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रविवार, 14 अक्टूबर 2012

गिलोय- अमृत बेल

गिलोय- अमृत बेल  


 गिलोय  (Tinospora cordifolia) को अमृता भी कहा जाता है .
*यह एक झाडीदार लता है। इसकी बेल की मोटाई एक अंगुली के बराबर होती है इसी को सुखाकर चूर्ण के रूप में दवा के तौर पर प्रयोग करते हैं। बेल को हलके नाखूनों से छीलकर देखिये
नीचे आपको हरा,मांसल भाग दिखाई देगा । इसका काढा बनाकर पीजिये ।
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1-अगर आप वातज विकारों से ग्रसित हैं तो गिलोय का पाँच ग्राम चूर्ण घी के साथ लीजिये ।
2- पित्त की बिमारियों में गिलोय का चार ग्राग चूर्ण चीनी या गुड के साथ खालें तथा अगर आप कफ से संचालित किसी बीमारी से परेशान हो गए है तो इसे छः ग्राम कि मात्र में शहद के साथ खाएं ।
3-इसे सोंठ के साथ खाने से आमवात-जनित बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं ।
4-गिलोय तथा ब्राह्मी का मिश्रण सेवन करने से दिल की धड़कन को काबू में लाया जा सकता है।
5-इसकी डंडी का ही प्रयोग करते हैं ; पत्तों का नहीं . उसका लिसलिसा पदार्थ ही दवाई होता है
डंडी को ऐसे भी चूस सकते है . चाहे तो डंडी कूटकर, उसमें पानी मिलाकर छान लें . हर प्रकार से गिलोय लाभ पहुंचाएगी
6-इससे पेट की बीमारी , दस्त ,पेचिश, आंव , त्वचा की बीमारी , liver की बीमारी हिचकी की बीमारी आदि ढेरों बीमारियाँ ठीक होती हैं .
7-शरीर में गर्मी अधिक है तो इसे कूटकर रात को भिगो दें और सवेरे मसलकर शहद या मिश्री मिलाकर पी लें .
8-अगर platelets बहुत कम हो गए हैं , तो चिंता की बात नहीं , aloe vera और गिलोय मिलाकर सेवन करने से एकदम platelets बढ़ते हैं .
9-यह त्रिदोशघ्न है अर्थात किसी भी प्रकृति के लोग इसे ले सकते हैं .
10-सामान्य जुकाम: गिलोय का ५ इंच तना लेकर इसको अच्छी तरह से कुट कर एक कप पानी मे उबाले , जब अधा कप पानी रह जाए तो इसकी चाय बनाकर और इसमे ३ काली मिर्च का चुर्ण डालकर गरम गरम पी जाये। एकदम असर करेगा।
11- जीर्ण ज्वर : आधे गिलास पानी मे ६ इन्च गिलोय का तना कुट कर अच्छी तरह मिलाकर मिट्टी कि हाण्डी मे रात के लिये रख दे, सुबुह होने पर छान कर इसको पी जाए। ऎसा ६ दिनो. तक लगातार करे।
12- बच्चों के सामान्य जुकाम नजला, खांसी, बुखार पर: गिलोय के पत्तों का रस निकाल कर उसको शहद मे मिलाकर दो तीन बार चटा दे। एक दम असर करेगा
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गिलोय का लिसलिसा पदार्थ सूखा हुआ भी मिलता है . इसे गिलोय सत कहते हैं .
इसका आरिष्ट भी मिलता है जिसे अमृतारिष्ट कहते हैं . अगर ताज़ी गिलोय न मिले तो इन्हें भी ले सकतेl

भोजन करने से पहले और बाद में याद रखने योग्य आवश्यक नियम

भोजन करने से पहले और बाद में याद रखने योग्य आवश्यक नियम

जब हम भोजन करते हैं तो हमें भोजन से पूर्व और भोजन के बाद बहुत-सी बातों का ध्यान रखना चाहिए। इससे हम अपने स्वास्थ्य को ठीक रख सकते हैं। भोजन करने से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्नानुसार हैं-

* प्रातः बिना स्नान किए भोजन नहीं करना चाहिए।

* भोजन करने से पहले हाथ, मुँह और पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए। ऐसा करने से अनेक लाभ होते हैं।

* भोजन करने से पूर्व ईश्वर का स्मरण करना चाहिए और यह प्रार्थना करना चाहिए कि हम जो भो
जन करने जा रहे हैं, वह हमारे स्वास्थ्य के लिए हितकर हो।

* भोजन को धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए।

* भोजन को कभी भी ठूँस-ठूँसकर नहीं खाना चाहिए। इससे कई रोग हो सकते हैं। भोजन भरपेट से तीन चौथाई ही करना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि स्वस्थ्य रहने का सर्वोत्तम उपाय यह है कि भूख से कम भोजन किया जाए।

* भूख लगने पर पानी पीना और प्यास लगने पर भोजन नहीं करना चाहिए, अन्यथा स्वास्थ्य को हानि पहुँचती है।

* भोजन के बीच में प्यास लगने पर थोड़ा-थोड़ा पानी पीना चाहिए। भोजन के अंत में तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए। भोजन के एक घंटे बाद खूब पानी पीना चाहिए।

* बासी, ठंडा, कच्चा अथवा जला हुआ और दोबारा गर्म किया हुआ भोजन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

* भोजन पच जाने पर ही दूसरी बार भोजन करना चाहिए। प्रातः भोजन के बाद यदि शाम को अजीर्ण मालूम हो, तो उस समय कुछ नर्म भोजन लिया जा सकता है। परंतु रात्रि के भोजन के बाद प्रातः अजीर्ण हो तो बिल्कुल भी भोजन नहीं करना चाहिए।

* दोपहर को भोजन करने के बाद थोड़ा विश्राम करना लाभदायक होता है और रात्रि के भोजन के बाद थोड़ा टहलना हितकर होता है।

* भोजन करने के तुरंत बाद सोना नहीं चाहिए। चाहे वह दोपहर का भोजन हो या रात्रि का। भोजन व रात्रि के सोने में कम से कम दो घंटे का अंतर होना चाहिए।

* सर्दी के दिनों में भोजन से पूर्व थोड़ा-सा अदरक व सेंधा नमक खाना चाहिए। इससे पाचन शक्ति बढ़ जाती है।

* भोजन सामग्री में कड़े पदार्थ सबसे पहले, नर्म पदार्थ बीच में और पतले पदार्थ अंत में खाने चाहिए।

* भोजन में दूध, दही एवं छाछ का प्रयोग लाभप्रद होता है। इस सबका सेवन दीर्घजीवी एवं स्वस्थ बनाता है।

* इस बात को हमेशा याद रखें कि भोजन करने के बाद क्रोध नहीं करना चाहिए और न ही भोजन के तुरंत बाद व्यायाम करना चाहिए, इससे स्वास्थ्य को नुकसान होता है।

* रात्रि के भोजन के बाद दूध पीना हितकर है। रात्रि में दूध का सेवन अमृततुल्य माना गया

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