए चौबे जी निश्चिन्त थे, कहीं न कहीं तो जुगाड़ लग ही जायेगी।
ब्याह कर देना चाहिए।
मिश्रा जी की लड़की है ममता, वह भी एमए पहले दर्जे में पास है, मिश्रा जी भी उसकी शादी जल्दी कर देना चाहते हैं।
सयानों से पोस्ट ग्रेजुएट लड़के का भाव पता किया गया।
पता चला वैसे तो रेट पांच से छः लाख का चल रहा है, पर बेकार बैठे पोस्ट ग्रेजुएटों का रेट तीन से चार लाख का है।
सयानों ने सौदा साढ़े तीन में तय करा दिया।
बात तय हुए अभी एक माह भी नही हुआ था, कि पब्लिक सर्विस कमीशन से पत्र आया कि अशोक का डिप्टी कलक्टर के पद पर चयन हो गया है।
चौबे- साले, नीच, कमीने... हरामजादे हैं कमीशन वाले...!
पत्नि- लड़के की इतनी अच्छी नौकरी लगी है नाराज क्यों होते हैं?
चौबे- अरे सरकार निकम्मी है, मैं तो कहता हूँ इस देश में क्रांति होकर रहेगी... यही पत्र कुछ दिन पहले नहीं भेज सकते थे, डिप्टी कलेक्टर का 40-50 लाख यूँ ही मिल जाता।
पत्नि- तुम्हारी भी अक्ल मारी गई थी, मैं न कहती थी महीने भर रुक जाओ, लेकिन तुम न माने... हुल-हुला कर सम्बन्ध तय कर दिया... मैं तो कहती हूँ मिश्रा जी को पत्र लिखिये वो समझदार आदमी हैं।
प्रिय मिश्रा जी,
अत्रं कुशलं तत्रास्तु !
आपको प्रसन्नता होगी कि अशोक का चयन डिप्टी कलेक्टर के लिए हो गया है। विवाह के मंगल अवसर पर यह मंगल हुआ। इसमें आपकी सुयोग्य पुत्री के भाग्य का भी योगदान है।
आप स्वयं समझदार हैं, नीति व मर्यादा जानते हैं। धर्म पर ही यह पृथ्वी टिकी हुई है। मनुष्य का क्या है, जीता मरता रहता है। पैसा हाथ का मैल है, मनुष्य की प्रतिष्ठा बड़ी चीज है। मनुष्य को कर्तव्य निभाना चाहिए, धर्म नहीं छोड़ना चाहिए। और फिर हमें तो कुछ चाहिए नहीं, आप जितना भी देंगे अपनी लड़की को ही देंगे।वर्तमान ओहदे के हिसाब से देख लीजियेगा फिर वरना हमें कोई मैचिंग रिश्ता देखना होगा।
मिश्रा परिवार ने पत्र पढ़ा, विचार किया और फिर लिखा-
प्रिय चौबे जी,
आपका पत्र मिला, मैं स्वयं आपको लिखने वाला था। अशोक की सफलता पर हम सब बेहद खुश हैं। आयुष्मान अब डिप्टी कलेक्टर हो गया हैं। अशोक चरित्रवान, मेहनती और सुयोग्य लड़का है। वह अवश्य तरक्की करेगा।
आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि ममता का चयन आईएएस के लिए हो गया है। कलेक्टर बन कर आयुष्मति की यह इच्छा है कि अपने अधीनस्थ कर्मचारी से वह विवाह नहीं करेगी।
मुझे यह सम्बन्ध तोड़कर अपार हर्ष हो रहा है।
आज के आधुनिक समय में भी दहेज़ प्रथा नाम की बुराई हर जगह फैली हुई है। पिछड़े भारतीय समाज में दहेज़ प्रथा अभी भी विकराल रूप में है।
इसलिए सभी:- "बेटी पढाओ,दहेज मिटाओ"
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