यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 11 अप्रैल 2019

हेरतअंगेज सच्चाई कोशिश करें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे, प्रारम्भ में कुछ भाषाई क्लिष्टता लेगेगी लेकिन धैर्यपूर्वक पढ़ें.

हेरतअंगेज सच्चाई कोशिश करें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे,
प्रारम्भ में कुछ भाषाई क्लिष्टता लेगेगी लेकिन धैर्यपूर्वक पढ़ें.
 इस लेख के अन्त में कुछ महत्वपूर्ण सबूत जोड़े गये हैं

प्रचार की वैज्ञानिक पद्धति — (भाग−६))
अपनी बात मत कहें,उनके मुँह से उनकी ही बातें लोगों को सुनाइये और अर्थ बताइये । यही प्रचार की वैज्ञानिक पद्धति है ।

काँग्रेस के दिमागमन्त्री चिदम्बरम् ने आज प्रेस कान्फ्रेन्स में कहा कि न्यूनतम आय स्कीम को “fully explain” तब किया जायगा जब काँग्रेस सत्ता में आ जायगी,अभी केवल “basic features” का खुलासा किया जायगा!
क्योंकि अभी इस स्कीम के केवल “basic features” ही लिखे गये हैं,“fully explain”करने लायक पूरी स्कीम बनायी ही नहीं गयी है क्योंकि काँग्रेस को पता है कि वह सत्ता से कोसों दूर रहेगी,अतः पूरी स्कीम बनाने के पीछे समय नष्ट करके क्या लाभ — वह भी चुनाव के कीमती समय में?
दिमागमन्त्री ने साफ कह दिया है कि “स्कीम को डिजाइन करने के लिये एक्सपर्ट कमिटी गठित की जायगी” । अर्थात् अभी स्कीम “डिजाइन” ही नहीं की गयी है!बिना डिजाइन की स्कीम को स्कीम कहना चाहिये?केवल चुनावी स्टण्ट?
राहुल ने कहा था कि चिदम्बरम् और “एक्सपर्टों” द्वारा स्कीम का पूरा ब्यौरा दिया जायगा । आज चिदम्बरम् ने हाथ खड़े कर दिये,कहा कि “एक्सपर्ट कमिटी” तो सत्ता मिल जाने पर ही बनायी जायगी,अर्थात् अभी जिन लोगों ने स्कीम बनायी है वे एक्सपर्ट नहीं हैं । चिदम्बरम् ने कहा कि पूरा ब्यौरा “चिदम्बरम् और एक्सपर्टों” द्वारा नहीं दिया जायगा,बल्कि “एक्सपर्टों” द्वारा दिया जायगा,अर्थात् चिदम्बरम् एक्सपर्ट नहीं हैं । एक्सपर्ट रहते तब न पूरा ब्यौरा देते!
अभी पूरा ब्यौरा देने में क्या कठिनाई है यह मुझे पता है और चिदम्बरम् को भी पता है,किन्तु वे बतायेंगे नहीं,क्योंकि तब स्वीकारना पड़ेगा कि स्कीम को लागू करना असम्भव है,क्योंकि ३६०००० करोड़ रूपये का अतिरिक्त खर्च बढ़ने पर पहले से ही विशाल फिस्कल डिफिसिट असहनीय स्तर पर चला जायगा और उसके घातक परिणाम होगें — बड़े पैमाने पर नोट छापकर बजट घाटा को पूरा करेंगे तो मँहगाई इतनी बढ़ेगी कि लोग काँग्रेसियों को घरों से खींच−खींचकर पीटेंगे तथा विदेश में भी रूपये की शक्ति टूट जायगी । अर्थात् देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जायगी । कर बढ़ाकर बजट घाटा को पूरा करेंगे तो करदाता पीटेंगे!
कहीं सत्ता मिल गया तब क्या करेंगे?उसका भी उपाय कर दिया है — स्कीम को कई फेजों में लागू करेंगे । अर्थात् पहला फेज राहुल के जीवनकाल तक चलेगा ।
✿❀❁❂❃✾✽❆❈❉❊❋❅


दूसरा फेज प्रियङ्का की सन्तान के जीवनकाल तक चलेगा,क्योंकि राहुल की सन्तान तो होने से रही!प्रियङ्का के सुपुत्र “Raihan” और सुपुत्री “Miraya” हैं । किस भाषा के नाम हैं?प्रियङ्का ने बौद्ध सम्प्रदाय की दीक्षा ले रखी है यह बात मीडिया छुपाती है,क्योंकि आजकल उसे कट्टर हिन्दू जो दिखाना है (https://www.indiatvnews.com/…/unknown-facts-priyanka…/page/6)!
बर्मा से आये बौद्ध गुरु गोयनका से विपासना सीखती है । एक और बात कम लोग जानते हैं — वह केवल १३ वर्ष की थी तभी से राबर्ट वाड्रा के साथ ⋅⋅⋅⋅ था (https://www.indiatvnews.com/…/unknown-facts-priyanka…/page/8),उसकी मम्मी भी १३ वर्ष की थी तो इटली के नामी गिरामी लोगों के साथ उनका ⋅⋅⋅⋅ था!दादी भी उसी उम्र की थी तो फ़िरोज़ ख़ान उर्फ़ गैण्डी के साथ ⋅⋅⋅⋅ था!दादी के पिता और पिता की बहन इन मामलों के अन्तर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट थे तथा इलाहाबाद के लाल इलाके में पैदा हुए थे,और उनके पिता तो अपने पिता के मरणोपरान्त पैदा हुऐ थे!खानदानी लोग हैं!बिन भतीजे के चाचा ने बनारस की अपने गुप्त “पार्टनर” साध्वी श्रद्धा के साथ जो किया उसपर मीडिया मौन है (“बनारस की साध्वी श्रद्धा” छद्म नाम था जिस नाम से रात में प्रधानमन्त्री आवास जाती थी “योग” सिखाने!असल में ईसाई थी,नन के छद्मवेश में),श्रद्धा के बेटे को बंगलुरु के ईसाई अनाथालय में डाल दिया,बड़ा होने के बाद से वह चीख−चीखकर अपने बाप का नाम बताता रहा किन्तु मीडिया नहीं सुनती!उस K.K.Dominic (Arun Nehru) को कब न्याय मिलेगा?अमित शाह को कहिये कि उसे भाजपा मे ले आयें और हल्ला मचायें । सबूत प्रस्तुत है —
(1)
https://www.geni.com/…/Pandit-Jawaharla…/6000000003923543660
(2)
https://www.geni.com/…/K-K-Dominic-Arun…/6000000016226155444
यह बेचारा तो मर चुका है किन्तु उसके बेटे ने यह वेबपेज बनाया और चीख−चीखकर जवाहरलाल नेहरु का पोता अपने को बता रहा है किन्तु कोई नहीं सुनता!
(3)
और यह है साध्वी श्रद्धा जो एक ईसाई नन थी —
https://www.geni.com/…/Isabel-SwamiKann…/6000000016423676124

बुधवार, 10 अप्रैल 2019

दलाली का काला बाजार' ध्वस्त होने वाला हैं

1989 में राकेश रोशन ने एक फिल्म बनायी थी 'काला बाजार'।फिल्म भ्रष्टाचार पर केंद्रित थी।इस फिल्म में कादर खान एक भ्रष्ट क्लर्क के रोल में था।जो भी बंदा अपना कोई काम करवाने दफ्तर में आता उससे कादर खान कोई रिश्वत नही माँगताबस एक कप चाय माँगता पोस 'बाहर जो चाय की दुकान है वहाँ से मेरे लिये एक कप चाय ले आओ।दो या तीन चम्मच चीनी डलवाकर'। जब वो बंदा चाय लेने जाता तब चाय वाला जॉनी लिवर उससे एक चम्मच चीनी के 200 रुपये के हिसाब से रिश्वत ले लेता था।
संजय भंडारी कौन है ? रीपुल नाथ कौन है ? कमलनाथ कौन है ? कक्कड़ कौन हैं ? मोईन खान कौन हैं ?
ये सब वही करप्ट चायवाले हैं जो अपने आका का पैसा वसूलते थे हथियारों के दलालों से ।
संजय भंडारी वाड्रा को लंदन में बेनामी बँगले खरीदकर देता हैं चीनी 12 चम्मच।
रीपुल नाथ की सीडी बनाने वाली कम्पनी अगस्ता विमान के दलालों से करोड़ों कैश लेती हैं चीनी 18 चम्मच।
मोइन खान काँग्रेस दफ्तर का पैसा अपने घर में रखता हैं  चीनी 2 चम्मच।
ये सारे करप्ट चायवाले जॉनीलिवर है ये अपने आका कादर खान के लिये रिश्वत इकठ्ठा करते है।आका की सेटिंग भी तगड़ी है।करप्ट चायवाला पकड़ा भी जाये तो ये साबित नही हो सकता कि ये रिश्वत का पैसा उस AP या FAM का है । इनके लिंक कभी आपस में जुड़ नही सकते थे।
फिर एक ईमानदार चायवाला आया।उसने पूरे जाल को ध्यान से देखा।जाल बड़ा उलझा हुआ था।उसे पता था कि इस जाल में बिना तैय्यारी के हाथ मारा तो खुद ही फँसने का डर हैं । उसने टाइम लिया । पहले सबके तार जोड़े । लिंक अच्छे से कनेक्ट किये।तथ्य पूरे जुटाये।
फिर पकड़ा उन दलालों को जो क्लर्क और चायवाले के बीच की कड़ी थे।सबसे पहले सारा डिप्लोमेटिक जोर लगाकर राजीव सक्सेना ,क्रिश्चियन मिशेल को पकड़ा ।
अब सारे तार जुड़ चुके हैं।अब करप्ट चायवालों का नंबर हैं। कमलनाथ , रीपुल नाथ , मोइन खान , संजय भंडारी का नंबर हैं। करोड़ों पकड़ा रहें हैं और भी माल मिलेगा।सारे लिंक जुड़ चुके हैं।आका आधी रात को करप्ट चायवाले के घर जाकर बैठे हैं।बैचेनी बढ़ रही हैं।'दलाली का काला बाजार' ध्वस्त होने वाला हैं
स्क्रिप्ट दमदार हैं।शूटिंग जारी है ।ओवर एक्टिंग के लिये कोई जगह नही हैं।
इस फिल्म के निर्देशक हैं
 नरेन्द्र मोदी ।

आज कई राजनितिक दलों की नींद उड़ी हुई होगी जिन्होंने चुनाव में खर्च करने के लिए मोटा पैसा जोड़ रखा होगा

आयकर अधिकारीगण याद रहे --कांग्रेस सरकार आई तो भुगतना पड़ेगा -
नगरी नगरी द्वारे द्वारे मोदी चोर पकड़ रिया -

110 दिन की कमलनाथ की सरकार और आयकर छापों में रकम
निकल रही है 500 करोड़ --यानि 4.5 करोड़ रोज कमाया है -
मीडिया चैनल्स बड़ी सफाई से छुपा रहे हैं कि मोज़र बेयर कंपनी
का मालिक दीपक पुरी कमलनाथ का बहनोई है और रातुल पुरी
कमलनाथ का भांजा है --जिसका सीधा मतलब निकलता है ये
दोनों पुरी बाप बेटे है --और ये दोनों छापेमारी के लपेटे में है कमल
नाथ के सचिव, प्रवीण कक्कड़ के साथ --

आज कांग्रेस के नेता अंदर ही अंदर भड़क रहे होंगे कि एक बार
हमारी सरकार आ गई तो आयकर अधिकारियों को तो दिन में तारे
दिखा देंगे --मगर वो अधिकारी भी क्या करें --अभी तो उनके बॉस
प्रधान मंत्री मोदी और अरुण जेटली हैं जो ठीक चुनाव से पहले पैसे
 के गंदे खेल का भांडा फोड़ दिया --

चिदम्बरम और कांग्रेस के कुछ चुनिंदा नेता कह रहे है कि छापेमारी
 से हमारे चुनाव प्रचार में बाधा डालने की कोशिश की गई है --लूटा
हुआ पैसा जो 90% मुसलामानों के वोटों के लिए बांटना था वो रुक गया
 ना -वैसे आज पश्चिमी उत्तरप्रदेश की भाई बहन की 3 रैलियाँ जरूर रद्द
 हो गई 

लेकिन दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया का कोई ट्वीट नहीं
आया है जैसे वो इन छापों से गदगद हैं --क्या पता कमलनाथ की कुर्सी
की टांग टूटे और इन्हे नई कुर्सी मिले -- ये दोनों कभी हिन्दुओं को ना
पूछने वाले आजकल मंदिर मंदिर भटक रहे हैं और दिग्विजय सिंह
तो हिन्दुओं को आतंकी कहता है फिर भी मंदिरों में नाक रगड़ रहा
है --

कांग्रेसी भी कलप रहे होंगे कि ये आयकर की छापेमारी और पाकिस्तान
को ठोकना आचार संहिता के दायरे में क्यों नहीं आता -चले जाएँ फिर
 एक बार सुप्रीम कोर्ट में कि सरकार की ऐसी कार्यवाही पर भी रोक
 लगाई जाये -आखिर मेहनत से कमाया हुआ पैसा मोदी रेड करके कैसे
 हड़प सकता है --

कमलनाथ ने CRPF के साथ राज्य पुलिस का टकराव करा कर ममता
बनर्जी बनने की कोशिश की है मगर वो भूल जाता है कि केंद्र सरकार
के हाथ राज्य सरकार से ज्यादा लम्बे होते हैं --

आज कई राजनितिक दलों की नींद उड़ी हुई होगी जिन्होंने चुनाव में खर्च
करने के लिए मोटा पैसा जोड़ रखा होगा --पता नहीं कब छापा पड़ जाये
और सब कुछ चला जाये --केजरीवाल तो विदेशों से मिला "चंदा" भी छुपाने
में लगा होगा और निर्देश दे रहा होगा --मेरा नाम कोई ना ले --

जो होना है वो होगा --अब तो बस राम राम जपो -


"मैं भी चौकीदार"
08/04/2019
#मोदी फिर से आएगा-2019

क्या यह सच है कि मोदी भारत के सबसे बुरे प्रधानमंत्री हैं?

क्या यह सच है कि मोदी भारत के सबसे बुरे प्रधानमंत्री हैं?

कोई भी प्रशासक सभी लोगों के लिए अच्छा या बुरा नहीं हो सकता। मोदी निम्नलिखित वर्गों समूहों के लिए भारत के सबसे बुरे प्रधानमंत्री सिद्ध हुए हैं।

कालाबाजारियों के लिए। मोदी शासन में यूरिया, सीमेंट,प्याज, दाल,आलू,चीनी की किल्लत कभी दिखाई दी आपको?
फर्जी गैस कनेक्शन, फर्जी राशनकार्ड धारी, फर्जी छात्रवृत्ति लेने वाले, फर्जी कर्मचारी ,नम्बर दो का बिजनेस करनेवाले, नम्बर दो का माल बनाने वाली कम्पनियों के लोग मोदी से बहुत दुखी हुए हैं।
राजनैतिक दल जो अपने प्रतिनिधियों के द्वारा सरकारी नौकरियों में धांधली करवाते थे।
रक्षा सौदों में दलाली करनेवाले लोग
बेनामी सम्पत्ति संग्रह करते भ्रष्ट नेता और अफसर
विदेशों में कालाधन जमा करनेवाले लोग
सरकारी जमीनों पर कब्जा कर मकान दुकान बना कर रास्ता अवरुद्ध किये हुए लोग।इलाहाबाद, जौनपुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर जिलों में इतने अधिक अतिक्रमण हटाये गये हैं कि शायद विश्व रिकॉर्ड होगा यह।ऐसा ही अभियान पूरे यूपी में चलाया जा रहा है। मैं इसका प्रत्यक्षदर्शी गवाह हूँ। व्यापारी ,दुकानदार बहुत गुस्से में हैं इस अत्याचार से।बीस पच्चीस फुट रोड की जमीन पर बनी दुकानें अभी तक सभी सरकारों को मान्य कैसे थी?

उपरोक्त समूहों के लिए मोदी सबसे बुरे प्रधानमंत्री सिद्ध हुए हैं क्योंकि इनकी दुकानें बंद हो गई हैं।

आपको कौन सा भारत अच्छा लगता है - मोदी के साथ, या मोदी के बिना?

आपको कौन सा भारत अच्छा लगता है - मोदी के साथ, या मोदी के बिना?


आज सही मायने में इस विशाल मंच पर, झकझोर देने वाला, औऱ DEADLINE खींचने वाला सवाल उठाया गया है, जो आने वाली शताब्दियों तक के लिये महान भारत के भविष्य की तो दिशा निर्धारित करेगा ही,साथ ही पूरे एशिया महाद्वीप सहित सम्पूर्ण विश्व की शान्ति, सभ्यताओं, संस्कृतियों यहाँ तक कि पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व की दशा औऱ दिशा भी निर्धारित करेगा। आतंकवाद, देशद्रोह तथा घृणित राजनीति से पीड़ित देश की जनता को अपने बुद्धि विवेक का इस्तेमाल करते हुए इस महत्वपूर्ण चुनावी समय में एक नहीं अनेक DEADLINE खींचने की आवश्यकता है………

1.देशद्रोही औऱ राष्ट्रभक्त नेताओं के बीच,

2.देश का खजाना लूटने वाले औऱ आर्थिक सुधार करनेवाले,

3.आतंकवाद के समर्थक तथा आतंक का सफाया करनेवाले

4.पाकिस्तान परस्त तथा पाकिस्तान को औकात दिखाने वाले

5.हिन्दू संस्कृति के विरोधी तथा हिन्दू संस्कृति के रक्षक,

6.हिन्दूओं पर अत्याचार,गैर हिन्दुओं पर कृपा करनेवाले तथा सबको समान दृष्टि से देखने वाले

7.देश विरोधी नारेबाजों के समर्थक तथा देशप्रेमियों के समर्थक

8.बेईमान, भ्रष्ट, नमक हराम तथा ईमानदार,नमक हलाल

9.देश की अवनति करनेवाले तथा देश की उन्नति करनेवाले

10.जम्मू कश्मीर में धारा 35 A औऱ धारा 370 को लगवाने वाले औऱ उसका समर्थन करनेवाले तथा इन धाराओं को समाप्त करके पूरे देश के नागरिकों को जम्मूकश्मीर में सम्पत्ति खरीदने का अधिकार दिलाने वाले,

11.जम्मू कश्मीरको भारत से अलग करने का षडयंत्र करके उसे अपने बाप की जागीर समझने वाले तथा जम्मूकश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानने वाले……..आदि आदि।

आजाद देश मे सन् 1947 से 2014 तक देश को मनमाने ढ़ंग से लूटने खसोटने वाले बड़े सुकून से बेखौफ चांदी काटते रहे क्योंकि उन्हें किसी की परवाह नहीं थी। जाति,धर्म औऱ सम्प्रदाय विशेष को बढ़ावा देकर अपने वोट बैंक मजबूत करते करते लोकतंत्र को अपने हाथों की कठपुतली बना कर दशकों तक “गरीबी हटाओ” के नाम पर खुद को ही अमीर बनाने में लगे रहे।बीच मे अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार भी आयी लेकिन कोमल हृदय वाले वाजपेयी जी उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की स्थिति मे नहीं थे।लेकिन हर चीज का समय आता जरूर है। देश गवाह है मनमोहन सरकार मे सोनिया एण्ड फैमिली ने पाप का घड़ा इतना ज्यादा भर लिया कि जनता उसे फोड़ने के लिये मोदी जी को ले आयी ।अब मोदी जी पूरी लगन से,जनता द्वारा दी हुई घड़ा फोड़ने की जिम्मेदारी को निभा रहे हैं तो बरसों देशकी मलाई खाने वालों को बहुत ही बेचैनी औऱ परेशानी हो रही है, ससुराल जाने का डर सताने लगा है। विपक्ष के नाम पर देश के सारे भ्रष्टाचार मे आकण्ठ डूबे बेशर्म दागी नेताओं तथा नेत्रियों की जमात को मंच पर गलबहियां करते देख आँखों को विश्वास नहीं होता क्योंकि अपनी जान बचाने की जुगत मे गठबंधन का नाटक करनेवाले ये सभी कलाकार पहले भी एक दूसरे को नीचा दिखाते थे औऱ हमेशा दिखायेंगे। कह रहे हैं.. मोदी हटाओ, देश बचाओ। जबकि इनकी मंशा है…मोदी हटाओ, हमेंबचाओ।

दुनिया को भी मोदी चाहिए……………

गौर कीजिये सभ्य दुनिया पर विकृत मानसिकता वाले भयंकर विनाशकारी आतंक के गम्भीर खतरे तथा संकट की आहट पूरा विश्व सुन रहा है।यहाँ न केवल सिरफिरे किम जोंग उन जैसे अमेरिका को चुनौती देने वाले मौत के सौदागर अपितु सारी दुनिया के लिये सिरदर्द बने ISIS से निपटने की चुनौतियां हैं।यद्यपि विश्व के सभी सभ्य देशों को यह चिंता सता रही है कि ऐसे विध्वंसकारी हाथों मे अत्यंत विनाशक तथा घातक हथियारों का होना किसी भी समय पृथ्वी पर जीवन के विनाश का कारण बन सकता है। औऱ ऐसे मे महात्मा गाँधी की महत्ता दुनिया को समझ आने लगी है।जिससे प्रेरित होकर अनेक देश उनकी प्रतिमाएं लगवा कर दुनियाभर मे शान्ति के सन्देश फैलाने मे लगे हैं।उसी भारत से अदम्य् साहस से भरे हुए एक ऐसे निर्भीक सूर्य (नरेंद्र मोदी) का उदय हुआ है जो मानव जाति के कल्याण तथा उद्धार हेतु भारत के साथ साथ सारी दुनिया से, प्राणीमात्र को दुःख औऱ पीड़ा देने वाली हर बुरी शक्तियों की कालिमा (अन्धकार) को समूल मिटाने के अटल इरादे से उठ खड़ा हुआ हैऔऱ विश्व की महाशक्तियों के लिये भी अनुकरणीय आदर्श बन गया है।विगत पाँच वर्षों मे जिस तरह BRICKS,……..आदि दुनिया के बड़े मंचों पर मोदी जी ने अपनी अद्भुत नेतृत्व क्षमता से दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया, सारा विश्व उनकी महान प्रतिभा का कायल है,तथा अभूतपूर्व रुप से आतंकवाद के खिलाफ एक जुट होकर भारत की हर तरह से मदद करने को तैयार है।मोदी जी भी GLOBAL CONCERNS तथा देश से जुड़ी सभी चिन्ताओं तथा उनके समाधान के लिये ACTION PLANS को ACTIVE MODE मे लाने के लिये अभूतपूर्व नेतृत्व कर रहे हैं।

अब आप ही बताएं,मैंने अपने अनुभव औऱ अल्प ज्ञान के आधार जो कुछ लिखा, क्या सत्य नहीं है ? मुझे केवल आशा ही नहीं, अमर शहीदों के तड़पते हुए परिवारों के हृदयविदारक दृश्यों को आँखों में समाये इस मन को दृढ़ विश्वास है कि माँ भारती की फिक्र करनेवाला प्रत्येक भारतवासी मोदी वाले भारत को ही चाहता है,बिना मोदी वाले भारत को नहीं।

वन्दे मातरम् !

शनिवार, 6 अप्रैल 2019

#भारतीयनववर्ष #चैत्रशुक्लप्रतिपदा #विक्रमीसंवत्_2076 (6 अप्रैल 2019)

"#भारतीयनववर्ष, #चैत्रशुक्लप्रतिपदा #विक्रमीसंवत्_2076 (6 अप्रैल 2019)" की आप सभी को अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएँ ।



#चैत्रशुक्लप्रतिपदाकाऐतिहासिक_महत्व :*

1. इस दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की।

2. सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन प्रारंभ होता है।

3. प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक का दिन भी यही है। 

4. यह शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् नवरात्र का पहला दिन है।

5. सिक्खों के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव जी का जन्म दिवस भी इसी दिन  है। 

6. स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की एवं कृणवंतो विश्वमार्यम का संदेश दिया |

7. सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार भगवान झूलेलाल इसी दिन प्रगट हुए।

8. विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना। विक्रम संवत की स्थापना की ।

9. युधिष्ठिर का राज्यभिषेक दिवस भी

10 संघ संस्थापक प.पू .डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार का जन्म दिन भी इस है।

11 महिर्षि गौतम जयंती भी इसी दिन आती है।

#भारतीय नववर्ष का प्राकृतिक महत्व

1.बसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंध से भरी होती है।

2. फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है।

3.नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं अर्थात् किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिये यह शुभ मुहूर्त होता है।

#भारतीय नववर्ष कैसे_मनाएँ :



1.हम परस्पर एक दुसरे को नववर्ष की शुभकामनाएँ दें।
पत्रक बांटें , झंडे, बैनर....आदि लगावें ।

2.अपने परिचित मित्रों, रिश्तेदारों को नववर्ष के शुभ संदेश भेजें।

3 .इस मांगलिक अवसर पर अपने-अपने घरों पर भगवा पताका फहराएँ।

4.अपने घरों के द्वार, आम के पत्तों की वंदनवार से सजाएँ।

5. घरों एवं धार्मिक स्थलों की सफाई कर रंगोली तथा फूलों से सजाएँ।

6. इस अवसर पर होने वाले धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लें अथवा कार्यक्रमों का आयोजन करें।

7 प्रतिष्ठानों की सज्जा एवं प्रतियोगिता करें । झंडी और फरियों से सज्जा करें ।

8 इस दिन के महत्वपूर्ण देवताओं, महापुरुषों से सम्बंधित प्रश्न मंच के आयोजन करें

9 वाहन रैली, कलश यात्रा, विशाल शोभा यात्राएं, कवि सम्मेलन, भजन संध्या , महाआरती आदि का आयोजन करें ।

10 चिकित्सालय, गौशाला में सेवा, रक्तदान जैसे कार्यक्रम ।

आप सभी से विनम्र निवेदन है कि "भारतीय नववर्ष" हर्षोउल्लास के साथ मनाने के लिए "समाज को अवश्य प्रेरित" करें।

#भारतीयनववर्ष
#चैत्रशुक्लप्रतिपदा
#विक्रमीसंवत्_2076
#hindunavvarsh
#sanwariya
#happynewyear
#hindicalander
#chaitrapratipada
#hindutva
#jaishriram
#ramnavmi
#basantritu




शुक्रवार, 5 अप्रैल 2019

चैत्र नवरात्र आरम्भ (06 अप्रैल2019)

चैत्र नवरात्र आरम्भ (06 अप्रैल2019)

मां दुर्गा के नौ रुपों का पूजन यानि नवरात्रों का आरंभ  6 अप्रैल 2019 के दिन से होगा। पंचांग के अऩुसार चैत्र नवरात्रों से ही हिंदु नवसंवत्सर का आरंभ होता है,इस सम्वत्सर का नाम "परिधावी"  है।।
चैत्र मास के इस नवरात्र को ‘वार्षिक नवरात्र’ कहा जाता है ।।

इस पर्व पर जहाँ माँ दुर्गा के नौ रूपों क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री देवी की पूजा का विधान है,,,वहीं नवरात्रों में मां दुर्गा के रुप में  कन्या या कुमारी पूजन का भी विशेष विधान है।नवरात्र के इन प्रमुख नौ दिनों में लोग नियमित रूप से पूजा पाठ और व्रत का पालन करते हैं।

दुर्गा पूजा के नौ दिन तक देवी दुर्गा का पूजन, दुर्गा सप्तशती का पाठ  इत्यादि धार्मिक किर्या पौराणिक कथाओं में शक्ति की आराधना का महत्व व्यक्त किया गया है।

इसी आधार पर आज भी माँ दुर्गा जी की पूजा संपूर्ण भारत वर्ष में बहुत हर्षोउल्लास के साथ की जाती है। वर्ष में दो बार की जाने वाली दुर्गा पूजा एक चैत्र माह में और दूसरा आश्विन माह में की जाती है।

घट स्थापना:- नवरात्रों की पूजा का आरंभ घट स्थापना से शुरू होता है। इस दिन प्रात: स्नानादि से निवृत हो कर संकल्प किया जाता है। व्रत का संकल्प लेने के पश्चात मिटटी की वेदी बनाकर जौ बौया जाता है फिर घट स्थापित किया जाता है।घट के ऊपर मां की प्रतिमा को स्थापित किया जाता है तथा "दुर्गा सप्तशती" का पाठ किया जाता है। पाठ पूजन के समय अखंड दीप भी जलाया जाता है।।

घट स्थापना शुभ मुहूर्त:-
प्रातः04:00 ब्रह्म मुहूर्त अति श्रेष्ठ है।।
 पश्चात 08बजकर 09 मिनट से लेकर 10 बजकर 19 मिनट तक शुभ रहेगा व अभिजित मुहुर्त दोपहर12:15 से 01:05 मिनट तक व इसके अलावा चौघड़िया अनुसार अमृत,लाभ,शुभ,चर बेला में भी स्थापना की जा सकती है।।

नवरात्रों का महत्व:-
माना जाता है नवरात्रों में मां धरती पर साक्षा्त रुप में उपस्थित रहती है..नवरात्रे के पहले दिन माता दुर्गा के कलश की स्थापना कर पूजा प्रारम्भ की जाती है।जो भी मां की सच्चे मन से पूजा-पाठ, व्रत और हवन करता है। मां उसकी सभी इच्छाएं पूरी करती है।
नवरात्रों का समय तंत्र और मंत्र के कार्यों के लिए भी शुभ माना जाता है और बिना मंत्र के कोई भी साधाना पूर्ण नही होती है। जो भी व्यक्ति ग्रह दोष से पीड़ित हो वह भी मां की उपासना करके अपने सभी ग्रहों को शांत कर सकता है और मां का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।।

गृहस्थ व्यक्ति भी मां का पूजन करके अपने जीवन में आ रही सभी समस्याओं से मुक्ति पा सकता है।  इन में की गई पूजा -पाठ का फल व्यर्थ नहीं जाता है। नवरात्रों में मां अपने भक्तों को उनकी साधना के अनुसार फल देती है। इन दिनों में किया गया दान पुण्य का विशेष लाभ देता है।

चैत्र नवरात्र 2019 तिथिया:-
पहला नवरात्र, प्रथमा तिथि, 6 अप्रैल 2019, दिन शनिवार
दूसरा नवरात्र, द्वितीया तिथि  7 अप्रैल 2019, दिन रविवार
तीसरा नवरात्रा, तृतीया तिथि, 8 अप्रैल 2019, दिन सोमवार
चौथा नवरात्र, चतुर्थी तिथि, 9 अप्रैल 2019, दिन मंगलवार
पांचवां नवरात्र , पंचमी तिथि , 10 अप्रैल 2019, दिन बुधवार
छठा नवरात्रा, षष्ठी तिथि, 11 अप्रैल 2019, दिन बृहस्पतिवार
सातवां नवरात्र, सप्तमी तिथि , 12 अप्रैल 2019, दिन शुक्रवार
आठवां नवरात्रा , अष्टमी तिथि, 13 अप्रैल 2019, दिन शनिवार
नौवां नवरात्र नवमी तिथि 14 अप्रैल, दिन रविवार।।


विशेष:-राम नवमी राम जन्मोत्सव शनिवार को मनाया जाएगा।।

शुभेच्छाएँ:- भक्तिपथ परिवार आप सभी के लिए माँ भगवती से आपके उज्जवल भविष्य,सुख समृद्धि,यश,वैभव, ऐश्वर्य की कामना करता है।।नवरात्रि में माँ जगत्जननी आप की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें।


https://sanwariyaa.blogspot.com

एक सुन्दर मर्मस्पर्शी कहानी || कर्मो की दौलत |

एक सुन्दर मर्मस्पर्शी कहानी .............👇�👇�👇�
                 || कर्मो की दौलत ||

        एक राजा था जिसने ने अपने राज्य में क्रूरता से बहुत सी दौलत इकट्ठा करके( एकतरह शाही खजाना ) आबादी से बाहर जंगल एक सुनसान जगह पर बनाए तहखाने मे सारे खजाने को खुफिया तौर पर छुपा दिया था खजाने की सिर्फ दो चाबियां थी एक चाबी राजा के पास और एक उसकेएक खास मंत्री के पास थी इन दोनों के अलावा किसी को भी उस खुफिया खजाने का राज मालूम ना था एक रोज़ किसी को बताए बगैर राजा अकेले अपने खजाने को देखने निकला , तहखाने का दरवाजा खोल कर अंदर दाखिल हो गया और अपने खजाने को देख देख कर खुश हो रहा था , और खजाने की चमक से सुकून पा रहा था।

        उसी वक्त मंत्री भी उस इलाके से निकला और उसने देखा की खजाने का दरवाजा खुला है वो हैरान हो गया और ख्याल किया कि कही कल रात जब मैं खजाना देखने आया तब शायद खजाना का दरवाजा खुला रह गया होगा, उसने जल्दी जल्दी खजाने का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और वहां से चला गया . उधर खजाने को निहारने के बाद राजा जब संतुष्ट हुआ , और दरवाजे के पास आया तो ये क्या ...दरवाजा तो बाहर से बंद हो गया था . उसने जोर जोर से दरवाजा पीटना शुरू किया पर वहां उनकी आवाज सुननेवाला उस जंगल में कोई ना था ।

        राजा चिल्लाता रहा , पर अफसोस कोई ना आया वो थक हार के खजाने को देखता रहा अब राजा भूख और पानी की प्यास से बेहाल हो रहा था , पागलो सा हो गया.. वो रेंगता रेंगता हीरो के संदूक के पास गया और बोला ए दुनिया के नायाब हीरो मुझे एक गिलास पानी दे दो.. फिर मोती सोने चांदी के पास गया और बोला ए मोती चांदी सोने के खजाने मुझे एक वक़्त का खाना दे दो..राजा को ऐसा लगा की हीरे मोती उसे बोल रहे हो की तेरे सारी ज़िन्दगी की कमाई तुझे एक गिलास पानी और एक समय का खाना नही दे सकती..राजा भूख से बेहोश हो के गिर गया ।

        जब राजा को होश आया तो सारे मोती हीरे बिखेर के दीवार के पास अपना बिस्तर बनाया और उस पर लेट गया , वो दुनिया को एक पैगाम देना चाहता था लेकिन उसके पास कागज़ और कलम नही था ।

        राजा ने पत्थर से अपनी उंगली फोड़ी और बहते हुए खून से दीवार पर कुछ लिख दिया . उधर मंत्री और पूरी सेना लापता राजा को ढूंढते रहे पर बहुत दिनों तक राजा ना मिला तो मंत्री राजा के खजाने को देखने आया , उसने देखा कि राजा हीरे जवाहरात के बिस्तर पर मरा पड़ा है , और उसकी लाश को कीड़े मोकड़े खा रहे थे . राजा ने दीवार पर खून से लिखा हुआ था...ये सारी दौलत एक घूंट पानी ओर एक निवाला नही दे सकी...

        यही अंतिम सच है |आखिरी समय आपके साथ आपके कर्मो की दौलत जाएगी , चाहे कितनी बेईमानी से हीरे पैसा सोना चांदी इकट्ठा कर लो सब यही रह जाएगा |इसीलिए जो जीवन आपको प्रभु ने उपहार स्वरूप दिया है , उसमें अच्छे कर्म लोगों की भलाई के काम कीजिए बिना किसी स्वार्थ के ओर अर्जित कीजिए अच्छे कर्मो की अनमोल दौलत जो आपके सदैव काम आएगी |

 🙏.....................

हनुमान चालीसा का अदभुत रहस्य, जिसे जान अकबर को भी झुकना पड़ा

हनुमान चालीसा का अदभुत रहस्य,
जिसे जान अकबर को भी झुकना पड़ा...!

https://sanwariyaa.blogspot.com
भगवान को अगर किसी युग में आसानी से प्राप्त किया जा सकता है तो वह युग है कलियुग। इस कथन को सत्य करता एक दोहा रामचरितमानस में तुलसीदास जी ने लिखा है

नहिं कलि करम न भगति बिबेकू। राम नाम अवलंबन एकू॥
कालनेमि कलि कपट निधानू। नाम सुमति समरथ हनुमानू॥

भावार्थ:-कलियुग में न कर्म है, न भक्ति है और न ज्ञान ही है, राम नाम ही एक आधार है। कपट की खान कलियुग रूपी कालनेमि के (मारने के) लिए राम नाम ही बुद्धिमान और समर्थ श्री हनुमान्‌जी हैं॥
जिसका अर्थ है की कलयुग में मोक्ष प्राप्त करने का एक ही लक्ष्य है वो है भगवान का नाम लेना। तुलसीदास ने अपने पूरे जीवन में कोई भी ऐसी बात नहीं लिखी जो गलत हो। उन्होंने अध्यात्म जगत को बहुत सुन्दर रचनाएँ दी हैं।
ऐसा माना जाता है कि कलयुग में हनुमान जी सबसे जल्दी प्रसन्न हो जाने वाले भगवान हैं। उन्होंने हनुमान जी की स्तुति में कई रचनाएँ रची जिनमें हनुमान बाहुक, हनुमानाष्टक और हनुमान चालीसा प्रमुख हैं।
हनुमान चालीसा की रचना के पीछे एक बहुत जी रोचक कहानी है जिसकी जानकारी शायद ही किसी को हो। आइये जानते हैं हनुमान चालीसा की रचना की कहानी :-
ये बात उस समय की है जब भारत पर मुग़ल सम्राट अकबर का राज्य था। सुबह का समय था एक महिला ने पूजा से लौटते हुए तुलसीदास जी के पैर छुए। तुलसीदास जी ने नियमानुसार उसे सौभाग्यशाली होने का आशीर्वाद दिया।
आशीर्वाद मिलते ही वो महिला फूट-फूट कर रोने लगी और रोते हुए उसने बताया कि अभी-अभी उसके पति की मृत्यु हो गई है। इस बात का पता चलने पर भी तुलसीदास जी जरा भी विचलित न हुए और वे अपने आशीर्वाद को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे।
क्योंकि उन्हें इस बात का ज्ञान भली भाँति था कि भगवान राम बिगड़ी बात संभाल लेंगे और उनका आशीर्वाद खाली नहीं जाएगा। उन्होंने उस औरत सहित सभी को राम नाम का जाप करने को कहा। वहां उपस्थित सभी लोगों ने ऐसा ही किया और वह मरा हुआ व्यक्ति राम नाम के जाप आरंभ होते ही जीवित हो उठा।
यह बात पूरे राज्य में जंगल की आग की तरह फैल गयी। जब यह बात बादशाह अकबर के कानों तक पहुंची तो उसने अपने महल में तुलसीदास को बुलाया और भरी सभा में उनकी परीक्षा लेने के लिए कहा कि कोई चमत्कार दिखाएँ। ये सब सुन कर तुलसीदास जी ने अकबर से बिना डरे उसे बताया की वो कोई चमत्कारी बाबा नहीं हैं, सिर्फ श्री राम जी के भक्त हैं।
अकबर इतना सुनते ही क्रोध में आ गया और उसने उसी समय सिपाहियों से कह कर तुलसीदास जी को कारागार में डलवा दिया। तुलसीदास जी ने तनिक भी प्रतिक्रिया नहीं दी और राम का नाम जपते हुए कारागार में चले गए। उन्होंने कारागार में भी अपनी आस्था बनाए रखी और वहां रह कर ही हनुमान चालीसा की रचना की और लगातार 40 दिन तक उसका निरंतर पाठ किया।
चालीसवें दिन एक चमत्कार हुआ। हजारों बंदरों ने एक साथ अकबर के राज्य पर हमला बोल दिया। अचानक हुए इस हमले से सब अचंभित हो गए। अकबर को इसका कारण समझते देर न लगी। उसे भक्ति की महिमा समझ में आ गई। उसने उसी क्षण तुलसीदास जी से क्षमा मांग कर कारागार से मुक्त किया और आदर सहित उन्हें विदा किया। इतना ही नहीं अकबर ने उस दिन के बाद तुलसीदास जी से जीवनभर मित्रता निभाई।
इस तरह तुलसीदास जी ने एक व्यक्ति को कठिनाई की घड़ी से निकलने के लिए हनुमान चालीसा के रूप में एक ऐसा रास्ता दिया है। जिस पर चल कर हम किसी भी मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं।
इस तरह हमें भी भगवान में अपनी आस्था को बरक़रार रखना चाहिए। ये दुनिया एक उम्मीद पर टिकी है। अगर विश्वास ही न हो तो हम दुनिया का कोई भी काम नहीं कर सकते।
बिनु बिस्वास भगति नहिं तेहि बिनु द्रवहिं न रामु।
राम कृपा बिनु सपनेहुँ जीव न लह बिश्रामु॥

भावार्थ:-बिना विश्वास के भक्ति नहीं होती, भक्ति के बिना श्री रामजी पिघलते (ढरते) नहीं और श्री रामजी की कृपा के बिना जीव स्वप्न में भी शांति नहीं पाता॥
जय श्री राम जी
जय श्री हनुमानजी

https://sanwariyaa.blogspot.com

6 अप्रेल 2019 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, भारतीय नववर्ष विक्रमी संवत् २०७६



🚩"भारतीय नववर्ष, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् २०७६ (6 अप्रेल 2019)" की आप सभी को अग्रिम हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ ।*
www.sanwariyaa.blogspot.in
*🚩चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व :👇👇*

*🚩* इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की।

*🚩.* सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन प्रारंभ होता है।

*🚩.* प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक का दिन यही है।

*🚩.* शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् नवरात्र का पहला दिन यही है।

*🚩.* सिखो के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव जी का जन्म दिवस है।

*🚩.* स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की एवं कृणवंतो विश्वमआर्यम का संदेश दिया |

*🚩.* सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार भगवान झूलेलाल इसी दिन प्रगट हुए।

*🚩.* विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना। विक्रम संवत की स्थापना की ।

*🚩.* धर्मराज युधिष्ठिर जी का राज्यभिषेक भी इसी दिन हुआ।

🚩 संघ संस्थापक प पू डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार का जन्म दिन ।

🚩 महर्षि गौतम जयंती

*भारतीय नववर्ष का प्राकृतिक महत्व :👇👇👇*

*🚩.* वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से भरी होती है।

*🚩.* फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है।

*🚩.* नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं अर्थात् किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिये यह शुभ मुहूर्त होता है।

*भारतीय नववर्ष कैसे मनाएँ :👇👇👇*

*🚩.* हम परस्पर एक दुसरे को नववर्ष की शुभकामनाएँ दें। पत्रक बांटें , झंडे, बैनर....आदि लगावे ।

*🚩.* आपने परिचित मित्रों, रिश्तेदारों को नववर्ष के शुभ संदेश भेजें।

*🚩.* इस मांगलिक अवसर पर अपने-अपने घरों पर भगवा पताका फेहराएँ।

*🚩.* आपने घरों के द्वार, आम के पत्तों की वंदनवार से सजाएँ।

*🚩.* घरों एवं धार्मिक स्थलों की सफाई कर रंगोली तथा फूलों से सजाएँ।

*🚩.* इस अवसर पर होने वाले धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लें अथवा कार्यक्रमों का आयोजन करें।

🚩 प्रतिष्ठानों की सज्जा एवं प्रतियोगिता करें । झंडी और फरियों से सज्जा करें ।

🚩 इस दिन के महत्वपूर्ण देवताओं, महापुरुषों से सम्बंधित प्रश्न मंच के आयोजन करें

🚩 वाहन रैली, कलश यात्रा, विशाल शोभा
यात्राएं कवि सम्मेलन, भजन संध्या , महाआरती आदि का आयोजन करें ।

🚩 चिकित्सालय, गौशाला में सेवा, रक्तदान जैसे कार्यक्रम ।

*🙏🚩आप सभी से विनम्र निवेदन है कि "भारतीय नववर्ष" हर्षोउल्लास के साथ मनाने के लिए "समाज को अवश्य प्रेरित" करें।*

*🚩 भारतमाता की जय🚩*

🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉www.sanwariya.org

function disabled

Old Post from Sanwariya