यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 12 नवंबर 2012

एक नीम और सौ हकीम दोनों बराबर है।

जिन्दगी जीने के लिए बहुत ही आवश्यक जानकारी ...
नीम एक चमत्कारी वृक्ष माना जाता है। नीम जो प्रायः सर्व सुलभ वृक्ष आसानी से मिल जाता है।
• नीम के पेड़ पूरे भारत में फैले हैं और हमारे जीवन से जुड़े हुए हैं। नीम एक बहुत ही अच्छी वनस्पति है जो कि भारतीय पर्यावरण के अनुकूल है और भारत में बहुतायत में पाया जाता है। भारत में इसके औषधीय गुणों की जानकारी हज़ारों सालों से रही है।
• भारत में एक कहावत प्रचलित
हैं कि जिस धरती पर नीम के पेड़ होते हैं, वहाँ मृत्यु और बीमारी कैसे हो सकती है। लेकिन, अब अन्य देश भी इसके गुणों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। नीम हमारे लिए अति विशिष्ट व पूजनीय वृक्ष है। नीम को संस्कृत में निम्ब, वनस्पति विज्ञान में 'आज़ादिरेक्ता- इण्डिका (Azadirecta-indica) अथवा Melia azadirachta कहते है।
गुण
यह वृक्ष अपने औषधि गुण के कारण पारंपरिक इलाज में बहुपयोगी सिद्ध होता आ रहा है। नीम स्वाभाव से कड़वा जरुर होता है, परन्तु इसके औषधीय गुण बड़े ही मीठे होते है। तभी तो नीम के बारे में कहा जाता है की एक नीम और सौ हकीम दोनों बराबर है। इसमें कई तरह के कड़वे परन्तु स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ होते है, जिनमे मार्गोसिं, निम्बिडीन, निम्बेस्टेरोल प्रमुख है। नीम के सर्वरोगहारी गुणों से भरा पड़ा है। यह हर्बल ओरगेनिक पेस्टिसाइड साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, दातुन, मधुमेह नाशक चूर्ण, कोस्मेटिक आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है। नीम की छाल में ऐसे गुण होते हैं, जो दाँतों और मसूढ़ों में लगने वाले तरह-तरह के बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते हैं, जिससे दाँत स्वस्थ व मज़बूत रहते हैं।
चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। इसे ग्रामीण औषधालय का नाम भी दिया गया है। यह पेड़ बीमारियों वगैरह से आज़ाद होता है और उस पर कोई कीड़ा-मकौड़ा नहीं लगता, इसलिए नीम को आज़ाद पेड़ कहा जाता है। [1]भारत में नीम का पेड़ ग्रामीण जीवन का अभिन्न अंग रहा है। लोग इसकी छाया में बैठने का सुख तो उठाते ही हैं, साथ ही इसके पत्तों, निबौलियों, डंडियों और छाल को विभिन्न बीमारियाँ दूर करने के लिए प्रयोग करते हैं। ग्रन्थ में नीम के गुण के बारे में चर्चा इस तरह है :-
निम्ब शीतों लघुग्राही कतुर कोअग्नी वातनुत।
अध्यः श्रमतुटकास ज्वरारुचिक्रिमी प्रणतु ॥
अर्थात नीम शीतल, हल्का, ग्राही पाक में चरपरा, हृदय को प्रिय, अग्नि, वाट, परिश्रम, तृषा, अरुचि, क्रीमी, व्रण, कफ, वामन, कोढ़ और विभिन्न प्रमेह को नष्ट करता है।[2]
घरेलू उपयोग
नीम के वृक्ष की ठंण्डी छाया गर्मी से राहत देती है तो पत्ते फल-फूल, छाल का उपयोग घरेलू रोगों में किया जाता है, नीम के औषधीय गुणों को घरेलू नुस्खों में उपयोग कर स्वस्थ व निरोगी बना जा सकता है। इसका स्वाद तो कड़वा होता है, लेकिन इसके फ़ायदे तो अनेक और बहुत प्रभावशाली हैं और उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं :--

• नीम के तेल से मालिश करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
• नीम के तेल का दिया जलाने से मच्छर भाग जाते है और डेंगू , मलेरिया जैसे रोगों से बचाव होता है
• नीम की दातुन करने से दांत व मसूढे मज़बूत होते है और दांतों में कीडा नहीं लगता है, तथा मुंह से दुर्गंध आना बंद हो जाता है।
• इसमें दोगुना पिसा सेंधा नमक मिलाकर मंजन करने से पायरिया, दांत-दाढ़ का दर्द आदि दूर हो जाता है।
• नीम की कोपलों को पानी में उबालकर कुल्ले करने से दाँतों का दर्द जाता रहता है।
• नीम की पत्तियां चबाने से रक्त शोधन होता है और त्वचा विकार रहित और चमकदार होती है।
• नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर और पानी ठंडा करके उस पानी से नहाने से चर्म विकार दूर होते हैं, और ये ख़ासतौर से चेचक के उपचार में सहायक है और उसके विषाणु को फैलने न देने में सहायक है।
• चेचक होने पर रोगी को नीम की पत्तियों बिछाकर उस पर लिटाएं।
• नीम की छाल के काढे में धनिया और सौंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से मलेरिया रोग में जल्दी लाभ होता है।
• नीम मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों को दूर रखने में अत्यन्त सहायक है। जिस वातावरण में नीम के पेड़ रहते हैं, वहाँ मलेरिया नहीं फैलता है। नीम के पत्ते जलाकर रात को धुआं करने से मच्छर नष्ट हो जाते हैं और विषम ज्वर (मलेरिया) से बचाव होता है।
• नीम के फल (छोटा सा) और उसकी पत्तियों से निकाले गये तेल से मालिश की जाये तो शरीर के लिये अच्छा रहता है।
• नीम के द्वारा बनाया गया लेप वालों में लगाने से बाल स्वस्थ रहते हैं और कम झड़ते हैं।
• नीम और बेर के पत्तों को पानी में उबालें, ठंण्डा होने पर इससे बाल, धोयें स्नान करें कुछ दिनों तक प्रयोग करने से बाल झडने बन्द हो जायेगें व बाल काले व मज़बूत रहेंगें।
• नीम की पत्तियों के रस को आंखों में डालने से आंख आने की बीमारी (कंजेक्टिवाइटिस) समाप्त हो जाती है।
• नीम की पत्तियों के रस और शहद को 2:1 के अनुपात में पीने से पीलिया में फ़ायदा होता है, और इसको कान में डालने कान के विकारों में भी फ़ायदा होता है।
• नीम के तेल की 5-10 बूंदों को सोते समय दूध में डालकर पीने से ज़्यादा पसीना आने और जलन होने सम्बन्धी विकारों में बहुत फ़ायदा होता है।
• नीम के बीजों के चूर्ण को ख़ाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेने से बवासीर में काफ़ी फ़ायदा होता है।
• नीम की निम्बोली का चूर्ण बनाकर एक-दो ग्राम रात को गुनगुने पानी से लें कुछ दिनों तक नियमित प्रयोग करने से कब्ज रोग नहीं होता है एवं आंतें मज़बूत बनती है।
• गर्मियों में लू लग जाने पर नीम के बारीक पंचांग (फूल, फल, पत्तियां, छाल एवं जड) चूर्ण को पानी मे मिलाकर पीने से लू का प्रभाव शांत हो जाता है।
• बिच्छू के काटने पर नीम के पत्ते मसल कर काटे गये स्थान पर लगाने से जलन नहीं होती है और ज़हर का असर कम हो जाता है।
• नीम के 25 ग्राम तेल में थोडा सा कपूर मिलाकर रखें यह तेल फोडा-फुंसी, घाव आदि में उपयोग रहता है।
• गठिया की सूजन पर नीम के तेल की मालिश करें।
• नीम के पत्ते कीढ़े मारते हैं, इसलिये पत्तों को अनाज, कपड़ों में रखते हैं।
• नीम की 20 पत्तियाँ पीसकर एक कप पानी में मिलाकर पिलाने से हैजा़ ठीक हो जाता है।
• निबोरी नीम का फल होता है, इससे तेल निकला जाता है। आग से जले घाव में इसका तेल लगाने से घाव बहुत जल्दी भर जाता है।
• नीम का फूल तथा निबोरियाँ खाने से पेट के रोग नहीं होते।
• नीम की जड़ को पानी में उबालकर पीने से बुखार दूर हो जाता है।
• छाल को जलाकर उसकी राख में तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर लगाने से दाग़ तथा अन्य चर्म रोग ठीक होते हैं।
• विदेशों में नीम को एक ऐसे पेड़ के रूप में पेश किया जा रहा है, जो मधुमेह से लेकर एड्स, कैंसर और न जाने किस-किस तरह की बीमारियों का इलाज कर सकता है।
नीम के उपयोग से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है, आप सभी से निवेदन है कि आप नीम जैसी औषधि का अपने घर में जरूर प्रयोग करे और देश के विकास में सहयोग दे और स्वस्थ भारत और प्रगतिशील भारत का निर्माण करे और अपने धन को विदेशी कम्पनियों के पास जाने से रोके

कृपया एक बार जरुर पूरा पढ़े और शेयर करे...

खूब सेकें धूप… नहीं होगी डायबिटीज

खूब सेकें धूप… नहीं होगी डायबिटीज

एक गाना अपने जमाने में बड़ा मशहूर हुआ था। गाने के बोल यह थे- धूप में न निकला करो रूप की रानी, कहीं गोरा रंग काला न पड़ जाए। जमाना बदला, हालात बदले लोगों की सोच और ज्ञान में भी काफी बदलाव आ गया है। इसीलिये तो अगर इसी गाने को फिर से लिखा जाए तो इसके बोल कुछ इस तरह होंगे- धूप में भी निकला करो रूप की रानी…कहीं तुमको डायबिटीज न हो जाए।

आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकि

त्सा पद्धतियों में बहुत पुराने समय से सुबह की ताजा धूप के अनेक फायदों के बारे में बताया जाता रहा है। सूर्योदय की पहली किरणों के साए में घूमना, आसन प्रणायाम करना, ध्यान करना और धूप स्नान करना…आदि कार्यों को योग-आयुर्वेद में तन व मन दोनों के लिये बेहद लाभदायक माना गया है।

एक ताजा रिसर्च के नतीजों ने भी योग-आयुर्वेद में कही गई इन बातों पर वैज्ञानिकता की मुहर लगा दी है। शोध के परिणाम कहते हैं कि धूप की कमी के कारण लाखों लोगों के टाइप-2 डायबिटीज की चपेट में आने का खतरा है। 5 हजार से अधिक लोगों के ब्लड टेस्ट पर आधारित

एक आस्ट्रेलियाई अध्ययन में यह दावा किया गया है। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों के शरीर में विटामिन-डी की पर्याप्त मात्रा होती है उनके टाइप-2 डायबिटीज का शिकार होने की संभावना काफी कम हो जाती है। क्योंकि टाइप-2 डायबिटीज से लडऩे में सूर्य किरणों यानी धूप से प्रात्प विटामिन डी काफी कारगर होती है।

इसलिये जिसे टाइप-2 डायबिटीज से खुद को हमेशा के लिये बचाकर रखना हो उसे नियमित रूप से सुबह की ताजा धूप का सेवन अवश्य करना चाहिये। डायबिटीज से छुटकारे के अलावा भी सुबह की ताजा धूप कई फायदे पहुंचाती है।

दिमागी तनाव जड़ से नष्ट कर देंगे ये 5 रामबाण उपाय

दिमागी तनाव जड़ से नष्ट कर देंगे ये 5 रामबाण उपाय

जल्दी से जल्दी पद, पैसा और प्रतिष्ठा पाने की अंधी दौड़ में आधुनिक मनुष्य कई अनचाही टेंशनों की भूल-भुलैया में घिरता जा रहा है। जिसे पाने के लिये वह अपने मन का सुकून और तन का स्वास्थ्य गंवा बैठता है, उसे पाकर भी वह उसका सुख नहीं उठा पाता। क्योंकि किसी भी प्रकार का सुख भोगने के लिये इंसान का चिंता रहित यानी कि टेंशन फ्री होना बेहद जरूरी है।
यहां हम द
े रहे हैं कुछ ऐसे बेहद कारगर यानी कि 100 फीसदी असरदार उपाय जो हर हाल में हर तरह के मानसिक और शारीरिक तनाव को नियंत्रित करके धीरे-धीरे जड़ से मिटा देते हैं। मन उदास-अशांत हो…तुरंत करें ये 5 काम…
1. खुल कर करें मेल-मिलाप
अक्सर देखने में आता है कि व्यक्ति काम की अधिकता और व्यस्तता के कारण परिवार और मित्रों के साथ के लिये भी वक्त नहीं निकाल पाता।
होना यह चाहिये कि प्रतिदिन, चाहे आधा घंटा ही सही पर अपने प्रियजनों के लिये वक्त अवश्य निकालना चाहिये। अपनों के साथ अपने सुख-दु:ख बांटने से तनाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
2. संगीत में स्नान
संगीत को सिर्फ मनोरंजन मानना बहुत बड़ी भूल है। संगीत सिर्फ कला ही नहीं वह ध्यान, चिकित्सा पद्धति और आध्यात्मिक साधना सब कुछ एक साथ है। प्रतिदिन 20 से 30 मिनट तक कोई अच्चा संगीत अवश्य सुने। संगीत ऐसा हो जो आपके दिमाग से विचारों की उथल-पुथल को शांत करके आपको गहरे मौन और ध्यान की गहराइयों में पहुंचा सके।
3. आसन और व्यायाम
सामान्य व्यायाम में उठक-बैठक, घूमना, दौडऩा, रस्सी कूदना, दंड लगाना…आदि आते हैं, जबकि आसनों के द्वारा शरीर के सूक्ष्म और अंदरुनी अंगों का व्यायाम होता है। दोनों ही बेहद जरूरी हैं। आसन-व्यायाम को अपने डेली रुटीन में शामिल किये बगैर आपकी पूर्ण स्वास्थय की इच्छा कभी भी पूरी नहीं हो पाएगी।
4. फिल्म देखना/ पुस्तक पढऩा
सकारात्मक विषयों पर बनी फीचर फिल्मों को देखकर स्वस्थ मनोरंजन करना भी तनाव को घटाने का अच्छा विकल्प है। इसके अतिरिक्क किसी अच्छी पुस्तक को पढऩा भी दिमाग के लिये पाष्टिक खुराक का काम करता है।
5. मेडिटेशन
अगर कहा जाए कि संसार की अधिकांश समस्याओं को सिर्फ ध्यान के बल पर ठीक किया जा सकता है तो इसमें कोई भी अतिशयोक्ति नहीं है। नियमित ध्यान के अभ्यास से व्यक्ति में इंसानियत और मानवीयता के सद्गुणों का जन्म होता है। ध्यान से मानसिक तनाव को दूर करना सबसे अधिक कारगर और अचूक उपाय है।

दिमागी ताकत बढ़ाने के ये रहे तीन रामबाण नुस्खे

दिमागी ताकत बढ़ाने के ये रहे तीन रामबाण नुस्खे

उचित खान-पान न होने की वजह से याद्दाश्त यानी मेमोरी पॉवर का कमजोर होना एक आम समस्या बन गई है। हर आदमी अपनी भूलने की आदत से परेशान है। आयुर्वेद में इस समस्या से स्थाई रूप से निजात पाने के कुछ सरलतम उपाय बताए हैं, आइये देखते हैं कुछ चुनिंदा व असरदार नुस्खे प्रयोग…

1. 4-5 बादाम के दाने रात को भिगोकर सुबह छिलके उतार कर बारीक पीस लें। इस पेस्ट को करीब 2
50 ग्राम दूध में घोलकर कुछ देर तक धीमी आंच पर उबालें। इसके बाद इसे नीचे उतार कर एक चम्मच घी और दो चम्मच शक्कर मिलाकर ठंडाकर पीएं। इस प्रयोग से इंसान की दिमागी क्षमता में काफी वृद्धि होती है।

2. भीगे हुए बादाम को काली मिर्च के साथ पीस लें या ऐसे ही खूब चबाचबाकर खाऐं और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें।

3. एक चाय का चम्मच शंखपुष्पी का चूर्ण दूध या मिश्री के साथ रोजाना तीन से चार हफ्ते तक लें। सिर का दर्द, आंखों की कमजोरी, आंखों से पानी आना, आंखों में दर्द होने जैसे कई रोगों में भी यह विधि लाभदायक है।

इन सात कामों से बनाएं दूरी, कब्ज से मिलेगा छुटकारा

इन सात कामों से बनाएं दूरी, कब्ज से मिलेगा छुटकारा

आयुर्वेद की मान्यता है कि हर तरह की बीमारियों की शुरुआत पेट से होती है। जिसका पेट यानी हाजमा पूरी तरह से दुरुस्त हो उसके किसी भी प्रकार की बीमारी की गिरफ्त में आने की संभावना लगभग न के बराबर होती है।

कब्ज को शरीर संबंधी तमाम रोगों की जड़ माना गया है।

क्योंकि कब्ज होने के बाद से ही शरीर में रोगों से लडऩे की क्षमता दिनों-दिन कम होती जाती है। अप्र
ाकृतिक व अनियमित रहन-सहन तथा सेहत के विरुद्ध खान-पान से ही कब्ज की शिकायत पैदा होती है।

बीमारियों की जड़ इस कब्ज को यदि पूरी तरह और स्थाई रुप से दूर करना है, तो नीचे बताए गए इन सात कामों से सदा दूर रहें…

1. टाइम-बे टाइम भोजन न करें। यानी हर हाल में निश्चित समय पर ही भोजन करना चाहिये।

2. तेज भूख लगने पर ही भोजन करें, अगर ठीक समय पर भूख न लग रही हो तो उस वक्त का खाना छोड़ दें।

3. खाने से पहले और तत्काल बाद में 1-2 घूंट से अधिक पानी न पीएं।

4. खाने के तुरंत बाद में और दिन के समय कभी न सोएं।

5. शाम का भोजन सोने से कम से कम 3 घंटे पहले ही कर लिया करें।

6. बासी, मेदे से बना, तला-गला भोजन न करें। ताजा, मोटे आटे से बना भोजन जिसमें ऋतु अनुसार हरी शब्जियां, फल और सलाद हर हाल में शामिल हो।

7. भोजन से पहले और तत्काल बाद में चाय-काफी जैसी किसी भी चीज का सेवन न करें इससे पाचन सुचारु रूप से नहीं हो पाएगा। चाय-काफी का सेवन न करें तो ही अच्छा क्योंकि इनके रहते कब्ज को जड़ से मिटाना बहुत मुश्किल पड़ता है।

अवश्य करें- सुबह उठकर तांबे के पात्र में रात भर से रखे पानी का सेवन करें, रात को गुनगुने पानी के साथ 1 छोटा चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करें। सुबह 1-2 गिलास गुन-गुना पानी पीकर टहलने जाएं।

विशेष: किसी भी आयुर्वेदिक क्रिया या औषधि को अपनाने से पहले स्वविवेक से काम लेना और किसी आयुर्वेद के जानकार चिकित्सक से सलाह लेना सदैव निरापद रहता है। किसी भी असुविधा के लिये वेबसाइट जिम्मेदार नहीं होगी।

उपयोगी जानकारी......कृपया सभी भारतीयों तक पहुंचा दें।

उपयोगी जानकारी......कृपया सभी भारतीयों तक पहुंचा दें।

1. यदि आप भारत में कहीं भी बच्चों को भीख मांगते देखते
हैं, तो कृपया संपर्क करें:
"RED SOCIETY" 9940217816 पर . ये उन
बच्चों की पढाई में मदद करेंगे।
...2. यदि आप को रक्त की जरूरत है तो इस वेबसाइट पर
जाएँ , आपको रक्तदाताओं का पता मिल जाएगा.
www.friendstosupport.org
3. हैंडिकैप्ड / शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों के लिए
नि: शुल्क शिक्षा और नि: शुल्क छात्रावास
संपर्क: - 9842062501 और 9894067506.
4. अगर किसी को आग दुर्घटना या उनके कान में समस्याओं
के साथ पैदा हुए लोगों की, नाक और मुंह मुफ्त प्लास्टिक
सर्जरी Kodaikanal PASAM अस्पताल
द्वारा किया जाता हैं.
सब कुछ मुफ्त है. संपर्क: 045420-240668,2 45732
"Helping Hands are Better than Praying Lips"
5. यदि आपको ड्राइविंग लाइसेंस की तरह
किसी भी महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे राशन कार्ड,
पासपोर्ट, बैंक पास बुक, आदि, कहीं सडक पर पड़े मिले
तो डाक बक्से में डाल दें . भारतीय पोस्ट द्वारा उसके
मालिक के पास पहुंचा दिया जाएगा.
6. बच्चों (0-10 वर्ष) के लिए मुफ्त हार्ट सर्जरी Sri
Valli Baba Institute Bangalore बंगलोर संपर्क करें .
संपर्क करें: 9916737471
7. रक्त कैंसर के लिए चिकित्सा!
'Imitinef Mercilet' एक दवा है जो रक्त कैंसर के इलाज के
लिए है "Adyar Cancer Institute in Chennai" में यह
दावा मुफ्त उपलब्ध हैं. Create Awareness. It might
help someone.
"Adyar Cancer Institute in Chennai"
श्रेणी: कैंसर
पता: East Canal Bank Road , GandhiNagar ,
Adyar
Chennai -600020
Landmark: Near Michael School
Phone: 044-24910754 044-24910754 ,
044-24911526 044-24911526 ,
044-22350241 044-22350241
9. भोजन की बर्बादी न करे ...संपर्क करें
यदि आप के यहाँ एक समारोह / अपने घर पर पार्टी है और
खाना बर्बाद हो रहा है , तो +1098 (केवल भारत में)
कॉल करने में संकोच न करें हैं - यह एक मजाक नहीं है, यह
चाइल्ड हेल्पलाइन का नंबर है.
वे आयेंगे और आपके यहाँ से भोजन एकत्रित करेंगे. जो कई
गरीब बच्चों तक पहुंचाएंगे कृपया इस संदेश को प्रसारित
करने में मदद करें ........

गन्ना (SUGARCANE ) इसे ईख या साठा भी कहते हैं !

गन्ना (SUGARCANE )
--------------------------- इसे ईख या साठा भी कहते हैं !

सुश्रुत संहिता के अनुसार गन्ने को दाँतों से चबाकर उसका रस चूसने पर वह दाहकारी नहीं होता और इससे दाँत मजबूत होते हैं। अतः गन्ना चूस कर खाना चाहिए।
भावप्रकाश निघण्टु के अनुसार गन्ना रक्तपित्त नामक व्याधि को नष्ट करने वाला, बलवर्धक, वीर्यवर्धक, कफकारक, पाक तथा रस में मधुर, स्निग्ध, भारी, मूत्रवर्धक व शीतल होता है। ये सब पके ह
ुए गन्ने के गुण हैं।

पथरी
-------
ईख चूसते रहने से पथरी टुकड़े -टुकड़े हो कर निकल जाती है ! गन्ने का रस भी लाभदायक है !
रक्त विकार
-----------
खाने के बाद एक गिलास गन्ने का रस पीने से रक्त साफ होता है ! गन्ना नेत्रों के लिए भी हितकर है !

पीलिया
--------
जौ का सत्तू खाकर ऊपर से गन्ने का रस पियें ! एक सप्ताह में पीलिया ठीक हो जायेगा !

हिचकी
-------
गन्ने का रस पीने से हिचकी बंद हो जाती है !

शक्तिवर्धक
-----------
ईख भोजन पचाता है ! शक्तिदाता है ! पेट की गर्मी , हृदय की जलन को दूर करता है !!!!!

विशेषः यकृत की कमजोरी वाले, हिचकी, रक्तविकार, नेत्ररोग, पीलिया, पित्तप्रकोप व जलीय अंश की कमी के रोगी को गन्ना चूसकर ही सेवन करना चाहिए। इसके नियमित सेवन से शरीर का दुबलापन दूर होता है और पेट की गर्मी व हृदय की जलन दूर होती है। शरीर में थकावट दूर होकर तरावट आती है। पेशाब की रुकावट व जलन भी दूर होती है।
सावधानीः मधुमेह, पाचनशक्ति की मंदता, कफ व कृमि के रोगवालों को गन्ने के रस का सेवन नहीं करना चाहिए। कमजोर मसूढ़ेवाले, पायरिया व दाँतों के रोगियों को गन्ना चूसकर सेवन नहीं करना चाहिए। एक मुख्य बात यह है कि बाजारू मशीनों द्वारा निकाले गये रस से संक्रामक रोग होने की संभावना रहती है। अतः गन्ने का रस निकलवाते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।

गुटखा खाना अत्यंत ही खतरनाक है

गुटखा खाना अत्यंत ही खतरनाक है। गुटखा में तम्बाकू का प्रयोग होता है जिसमें निकोटीन पाया जाता है। तम्बाकू चबाने से मुंह के कैंसर समेत 40 प्रकार के कैंसर हो सकते हैं। तम्बाकू 25 प्रकार की बीमारियों का कारण है और लम्बे समय तक तम्बाकू का प्रयोग करने से यह बीमारियां हो सकती हैं। भारत में मरने वाले हर पांच में से दो लोगो की मौत का मुख्य कारण खैनी, गुटखा यां तंबाकू है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया है कि दुनिया भर में 30 साल से ज्यादा उम्र के लगभग 12 फीसदी लोगों की मौत का कारण खैनी, तंबाकू, गुटखा है। भारत में लगभग 16 प्रतिशत लोग इन्हीं तंबाकू उत्पादनों के सेवन से मर रहे हैं। धुआं रहित तंबाकू सेवन के मामले में भारत सबसे अव्वल देशों में से एक हैै। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि धुआं रहित तंबाकू उत्पादों में सबसे ज्यादा सेवन खैनी का होता है। लगभग 91 प्रतिशत महिलाएं धुआं रहित तंबाकू का सेवन करती हैं। इनमें पान और खैनी शामिल है। मोटर्लटी एट्रीब्यूटेबल टू टोबको नामक रिर्पोट के अनुसार, तंबाकू सेवन के कारण 6 सकेंड में एक व्यकित की मौत हो रही है। पूरी दुनिया में लगभग 50 लाख लोगों की मौत का कारण तंबाकू का इस्तेमाल है। अगले 20 वर्षों में सिगरेट, गुटखा, खैनी, बीड़ी, तंबाकू और हुक्का पीने से पूरी दुनिया में लगभग 6 लाख लोग सेकेंड़ हैंड स्मोकिंग की वजह से मर रहे हैं यानी तंबाकू सेवन करने वाले लोग अपनी ही नहीं बलिक अपने परिवार और आसपास रहने वाले लोगों की भी जान ले रहे हैं। ग्लोबल अडल्ट टोबैको सर्वे के अनुसार, देश में लगभग 27 लाख लोगों की तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। इनमें से लगभग 9 लाख लोगों की असमय मौत तय है। लोबल यूथ टोबैको (गेट्स) के अनुसार, दिल्ली में 48.2 फीसदी युवा 15 साल से कम की उम्र में ही तम्बाकू का सेवन शुरू कर देते हैं। यहां के 13 लाख लोग पैसिव स्मोकर और 10 लाख लोग गुटखा के रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं। शोध के अनुसार 5 से 10 साल तक लगातार तम्बाकू सेवन करने वाले 30 फीसदी युवाओं में नपुंसकता पाई गई है।

पुरी पोस्ट नही पढ़ सकते तो यहां click करे ।
http://youtu.be/6VytOKTVRN0
मित्रो बहुत से लोग नशा छोडना चाहते है पर उनसे छुटता नहीं है !बार बार वो कहते है हमे मालूम है ये गुटका खाना अच्छा नहीं है लेकिन तलब उठ जाती है तो क्या करे ???
बार बार लग
ता है ये बीड़ी सिगरेट पीना अच्छा नहीं है लेकिन तलब उठ जाती है तो क्या करे !??
बार बार महसूस होता है यह शाराब पीना अच्छा नहीं है लेकिन तलब हो जाती है तो क्या करे ! ????

तो आपको बीड़ी सिगरेट की तलब न आए गुटका खाने के तलब न लगे ! शारब पीने की तलब न लगे ! इसके लिए बहुत अच्छे दो उपाय है जो आप बहुत आसानी से कर सकते है ! पहला ये की जिनको बार बार तलब लगती है जो अपनी तलब पर कंट्रोल नहीं कर पाते नियंत्रण नहीं कर पाते इसका मतलब उनका मन कमजोर है ! तो पहले मन को मजबूत बनाओ!

मन को मजबूत बनाने का सबसे आसान उपाय है पहले थोड़ी देर आराम से बैठ जाओ ! आलती पालती मर कर बैठ जाओ ! जिसको सुख आसन कहते हैं ! और फिर अपनी आखे बंद कर लो फिर अपनी दायनी(right side) नाक बंद कर लो और खाली बायी(left side) नाक से सांस भरो और छोड़ो ! फिर सांस भरो और छोड़ो फिर सांस भरो और छोड़ो !

बायीं नाक मे चंद्र नाड़ी होती है और दाई नाक मे सूर्य नाड़ी ! चंद्र नाड़ी जितनी सक्रिये (active) होगी उतना इंसान का मन मजबूत होता है ! और इससे संकल्प शक्ति बढ़ती है ! चंद्र नाड़ी जीतने सक्रिये होती जाएगी आपकी मन की शक्ति उतनी ही मजबूत होती जाएगी ! और आप इतने संकल्पवान हो जाएंगे ! और जो बात ठान लेंगे उसको बहुत आसानी से कर लेगें ! तो पहले रोज सुबह 5 मिनट तक नाक की right side को दबा कर left side से सांस भरे और छोड़ो ! ये एक तरीका है ! और बहुत आसन है !

दूसरा एक तरीका है आपके घर मे एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसको आप सब अच्छे से जानते है और पहचानते हैं ! राजीव भाई ने उसका बहुत इस्तेमाल किया है लोगो का नशा छुड्वने के लिए ! और उस ओषधि का नाम है अदरक ! और आसानी से सबके घर मे होती है ! इस अदरक के टुकड़े कर लो छोटे छोटे उस मे नींबू निचोड़ दो थोड़ा सा काला नमक मिला लो और इसको धूप मे सूखा लो ! सुखाने के बाद जब इसका पूरा पानी खतम हो जाए तो इन अदरक के टुकड़ो को अपनी जेब मे रख लो ! जब भी दिल करे गुटका खाना है तंबाकू खाना है बीड़ी सिगरेट पीनी है ! तो आप एक अदरक का टुकड़ा निकालो मुंह मे रखो और चूसना शुरू कर दो ! और यह अदरक ऐसे अदबुद चीज है आप इसे दाँत से काटो मत और सवेरे से शाम तक मुंह मे रखो तो शाम तक आपके मुंह मे सुरक्षित रहता है ! इसको चूसते रहो आपको गुटका खाने की तलब ही नहीं उठेगी ! तंबाकू सिगरेट लेने की इच्छा ही नहीं होगी शराब पीने का मन ही नहीं करेगा !
बहुत आसन है कोई मुश्किल काम नहीं है ! फिर से लिख देता हूँ !

अदरक के टुकड़े कर लो छोटे छोटे उस मे नींबू निचोड़ दो थोड़ा सा काला नमक मिला लो और इसको धूप मे सूखा लो ! सुखाने के बाद जब इसका पूरा पानी खतम हो जाए तो इन अदरक के टुकड़ो को अपनी जेब मे रख लो ! डिब्बी मे रखो पुड़िया बना के रखो जब तलब उठे तो चूसो और चूसो !
जैसे ही इसका रस लाड़ मे घुलना शुरू हो जाएगा आप देखना इसका चमत्कारी असर होगा आपको फिर गुटका –तंबाकू शराब –बीड़ी सिगरेट आदि की इच्छा ही नहीं होगी ! सुबह से शाम तक चूसते रहो ! और 10 -15 -20 दिन लगातार कर लिया ! तो हमेशा के लिए नशा आपका छूट जाएगा !

आप बोलेगे ये अदरक मैं ऐसे क्या चीज है !????

यह अदरक मे एक ऐसे चीज है जिसे हम रसायनशास्त्र (क्मिस्ट्री) मे कहते है सल्फर !
अदरक मे सल्फर बहुत अधिक मात्रा मे है ! और जब हम अदरक को चूसते है जो हमारी लार के साथ मिल कर अंदर जाने लगता है ! तो ये सल्फर जब खून मे मिलने लगता है ! तो यह अंदर ऐसे हारमोनस को सक्रिय कर देता है ! जो हमारे नशा करने की इच्छा को खत्म कर देता है !

और विज्ञान की जो रिसर्च है सारी दुनिया मे वो यह मानती है की कोई आदमी नशा तब करता है ! जब उसके शरीर मे सल्फर की कमी होती है ! तो उसको बार बार तलब लगती है बीड़ी सिगरेट तंबाकू आदि की ! तो सल्फर की मात्रा आप पूरी कर दो बाहर से ये तलब खत्म हो जाएगी ! इसका राजीव भाई ने हजारो लोगो पर परीक्षण किया और बहुत ही सुखद प्रणाम सामने आए है ! बिना किसी खर्चे के शराब छूट जाती है बीड़ी सिगरेट शराब गुटका आदि छूट जाता है ! तो आप इसका प्रयोग करे !

और इसका दूसरे उपयोग का तरीका पढे !

अदरक के रूप मे सल्फर भगवान ने बहुत अधिक मात्रा मे दिया है ! और सस्ता है! इसी सल्फर को आप होमिओपेथी की दुकान से भी प्राप्त कर सकते हैं ! आप कोई भी होमिओपेथी की दुकान मे चले जाओ और विक्रेता को बोलो मुझे सल्फर नाम की दावा देदो ! वो देदेगा आपको शीशी मे भरी हुई दावा देदेगा ! और सल्फर नाम की दावा होमिओपेथी मे पानी के रूप मे आती है प्रवाही के रूप मे आती है जिसको हम Dilution कहते है अँग्रेजी मे !

तो यह पानी जैसे आएगी देखने मे ऐसे ही लगेगा जैसे यह पानी है ! 5 मिली लीटर दवा की शीशी 5 रूपये आती है ! और उस दवा का एक बूंद जीभ पर दाल लो सवेरे सवेरे खाली पेट ! फिर अगले दिन और एक बूंद डाल लो ! 3 खुराक लेते ही 50 से 60 % लोग की दारू छूट जाती है ! और जो ज्यादा पियाकड़ है !जिनकी सुबह दारू से शुरू होती है और शाम दारू पर खतम होती है ! वो लोग हफ्ते मे दो दो बार लेते रहे तो एक दो महीने तक करे बड़े बड़े पियकरों की दारू छूट जाएगी !राजीव भाई ने ऐसे ऐसे पियकारों की दारू छुड़ाई है ! जो सुबह से पीना शुरू करते थे और रात तक पीते रहते थे ! उनकी भी दारू छूट गई बस इतना ही है दो तीन महीने का समय लगा !

तो ये सल्फर अदरक मे भी है ! होमिओपेथी की दुकान मे भी उपलब्ध है ! आप आसानी से खरीद सकते है !लेकिन जब आप होमिओपेथी की दुकान पर खरीदने जाओगे तो वो आपको पुछेगा कितनी ताकत की दवा दूँ ??!
मतलब कितनी Potency की दवा दूँ ! तो आप उसको कहे 200 potency की दवा देदो ! आप सल्फर 200 कह कर भी मांग सकते है ! लेकिन जो बहुत ही पियकर है उनके लिए आप 1000 Potency की दवा ले !आप 200 मिली लीटर का बोतल खरीद लो एक 150 से रुपए मे मिलेगी ! आप उससे 10000 लोगो की शराब छुड़वा सकते हैं ! मात्र एक बोतल से ! लेकिन साथ मे आप मन को मजबूत बनाने के लिए रोज सुबह बायीं नाक से सांस ले ! और अपनी इच्छा शक्ति मजबूत करे !!!
अब एक खास बात !
बहुत ज्यादा चाय और काफी पीने वालों के शरीर मे arsenic तत्व की कमी होती है !
उसके लिए आप arsenic 200 का प्रयोग करे !
गुटका,तंबाकू,सिगरेट,बीड़ी पीने वालों के शरीर मे phosphorus तत्व की कमी होती है !
उसके लिए आप phosphorus 200 का प्रयोग करे !
और शराब पीने वाले मे सबसे ज्यादा sulphur तत्व की कमी होती है !
उसके लिए आप sulphur 200 का प्रयोग करे !!
सबसे पहले शुरुवात आप अदरक से ही करे !!
आपने पूरी पोस्ट पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !
वन्देमातरम !

function disabled

Old Post from Sanwariya