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शुक्रवार, 4 नवंबर 2022
अधिकांश हिंदुओं के चिंतन में सबसे पहले "मैं" फिर "मेरा परिवार" आता है ।
शनिवार, 29 अक्टूबर 2022
नींव ही कमजोर पड़ रही है गृहस्थी की..!! आज हर दिन किसी न किसी का घर खराब हो रहा है
बुधवार, 26 अक्टूबर 2022
सोनपापड़ी* जिसे हरा न सको उसे यशहीन कर दो।उसका उपहास करो। उसकी छवि मलिन कर दो। बस ऐसा ही कुछ हुआ है इस सुंदर मिठाई के संग में भी।
मंगलवार, 25 अक्टूबर 2022
आज का संदेश "दीपावली" पर विशेष
सोमवार, 24 अक्टूबर 2022
आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं - कैलाश चंद्र लढा संस्थापक 👑सांवरिया 👑
साथ बना रहे........ ❤से
स्नेह बना रहे......... 💕से
रूबरू मिलने का मौका नहीं मिलता इसलिए
शब्दो से नमन कर लेता हूं और आशीष आप सभी का प्राप्त कर लेता हूं अपनो से !!!
प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में मुझसे श्रेष्ठ है | अतः मैं सभी श्रेष्ठ व्यक्तियों को हृदय की गहराइयों से प्रणाम करता हूं और निवेदन करता हूं कि नकारात्मक सोच को निकाल कर सकारात्मक सोच की ओर अग्रसर हो .....!!!दीपावली, गोवर्धन पूजा एवं भाई दूज के इस पावन पर्व पर मैं और मेरा परिवार आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता है
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दीपावल्याः सहस्रदीपाः भवतः जीवनं सुखेन,
सन्तोषेण, शान्त्या आरोग्येण च प्रकाशयन्तु।
*भावार्थ: दिवाली के हजारों दीपक आपके जीवन को ख़ुशी, शांति और आनंद से रोशन करें और आपके स्वास्थ्य को लाभ दें।*
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*आपको दीपावली की*
*हार्दिक शुभकामनाएं।*
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🖊️कैलाश चंद्र लढा
संस्थापक 👑सांवरिया 👑
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शनिवार, 22 अक्टूबर 2022
धनतेरस (Dhanteras Puja 2022): Date And Time, Shubh Muhurat, Significance, Vastu Tips
धनतेरस (Dhanteras) जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, भारत में दिवाली के त्योहार का पहला दिन है। यह अश्विनी के हिंदू कैलेंडर महीने में कृष्ण पक्ष के तेरहवें चंद्र दिवस पर मनाया जाता है। भारतीय आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी मंत्रालय ने धनतेरस को "राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस" के रूप में मनाने के अपने निर्णय की घोषणा की, जिसे पहली बार 28 अक्टूबर 2016 को मनाया गया था। भारतीय लोग रंगोली बनाकर भी धनतेरस मनाते हैं।
Dhanteras Puja 2022
धनतेरस का त्योहार 23 अक्टूबर को है. धनतेरस भगवान धन्वंतरि की पूजा है। भगवान धन्वंतरि, हिंदू परंपराओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान उभरे, एक हाथ में अमृत से भरा एक कलश और दूसरे हाथ में आयुर्वेद के बारे में पवित्र पाठ था। उन्हें देवताओं का वैद्य माना जाता है।
धनतेरस पर, दिवाली की तैयारी में अभी तक साफ नहीं किए गए घरों को अच्छी तरह से साफ और सफेदी कर दिया जाता है, और शाम को स्वास्थ्य और आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। मुख्य प्रवेश द्वार को रंगीन लालटेन, हॉलिडे लाइट से सजाया गया है और धन और समृद्धि की देवी के स्वागत के लिए रंगोली डिजाइन के पारंपरिक रूपांकनों को बनाया गया है।
Dhanteras 2022 Date And Time:
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर को शाम में 6 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 23 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 4 मिनट तक रहेगी।
धनतेरस 2022 शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2022 Shubh Muhurat)
कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि आरंभ - 22 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 02 मिनट से
कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त - 23 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 03 मिनट तक
पूजन का शुभ मुहूर्त - 23 अक्टूबर 2022 को रविवार शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक
प्रदोष काल: शाम 5 बजकर 44 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक।
वृषभ काल: शाम 6 बजकर 58 मिनट से रात 8 बजकर 54 मिनट तक।
धनतेरस महत्व (Dhanteras Significance)
धनत्रयोदशी के दिन समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी दूध के सागर से निकलीं। इसलिए, त्रयोदशी के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। हालांकि, पवित्र शास्त्रों के अनुसार, यह पूजा सभी लोक कथा है, जिसका उल्लेख हमारे पवित्र ग्रंथों में कहीं नहीं है। यहां तक कि श्रीमद्भगवद् गीता अध्याय 16 श्लोक 23 और 24 ने भी इसका खंडन किया है।
हिंदू इसे नई खरीदारी करने के लिए एक अत्यंत शुभ दिन मानते हैं, विशेष रूप से सोने या चांदी की वस्तुओं और नए बर्तनों की। ऐसा माना जाता है कि नया "धन" (धन) या कीमती धातु से बनी कोई वस्तु सौभाग्य का संकेत है। आधुनिक समय में, धनतेरस को सोना, चांदी और अन्य धातुओं, विशेष रूप से बरतन खरीदने के लिए सबसे शुभ अवसर के रूप में जाना जाता है।
चूंकि यह दिवाली से पहले की रात है, इसलिए इसे 'छोटी दिवाली' या छोटी दिवाली भी कहा जाता है। जैन धर्म में, इस दिन को धनतेरस के बजाय धनतेरस के रूप में मनाया जाता है जिसका अर्थ है तेरहवें का शुभ दिन। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन महावीर इस दुनिया में सब कुछ छोड़कर मोक्ष से पहले ध्यान करने की स्थिति में थे, जिसने इस दिन को शुभ या धन्य बना दिया।
Dhanteras 2022: धनतेरस की रात इन जगहों पर जलाएं दीपक
- धनतेरस के दिन घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए.
- धनतेरस पर शाम के समय पीपल वृक्ष के नीचे एक दीपक जरूर जला दें.
- धनतेरस की रात में बेल के पेड़ के नीचे दीपक जरूर जलाएं.
Dhanteras 2022 Vastu Tips
- धनतेरस के दिन मुख्य द्वार में दोनों ओर स्वास्तिक का चिन्ह जरूर लगाएं।
- घर में किसी भी तरह का मांगलिक या फिर शुभ काम होने पर घर के मुख्य द्वार में बंदनवार जरूर लगाया जाता है।
- धनतेरस के दिन घर के मुख्य द्वार में मां लक्ष्मी के प्रतीकात्मक चरण जरूर लगाएं।
- धनतेरस के दिन से ही रोजाना मुख्य द्वार के बाएं ओर घी का दीपक जरूर जलाएं।
- घर के मुख्य द्वार में साफ सुथरा करके मनी प्लांट या फिर तुलसी का पौधा जरूर रखना चाहिए।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय
हमारी आंखें बहुत नाजुक होती हैं। इन आँखों से हम अपने आस-पास की दुनिया को देख सकते हैं और आसानी से जीवन जी सकते हैं। यदि आंखों से संबंधित किसी समस्या के कारण दृष्टि कमजोर हो जाती है तो कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में हम डॉक्टर के पास जाते हैं और हमें चश्मे की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा डॉक्टर हर तरह की देखभाल के तरीके भी सुझाते हैं। हालांकि आंखों की इस समस्या को दूर करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी हैं जिन्हें लोग सालों से अपना रहे हैं।
तो आइए जानते हैं आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपायों के बारे में।
१. ठंडे पानी से बढ़ती है आंखों की रोशनी। अपने आंखों को दिन में 3/4 बार ठंडे पानी से धो लें। इससे आपकी आंखों को ठंडक मिलती है। चेहरे पर चमक आएगी और आंखें साफ होती हैं। (ध्यान राखे की पानी जोर जोर से ना मारे)
२. अगर आपकी आंखों की रोशनी कमजोर है तो नियमित रूप से आंखों का व्यायाम करें। आंखों की पुतलियों को दाएं से बाएं और ऊपर से नीचे की ओर घुमाएं।
३. दीपक की ज्योती को निहारने की प्रक्रिया को त्राटक कहते हैं। यह दृष्टि में सुधार करता है और एकाग्रता को भी बढ़ाता है। इसके अलावा अपने अंगूठे को भौंहों के बीच रखें और अपनी आंखों को उस बिंदु पर कुछ देर के लिए केंद्रित करें। इसके अलावा आप दिवार पर एक बिंदु पर भी ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। धीरे-धीरे अभ्यास का समय बढ़ाएं ओर अंतर भी बढ़ाएं।
४. गाजर के नियमित सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद मिलती है गाजर सलाद के रूप में भी खाया जा सकता है, गाजर और करवंदा का रस भी आंखों की रोशनी में सुधार के लिए उपयोगी है।
५. सरसों के तेल की मालिश। रात को सोने से पहले पैरों के तलवों में सरसों के तेल से मालिश करें और सुबह उठकर हरी घास पर नंगे पांव नियमित रूप से चलें ताकि आंखों की रोशनी में सुधार होता है।
६. आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए आई ड्रॉप। मेडिकल स्टोर्स पर कई आई ड्रॉप्स उपलब्ध हैं। जो आपकी आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। यह आंखों की जलन को कम करता है।
७. दृष्टि में सुधार के लिए विटामिन। हमारे शरीर में विटामिन सी और विटामिन ई का होना आंखों की रोशनी के लिए बहुत जरूरी है। अगर आपके शरीर में विटामिन ई और विटामिन सी की कमी है तो आपको आंखों में कमजोरी के लक्षण दिखने लगेंगे। इसलिए अपने आहार में विटामिन सी और विटामिन ई से भरपूर फलों और सब्जियों को शामिल करें। विटामिन की कमी से दृष्टि हानि हो सकती है। जैसे बदाम, मुफळी, ब्रोकोली, पालक, आम्, आखरोट.
८. आय फोकस गोली। यह हर्बल एक्स्ट्रा अपने आप में अनोखा और बहुत कंसंट्रेटेड कॉम्बिनेशन है।
आपको 1-2 दिन ट्रीटमेंट में ही अपनी नज़र में बेहतरी महसूस होने लगेगा। आपकी नज़र साफ हो जाएगी, फोकस पैना हो जाएगा, आंखें लाल होना और जलन होना बंद हो जाएगा। इसके बाद कोशिकाएं पुनर्जीवित होने लगती है और बिगड़ चुके मामलों में भी नज़र सामान्य हो जाती है। दवाई की दुकानों पर बिकने वाली केमिकल से भरी हुई दवाओं की तुलना में iFocus का आंख की रक्त धमनियों पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता।(आय फोकस दुकान पर उपलब्ध नहीं हैं, आपको लेणा हो तो आय फोकस के ऑफिसियल वेबसाइट से ऑर्डर करना पडेगा मैं आपको कॉमेंट मैं लिंक देता हू)
९. आंखों की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए आंखों की मालिश जरूरी है। विटामिन ई युक्त तेल या क्रीम से रोजाना आंखों की मालिश करें। इसके लिए आप एलोवेरा का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
हम दीपावली क्यूँ मनाते हैं?
धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में कुछ ना कुछ खरीदारी अवश्य ही करनी चाहिए ।
धनतेरस की खरीदारी,
धनतेरस हिन्दुओं का एक बहुत ही प्रमुख पर्व है जो दीपावली से दो दिन पूर्व आता है। धनतेरस पर खरीदारी dhanteras par kharidari, का अत्यधिक महत्त्व है, मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से पूरे वर्ष आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती है ।
कहते है कि यदि इस दिन कुछ वस्तुओं को खरीदने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती है, दिन दूनी रात चौगनी लाभ की प्राप्ति होती है इसलिए इस दिन प्रत्येक मनुष्य को शुभ मुहूर्त में कुछ ना कुछ खरीदारी अवश्य ही करनी चाहिए ।
धनतेरस Dhanteras के दिन चाँदी और पीतल खरीदने से भाग्य प्रबल होता है, घर में धन समृद्धि बढ़ती है, खरीदी हुई वस्तुओं में 13 गुना वृद्धि होती है।
धातु से बने बर्तन, सामान और गहने खरीदने के लिए धनतेरस Dhanteras का वर्ष का सबसे दिन श्रेष्ठ दिन माना गया है।
मान्यता है कि भगवान धन्वंतरी bhagwan dhanvantri अमृत कलश लेकर समुद्र मंथन से इसी दिन प्रकट हुए थे। इस दिन पीतल और चाँदी खरीदना चाहिए क्योंकि पीतल भगवान धन्वंतरी bhagwan dhanvantri की धातु है। पीतल खरीदने से घर में आरोग्य, सौभाग्य और स्वास्थ्य की दृष्टि से शुभता आती है।
इस दिन घर में धातु का सामान लाने से घर कारोबार में सदैव स्थिर लक्ष्मी का वास रहता हैं।
धनतेरस Dhanteras के दिन दीपावली dipavali में पूजन के लिए लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति जरूर लानी चाहिए।
मान्यता है कि इस दिन दीपावली की पूजा के लिए गणेश लक्ष्मी खरीदने से घर धन धान्य से भरा रहता है।
धनतेरस के दिन देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर देव kuber dev की पूजा का बहुत महत्व है । इस दिन घर में कुबेर देव kuber dev की तस्वीर को लाकर उसे उत्तर दिशा में लगाएं। और यदि कुबेर देव kuber dev की तस्वीर पहले से ही है तो उसे अच्छी तरह से साफ करके उसके ऊपर नयी साफ माला पहनाएं।
धनतेरस के दिन घर में कुबेर देव की तस्वीर लगाने उनकी पूजा करने से घर कारोबार में धन समृद्धि भरी रहती है।
धनतेरस Dhanteras के दिन शंख को खरीदना अत्यंत शुभ समझा जाता है । धनतेरस Dhanteras के शंख को घर में लाकर उसे पूजा घर में रखकर उसकी भी पूजा करें और दीपावली पूजन के समय शंख को अवश्य ही बजाएं।
शास्त्रो के अनुसार जिस घर में नित्य पूजा में शंख को बजाया जाता है उस घर से माँ लक्ष्मी कभी भी नहीं जाती है और उस घर से सभी संकट दूर रहते है।
माँ लक्ष्मी को कौड़ियाँ अत्यंत प्रिय है और जहाँ पर कौड़ियाँ होती हैआर्थिक संकट पास भी नहीं आते है।वहाँ पर माँ लक्ष्मी को रहना ही होता है। धनतेरस Dhanteras के दिन कौडियों को खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है।धनतेरस Dhanteras के दिन कौड़ियाँ लाकर उन्हें घर के मंदिर में रखे और सांयकाल माँ लक्ष्मी, कुबेर जी के साथ इनकी भी पूजा करे ।
दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा के बाद इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपने धन स्थान / तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से घर में धन की कभी भी कमी नहीं रहती है।
धनिया भी माँ लक्ष्मी को बहुत प्रिय है । जिस घर में साबुत धनिया होता है वहाँ पर माँ लक्ष्मी अवश्य ही निवास करती है। धनतेरस Dhanteras के दिन घर पर साबुत धनिया / धनिया के बीज घर जरूर लाना चाहिए और इसे पूजा के बाद अपने घर के आंगन / गमले में छिड़क कर उसकी देखभाल करनी चाहिए। कहते है धनिया आपके घर में जितना अच्छा फलेगा / उगेगा उतनी ही आर्थिक स्थिति अच्छी होती है ।
धनतेरस के दिन घर में नई झाडू अवश्य ही लाएं । झाडू देवी लक्ष्मी जी का प्रतीक है जो घर से दरिद्रता, अलक्ष्मी को दूर भगाता है। धनतेरस Dhanteras के दिन घर में नई झाडू लाने से घर से दरिद्रता, नकारात्मक उर्जा दूर चली जाती हैं, और स्वच्छ घर में माँ लक्ष्मी का वास होता हैं।
झाड़ू मात्र 40 – 50 रूपये की ही मिलती है लेकिन धनतेरस को इसके खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन घर में झाड़ू लाने से धन धान्य की कोई कमी नहीं रहती ।
शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2022
इस बार धनतेरस 22 को है या 23 अक्टूबर को? जानें इस बारे में
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