❛❛ RSS पर उंगली उठाने वालोें👇🏻 को इसे पढ़ाओ ! ❜❜
स्थान - श्रीनगर ( कश्मीर ) !
समय - 1965 का युद्ध !
❛❛ शत्रु तेज गति से आगे बढ रहे थे ! कश्मीर को शीघ्र सैन्य मदद चाहिए थी ! ❜❜
❛❛ दिल्ली के सेना कार्यालय से श्रीनगर को संदेश प्राप्त हुआ कि किसी भी परिस्थिति में श्रीनगर के हवाई अड्डे पर शत्रु का कब्जा नहीं होना चाहिए ! शत्रु नगर को जीत ले, तो भी चलेगा, किन्तु हवाई अड्डा बचना चाहिए ! हम हवाई जहाज से सेना के दस्ते भेज रहे है ! हवाई अड्डे पर सर्वत्र हिम के ढेर लगे हैं ! हवाई जहाज उतारना अत्यंत कठिन है ! श्रीनगर सें यह प्रतिउत्तर आया ! ❜❜
❛❛ मजदूर लगाकर तुरन्त हटाइए ! चाहे कितनी भी मजदूरी देनी पड़े और इस काम के लिए कितने भी मजदूर लगाने पड़े, व्यवस्था कीजिए ! ❜❜
❛❛ मजदूर नही मिल रहे हैं ! ❜❜
❛❛ और ऐसे समय में सेना के प्रमुखों को संघ याद आया ! ❜❜
❛❛ रात्रि के ग्यारह बजे थे. एक सैन्य जीप संघ - कार्यालय के आगे आकर रुकी ! उसमें से एक अधिकारी उतरे ! ❜❜
❛❛ कार्यालय में प्रमुख स्वंय सेवकों की बैठक चल रही थी ! प्रेमनाथ डोगरा व अर्जुन जीं वही बैठे थें ! ❜❜
❛❛ सेनाधिकारी ने गंभीर स्थिति का संदेश दिया ! फिर उसने पूछा - आप हवाई अड्डे पर लगे हिम के ढेर हटानें का कार्य कर सकेंगे क्या ? ❜❜
❛❛ अर्जुन जी ने कहा - अवश्य ! कितने व्यक्ति सहायता के लिए चाहिए ! ❜❜
❛❛ कम से कम डेढ़ सौ, जिससे तीन - चार घंटों में सारी बरफ हट जायेगी ! ❜❜
❛❛ अर्जुन जी ने कहा - हम छः सौ स्वयं सेवक देते है ! ❜❜
❛❛ इतनी रात्रि में आप इतने ? सैन्य अधिकारी ने आश्चर्य से कहा ! ❜❜
❛❛ आप हमें ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था कीजिए ! ४५ मिनट में हम तैयार है ! ❜❜
❛❛ संघ कि पद्धति का कमाल था कि तय समय पर सभी ६०० स्वयं सेवक कार्यालय पर एकत्र होकर साथ साथ चले गए ! ❜❜
❛❛ दिल्ली को संदेश भेजा गया - बरफ हटाने का काम प्रारंम्भ हो गया है ! हवाई जहाज कभी भी आने दें ! ❜❜
❛❛ इतनी जल्दी मजदूर मिल गये क्या ? ❜❜
❛❛ हाँ, पर वे मजदूर नही, सभी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य हैं ! ❜❜
❛❛ रात्रि के डे़ढ बजे वे काम पर लग गए ! २७ अक्टूबर को प्रातः के समय प्रथम सिख रेजीमेन्ट के ३२९ सैनिक हवाई जहाज से श्रीनगर उतरे और उन्होने बड़े प्रेम से स्वंय सेवको को गले लगाया ! फिर क्या था एक के बाद एक ऐसे आठ हवाई जहाज उतरे ! ❜❜
❛❛ उन सभी में प्रयाप्त मात्रा में शस्त्रास्त्र थे ! सभी स्वंय सेवको ने वे सारे शस्त्रास्त्र भी उतार कर ठिकाने पर रख दिये ! ❜❜
❛❛ हवाई अड्डा शत्रु के कब्जे में जाने से बच गया ! जिसका सामरिक लाभ हमें प्राप्त हुआ ! ❜❜
❛❛ हवाई पट्टी चौड़ी करने का कार्य भी तुरन्त करना था, इसलिए विश्राम किये बिना ही स्वंय सेवक काम में जुट गये ! ❜❜
संदर्भ पुस्तक : न फूल चढे न दीप जले !
!! नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे !!
❛❛ आपको जानकारी अच्छी लगी हो और R S S के बारे मे जान के गर्व महसूस हुआ हो तो इस संदेश को आगे भी भेजे ••• !!! ❜❜
स्थान - श्रीनगर ( कश्मीर ) !
समय - 1965 का युद्ध !
❛❛ शत्रु तेज गति से आगे बढ रहे थे ! कश्मीर को शीघ्र सैन्य मदद चाहिए थी ! ❜❜
❛❛ दिल्ली के सेना कार्यालय से श्रीनगर को संदेश प्राप्त हुआ कि किसी भी परिस्थिति में श्रीनगर के हवाई अड्डे पर शत्रु का कब्जा नहीं होना चाहिए ! शत्रु नगर को जीत ले, तो भी चलेगा, किन्तु हवाई अड्डा बचना चाहिए ! हम हवाई जहाज से सेना के दस्ते भेज रहे है ! हवाई अड्डे पर सर्वत्र हिम के ढेर लगे हैं ! हवाई जहाज उतारना अत्यंत कठिन है ! श्रीनगर सें यह प्रतिउत्तर आया ! ❜❜
❛❛ मजदूर लगाकर तुरन्त हटाइए ! चाहे कितनी भी मजदूरी देनी पड़े और इस काम के लिए कितने भी मजदूर लगाने पड़े, व्यवस्था कीजिए ! ❜❜
❛❛ मजदूर नही मिल रहे हैं ! ❜❜
❛❛ और ऐसे समय में सेना के प्रमुखों को संघ याद आया ! ❜❜
❛❛ रात्रि के ग्यारह बजे थे. एक सैन्य जीप संघ - कार्यालय के आगे आकर रुकी ! उसमें से एक अधिकारी उतरे ! ❜❜
❛❛ कार्यालय में प्रमुख स्वंय सेवकों की बैठक चल रही थी ! प्रेमनाथ डोगरा व अर्जुन जीं वही बैठे थें ! ❜❜
❛❛ सेनाधिकारी ने गंभीर स्थिति का संदेश दिया ! फिर उसने पूछा - आप हवाई अड्डे पर लगे हिम के ढेर हटानें का कार्य कर सकेंगे क्या ? ❜❜
❛❛ अर्जुन जी ने कहा - अवश्य ! कितने व्यक्ति सहायता के लिए चाहिए ! ❜❜
❛❛ कम से कम डेढ़ सौ, जिससे तीन - चार घंटों में सारी बरफ हट जायेगी ! ❜❜
❛❛ अर्जुन जी ने कहा - हम छः सौ स्वयं सेवक देते है ! ❜❜
❛❛ इतनी रात्रि में आप इतने ? सैन्य अधिकारी ने आश्चर्य से कहा ! ❜❜
❛❛ आप हमें ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था कीजिए ! ४५ मिनट में हम तैयार है ! ❜❜
❛❛ संघ कि पद्धति का कमाल था कि तय समय पर सभी ६०० स्वयं सेवक कार्यालय पर एकत्र होकर साथ साथ चले गए ! ❜❜
❛❛ दिल्ली को संदेश भेजा गया - बरफ हटाने का काम प्रारंम्भ हो गया है ! हवाई जहाज कभी भी आने दें ! ❜❜
❛❛ इतनी जल्दी मजदूर मिल गये क्या ? ❜❜
❛❛ हाँ, पर वे मजदूर नही, सभी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्य हैं ! ❜❜
❛❛ रात्रि के डे़ढ बजे वे काम पर लग गए ! २७ अक्टूबर को प्रातः के समय प्रथम सिख रेजीमेन्ट के ३२९ सैनिक हवाई जहाज से श्रीनगर उतरे और उन्होने बड़े प्रेम से स्वंय सेवको को गले लगाया ! फिर क्या था एक के बाद एक ऐसे आठ हवाई जहाज उतरे ! ❜❜
❛❛ उन सभी में प्रयाप्त मात्रा में शस्त्रास्त्र थे ! सभी स्वंय सेवको ने वे सारे शस्त्रास्त्र भी उतार कर ठिकाने पर रख दिये ! ❜❜
❛❛ हवाई अड्डा शत्रु के कब्जे में जाने से बच गया ! जिसका सामरिक लाभ हमें प्राप्त हुआ ! ❜❜
❛❛ हवाई पट्टी चौड़ी करने का कार्य भी तुरन्त करना था, इसलिए विश्राम किये बिना ही स्वंय सेवक काम में जुट गये ! ❜❜
संदर्भ पुस्तक : न फूल चढे न दीप जले !
!! नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे !!
❛❛ आपको जानकारी अच्छी लगी हो और R S S के बारे मे जान के गर्व महसूस हुआ हो तो इस संदेश को आगे भी भेजे ••• !!! ❜❜