यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 26 अप्रैल 2017

पंचांग एवं राशिफल 26 april 2017

.     ।।  🕉  ।।
    🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द..................5119
विक्रम संवत्................2074
शक संवत्...................1939
मास..........................बैशाख
पक्ष.............................कृष्ण
तिथी.....................अमावस्या
संध्या 05.46 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
तिथि स्वामी.............विश्वदेव
नित्यदेवी.....................चित्रा
रवि......................उत्तरायण
सूर्योदय...........05.58.19 पर
सूर्यास्त...........06.51.56 पर
नक्षत्र.......................अश्विनी
संध्या 07.19 पर्यंत पश्चात भरणी
योग.............................प्रीती
रात्रि 08.41 पर्यंत पश्चात आयुष्यमान
करण........................चतुष्पद
प्रातः 07.29 पर्यंत पश्चात नाग
ऋतु...........................बसंत
दिन..........................बुधवार

💮 *आंग्ल मतानुसार* :-
26 अप्रैल सन 2017 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.24 से 01.59 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा -
यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

☸ शुभ अंक..............8
🔯 शुभ रंग...............हरा

💮 चौघडिया :-
प्रात: 06.01 से 07.36 तक लाभ
प्रात: 07.36 से 09.12 तक अमृत
प्रात: 10.48 से 12.24 तक शुभ
अप. 03.35 से 05.11 तक चंचल
सायं 05.11 से 06.47 तक लाभ
रात्रि 08.11 से 09.35 तक शुभ

💮 *आज का मंत्र* :-
|| ॐ आमोदाय नमः ||

# *सुभाषितम्* :-
*अष्टावक्र गीता - एकादश अध्याय :-* 
चिन्तया जायते दुःखं
नान्यथेहेति निश्चयी।
तया हीनः सुखी शान्तः
सर्वत्र गलितस्पृहः॥११- ५॥
अर्थात :-
चिंता से ही दुःख उत्पन्न होते हैं किसी अन्य कारण से नहीं, ऐसा निश्चित रूप से जानने वाला, चिंता से रहित होकर सुखी, शांत और सभी इच्छाओं से मुक्त हो जाता है॥५॥

#‎ *आरोग्यं* :-
*पीरियड्स के दिनों में बहुत अधिक दर्द की समस्या*
*अजवाइन
अक्सर पीरियड्स के दौरान महिलाओं में गैस्ट्रिक
की समस्या बढ़ जाती है जिसकी वजह से भी पेट में तेज दर्द
होता है। अजवाइन का सेवन इससे निपटने में बेहद कारगर है।
आधा चम्मच अज्वाइन और आधा चम्मच नमक को मिलाकर
गुनगुने पानी के साथ पीने से दर्द से तुरंत राहत मिल
सकती है। इसके अलावा, पीरियड्स के दिनों में अज्वाइन
को चुकंदर, गाजर और खीरे के साथ जूस बनाकर पीने से
भी दर्द नहीं होता।

*अदरक
पीरियड्स में दर्द के दौरान अदरक का सेवन भी तुरंत राहत
पहुंचाता है। एक कप पानी में अदरक के टुकड़े को बारीक
काटकर उबाल लें। चाहें तो इसमें स्वादानुसार शक्कर
भी मिलाएं। दिन में तीन बार भोजन के बाद इसका सेवन करें।

*डेयरी उत्पाद
दूध और दूध के बने उत्पाद का सेवन महिलाओं के लिए बहुत
जरूरी है। जिन महिलाओं के शरीर में कैल्शियम
की कमी होती है उन्हें मासिक धर्म से संबंधित समस्याएं
अधिक होती हैं। ऐसे में न सिर्फ पीरियड्स बल्कि हमेशा दूध
व डेयरी उत्पाद का सेवन महलिओं के बहुत जरूरी है
क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है।

*तुलसी
तुलसी एक बेहतरीन नैचुरल पेन किलर है जिसे पीरियड्स के
दर्द में बेझिझक ले सकते हैं। इसमें मौजूद कैफीक एसिड दर्द
में आराम पहुंचाता है। ऐसे में दर्द के समय तुलसी के पत्ते
को चाय में मिलाकर पीने से भी आराम मिलता है। अधिक
परेशानी हो तो आधा कप पानी में तुलसी के 7-8 पत्ते
डालकर उबालें और छानकर उसका सेवन करें।

*पपीता
कई बार पीरियड्स के दौरान फ्लो ठीक तरीके से न हो पाने
के कारण भी महिलाओं को अधिक दर्द होता है। ऐसे में पपीते
का सेवन एक बेहतरीन विकल्प है। इसके सेवन से पीरियड्स
के दौरान फ्लो ठीक संतुलित तरीके से होता है जिससे दर्द
नहीं होता।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। यात्रा सफल रहेगी। जल्दबाजी न करें। चिंता रहेगी।
                              
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अपव्यय से तनाव रहेगा। विरोध होगा। झंझटों से दूर रहें। कानूनी विवाद निपटेंगे।
 
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
डूबी हुई धनराशि प्राप्त होगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। यशवृद्धि होगी। वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम न लें। व्यापारिक कार्यों से श्रीवृद्धि होगी।
                                 
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। पुराना रोग उभर सकता है। धनप्राप्ति सुगम होगी। नवीन योजनाओं से लाभ होगा।
      
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
नई योजना बनेगी। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। पुराने मित्र-संबंधी मिलेंगे। धर्म में रुचि रहेगी। कानूनी बाधा दूर होकर लाभ होगा।
           
👩🏻‍🎤 *राशि फलादेश कन्या* :-
शारीरिक कष्ट से बाधा संभव। मशीन व वाहनादि के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद से बचें। कलह से हानि होगी। शुभचिंतक से मुलाकात का हर्ष होगा।
                          
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रुभय से तनाव रहेगा। परोपकार में रुचि बढ़ेगी।
                            
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
शत्रु घुटने टकेंगे। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। विवाद न करें। आजीविका की समस्या का हल होगा। उन्नति होगी।
                            
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
भय व पीड़ा का माहौल बन सकता है। विद्यार्थी वर्ग सफल रहेगा। संतान की चिंता रहेगी। स्वादिष्ट भोजन प्राप्त होगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
रोग, चोट व चिंता तथा तनाव से बाधा उत्पन्न होगी। भागदौड़ रहेगी। लेन-देन में सावधानी रखें। झंझटों में न पड़ें। पारिवारिक कष्ट दूर होंगे।
                      
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
कम प्रयास से अधिक लाभ होगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। सुख के साधन जुटेंगे। विवाद से बचें। समस्याओं का अंत संभव है।
                     
🐳 *राशि फलादेश मीन* :-
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। अज्ञात भय सताएगा। शत्रु परास्त होंगे। परिवार की चिंता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। सश्रम किए गए कार्य पूर्ण होंगे।
   
☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

रविवार, 26 मार्च 2017

भारतीय नववर्ष - नव संवत्सर विक्रम संवत 2074 || 28 March 2017

|| भारतीय नववर्ष विक्रम संवत 2074 ||   28 March 2017
हम कैसे मनायें नव वर्ष-नव संवत्सर..????
भारतीय और वैदिक नव वर्ष की पूर्व संध्या पर हमें दीपदान करना चाहिये। घरों में शाम को 7 बजे लगभग घण्टा-घडियाल व शंख बजाकर मंगल ध्वनि से नव वर्ष का स्वागत करें। इष्ट मित्रों को एसएमएस, इमेल एवं दूरभाष से नये वर्ष की शुभकामना भेजना प्रारम्भ कर देना चाहिये। नव वर्ष के दिन प्रातःकाल से पूर्व उठकर मंगलाचरण कर सूर्य को प्रणाम करें। हवन कर वातावरण शुद्ध करें। नये संकल्प करें। नवरात्रि के नो दिन साधना के शुरू हो जाते हैं तथा नवरात्र घट स्थापना की जाती है।
नव वर्ष का स्वागत करने के लिए अपने घर-द्वार को आम के पत्तों से अशोक पत्र से द्वार पर बन्दनवार लगाना चाहिये। नवीन वस्त्राभूषण धारण करना चाहिये। इसी दिन प्रातःकाल स्नान कर हाथ में गंध, अक्षत, पुष्प और जल ले कर ‘ओम भूर्भुवः स्वः संवत्सर-अधिपति आवाहयामि पूजयामि च’ मंत्र से नव संवत्सर की पूजा करनी चाहिये एवं नव वर्ष के अशुभ फलों के निवारण हेतु ब्रह्माजी से प्रार्थना करनी चाहिये। हे भगवन्! आपकी कृपा से मेरा यह वर्ष मंगलमय एवं कल्याणकारी हो। इस संवत्सर के मध्य में आने वाले सभी अनिष्ट और विघ्न शांत हो जाये।

नव संवत्सर के दिन नीम के कोमल पत्तों और ऋतु काल के पुष्पों का चूर्ण बनाकर उसमें काली मिर्च, नमक, हींग, जीरा, मिश्री, इमली और अजवाइन मिलाकर खाने से रक्त विकार आदि शारीरिक रोग होने की संभावना नहीं रहती है तथा वर्षभर हम स्वस्थ रह सकते हैं। इतना न कर सके तो कम-से-कम चार-पाँच नीम की कोमल पत्त्यिाँ ही सेवन कर ले तो पर्याप्त रहता है। इससे चर्मरोग नहीं होते हैं। महाराष्ट्र में तथा मालवा में पूरनपोली या मीठी रोटी बनाने की प्रथा है। मराठी समाज में गुड़ी सजाकर भी बाहर लगाते हैं। यह गुड़ी नव वर्ष की पताका का ही स्वरूप है।

गुड़ी का अर्थ विजय पताका होती है। ‘युग‘ और ‘आदि‘ शब्दों की संधि से बना है ‘युगादि‘ । आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ‘उगादि‘ और महाराष्ट्र में यह पर्व ‘ग़ुड़ी पड़वा‘ के रूप में मनाया जाता है। विक्रमादित्य द्वारा शकों पर प्राप्त विजय तथा शालिवाहन द्वारा उन्हें भारत से बाहर निकालने पर इसी दिन आनंदोत्सव मनाया गया । इसी विजय के कारण प्रतिपदा को घर-घर पर ‘ध्वज पताकाएं’ तथा ‘गुढि़यां’ लगाई जाती है गुड़ी का मूल …संस्कृत के गूर्दः से माना गया है जिसका अर्थ… चिह्न, प्रतीक या पताका ….पतंग….आदि- कन्नड़ में कोडु जिसका मतलब है चोटी, ऊंचाई, शिखर, पताका आदि। मराठी में भी कोडि का अर्थ है शिखर, पताका। हिन्दी-पंजाबी में गुड़ी का एक अर्थ पतंग भी होता है। आसमान में ऊंचाई पर फहराने की वजह से इससे भी पताका का आशय स्थापित होता है।

भारत भर के सभी प्रान्तों में यह नव-वर्ष विभिन्न नामों से मनाया जाता है जो दिशा व स्थानानुसार सदैव मार्च-अप्रेल के माह में ही पड़ता है | गुड़ी पड़वा, होला मोहल्ला, युगादि, विशु, वैशाखी, कश्मीरी नवरेह, उगाडी, चेटीचंड, चित्रैय तिरुविजा आदि सभी की तिथि इस नव संवत्सर के आसपास ही आती है।

सच तो यह है कि विक्रम संवत् ही हमें अपनी संस्कृति की याद दिलाता है और कम से कम इस बात की अनुभूति तो होती है कि भारतीय संस्कृति से जुड़े सारे समुदाय इसे एक साथ बिना प्रचार प्रसार और नाटकीयता से परे हो कर मनाते हैं। हम सब भारतवासियों का कर्तव्य है कि पूर्ण रूप से वैज्ञानिक और भारतीय कैलेण्डर विक्रम संवत् के अनुसार इस दिन का स्वागत करें। पराधीनता एवं गुलामी के बाद अंग्रेजों ने हमें एक ऐसा रंग चढ़ाया कि हम अपने नव वर्ष को भूल कर-विस्मृत कर उनके रंग में रंग गये। उन्हीं की तरह एक जनवरी को नव वर्ष अधिकांश लोग मनाते आ रहे हैं। लेकिन अब देशवासी को अपनी भारतीयता के गौरव को याद कर नव वर्ष विक्रमी संवत् मनाना चाहिये जो आगामी 28 मार्च को है।

भारतीय कैलेंडर के 12 महीने :
1) चैत्र
2) वैशाख
3) ज्येष्ठ
4) आषाढ़
5) सावन
6) भाद्रपद
7) अश्विन
8) कार्तिक
9) मार्गशीष
10) पौष
11) माघ
12) फाल्गुन

भारतीय कैलेंडर की गणना :
1) 1 महीने में 30 तिथि अथवा दिन
2) 1 दिवस दिन में 27 नक्षत्र
3) नक्षत्रो में भी 27 योग
4) 1 तिथि में भी 30 कर ( कर मतलब तिथि का आधा)

यह पूरी गणना सूर्य और चन्द्र के ऊपर निर्धारित होती हे जबकि अंग्रेजी कैलेंडर में ऐसा कुछ नहीं होता.

भारतीय नववर्ष पर क्या करे :
1) प्रातकाल ब्रह्म मोहरत में जागकर घर में धार्मिक कार्य की शुरुआत करे
2) नववर्ष पूर्व संध्या पर घर में रौशनी करे
3) घर की छत पर भगवा ॐ का ध्वज लगाये
4) नववर्ष पर मोहल्ले वासियों को तिलक लगाए
5) अपने मित्र संबंधियों को नववर्ष के शुभकामना भेजे
6) नववर्ष की संध्या पर आतिशबाजी करे
7) सामाजिक संस्था द्वारा आयोजन कराये जाए
8) गरीब बस्ती में किताबे, धर्म प्रचार सामग्री बाटे
क्या करें नव-संवत्सर के दिन (गुड़ी पड़वा विशेष)—-
—घर को ध्वजा, पताका, तोरण, बंदनवार, फूलों आदि से सजाएँ व अगरबत्ती, धूप आदि से सुगंधित करें।
—-दिनभर भजन-कीर्तन कर शुभ कार्य करते हुए आनंदपूर्वक दिन बिताएँ।
—सभी जीव मात्र तथा प्रकृति के लिए मंगल कामना करें।
—नीम की पत्तियाँ खाएँ भी और खिलाएँ भी।
—ब्राह्मण की अर्चना कर लोकहित में प्याऊ स्थापित करें।
—इस दिन नए वर्ष का पंचांग या भविष्यफल ब्राह्मण के मुख से सुनें।
—इस दिन से दुर्गा सप्तशती या रामायण का नौ-दिवसीय पाठ आरंभ करें।
—इस दिन से परस्पर कटुता का भाव मिटाकर समता-भाव स्थापित करने का संकल्प लें।


भारतीय नववर्ष की पुनः जीवन में लाने के लिए युवाओ को आगे आना होगा, ज्यादा से ज्यादा उस दिन नववर्ष कार्यकर्म करे और फेसबुक, twitter, whats app के जरिये सभी को शुभकामना सन्देश भेजे. पहले पहले सभी हेरान होंगे परन्तु देश के स्वाभिमान के लिए लोग इसे याद जरुर रखेंगे.

सोमवार, 20 मार्च 2017

किस्सा रफ कॉपी का

किस्सा रफ काॅपी का📓

              हर सब्जेक्ट की काॅपी अलग अलग बनती थी, परंतु एक काॅपी ऐसी थी जो हर सब्जेक्ट को सम्भालती थी। उसे हम रफ काॅपी कहते थे।

यूं तो रफ काॅपी का मतलब खुरदुरा होता है। परंतु वो रफ काॅपी हमारे लिए बहुत कोमल होती थी। कोमल इस सन्दर्भ में कि, उसके पहले पेज पर हमें कोई इंडेक्स नहीं बनाना होता था, न ही शपथ लेनी होती थी कि, इस काॅपी का एक भी पेज नहीं फाडेंगे इसे साफ रखेंगे।
                वो काॅपी पर हमारे किसी न किसी पसंदीदा व्यक्तित्व का चित्र होता था उस काॅपी के पहले पन्ने पर सिर्फ हमारा नाम होता था और आखिरी पन्नों पर अजीब सी कला कृतियां, राजा मंत्री चोर सिपाही या फिर पर्ची वाले क्रिकेट का स्कोर कार्ड, उस रफ काॅपी में बहुत सी यादें होती थी।
जैसे अनकहा प्रेम
अनजाना सा गुस्सा
कुछ उदासी
कुछ दर्द, हमारी रफ काॅपी में ये सब कोड वर्ड में लिखा होता था
जिसे कोई आई एस आई
या
सी आई ए डिकोड नहीं कर सकती थी।
उस पर अकिंत कुछ शब्द, कुछ नाम कुछ चीजें एसी थी जिन्हें मिटाया जाना हमारे लिए असंभव था हमारे बेग में कुछ हो या न हो वो रफ काॅपी जरूर होती थी। आप हमारे बेग से कुछ भी ले सकते थे पर वो रफ काॅपी नहीं हर पेज पर हमने बहुत कुछ ऐसा लिखा होता था जिसे हम किसी को नहीं पढ़ा सकते थे,
             कभी कभी ये भी होता था कि उन पन्नो से हमने वो चीज फाड़ कर दांतों तले चबा कर थूक दिया था क्योंकि हमें वो चीज पसंद न आई होगी समय इतना बीत गया कि, अब काॅपी ही नहीं रखते हैं। रफ काॅपी जीवन से बहुत दूर चली गई है,
हालांकि अब बेग भी नहीं रखते हैं कि रफ काॅपी रखी जाए।
              वो खुरदुरे पन्नो वाली रफ काॅपी अब मिलती ही नहीं। हिसाब भी नहीं हुआ है बहुत दिनों से, न ही प्रेम का न ही गुस्से का, यादों की गुणा भाग का समय नहीं बचता।
अगर कभी वो रफ काॅपी मिलेगी उसे लेकर बैठेंगे, फिर से पुरानी चीजों को खगांलेगें, हिसाब करेंगे और आखिरी के पन्नों पर राजा मंत्री चोर सिपाही खेलेंगे।
          वो नटराज की पेन्सिल, वो चेलपारक की स्याही वो महंगी पायलेट की पैन और जैल पेन की लिखाई ******* वो सारी ड्राइंग वो पहाड़ वो नदियां वो झरने वो फूल, लिखते लिखते ना जाने कब ख़त्म हुआ स्कूल।
अब तो बस साइन करने के लिए उठती है कलम, पर आज न जाने क्यों वो नोटबुक का वो आखिरी पन्ना याद आ गया जैसे उस काट पीट में छिपा कोई राज ही टकरा गया।
        जीवन में शायद कहीं कुछ कम सा हो गया। पलके भीगी सी है, कुछ नम सा हो गया। आज फिर वक्त शायद कुछ थम सा गया।

क्या आपको याद है आपकी वो रफ काॅपी📙😊

गुरुवार, 16 मार्च 2017

पंचांग एवं राशिफल

.        ।। 🕉 ।।
    🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द.................5118
विक्रम संवत्...............2073
शक संवत्..................1938
मास............................चैत्र
पक्ष...........................कृष्ण
तिथी.........................चतुर्थी
रात्रि 01.11 पर्यंत पश्चात पंचमी
रवि.....................उत्तरायण
सूर्योदय...........06.35.32 पर
सूर्यास्त...........06.36.08 पर
तिथि स्वामी..................यम
नित्यदेवी....................भेरुंडा
नक्षत्र........................स्वाति
रात्रि 12.34 पर्यंत पश्चात विशाखा
योग........................व्याघात
रात्रि 02.30 पर्यंत पश्चात हर्षण
करण...........................बव
दोप 12.11 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु..........................बसंत
दिन.........................गुरुवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
16 मार्च सन 2017 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 02.04 से 03.33 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
दक्षिणदिशा -
यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

☸ शुभ अंक..................8
🔯 शुभ रंग............केसरिया

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 06.38 से 08.07 तक शुभ
प्रात: 11.05 से 12.35 तक चंचल
दोप. 12.35 से 02.04 तक लाभ
दोप. 02.04 से 03.33 तक अमृत
सायं 05.02 से 06.32 तक शुभ
सायं 06.32 से 08.02 तक अमृत
रात्रि 08.02 से 09.33 तक चंचल |

💮 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ विनायकाय नम: ।।

📢 *सुभाषितम्* :-
*अष्टावक्र गीता - चतुर्थ अध्याय :-*
प्रत्यक्षमप्यवस्तुत्वाद्
विश्वं नास्त्यमले त्वयि।
रज्जुसर्प इव व्यक्तं
एवमेव लयं व्रज॥५- ३॥
अर्थात :-
यद्यपि यह विश्व आँखों से दिखाई देता है परन्तु अवास्तविक है। विशुद्ध तुम में इस विश्व का अस्तित्व उसी प्रकार नहीं है जिस प्रकार कल्पित सर्प का रस्सी में। यह जानकर ब्रह्म से योग (एकरूपता) को प्राप्त करो ॥३॥

🍃 *आरोग्यं* :-
नौसादर (SALLAMONIAC ) -
१- नौसादर-४ ग्राम,सुहागा-४ ग्राम और सौंफ-२ ग्राम को अच्छी तरह बारीक पीसकर उसमें ४ ग्राम मीठा सोडा मिलाकर रख लें| इसमें से आधे से दो ग्राम की मात्रा में सुबह,दोपहर और शाम को रोगी को देने से पेट की बीमारियों में आराम होता है |
२- फिटकरी,सेंधानमक तथा नौसादर बराबर मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लें | इसे प्रतिदिन सुबह-शाम मसूड़ों व दाँतों के सभी रोग ठीक हो जाते हैं |
३- नौसादर को पानी में घोलकर ,उसमें एक साफ़ कपड़ा भिगोकर गांठ के ऊपर रखने से लाभ होता है |
४- एक कप पानी में एक चुटकी नौसादर डालकर दिन में तीन बार पीने से खांसी ठीक हो जाती है |
५- नौसादर और कुटकी को जल में मिलाकर माथे पर लेप की तरह लगाने से आधासीसी के दर्द में लाभ होता है |

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
बौद्धिक कार्य लाभ देंगे। दावत का निमंत्रण मिलेगा। जीवनसाथी का स्वास्थ्य ठीक न होगा। समाचार प्रसन्न करेंगे। व्यापार ठीक चलेगा।
                  
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
जोखिम वाले कार्य सावधानी से करें। कार्य सिद्धि होगी। व्यापार निवेश से लाभ होगा। नौकरी-इंटरव्यू से लाभ होगा। कार्य का विस्तार होगा।
                      
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
निवेश से लाभ तथा विरोधी शांत रहेंगे। बौद्धिक कार्यों से लाभ, नौकरी-इंटरव्यू में सफलता मिलेगी। दूसरे के कार्यों में हस्तक्षेप से बचें।
           
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
विरोधी कष्ट देंगे। मातृपक्ष की चिंता होगी। निवेश से लाभ, इंटरव्यू आदि में सफलता के योग हैं। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। इच्छित लाभ होगा।
              
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
विलासिता के प्रति रुझान बढ़ेगा। विद्यार्थी सफलता अर्जित करेंगे। निवेश व्यापार से लाभ। यात्रा मंगलमय होगी तथा विरोधी निर्बल होंगे।
                      
👩🏻‍🎤 *राशि फलादेश कन्या* :-
नेत्रों का रोग हो सकता है। हानि-दुर्घटना के योग हैं। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जोखिम वाले कार्य टालें। मन में उत्साहपूर्ण विचारों से समय सुखद रहेगा।
                    
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
रुका हुआ धन वापस आएगा। यात्रा लाभकारी तथा निवेश लाभदायक रहेगा। विरोधी निर्बल होंगे। हानि हो सकती है। मकान व जमीन संबंधी कार्य बनेंगे।
      
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
नई योजनाएं बनेंगी। पराक्रम से लाभ होगा। निवेश से लाभ तथा नौकरी-इंटरव्यू में सफलता मिलेगी। यात्रा शुभ रहेगी। अनायास धन लाभ के योग हैं।
       
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। निवेश से लाभ होगा। रुके हुए कार्य पूरे होने के संयोग बनेंगे। यात्रा लाभकारी होगी। व्यापार में वांछित उन्नति होगी।
                           
🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
विरोधी सक्रिय रहेंगे। मूल्यवान वस्तु गुम या चोरी हो सकती है। वाहन-मशीनरी का प्रयोग सावधानी से करें। पूजा-पाठ में मन लगेगा।
                         
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। राजकीय कार्य पूर्ण होने के संकेत मिलेंगे। निवेश लाभकारी होगा। प्रमोशन मिलेगा। जीवन सुखद रहेगा।
                  
🐳 *राशि फलादेश मीन* :-
शरीर सुस्त रहेगा। यात्रा में सावधानी रखें। निवेश से लाभ तथा संपत्ति के सौदे लाभकारी रहेंगे। नए कार्यों से जुड़ने का योग बनेगा।
            
☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। *शुभम भवतु* ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय*  🚩🚩

सोमवार, 13 मार्च 2017

आज का राशिफल पंचांग

.       ।। 🕉 ।।
  🚩 🌞 *सुप्रभातम्* 🌞 🚩
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द.............5118
विक्रम संवत्...........2073
शक संवत्..............1938
मास........................चैत्र
पक्ष.......................कृष्ण
तिथी...................प्रतिपदा
रात्रि 08.51 पर्यंत पश्चात द्वितीया
तिथिस्वामी............ब्रह्मा
नित्यदेवी...........कामेश्वरी
रवि.................उत्तरायण
सूर्योदय.......06.37.24 पर
सूर्यास्त.......06.35.07 पर
नक्षत्र..........उत्तराफाल्गुनी
संध्या 06.42 पर्यंत पश्चात हस्त
योग.........................गंड
रात्रि 02.14 पर्यंत पश्चात वृद्धि
करण....................बालव
प्रातः 08.34 पर्यन्त पश्चात कौलव
ऋतु.......................बसंत
दिन....................सोमवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
13 मार्च सन 2017 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 08.09 से 09.38 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें।

☸ शुभ अंक..............4
🔯 शुभ रंग..............लाल

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 06.41 से 08.09 तक अमृत
प्रात: 09.38 से 11.07 तक शुभ
दोप. 02.04 से 03.33 तक चंचल
अप. 03.33 से 05.02 तक लाभ
सायं 05.02 से 06.31 तक अमृत
सायं 06.31 से 08.02 तक चंचल ।

💮 *आज का मंत्र* :-
|| ॐ उधर्वेय नमः ||

 *संस्कृत सुभाषितानि* :-
*अष्टावक्र गीता - चतुर्थ अध्याय :-* 
आत्मानमद्वयं कश्चिज्-
जानाति जगदीश्वरं।
यद् वेत्ति तत्स कुरुते
न भयं तस्य कुत्रचित्॥४- ६॥
अर्थात :-
आत्मा को एक और जगत का ईश्वर कोई कोई ही जानता है, जो ऐसा जान जाता है उसको किसी से भी किसी प्रकार का भय नहीं है॥६॥

🍃 *आरोग्यं* :-
सर्दियों में खाएं ये गर्म आहार और रहें बीमारियों से दूर |

1. गाजर: गाजर खाने से त्‍वचा हेल्‍दी रहती है, आंखों की रौशनी बढ़ती है, रोग प्रतिरोधक छमता बढती है जिससे सर्दियों में शरीर को ठंड नहीं लगती। यह एक गर्म आहार है, जिसे आपको जरुर खाना चाहिये।

2. सिट्रस फल: संतरा हो चाहे नींबू, इनमें ढेर सारा विटामिन सी होता है जिससे शरीर को पोषण और फ्लेवीनॉइड प्राप्‍त होता है। यह शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद दिलवाता है। साथ ही यह अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल को भी बढाता है। यह शरीर को गर्म रखने में मदद करता है।

3. लहसुन और अदरक: हर घर में भोजन में लहसुन और अदरक का प्रयोग जरुर किया जाता है। सर्दियों में इनके सेवन से सर्दी, जुखाम और कफ से राहत मिलती है। अगर आप मसाला चाय बना रही हैं तो उसमें अदरक डालना ना भूलें।

4. अमरूद: सिट्रस फल की तरह इसमें भी भारी मात्रा में विटामिन सी होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक छमता बढता है। साथ ही इसमें पोटैशियम और मैगनीशियम होता है।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
व्यय बढ़ेगा। मान-सम्मान को ठेस पहुंच सकती है। विवाद से दूर रहें। व्यापार धीमा चलेगा। जोखिम वाले कार्य न करें। अपना कार्य स्वयं करें।
                         
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
शत्रु परास्त होंगे। व्यापार निवेश लाभ देंगे। नौकरी-इंटरव्यू से लाभ होगा। यात्रा लाभकारी होगी। पराक्रम से लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय मध्यम रहेगा।
                             
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
संतान की चिंता होगी। व्यापार-निवेश, नौकरी-इंटरव्यू से लाभ होगा। शत्रु शांत रहेंगे। पराक्रम से लाभ बढ़ेंगे। महत्वपूर्ण कार्यों में नुकसान संभव।
                          
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
मातृपक्ष की चिंता होगी। शत्रु कष्ट देंगे। जो‍‍खिमभरे कार्य टालें। व्यापार निवेश ‍ठीक रहेगा। भरोसे न रहकर अपना कार्य स्वयं करें। यात्रा लाभकारी रहेगी।
                     
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
व्यापार-निवेश से लाभ होगा। जोखिम वाले कार्य न करें। व्ययभार बढ़ेगा। अस्वस्थता रहेगी। विरोधी शांत रहेंगे। व्यापार-नौकरी में लाभ होगा।
        
👩🏻‍🎤 *राशि फलादेश कन्या* :-
यात्रा लाभकारी रहेगी। नेत्र रोग से परेशानी तथा कीमती वस्तु गुम हो सकती है। रुका हुआ धन वापस आ सकता है। यात्रा का शुभ योग।
  
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
प्रतिष्ठा बढ़ेगी। योजनाएं फलीभूत होंगी। निवेश लाभकारी रहेगा। जोखिम वाले कार्य न करें। शत्रु शांत रहेंगे। मन प्रसन्न रहेगा।
                        
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
अस्वस्थता रहेगी। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। शासकीय कार्य पूर्ण होंगे। शत्रु नि‍ष्क्रिय होंगे। व्यापार से लाभ होगा। कार्य की गति बढ़ेगी।
                      
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
विवाद से दूर रहें। व्यापार-निवेश लाभकारी रहेंगे। यात्रा लाभ देगी। शत्रु शांत रहेंगे, जोखिम से दूर रहें। आपके कार्यों को समाज में प्रशंसा मिलेगी।
                           
🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
गृहस्थ सुख मिलेगा। राज्य से लाभ तथा व्यापार निवेश लाभ देंगे। वाहन-मशीनरी का प्रयोग सावधानी से करें। खर्चों में कमी करें।
                       
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
यात्रा में सावधानी रखें। संपत्ति से लाभ होगा, निवेश लाभकारी होगा। शत्रु कष्ट देंगे, जोखिम न उठाएं। आपके कार्यों को समाज में प्रशंसा मिलेगी।
                    
🐳 *राशि फलादेश मीन* :-
बौद्धिक कार्य लाभ देंगे। मित्रों के साथ सुखमय समय बीतेगा। निवेश लाभ देगा। शत्रु शांत रहेंगे। भागीदारी में आपके निर्णयों से लाभ होगा।
 
💐 *फाग महोत्सव की सभी को हृदय से रंगारंग बधाई*😊🔴💜💙               
☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

रविवार, 12 मार्च 2017

इस बार रंग लगाना तो.. ऐसा रंग लगाना


इस बार रंग लगाना तो.. ऐसा रंग लगाना.. के ताउम्र ना छूटे..
ना हिन्दू पहिचाना जाये ना मुसलमाँ.. ऐसा रंग लगाना..
लहू का रंग तो अन्दर ही रह जाता है.. जब तक पहचाना जाये सड़कों पे बह जाता है..
कोई बाहर का पक्का रंग लगाना..
के बस इंसां पहचाना जाये.. ना हिन्दू पहचाना जाये..
ना मुसलमाँ पहचाना जाये.. बस इंसां पहचाना जाये..
इस बार.. ऐसा रंग लगाना...

होली की उतनी शुभ कामनाएं जितनी मैंने और आपने मिलके भी ना बांटी हों...
आपको और आपके परिवारजन, मित्र एंव शुभचिंतकों को होली के पावन पर्व पर हार्दिक बधाई, होलिका दहन पर आपके समस्त संताप, व्याधि, और अभावों का दहन हो और आप के जीवन मे रंग बिरंगी खुशियों की भरमार हो! इन्ही आशाओं के साथ

आपका शुभेछु !!
Kailash chandra ladha



Www.sanwariya.org

होली का लोकप्रिय सूत्र वाक्य है - बुरा न मानो होली है।

होली का लोकप्रिय सूत्र वाक्य है - बुरा न मानो होली है। इस नारे की सार्थकता तभी है, जब हम दूसरों की भावनाओं का सम्मान कर एवं मर्यादाओं का ध्यान रखकर होली की परंपराओं को निभाएं। अन्यथा इस पर्व और संबंधों की मिठास, खटास में बदलने में देर नहीं लगती। अत: कुछ ऐसी बातें जिनको अपनाकर इस त्योहार पर रंग में भंग जैसी स्थिति बनने से बचा जा सकता है।

- रासायनिक पदार्थों से बने रंगों जैसे पेंट, वार्निश या अन्य रंगों के उपयोग से बचें। यह त्वचा और आंखों को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। इनके स्थान पर अबीर, गुलाल, टेसु के फूलों का रंग के रूप में उपयोग करें।

- कीचड़, मलबा या अन्य मलीन पदार्थों का उपयोग न करें।

- शराब, भांग या अन्य किसी प्रकार के नशे का सेवन कर होली न खेलें। क्योंकि यह त्योहार है होश में आने का न कि होश गंवाने का।

- होली की परंपरा नृत्य, गायन, वादन प्रधान है। किंतु अति उत्साह में इन गतिविधियों से किसी के साथ अशालीनता, अभद्रता और अपशब्दों के प्रयोग से सामाजिक, पारिवारिक संबंधों की मर्यादा का हनन न होने दें।

- गुब्बारों के प्रयोग से बचें। इनसे चेहरें या शरीर के अन्य कमजोर अंगों को हानि पहुंच सकती है।

- बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के साथ होली खेलते समय उनके प्रति सम्मान और स्नेह के भाव रखें

होलिका दहन - 12 march 2017

💐 होली दहन 💐
( होली जलाने का दिन ) की तारीख़ : ” 12 मार्च , 2017 ” रविवार

होली जलाने का शुभ समय : ” शाम 6 : 23 से 8 : 23 “
*होली का पूजन – Holika Poojan*

होली पूजने की सामग्री – Holi pooja ki samagri

गोबर से बने बड़कूले , रोली , मौली , अक्षत , अगरबत्ती , फूलमाला , कच्चा सूत , गुड़ , साबुत हल्दी , मूंग-चावल , फूले , बताशे , गुलाल ,

नारियल , जल का लोटा , गेहूं की नई हरी बालियां , हरे चने का पौधा आदि।
बड़कूले ( भरभोलिए ) कितने होने चाहिए

होली से दस बारह दिन पहले शुभ दिन देखकर गोबर से सात बड़कूले ( Badkule ) बनाये जाते है। गोबर से बने बड़कूले को भरभोलिए

( bharbholiye ) भी कहा जाता है। पाँच बड़कूले छेद वाले बनाये जाते है ताकि उनको माला बनाने के लिए पिरोया जा सके।
दो बड़कूले बिना छेद वाले बनाये जाते है । इसके बाद गोबर से ही सूरज , चाँद , तारे , और अन्य खिलौने बनाये जाते है। पान , पाटा , चकला ,
एक जीभ , होला – होली बनाये जाते है। इन पर आटे , हल्दी , मेहंदी , गुलाल आदि से बिंदियां लगाकर सजाया जाता है। होलिका की आँखें
चिरमी या कोड़ी से बनाई जाती है। अंत में ढाल और तलवार बनाये जाते है।
बड़कूले से माला बनाई जाती है। माला में होलिका , खिलोंने , तलवार , ढाल आदि भी पिरोये जाते है। एक माला पितरों की , एक हनुमान जी
की , एक शीतला माता की और एक घर के लिए बनाई जाती है। बाजार से तैयार माला भी खरीद सकते है। यह पूजा में काम आती है।

💐पूजन करने का तरीका💐

पूजन करते समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए।

जल की बूंदों का छिड़काव आसपास तथा पूजा की थाली और खुद पर करें।
इसके पश्चात नरसिंह भगवान का स्मरण करते हुए उन्हें रोली , मौली , अक्षत , पुष्प अर्पित करें।
इसी प्रकार भक्त प्रह्लाद को स्मरण करते हुए उन्हें रोली , मौली , अक्षत , पुष्प अर्पित करें।
इसके पश्चात् होलिका को रोली , मौली , चावल अर्पित करें , पुष्प अर्पित करें , चावल मूंग का भोग लगाएं। बताशा , फूले आदि चढ़ाएं।
हल्दी , मेहंदी , गुलाल , नारियल और बड़कूले चढ़ाएं। हाथ जोड़कर होलिका से सुख समृद्धि की कामना करें। सूत के धागे से होलिका
के चारों ओर घूमते हुए तीन , पाँच या सात बार लपेट दें । जल का लोटा वहीं पूरा खाली कर दें।
इसके बाद होलीका दहन किया जाता है। पुरुषों के माथे पर तिलक लगाया जाता है। होली जलने पर रोली चावल चढ़ाकर सात बार अर्घ्य

देकर सात परिक्रमा करनी चाहिए । इसके बाद साथ लाये गए हरे गेहूं और चने होली की अग्नि में भून लें। होली की अग्नि थोड़ी सी अपने
साथ घर ले आएं। ये दोनों काम बड़ी सावधानी पूर्वक करने चाहिए। होली की अग्नि से अपने घर में धूप दिखाएँ। भूने हुए गेहूं और चने प्रसाद
के रूप में ग्रहण करें।

आपको और आपके परिवारजन, मित्र एंव शुभचिंतकों को होली के पावन पर्व पर हार्दिक बधाई, होलिका दहन पर आपके समस्त संताप, व्याधि, और अभावों का दहन हो और आप के जीवन मे रंग बिरंगी खुशियों की भरमार हो! इन्ही आशाओं के साथ
आपका शुभेछु !!
Kailash chandra ladha
सांवरिया
Www.sanwariya.org

function disabled

Old Post from Sanwariya