कांग्रेस ने पिछले 75 वर्ष में एक ऐसा ट्रेंड बना दिया कि हिन्दू विरोधी या देशद्रोह की बात करो और राजनीति में जगह बनाओ, इसलिए कांग्रेस मुक्त भारत जरुरी है
अब इस कोंग्रेसी गद्दारों ने एक और केजरीवाल पैदा किया नाम है सोनम वांगचुक ।
** सोनम वांग्चुक: पर्दे के पीछे कौन?
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हमारे देश में जब कोई अच्छा कार्य करता है , तो सरकार ही नहीं जनता भी उसे सम्मान देती है। उसके अच्छे कामों का विवरण समाचार पत्र और टीवी द्वारा भी दिया जाता है , तो जनता उसके समर्थन में एकजुट हो जाती है। जैसे सोनू सूद, केजरीवाल , अन्ना हज़ारे, गांधी, नेहरू, शिर्डी के साई बाबा, मदर टेरेसा, और कई अन्य हैं। बाद में पता चलता है की अरे ये तो कोंग्रेसी दलाल थे।
ऐसे ही सोनम वांग्चुक भी हैं। इन पर एनडीटीवी की विशेष कृपा बरसी। न केवल इनके काम दिखाए गए, अपितु भरपूर प्रसंशा भी हुई। और यही बात जनमानस को प्रभावित करती है। एक फिल्म आई थी थ्री ईडियट जो आमिर खान की थी और बाद में बताया गया कि यह सोनम वांग्चुक से प्रेरित होकर ही बनाई गई है।
सोचो काँग्रेस ने कई साल पहले ही बीज़ बो दिया था ।
इससे इनकी लोकप्रियता को उड़ान मिल गई , और जब विदेशी हमारे किसी देश वासी को पुरस्कार देते हैं, तो लॉर्ड मैकाले की मानसिक गुलामी से प्रभावित , हम लोग प्रसन्नता से बल्लियों उछल जाते हैं।
ऐसे लोगों पर विदेशी संस्थाओं की नजर रहती है, और वह दाना डालते हैं। सोनम वांग्चुक को राज्य सरकारों ने, अनेक भारतीय संस्थाओं ने भी पुरस्कार दिए, फिर फ्रांस, अमेरिका ने भी दिए और 2018 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार भी मिला।
आजकल , सोनम फिर से चर्चा में हैं । उन्होंने अनेक दिन तक का सैकड़ों लोगों के साथ इस भयानक ठंड में उपवास किया।
क्या हैं उनकी मांगें?
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2019 में लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, और लद्दाख वासी पहले से ही अपने को कश्मीर से अलग करने की मांग करते रहे हैं। वह तो पूरी हो गई ।
अब सोनम वांग्चुक एक नई मांग लेकर आते हैं कि,
इसे 6ठी अनुसूची के अंतर्गत लाया जाय। इसमें स्थानीय संस्कृति, भाषा, व्ययसाय को देश की दूसरी संस्कृतियों से अप्रभावित रखने के लिये प्रावधान है।
क्या यह मांग गैर संवैधानिक है? तो उत्तर है -- नहीं ।
अनुचित है ? तो उत्तर है नहीं।
स्थानीय लोगों को नौकरी में आरक्षण
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अब यह केंद्र शासित प्रदेश बन गया है । यह तो पहले कहना था, जब कश्मीर राज्य में आता था। अब तो अलग होने से कर्मचारी तो स्थानीय ही भर्ती होगा। अधिकारी के लिए कहीं भी किसी भी राज्य में इस प्रकार का घोषित आरक्षण, मेरी जानकारी में नहीं है।
पर्यावरण की रक्षा ?
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क्योंकि उद्योग से पर्यावरण दूषित होता है, इस पर सरकार पहले ही कह चुकी है कि, पर्यावरण को कम से कम हानि हो यह ध्यान रखा जाएगा।
तो समस्या कहाँ है?
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जब देश में आम चुनाव होने की घोषणा होने ही वाली होती है, तभी यह (वांगचुक) अनशन पर बैठता है। यह दो लोकसभा सीट हो कहता है, जबकि 2026 में परिसीमन होना ही है। और अंतिम समय पर नहीं हो सकता। बस विवाद खड़ा करना है।
पूर्ण राज्य का दर्जा
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इस पर मुझे संदेह है। क्योंकि यह अति संवेदनशील क्षेत्र है। चीन और पाकिस्तान दोनों से सीमा मिलती है , तथा जनसंख्या मात्र 3 लाख।
चलो , दो लोकसभा सीट दे भी दी , तो यह फिर 3 के लिए आंदोलन करेगा।
लेकिन इससे भी बड़ी कहानी तो अलग ही है।
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जरा दो घटनाक्रमों पर ध्यान दीजिए ।
इसे भी सीएनएन, एनडीटीवी आदि सारा मीडिया प्रमोट करता है , और केजरीवाल को भी। दोनों प्रारम्भ में अपने अच्छे उद्देश्य बताते हैं , और मीडिया उछालता है। इन्हें जननायक बनाता है ! इसमें 15 वर्ष के लगभग लगते हैं दोनों के । फिर दोनों को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार मिलता है। केजरी को 2006 में और 2011-12 में पूरा अवतरित होता है।
इसे भी 2018 में यही पुरस्कार मिलता है , और यह भी 5 वर्ष बाद अवतरित हुआ है।
लालू , जयललिता से लेकर हेमंत सोरेन तक की गिरफ्तारी पर , कोई विदेशी हस्तक्षेप नहीं। लेकिन मेयर जैसे मु. मंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी, अमेरिका और सन्युक्त राष्ट्र संघ क्यों बौखला गए? इसी प्रकार सोनम को भी विदेशी मीडिया खूब उछाल रहा है।
अब इससे भयानक बात
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चीन के विश्व में आर्थिक व्यापार की जड़ उसका माइकों चिप और सेमी कंडकटर का व्यापार है। चिप बनाने के लिए रेत और शुद्ध जल की आवश्यकता होती है , जो कि हिमालय के ग्लेशियर की नदियों से ही मिल सकती है। क्योंकि , मैदानी नदियाँ प्रदूषित हो गई हैं , और इसीलिए चीन ने 1963 में पाकिस्तान द्वारा कब्जाए गए उत्तरी लद्दाख में भूमि , पाकिस्तान से ले ली थी जिसमें 252 हिम ग्लेशियर हैं। वहाँ से शुद्ध पानी लेता है ,और उसकी चिप वहीं बनती हैं।
भारत ने इसे समझ लिया है, और लद्दाख में चिप बनाने की फैक्टरी लगाना चाहती है , और वह भी चीन के धुर विरोधी ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया के सहयोग से।
इसी का विरोध यह गद्दार,देशद्रोही सोनम वांग्चुक कर रहा है । बाकी अम्बानी अडानी की रट तो दिखाने के लिए लगा रहा है।
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