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बुधवार, 9 फ़रवरी 2022

बाबाआम्टे पुण्य तिथी 9 फरवरी - आनन्द जोशी, जोधपुर

*बाबाआम्टे पुण्य तिथी 9 फरवरी*

*महाराष्ट्र के निकट #ब्राह्मण जागीरदार परिवार में आपका जन्म हुआ । बचपन में सोने के पालने में सोने वाले बाबा आम्टे को चांदी के चम्मच से खाना खिलाया जाता था । बडा होकर यही बालक समाज सुधारक एवं देश भक्त हुवा...* 

*1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वकील आम्टे जेल गए । नेताओं के मुकदमें लड़ने के लिए आपने अपने साथी वकीलों को संगठित किया । उस दरमियान आप मे जबरदस्त बदलाव देखने को मिला । एक दिन राह चलते आपने सड़क किनारे कीड़ों से भरे #कुष्ठ रोगीयो को पहली बार देखा, उन्हें देखकर इनके जीवन जीने की धारा ही बदल गई । आपने अपना वकालती चोगा और सुख-सुविधा जीवन शैली त्यागकर कुष्ठरोगियों और दलितों के बीच उनके कल्याण के लिए काम करना प्रारंभ कर दिया । उस समय भारतवर्ष में कुष्ठ रोगियो के लिए जो सेवा आपने की , ऐसी सेवा शायद ही किसी दुसरे ने की होगी।*

*कुष्ठ रोगियों के लिए बाबा आम्टे ने सर्वप्रथम ग्यारह साप्ताहिक औषधालय स्थापित किए, फिर 'आनंदवन' नामक संस्था की स्थापना की । कुष्ठ रोगियों की चिकित्सा का प्रशिक्षण आपने लिया । बाबा आम्टे के प्रयत्न से महाराष्ट्र में दो अस्पताल बने, एक #अनाथालय खोला गया , #नेत्रहीनों के लिए एक स्कूल बनाई गई और तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में भी आपके प्रयासो से नई व्यवस्था हुई ।*

*आज ही के दिन यानि 9 फरवरी 2008 को 94 साल की आयु में #चन्द्रपुर ज़िले के #वड़ोरा में आपका निधन हो । भारत की धरा पर अनेक सेवार्थीयो ने जन्म लिया, ओर दीन, दुःखियों की सेवा व देखभाल की , जिसमे एक नाम #महात्मा गांधी का भी सेवार्थीयो की अग्रणी पंक्ति में लिया जाता है ।*

*भारत राष्ट्र के इस महान सेवार्थी की पुण्य तिथि पर नमन ।*

*✒️आनन्द जोशी, जोधपुर*

*पप्रोज डे (व्यंग्य) - आनन्द जोशी, जोधपुर

*पप्रोज डे  (व्यंग्य)*

कल(07-02-22) की लेखनी से आगे ...... 

.... *बिना गुलाब की माला लिये घर पहुचा तो गुलाब की माला ना पाकर श्रीमतीजी थोड़ी रूष्ठ  हुई,  फिर बोली जब हमारी   शादी हुई, उस समय तो  तुम नभ से  चांद तारे  तोड़ लाने की बाते किया करते थे,  आज कहा गया वो आनन्द जो मेरे  लिये एक  गुलाब की माला तक ना ला पाया .. रूष्ट हुई  श्रीमतीजी को मनाने के जतन मैने  खूब किए लेकिन पारा उनका सातवे आसमान  पर था....वैसे भी  नाराज भी उन्ही से हुवा जाता है  जिनसे हमारा आपसी अधिक प्रेम हो, ओर  जब   पति-पत्नी की उम्र  55-60  के करीब हो जाती है  तो पति-पत्नी में  नोक-जोक आम बात होती है ....*

 *उनको मनाने में दिन  बीता , सांझ ढलने लगी  , रात्री के चार  प्रहर बीत गए ,  नवीन  प्रभात  हुई ....प्रातः पूजा के पश्चात  अखबार पढ़ रहा था, तो ध्यान रीट की परीक्षा निरस्त होने वाली खबर पर गया, तो  मन मेरा  रोया ...सोचा कि आज का  पढ़ने वाला  युवा   फिर से  ठगा गया......*

  *अखबार का दूसरा पन्ना ही  पलटा  था कि  युवा   पोता,  मेरे पास  प्रेम से  पास आकर बैठा, मैं  बोला बेटे क्या काम आन पड़ा... कि वृद्ध  दादा की आज याद आई.... मुस्कराते हुवे पोता बोला,  दादू  2 हजार रुपये चाहिए..... मैने पोते से कहा ,  पिछले सप्ताह ही तो स्कूल की फीस तेरी जमा करवाई  थी, अब कहा जरूरत आन पडी,  पोता बोला दादू आज "प्रपोज डे" है.....इसलिये ..  बूढ़ी आँखे कुछ समझ पाती ......उससे पहले ही वो बोला,  आप नही समझोगें ..…. मैं मन ही मन   बुदबुदाया कि  मैं नही समझता या आज का युवा बहुत ज्यादा समझता है ..  वैसे भी सामान्यत आज के युवाओं की अवांछनीय बुरी आदतो  का शुभारम्भ उनके घरो से ही होता है..... ओर मैने   ना चाहते हुवे भी,  मूल से ज्यादा ब्याज (दादा पोते का सम्बन्ध) के भाव को समझकर  अपनी तिजोरी से  2000 रूपयें निकाल   उसे  दे दिया ।* 

*युवा पोता फर्राटेदार बाईक लेकर ऐसा भागा मानो  पुष्पक विमान को   #रावण  चला कर....  #सीता का  हरण  करने  जा रहा हो .....पोते के बाहर निकलते ही मैने "प्रपोज डे" का अर्थ जानने का प्रयास करने लगा.... अंग्रेजी ज्यादा नही आने के कारण  #प्रपोज  शब्द  का  हिन्दी में संधि विच्छेद किया तो. अर्थ निकला  पर+पोज* .

 *मुझे  "पर" का अर्थ  ज्ञात था,  पिछले वर्ष  ही  मुरारी बापु की  रामकथा   में  सुना कि   लंकापति अहंकारी  रावण ने "पर" स्त्री का हरण किया ..... तो  मर्यादा पुरूषोतम श्रीराम के हाथो    मारा गया ..... अब मुझे अपने पोते की  चिन्ता  सताने लगी .... मैं सोचने लगा कि  यह "पर" शब्द तो    अच्छा नही ...... मेरा पोता न जाने किस "पर" का "पोज" लेने  2000  रू. का नोट लेकर घर से निकला है ... पूरा दिन ढल गया....  चिंता मेरी  बढ़ने लगी .....  इस प्रप्रोज (पर+पोज) डे  की सुबह से शाम  हो गई ..... पर पोते का  “प्रपोज डे”  खत्म ना )हुआ ..... मैं व्यथित भाव से मन ही मन  रामरक्षा स्त्रोत्र पढने लगा ओर प्रभु श्रीराम  से प्रार्थना  करने लगा कि.... हे  मेरे  राम  ......मेरे पोते की  रक्षा करना  वो  "पर"  "पोज" डे मनाने गया*  

  ...(शेष कल, अगर सोचने का समय मिला , तो लिखने का प्रयास करूंगा)

*✒️आनन्द जोशी, जोधपुर*

मंगलवार, 8 फ़रवरी 2022

कल्पना जोशी (कल्पनादत्त) पुण्य तिथी 08 फरवरी - आनंद जोशी, जोधपुर

 कल्पनाजोशी (कल्पनादत्त) पुण्यतिथी 08 फरवरी



प्रसिद्ध क्रान्तिकारियों में कल्पना दत्त  वो नाम था जो अपने बचपन  से ही  क्रांतिकारियों की जीवनियाँ पढ़कर  प्रभावित हुईं और  माँ भारती के लिए  कुछ करने को आतुर हो उठती थी ।  श्रीपुर गांव (वर्तमान में बांग्लादेश) के  एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्म लेनी वाली  बालिका की  प्रारम्भिक शिक्षा गांव  में ही हुई । क्रान्तिकारी #सूर्यसेन के दल से आपका  संपर्क  हुवा  एवं कई बार   वेश बदलकर क्रांतिकारियों  को बालिका कल्पना  गोला-बारूद  पहुँचाया करती थीं । इसके साथ ही साथ  नन्ही वीरागंना ने  निशाना लगाने का भी अभ्यास किया । मई, 1933   में  पुलिस और क्रान्तिकारियों के बीच सशस्त्र मुकाबला होने के पश्चात  कल्पना दत्त को भी गिरफ्तार कर  लिया गया । मुकदमा चला और फ़रवरी, 1934 ई. में #सूर्यसेन तथा #तारकेश्वर दस्तीकार को फांसी हुई तथा  21 वर्ष की कल्पना दत्त को आजीवन कारावास की सज़ा  दी गई  । 1937 ई. में जब पहली बार प्रदेशों में भारतीय मंत्रिमंडल बने तब गांधी जी, रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि के विशेष प्रयत्नों से कल्पना  को जेल से बाहर आने का मौका मिला  ।


आज 08 फरवरी को आपकी पुण्य तिथी है,  श्रद्धा से उन्हें सुमन💐 अर्पित करता हु, जिन्होंने देश के लिये नेक काम किया है  ।


।। जय हिंद, जय भारत, वन्देमातरम  ।।

*✒️आनन्द जोशी, जोधपुर*

शचीन्द्रनाथ सान्याल क्रांतिकारी पुण्यतिथी 07 फरवरी - आनन्द जोशी, जोधपुर

 शचीन्द्रनाथसान्याल क्रांतिकारी  पुण्यतिथी 07 फरवरी



इतिहास साक्षी है कि भारत को #गुलामी की बेडियां से  आज़ाद कराने में  जबरदस्त  संघर्ष हुवा , जिसमे सम्मिलित होने वाली  उन सभी हुतात्माओ को   हमारा सादर नमन  .... इन महान व्यक्तित्व में  से एक  क्रांतिकारी  थे, #शाचीन्द्र नाथ सान्याल ।

सान्याल जी, ने राष्ट्रीय एवं क्रांतिकारी आंदोलनों में सक्रिय रूप से  भाग लिया ओर  नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व भी किया  । आप 'गदर पार्टी' और 'अनुशीलन संगठन' के दूसरे स्वतंत्रता संघर्ष के प्रयासों के कार्यकर्ता और संगठनकर्ता  भी रहे ।  वर्ष 1923 में "#हिन्दुस्तानरिपब्लिकन एसोसिएशन" से   #भगत सिंह एवं अन्य साथियों को "हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातांत्रिक संघ" के रूप में विकसित किया । आपने जीवन में दो बार '#कालापानी' की सज़ा भुगती  । आपने 'हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन' के गठन के साथ ही देश बन्धुओं के नाम से एक अपील जारी भी की  थी, जिसमें आपने भारत को पूर्ण स्वतंत्रता के लक्ष्य के साथ और सम्पूर्ण एशिया के महासंघ बनाने की परिकल्पना  प्रस्तुत की  ।

दोस्तो, आज ही के दिन यानि  07 फरवरी को #शतीन्द्रजी ने अंतिम श्वास लिया ।  देश के लिए कठोर कारावास में रहते हुए आपको  क्षय रोग हो गया, अपने  ही  घर में आपको  नजरबंद  रखा गया,  जहा आपका  निधन  हो गया ।

  संभव है  कि आज 07 फरवरी को  कुछ भारतीय युवा पाश्चात्यकरण की  अंधी दौड़ में इस  सभ्यता  का हिस्सा बनेंगे... बहुत से  #गुलाब के पुष्प  उनकी फेस बुक  व्हाट्सप, इंस्टाग्राम की वॉल से लेकर  हाथो में भी नजर आयेंगे ओर कुछ  अपनी प्रियतमा के साथ भी नजर आएंगे ..... कोरोना के कारण अभी भी स्कूल कॉलेज नियमित नही  है ....लेकिन फिर भी वो   पाश्चात्करण की  मैराथन दौड़ दौड़ेंगे...  नतीजा.....  संस्कृति पर हमला .....ओर धीरे धीरे  बालाजी के मंदिर में जाकर मत्था  टेकने वाले हमारे ही लोग .. कही  ओर जाकर मोमबती जलायेगे.......

   साथियों  , अगर आपको सही लगे तो आज मेरे कहने से  एक गुलाब भारत  देश के  वीर क्रातिकारी #शचीन्द्रनाथसान्याल को अर्पण कर दीजियेगा,  जिन्होंने हमे स्वतन्त्र भारत में खुली हवा में श्वास लेने हेतु अपने प्राणो तक  की आहुति दे दी थी  ।  

वीर नायक #शचीन्द्र नाथ सान्याल की पुण्य तिथी पर नमन ।

जय हिंद, जय भारत वन्देमातरम
*✒️आनन्द जोशी, जोधपुर*

हैप्पी #रोजडे (व्यंग्य) - आनंद जोशी, जोधपुर

 हैप्पी #रोजडे (व्यंग्य)


श्रीमतीजी  से  आदेश मिला.. मंदिर में पूजा के लिये  पुष्प लाना  है ..
मै सूर्य-उदय से पूर्व  ही फुल-माला की दुकान पहुचा  , माली को  10/- का सिक्का  देते हुवे  ,बोला "एक गुलाब की माला   देना",  माली ने 10 का सिक्का वापस पकड़ाते बोला , अंकल, "आज गुलाब की माला ,  रोज के हिसाब से नही मिलेगी, आज कीमत में इजाफा है"  मैने   पुछा, क्यों भाई,  वित्त मंत्री ने  इस #बजट में गुलाब पर  भी कोई भारी #टैक्स लगा दिया  ?  या सारे गुलाब  स्वर कोकिला लताजी  जी को अर्पण कर दिए है  .. माली बोला ,  नही, ऐसा कुछ नही है,  आज “रोजडे” है , इस कारण  10 रूपयें में गुलाब की माला नही, एक फूल  मिल जाएगा .…....मैं रोजड़े को समझने का प्रयास करने लगा ही था कि इतने में....


 एक  #युवा,   जिसका वजन मुश्किल से 40-45 किलोग्राम का रहा होगा , फर्राटेदार फटफट की आवाज करते हुवे  #रॉयल इनफील्ड पर आया,  मुह में भरी  #गुटके की पीक,  बीच सडक पर  थूका , गुलाब का गुच्छ  खरीदा , बदले में  100/- का नोट  पकड़ाया ओर सुल्तान की तरह  वापस नये गुटके के पाउच को  मुह में डाला, पन्नी को सड़क पर फैका ओर  फटफट करते हुवे आगे चला,   उसके जाने के बाद मेरी नजर  गुटके की पन्नी पर गई, जिस पर मोटे अक्षर से लिखा था, तम्बाकू खाने से होता है #कैंसर  ....इतने में दो स्कूटी मेरे पास आकर रुकी,  दोनो चालक के मुँह  मास्क व स्काफ से  बंदे हुवे थे, मैंने सोचा  सर्दी ज्यादा है , ओर कोरोना भी है....लेकिन  पिछवाडे का खुला बदन देख समझ आया  कि  वाहन चालक वर्तमान काल की  #देवी रूपा है ....दोनो देवियों ने गुलाब गुच्छ खरीदे ओर #शिक्षण संस्थान के विपरीत दिशा  में चलती बनी ....


गुलाबो की भारी मात्रा में खरीद फरोख्त  देखकर  वहां खड़े  युवाओ   से  मैंने पुछा  "बेटे  आज तुम सभी लोग  गुलाब किसके लिए लेकर खरीद रहे हों ? क्या आज भी  तुम्होरे  विघालय में बसन्त उत्सव मनाया जा रहा है  ?  या भारत राष्ट्र के  वीर महान  क्रांतिकारी #शर्चीद्र नाथ सान्याल , जिनकी आज 07 फरवरी  को पुण्य तिथि है उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने जा रहे हो ।


  लडको ने कहा, अंकल हम    “रोजडे” मना रहे  है जो 07 फरवरी को आता है और .... ओर  वो लडके  अपने अपने हाथों में रोज लेकर  मन्तव्य करते हुए अपने  गन्तव्य की ओर चल दिए ओर मैं 10 का सिक्का  पुनः अपनी जेब में डाल कर   बिना #गुलाब खरीदे ही  घर की ओर  चलने लगा ....


 

पैदल  ही अपने  घर की ओर   जा ही   रहा था कि  कि बीच  खेतो में से कुछ  #रोजडे(चौपाहिया जानवर)  मुझे  दिखाई दिये जिसके  शरीर पर, सिर पर, कान पर, पूछ पर, किसी भी  अंग पर   #गुलाब  नजर नही आया, मैं अब  यह  सोचने लगा कि युवा   तो  यह कह रहे था कि आज #रोजडे है ओर इस “रोजडे” के शरीर पर  तो एक भी #गुलाब का फुल नही तो फिर आज गुलाब के फुल इतने मंहगे क्यु ? ………ओर मैं इसी सोच के साथ आगे चलने लगा  ..........


शेष कल (अगर सोचने का समय मिला तो लिखने का प्रयास करूगा)😊
आनंद जोशी, जोधपुर

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