कल्पनाजोशी (कल्पनादत्त) पुण्यतिथी 08 फरवरी
प्रसिद्ध क्रान्तिकारियों में कल्पना दत्त वो नाम था जो अपने बचपन से ही क्रांतिकारियों की जीवनियाँ पढ़कर प्रभावित हुईं और माँ भारती के लिए कुछ करने को आतुर हो उठती थी । श्रीपुर गांव (वर्तमान में बांग्लादेश) के एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्म लेनी वाली बालिका की प्रारम्भिक शिक्षा गांव में ही हुई । क्रान्तिकारी #सूर्यसेन के दल से आपका संपर्क हुवा एवं कई बार वेश बदलकर क्रांतिकारियों को बालिका कल्पना गोला-बारूद पहुँचाया करती थीं । इसके साथ ही साथ नन्ही वीरागंना ने निशाना लगाने का भी अभ्यास किया । मई, 1933 में पुलिस और क्रान्तिकारियों के बीच सशस्त्र मुकाबला होने के पश्चात कल्पना दत्त को भी गिरफ्तार कर लिया गया । मुकदमा चला और फ़रवरी, 1934 ई. में #सूर्यसेन तथा #तारकेश्वर दस्तीकार को फांसी हुई तथा 21 वर्ष की कल्पना दत्त को आजीवन कारावास की सज़ा दी गई । 1937 ई. में जब पहली बार प्रदेशों में भारतीय मंत्रिमंडल बने तब गांधी जी, रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि के विशेष प्रयत्नों से कल्पना को जेल से बाहर आने का मौका मिला ।
आज 08 फरवरी को आपकी पुण्य तिथी है, श्रद्धा से उन्हें सुमन💐 अर्पित करता हु, जिन्होंने देश के लिये नेक काम किया है ।
।। जय हिंद, जय भारत, वन्देमातरम ।।
*✒️आनन्द जोशी, जोधपुर*
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