इन सात कामों से बनाएं दूरी, कब्ज से मिलेगा छुटकारा
आयुर्वेद की मान्यता है कि हर तरह की बीमारियों की शुरुआत पेट से होती है। जिसका पेट यानी हाजमा पूरी तरह से दुरुस्त हो उसके किसी भी प्रकार की बीमारी की गिरफ्त में आने की संभावना लगभग न के बराबर होती है।
कब्ज को शरीर संबंधी तमाम रोगों की जड़ माना गया है।
क्योंकि कब्ज होने के बाद से ही शरीर में रोगों से लडऩे की क्षमता दिनों-दिन कम होती जाती है। अप्राकृतिक व अनियमित रहन-सहन तथा सेहत के विरुद्ध खान-पान से ही कब्ज की शिकायत पैदा होती है।
आयुर्वेद की मान्यता है कि हर तरह की बीमारियों की शुरुआत पेट से होती है। जिसका पेट यानी हाजमा पूरी तरह से दुरुस्त हो उसके किसी भी प्रकार की बीमारी की गिरफ्त में आने की संभावना लगभग न के बराबर होती है।
कब्ज को शरीर संबंधी तमाम रोगों की जड़ माना गया है।
क्योंकि कब्ज होने के बाद से ही शरीर में रोगों से लडऩे की क्षमता दिनों-दिन कम होती जाती है। अप्राकृतिक व अनियमित रहन-सहन तथा सेहत के विरुद्ध खान-पान से ही कब्ज की शिकायत पैदा होती है।
बीमारियों की जड़ इस कब्ज को यदि पूरी तरह और स्थाई रुप से दूर करना है, तो नीचे बताए गए इन सात कामों से सदा दूर रहें…
1. टाइम-बे टाइम भोजन न करें। यानी हर हाल में निश्चित समय पर ही भोजन करना चाहिये।
2. तेज भूख लगने पर ही भोजन करें, अगर ठीक समय पर भूख न लग रही हो तो उस वक्त का खाना छोड़ दें।
3. खाने से पहले और तत्काल बाद में 1-2 घूंट से अधिक पानी न पीएं।
4. खाने के तुरंत बाद में और दिन के समय कभी न सोएं।
5. शाम का भोजन सोने से कम से कम 3 घंटे पहले ही कर लिया करें।
6. बासी, मेदे से बना, तला-गला भोजन न करें। ताजा, मोटे आटे से बना भोजन जिसमें ऋतु अनुसार हरी शब्जियां, फल और सलाद हर हाल में शामिल हो।
7. भोजन से पहले और तत्काल बाद में चाय-काफी जैसी किसी भी चीज का सेवन न करें इससे पाचन सुचारु रूप से नहीं हो पाएगा। चाय-काफी का सेवन न करें तो ही अच्छा क्योंकि इनके रहते कब्ज को जड़ से मिटाना बहुत मुश्किल पड़ता है।
अवश्य करें- सुबह उठकर तांबे के पात्र में रात भर से रखे पानी का सेवन करें, रात को गुनगुने पानी के साथ 1 छोटा चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करें। सुबह 1-2 गिलास गुन-गुना पानी पीकर टहलने जाएं।
विशेष: किसी भी आयुर्वेदिक क्रिया या औषधि को अपनाने से पहले स्वविवेक से काम लेना और किसी आयुर्वेद के जानकार चिकित्सक से सलाह लेना सदैव निरापद रहता है। किसी भी असुविधा के लिये वेबसाइट जिम्मेदार नहीं होगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.