इस बार रंग लगाना तो.. ऐसा रंग लगाना.. के ताउम्र ना छूटे..
ना हिन्दू पहिचाना जाये ना मुसलमाँ.. ऐसा रंग लगाना..
लहू का रंग तो अन्दर ही रह जाता है.. जब तक पहचाना जाये सड़कों पे बह जाता है..
कोई बाहर का पक्का रंग लगाना..
के बस इंसां पहचाना जाये.. ना हिन्दू पहचाना जाये..
ना मुसलमाँ पहचाना जाये.. बस इंसां पहचाना जाये..
इस बार.. ऐसा रंग लगाना...
होली की उतनी शुभ कामनाएं जितनी मैंने और आपने मिलके भी ना बांटी हों...
आपको और आपके परिवारजन, मित्र एंव शुभचिंतकों को होली के पावन पर्व पर हार्दिक बधाई, होलिका दहन पर आपके समस्त संताप, व्याधि, और अभावों का दहन हो और आप के जीवन मे रंग बिरंगी खुशियों की भरमार हो! इन्ही आशाओं के साथ
आपका शुभेछु !!
Kailash chandra ladha
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