यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 30 दिसंबर 2023

पांडवारा बत्ती (पांडवों की मशाल) है, एक ऐसा पौधा जिसे महाभारत के पांडवों ने अपने वनवास के दौरान चिमनी की मशाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए रखा था।

प्रकृति ने अजीबोगरीब खजाना छिपा रखा है!

यह पांडवारा बत्ती (पांडवों की मशाल) है, एक ऐसा पौधा जिसे महाभारत के पांडवों ने अपने वनवास के दौरान चिमनी की मशाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए रखा था।
आप इसकी ताज़ी हरी पत्ती के साथ भी एक मशाल जला सकते हैं - पत्ती की नोक पर लगाया जाने वाला तेल की एक बूंद प्रकाश को एक बाती की तरह काम करने लगती है।
भारत में और श्रीलंका में केवल पश्चिमी घाट के भीतर पाया जाने वाला यह पौधा तमिलनाडु के अय्यर मंदिर और भैरवर मंदिर की तरह कई दक्षिण भारतीय मंदिरों में उपयोग किया जाता है।
              🚩🚩 सनातन सर्व श्रेस्ठ है ..! 🚩🚩
                
    🙏🌹 जय श्री कृष्णा 🌹🙏

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी करें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

function disabled

Old Post from Sanwariya