आखिर आप और हम जैसे आम लोग भी कोडिंग क्यों नहीं सीख सकते?
दरअसल हर व्यक्ति कोड करना जानता ही नहीं हैं, एवं आज भी ये
ज्ञान केवल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों तक ही सीमित है। हमें इस सवाल पर
विचार करना चाहिए की आखिर आप और हम जैसे आम लोग भी कोडिंग क्यों नहीं सीख सकते?
मुझे लगता है की अभी तो हर व्यक्ति को कोडिंग आना ही चाहिए एवं छोटे बच्चों को ये शिक्षा प्रारंभिक तौर पर विद्यालयों में ही दी जानी चाहिए।
आप शायद सोच रहे होंगे की ऐसा क्यों?
दरअसल, कोडिंग सही मायने में लाभदायक तब होती है जब उसकी मदद से आप आदमी अपने कामों को आसानी से कर सके| ऐसा कर पाने के लिए कंप्यूटर को सटीक तरीके से ये बताना होता है की हम उससे क्या चाहते हैं| जो भी व्यक्ति ये काम अच्छे से कर सके, हम लोग उसे एक अच्छा कोडर मानते हैं। परन्तु जो व्यक्ति कोडिंग में अच्छा हो, ज़रूरी नहीं की वो बाकी विषयों में भी जानकार हो।
उदहारण के तौर पर, यदि किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट को उसके ऑफिस में एक नया सॉफ्टवेयर लगवाना हो, तो उसे एक कोडिंग एक्सपर्ट को अपनी ज़रूरतें समझानी होंगी। लेकिन उस कोडिंग वाले व्यक्ति को ये ज़रूरतें समझने के लिए एकाउंटिंग का ज्ञान होना चाहिए। तब जाकर ये वार्तालाप अच्छे से हो सकेगा। अब समझिये की इस पूरी व्यवस्था में, न सिर्फ उसे कोडिंग आना चाहिए, बल्कि नए नए विषय भी समझ में आना चाहिए, तभी वह व्यक्ति सही तरीके से कंप्यूटर को ज़रूरतें समझा सकेगा। क्या आपको नहीं लगता की ये एक चुनौती भरा कार्य है?
उसकी बजाय, यदि हर व्यक्ति थोड़ी थोड़ी कोडिंग कर सके, तो वह अपनी ज़रूरतों को और भी सटीक तरीके से कंप्यूटर को बता सकेगा, एवं ऐसा करने से उसका कार्य सरल हो जायेगा |
इसको कुछ यूँ समझिये -
आज के ज़माने में मोबाइल फ़ोन कई तरह की सुविधाएं देतें हैं। परन्तु हर व्यक्ति मोबाइल चलाना नहीं जानता। अगर हर व्यक्ति अच्छे से मोबाइल चलना सीख जाये तो वो अपनी ज़िन्दगी के कई कार्य सरल कर सकता है। उसे बार बार किसी मोबाइल चलाने वाले व्यक्ति के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। साधारण कोडिंग करना भी मोबाइल चलाने जैसा ही है।
कंप्यूटर जिस भाषा को समझता है उसे कोडिंग कहते है।ऐसे में हम जो भी काम करते है कंप्यूटर पर वो कोडिंग के माध्यम से ही होता है जहां तक बच्चो की बात है तो आई सी एस ई बोर्ड में कक्षा 5 से ही कोडिंग की पढ़ाई शुरू हो जाती है इंजीनियरिंग में तीसरे सेमेस्टर में
बच्चों को कंप्यूटर कोडिंग सीखनी चाहिए क्योंकि...
- प्रोग्रामिंग बच्चों को समस्या-समाधान करने में मदद करता है.
- कंप्यूटर प्रोग्रामिंग बच्चों को एक चुनौती देता है और उन्हें लचीलापन विकसित करने में मदद करता है.
- कोडिंग बच्चों को सोचना सिखाती है.
- एक बच्चा अपनी रचनात्मकता का विस्तार करता है जब वे सीखते हैं कि कैसे कोड करना है.
- कोडिंग से बच्चों को गणित के साथ मज़े लेने में मदद मिलती है.
- कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भविष्य है.
- सॉफ्टवेयर उद्योग में कौशल की कमी है.
- मस्ती करते हुए कोडिंग सीख रहे हैं.
आजकल
तो बच्चे भी कोडिंग सिख रहे है और ऐप्प बना रहे है | बच्चो को कोडिंग
सिखाना चाहते है चाहे वो क्लास 1 में हो या क्लास 10 में या +2 में आप सिखा
सकते है whitehat.jr
जूनियर वेबसाइट पर | यहाँ पर कोडिंग के लिए free ट्रायल मिल जायेगा | यहाँ
कोडिंग सिखाया जाता है ये एक इंडियन वेबसाइट है | यहाँ पर कोडिंग कोर्स
कर सकते है |
छोटे बच्चे भी आसानी से कोडिंग सीख सकते हैं। इसमें प्रोग्रामिंग कॉन्सेप्ट के लिए वैरिएबल्स, कंडीशनल्स और लूप्स जैसे ऑप्शंस दिए गए हैं। इसकी मदद से बेसिक प्रोग्रामिंग सीखना काफी आसान हो जाता है। इसमें प्री-बिल्ट ब्लॉक्स हैं, जिनके जरिये छोटे-छोटे प्रोग्राम्स बना सकते हैं। इसकी मदद से यूजर एंग्री बर्ड्स जैसे गेम भी क्रिएट कर सकते हैं
कोडिंग सिख कर app बना कर play store पर डाल सकते है | और आप कमाई भी कर पाएंगे
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मेने राजस्थान पत्रिका में चीन के बच्चो के बारे में एक खबर पड़ी थी।। वो लोग कितने आगे की सोच रहे है।और हम अभी भी नजर दोष, बच्चो को लांघने से छोटे होने जैसे बेबुनियादी मामलो में उलझे हुए है।। इनसे कुछ भी नही होता है ।लंबाई तो डीएनए ओर जीन ,तथा वातावरण और खानपान के ऊपर निर्भर करती है ।। बाकी ओर कोई चीज इसे प्रभावित नही कर सकती है।
इसमे लोग वहाँ के बच्चो को टयूशन में कोडिंग सिखाने भेजते है। अब वो लोग कितने आगे की सोच रहे है ।।और हम भारतीय है कि अभी तक भी अंधविश्वास में उलझे हुए है।।
आप निशिन्त रहिये ऐसा कुछ नही होने वाला।।
बस अच्छा खानपान और बीमारियों से बचाव रखिये ।।आपका बच्चा आप लोगो से भी लंबा ही होगा ।।
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