*साल का दूसरा चंद्रग्रहण आज,*
साल 2020 का दूसरा चंद्रग्रहण आज यानी 5 जून को लग रहा है. इसके बाद साल का तीसरा 05 जुलाई और आखिरी चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगेगा. जबकि इसी महीने सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण इस साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा. आज चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse On 5 June) का सूतक काल (5 June Chandra Grahan Timing) भारतीय समयानुसार 05 जून को रात 11 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर 06 जून को ही रात 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा.
*आज रात में लगेगा चंद्र ग्रहण*
आज रात में चंद्र ग्रहण लगेगा. हिंदू पंचांग के अनुसार 5 जून को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि पर चंद्र ग्रहण लगेगा. यह चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा. यह सिर्फ धुंधला सा दिखाई देगा. आप काफी ध्यान से देखेंगे तो ही समझ में आ पाएगा. ग्रहण मध्य रात्रि 11 बजकर 16 मिनट से रात 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इसे पूरे भारत में देखा जा सकता है. इस दौरान चंद्रमा वृश्चिक राशि में होंगे. इसे शास्त्रों के अनुसार 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण सामान्य चंद्र ग्रहण से अलग रहेगा, इसे उपछाया ग्रहण कहते है. इसमें कोई सूतक काल नहीं माना जात है.
*साल का दूसरा उपच्छाया चंद्रग्रहण*
यह साल का दूसरा उपच्छाया चंद्रग्रहण है. जो आज लग रहा है. इससे पहले उपच्छाया चंद्रग्रहण 10 जनवरी को भी लगा था. उपच्छाया चंद्रग्रहण में जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया वाले हिस्से में आ जाता है फिर चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी कटी से लगती है. इसी को उपच्छाया चंद्रग्रहण कहते हैं. उपच्छाया चंद्रग्रहण में सूतक दोष नहीं लगता. फिर भी मान्यता है कि इस दौरान कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए.
*चंद्र ग्रहण का स्थानीय समय*
चंद्र ग्रहण का समय शुरू होगा - 5 जून रात 11.15 से
चन्द्र ग्रहण -6 जून को दिन के 12.54 बजे से
चंद्र ग्रहण से अन्तिम स्पर्श - 2.34 बजे
चंद्र ग्रहण का कुल समय – 3 घंटे और 18 मिनट
*ग्रहण काल में रखें ये सावधानियां*
- ग्रहणकाल में प्रकृति में कई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव पड़ता है. इसलिए कई ऐसे कार्य हैं, जिन्हें ग्रहण काल के दौरान नहीं किया जाता है.
- ग्रहणकाल में गर्भवती महिलाओं को कैंची, सूई, चाकू या धारदार चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- ग्रहणकाल में स्नान न करें. ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें.
- ग्रहणकाल में अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए.
- ग्रहणकाल में सहवास नहीं करना चाहिए.
- ग्रहणकाल के दौरान गुरु प्रदत्त मंत्र का जाप करते रहना चाहिए.
- ग्रहण को खुली आंखों से न देखें. हालांकि चंद्र ग्रहण देखने से आंखों पर कोई बुरा असर नहीं होता.
*गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखें ख्याल*
गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है. मान्यताओं के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए. ग्रहण देखने से पेट में पल रहे शिशु पर उसका दुष्प्रभाव पड़ सकता हैं. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय लोहे की नुकिली चीजों से दूर रहना चाहिए. तुलसी पत्ता खाने में डालकर रखना चाहिए, ग्रहण के दौरान वहीं खाना गर्भवती महिलाओं को खाना चाहिए. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सिलाई, कटाई नहीं करना चाहिए.
*एक के बाद एक लगेंगे तीन ग्रहण*
05 जून 2020 चंद्र ग्रहण : 05 जून की रात्रि को 11 बजकर 16 मिनट से 6 जून को 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा, ये उपच्छाया ग्रहण होगा. ये ग्रहण भारत, यूरोप, अफ्रीक, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा, उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण सूतक काल का प्रभाव कम रहेगा.
21 जून 2020 सूर्य ग्रहण : 21 जून की सुबह 9 बजकर 15 मिनट से दोपहर 15 बजकर 04 मिनट तक रहेगा, यह वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा. दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव रहेगा. इसे भारत समेतदक्षिण पूर्व यूरोप, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के प्रमुख हिस्सों में देखा जा सकेगा.
05 जुलाई 2020 चंद्र ग्रहण : सुबह 08 बजकर 38 मिनट से 11 बजकर 21 मिनट तक रहेगा, ये उपच्छाया ग्रहण होगा. जिसके कारण इसका प्रभाव भारत में बहुत कम रहेगा. इस दिन लगने वाला ग्रहण अमेरिका, दक्षिण-पश्चिम यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्से में दिखाई देगा.
*सूतक काल में भूलकर भी न छूएं तुलसी का पौधा*
ग्रहण लगने पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है. इस समय खाने पीने की मनाही होती है, लेकिन गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्ति, छोटे बच्चों और वृद्ध लोगों पर ये नियम लागू नहीं होते हैं, साथ ही यह जरूर ध्यान रखें कि सूतक काल लगने से पहले ही भोजन में तुलसी के पत्ते जरूर डाल दें, जिससे ग्रहण काल में जरूरत पड़ने पर इसे खाने का इस्तेमाल किया जा सके. सूतक काल के समय मन ही मन में ईश्वर की अराधना करनी चाहिए. इस दौरान मंत्र जाप कर सकते हैं. वहीं सूतक काल के दौरान किसी भी स्थिति में भूलकर भी तुलसी के पौधे को छूना नहीं चाहिए.
*चंद्र ग्रहण, इन बातों पर दें ध्यान*
- घरों में ग्रहणकाल में धूप-अगरबत्ती जलाकर रखें, जिससे कि निगेटिव एनर्जी घर से बाहर निकल जाए.
- तुलसी के पौधे को ना छूए और ना ही ग्रहण के दौरान सोए.
- ग्रहणकाल में कैंची का प्रयोग न करें, फूलों को न तोड़े, बालों व कपड़ों को साफ न करें, दातुन या ब्रश न करें, गाय, भैंस, बकरी का दोहन न करें.
- भोजन न करें, कठोर शब्दों का प्रयोग न करें, सहवास ना करें, यात्रा न करें.
- कुशा या तुलसी पत्र ग्रहण प्रारंभ होने के पूर्व खाने-पीने की वस्तुएं जैसे पके भोजन, दूध, दही, घी, मक्खन, अचार, पीने के पानी, तेल आदि में कुशा या तुलसी पत्र डाल देना चाहिए इससे ये दूषित नहीं होते.
*सूतक काल*
सूतक काल चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों के समय लगता है. सूतक काल में किसी भी तरह का कोई शुभ काम नहीं किया जाता. यहां तक की कई मंदिरों के कपाट भी सूतक के दौरान बंद कर दिये जाते हैं. इस बार 05 जून को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण हालांकि इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. लेकिन बहुत से लोग हर तरह के ग्रहण को गंभीरता से लेते हैं जिस वजह से वो सूतक के नियमों का पालन भी करते हैं. सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. वहीं, चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है.
*चंद्र ग्रहण का समय*
चंद्र ग्रहण का समय शुरू – 5 जून को रात को 11.15
परमग्रास चन्द्र ग्रहण – 6 जून को दिन के 12.54 बजे
उपछाया चंद्र ग्रहण से अन्तिम स्पर्श – 2.34 बजे
चंद्र ग्रहण का कुल समय – 3 घंटे और 18 मिनट
*धार्मिक मान्यताएं*
– धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल में भगवान की मूर्ति स्पर्श नहीं करनी चाहिए.
– सूतक काल के समय शुभ काम और पूजा पाठ नहीं की जाती है. भगवान की मूर्ति को स्पर्श करने की भी मनाही होती है.
– ग्रहण के दौरान बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए. इसके अलावा न तो कुछ खाना चाहिए और न ही खाना बनाना चाहिए.
– चंद्र ग्रहण के समय पति-पत्नी को संभोग नहीं करना चाहिए.
– सूतक काल ग्रहण लगने पहले ही शुरू हो जाता है. इस समय खाने पीने की मनाही होती है.
– गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसी महिलाओं को चंद्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए. चंद्र ग्रहण देखने से शिशु पर दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय कैंची, चाकू आदि से कोई वस्तु नहीं काटनी चाहिए.