दिमागी तनाव जड़ से नष्ट कर देंगे ये 5 रामबाण उपाय
जल्दी से जल्दी पद, पैसा और प्रतिष्ठा पाने की अंधी दौड़ में आधुनिक मनुष्य कई अनचाही टेंशनों की भूल-भुलैया में घिरता जा रहा है। जिसे पाने के लिये वह अपने मन का सुकून और तन का स्वास्थ्य गंवा बैठता है, उसे पाकर भी वह उसका सुख नहीं उठा पाता। क्योंकि किसी भी प्रकार का सुख भोगने के लिये इंसान का चिंता रहित यानी कि टेंशन फ्री होना बेहद जरूरी है।
यहां हम द
जल्दी से जल्दी पद, पैसा और प्रतिष्ठा पाने की अंधी दौड़ में आधुनिक मनुष्य कई अनचाही टेंशनों की भूल-भुलैया में घिरता जा रहा है। जिसे पाने के लिये वह अपने मन का सुकून और तन का स्वास्थ्य गंवा बैठता है, उसे पाकर भी वह उसका सुख नहीं उठा पाता। क्योंकि किसी भी प्रकार का सुख भोगने के लिये इंसान का चिंता रहित यानी कि टेंशन फ्री होना बेहद जरूरी है।
यहां हम द
े
रहे हैं कुछ ऐसे बेहद कारगर यानी कि 100 फीसदी असरदार उपाय जो हर हाल में
हर तरह के मानसिक और शारीरिक तनाव को नियंत्रित करके धीरे-धीरे जड़ से मिटा
देते हैं। मन उदास-अशांत हो…तुरंत करें ये 5 काम…
1. खुल कर करें मेल-मिलाप
अक्सर देखने में आता है कि व्यक्ति काम की अधिकता और व्यस्तता के कारण परिवार और मित्रों के साथ के लिये भी वक्त नहीं निकाल पाता।
होना यह चाहिये कि प्रतिदिन, चाहे आधा घंटा ही सही पर अपने प्रियजनों के लिये वक्त अवश्य निकालना चाहिये। अपनों के साथ अपने सुख-दु:ख बांटने से तनाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
2. संगीत में स्नान
संगीत को सिर्फ मनोरंजन मानना बहुत बड़ी भूल है। संगीत सिर्फ कला ही नहीं वह ध्यान, चिकित्सा पद्धति और आध्यात्मिक साधना सब कुछ एक साथ है। प्रतिदिन 20 से 30 मिनट तक कोई अच्चा संगीत अवश्य सुने। संगीत ऐसा हो जो आपके दिमाग से विचारों की उथल-पुथल को शांत करके आपको गहरे मौन और ध्यान की गहराइयों में पहुंचा सके।
3. आसन और व्यायाम
सामान्य व्यायाम में उठक-बैठक, घूमना, दौडऩा, रस्सी कूदना, दंड लगाना…आदि आते हैं, जबकि आसनों के द्वारा शरीर के सूक्ष्म और अंदरुनी अंगों का व्यायाम होता है। दोनों ही बेहद जरूरी हैं। आसन-व्यायाम को अपने डेली रुटीन में शामिल किये बगैर आपकी पूर्ण स्वास्थय की इच्छा कभी भी पूरी नहीं हो पाएगी।
4. फिल्म देखना/ पुस्तक पढऩा
सकारात्मक विषयों पर बनी फीचर फिल्मों को देखकर स्वस्थ मनोरंजन करना भी तनाव को घटाने का अच्छा विकल्प है। इसके अतिरिक्क किसी अच्छी पुस्तक को पढऩा भी दिमाग के लिये पाष्टिक खुराक का काम करता है।
5. मेडिटेशन
अगर कहा जाए कि संसार की अधिकांश समस्याओं को सिर्फ ध्यान के बल पर ठीक किया जा सकता है तो इसमें कोई भी अतिशयोक्ति नहीं है। नियमित ध्यान के अभ्यास से व्यक्ति में इंसानियत और मानवीयता के सद्गुणों का जन्म होता है। ध्यान से मानसिक तनाव को दूर करना सबसे अधिक कारगर और अचूक उपाय है।
1. खुल कर करें मेल-मिलाप
अक्सर देखने में आता है कि व्यक्ति काम की अधिकता और व्यस्तता के कारण परिवार और मित्रों के साथ के लिये भी वक्त नहीं निकाल पाता।
होना यह चाहिये कि प्रतिदिन, चाहे आधा घंटा ही सही पर अपने प्रियजनों के लिये वक्त अवश्य निकालना चाहिये। अपनों के साथ अपने सुख-दु:ख बांटने से तनाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
2. संगीत में स्नान
संगीत को सिर्फ मनोरंजन मानना बहुत बड़ी भूल है। संगीत सिर्फ कला ही नहीं वह ध्यान, चिकित्सा पद्धति और आध्यात्मिक साधना सब कुछ एक साथ है। प्रतिदिन 20 से 30 मिनट तक कोई अच्चा संगीत अवश्य सुने। संगीत ऐसा हो जो आपके दिमाग से विचारों की उथल-पुथल को शांत करके आपको गहरे मौन और ध्यान की गहराइयों में पहुंचा सके।
3. आसन और व्यायाम
सामान्य व्यायाम में उठक-बैठक, घूमना, दौडऩा, रस्सी कूदना, दंड लगाना…आदि आते हैं, जबकि आसनों के द्वारा शरीर के सूक्ष्म और अंदरुनी अंगों का व्यायाम होता है। दोनों ही बेहद जरूरी हैं। आसन-व्यायाम को अपने डेली रुटीन में शामिल किये बगैर आपकी पूर्ण स्वास्थय की इच्छा कभी भी पूरी नहीं हो पाएगी।
4. फिल्म देखना/ पुस्तक पढऩा
सकारात्मक विषयों पर बनी फीचर फिल्मों को देखकर स्वस्थ मनोरंजन करना भी तनाव को घटाने का अच्छा विकल्प है। इसके अतिरिक्क किसी अच्छी पुस्तक को पढऩा भी दिमाग के लिये पाष्टिक खुराक का काम करता है।
5. मेडिटेशन
अगर कहा जाए कि संसार की अधिकांश समस्याओं को सिर्फ ध्यान के बल पर ठीक किया जा सकता है तो इसमें कोई भी अतिशयोक्ति नहीं है। नियमित ध्यान के अभ्यास से व्यक्ति में इंसानियत और मानवीयता के सद्गुणों का जन्म होता है। ध्यान से मानसिक तनाव को दूर करना सबसे अधिक कारगर और अचूक उपाय है।
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