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शनिवार, 6 अप्रैल 2019

#भारतीयनववर्ष #चैत्रशुक्लप्रतिपदा #विक्रमीसंवत्_2076 (6 अप्रैल 2019)

"#भारतीयनववर्ष, #चैत्रशुक्लप्रतिपदा #विक्रमीसंवत्_2076 (6 अप्रैल 2019)" की आप सभी को अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएँ ।



#चैत्रशुक्लप्रतिपदाकाऐतिहासिक_महत्व :*

1. इस दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की।

2. सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन प्रारंभ होता है।

3. प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक का दिन भी यही है। 

4. यह शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् नवरात्र का पहला दिन है।

5. सिक्खों के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव जी का जन्म दिवस भी इसी दिन  है। 

6. स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की एवं कृणवंतो विश्वमार्यम का संदेश दिया |

7. सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार भगवान झूलेलाल इसी दिन प्रगट हुए।

8. विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना। विक्रम संवत की स्थापना की ।

9. युधिष्ठिर का राज्यभिषेक दिवस भी

10 संघ संस्थापक प.पू .डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार का जन्म दिन भी इस है।

11 महिर्षि गौतम जयंती भी इसी दिन आती है।

#भारतीय नववर्ष का प्राकृतिक महत्व

1.बसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंध से भरी होती है।

2. फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है।

3.नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं अर्थात् किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिये यह शुभ मुहूर्त होता है।

#भारतीय नववर्ष कैसे_मनाएँ :



1.हम परस्पर एक दुसरे को नववर्ष की शुभकामनाएँ दें।
पत्रक बांटें , झंडे, बैनर....आदि लगावें ।

2.अपने परिचित मित्रों, रिश्तेदारों को नववर्ष के शुभ संदेश भेजें।

3 .इस मांगलिक अवसर पर अपने-अपने घरों पर भगवा पताका फहराएँ।

4.अपने घरों के द्वार, आम के पत्तों की वंदनवार से सजाएँ।

5. घरों एवं धार्मिक स्थलों की सफाई कर रंगोली तथा फूलों से सजाएँ।

6. इस अवसर पर होने वाले धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लें अथवा कार्यक्रमों का आयोजन करें।

7 प्रतिष्ठानों की सज्जा एवं प्रतियोगिता करें । झंडी और फरियों से सज्जा करें ।

8 इस दिन के महत्वपूर्ण देवताओं, महापुरुषों से सम्बंधित प्रश्न मंच के आयोजन करें

9 वाहन रैली, कलश यात्रा, विशाल शोभा यात्राएं, कवि सम्मेलन, भजन संध्या , महाआरती आदि का आयोजन करें ।

10 चिकित्सालय, गौशाला में सेवा, रक्तदान जैसे कार्यक्रम ।

आप सभी से विनम्र निवेदन है कि "भारतीय नववर्ष" हर्षोउल्लास के साथ मनाने के लिए "समाज को अवश्य प्रेरित" करें।

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रविवार, 30 सितंबर 2018

जागो देशवासियों, हमें अपने प्रधानमंत्री का साथ हर हाल में देना ही होगा

जितना लोग मोदी से चिढ़ते है ना...उससे थोडा़ कम ही लेख लिखा है... अगर सब ने पढ़ लिया तो सोचने पर विवश हो जायेगे ।

चमचों के लिए जनहित में जारी

एक सज्जन कहने लगे- "ई मोदी कुछ नहीं करता है । अबकी बार #BJP को वोट नहीं दूंगा।"

सच कहूँ तो मुझसे रहा नहीं गया, मैंने पूछा- "आप मोदी से क्या चाहते थे जो आपको नहीं मिला..?"

साहब मेरे सवाल से अचकचा गए । अचकचा मतलब समझे? अचकचा मतलब है असहज होना...साहब चुप...

फिर मैंने कहा- "उज्जवला योजना, दीनदयाल ज्योतिर्ग्राम योजना, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री बीमा योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, शौचालय निर्माण, स्वच्छता अभियान, एक दिन में 30 किलोमीटर हाईवे बनना, दुनिया भर में भारत की धमक, स्टार्टअप योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान योजना और क्या चाहिए ??

साहब कहने लगे- "ये सब तो ठीक है लेकिन अपना काम धंधा तो चौपट है।"

मैंने कहा- "खुल कर कहो न कि अब
= दो नम्बर के काम करने से डर लगता है
= कैश ट्रांजेक्शन करने में डर लगता है
= पारदर्शिता से डर लगता है
= कहीं बेनामी संपत्ति खरीदने में डर लगता है
= बैंक ट्रांजै़क्शन ज्यादा हुआ तो इन्कमटैक्स से डर लगता है

पैसा कमाओ करोड़ों में और टेक्स भरो सैकडों में...??

साहब चुप...

साहब के साथ बैठे लड़के ने कहा- " भैया इतना सब तो ठीक है लेकिन मोदी बेकार आदमी है , करता धरता कुछ है नहीं, बस फेंकता बहुत है ।"

मैंने लड़के से कहा- "अच्छा एक बात बताओ...
12 रुपया में दो लाख का दुर्घटना बीमा... मात्र 330 रु में दो लाख का जीवन बीमा हो रहा है, कराया या नहीं... ?"
लड़का चुप..

मैंने कहा- "घर में जो शौचालय बनवाया उसका उपयोग करते हो ?
" लड़का चुप !

"आयुष्मान योजना के बारे में सुना है ?"
बार बार गंदगी हटाने को कहता है... गंदगी से कौन बीमार पड़ता है? कभी किसी और मंत्री, संत्री ने 60 साल में शौचालय व गंदगी हटाने की बात की?

आज तक सभी सरकारें आबादी को रोती रहीं व माल बनाते गईं...पर मोदी ने कभी आबादी ज्या़दा है कह कर कोसा है? बल्कि कहता है 125 करोड़ जोड़ी हाथों की शक्ति है।।

आज तक सब सरकारों ने भीख पर ही पाला है व ग़रीबों को वोट बैंक ही समझा है... पहली बार किसी ने कहा है सरकारी नोकरियों पर निर्भर मत हो खुद का रोज़गार करो... दूसरों को भी रोज़गार दो।।

अब तो 50 करोड़ लोगों का मुफ्त 5 लाख तक का बीमा करने की योजना भी लाई है, ग़रीब औरत को चूल्हे से आजा़दी दिलवाई, लाखों घरो में बिजली पहुँचवाई।

300 रुपये वाला LED बल्ब अचानक सरकार बदलते ही 65 रुपये का कैसे हो गया... सोचा कभी?

150 रुपये वाली दाल 60 रुपये कैसे हुई?

अब सड़के कहां से बननी शुरू हो गई?

फ़ौज अचानक कैसे इतनी ताक़तवर हो गई कि चीन भी पीछे हट गया?

अचानक इतने उग्रवादियों को कैसे मौत के घाट उतारा जाने लगा?

हुर्रियत के नेताओं के फण्ड कैसे बन्द हो गए कैसे उनकी संपत्ति जब्त होनी शुरू हो गई?

कैसे देश की इज्ज़त अचानक दुनिया में बढ़ गई?

लड़का चुप...

कुल मिलाकर साहब और उनके लड़के जैसे लोग कीचड़ में रहने के आदि हैं... अखिलेश की गुंडा सरकार... मायावती की जातिवादी सरकार...ममता की जेहादी सरकार...लालू की भ्रष्टाचारी सरकार...इन सबसे बढ़कर कांग्रेस की 'हिंदू विरोधी' सरकार में रहने की आदत इतनी जल्दी बदलने वाली नहीं है।

सरकारी कर्मचारी इसलिए नाखु़श हैं कि अब duty में काम करना पड़ रहा है।

पैसे वाले इसलिए नाराज़ हैं कि ट्रांसपेरैंसी के चलते ब्लैकमनी संभालना मुश्किल है।

मिडिल क्लास इसलिए नाराज़ है कि इतनी जल्दी सब काम क्यों हो रहा है।

ग़रीब इसलिए नाराज़ है कि जब सब नाराज़ हैं, तो भैया हम भी नाराज़ हो लेते हैं..

उसे अगर वोट ही लेना होता तो वो, कभी नोटबंदी नहीं करता... कभी भी GST नहीं लाता

उसे वोट ही लेना होता तो वो कभी सब्सिडियाँ ख़त्म नहीं करता, लेकिन उसने दिल और घुटने के ऑपरेशन के दाम ढाई लाख से 50 हज़ार करके डॉक्टरों को नाराज़ किया...

उसने 800 दवाओं के दाम कम करके मेडिकल वालों को नाराज़ किया...

उसने 1% टैक्स लगा कर स्वर्णकारों को नाराज़ किया....

उसने होटल वालों के सर्विस चार्ज पर हथौड़ा चला के, ग्राहकों के हित के लिए होटलवालों से पंगा लिया...

उसने 500 और 1000 के नोट बन्द कर के अपने ही परम्परागत वोट बैंक को नाराज़ किया....

कैशलैस को बढ़ावा दे कर वो टैक्स चोरों के रास्तों का रोड़ा बन गया है....

#Rera जैसा क़ानून लागू करके बिल्डरों को नाराज़ किया...

बेनामी संपत्ति का क़ानून पारित करके ज़मीन के काला बाजारियों को बेनक़ाब कर रहा है...

स्पैक्ट्रम, कोयला, आदि का भ्रष्टाचार दूर कर, देश को लाखों करोड़ों का फ़ायदा देने के लिए बड़े उद्योगपतियों से पंगा लिया....

गैस सब्सिडी, मनरेगा, आदि का पैसा सीधे बैंक खाते में जमा करने के कारण सभी बिचौलियों की दुकानें बंद कर दी....

युरिया को नीम कोटिंग करने से केमिकल फ़ैक्टरियों का गोरख धंधा चौपट कर दिया...

2 लाख 24 हज़ार चोर कंपनियों का पंजीकरण रद्द और लाखों नकली कंपनियों की पहचान की !!!

लगभग हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार कम करने के नये नये तरीक़ों का आग़ाज़ कर रहा है....

सभी सरकारी कामों में टेक्नॉलजी के कारण गति लाने के प्रयास के कारण दलालों का 'स्पीड-मनी' बंद कर रहा है...

और न जाने कितनों को वो रोज़ नाराज़ कर रहा है....

हो सकता है आप भी उसके किसी क़दम से नाराज़ चल रहे हों, आप का भी कुछ नुक़सान हुआ हो....

वो असल में पागल बन गया है क्या?

वो चाहता तो आराम से किसी का दिल दुखाए बिना राज कर सकता है...

वह हर रोज़ नये नये क़दम उठाकर देश के हर क्षेत्र की बुराइयाँ दूर करने की रात दिन मेहनत कर रहा है...

क्योंकि...

उसे कुर्सी से प्रेम नहीं है। उसे सिर्फ़ अपने देश और सवा सौ करोड देशवासियों से प्रेम है...वो अपने देश को दुनियाँ में सबसे समृद्ध बनाना चाहता है...हर बुराई को ख़त्म करना चाहता है...वो भी इसी जैनेरेशन में...

अब भले ही आप उसे वोट न दें....
हो सकता है उस की कुर्सी 2019 में चली जाए लेकिन उसे उस की चिंता नहीं है....

आज जो उसका या उस के समर्थकों का मज़ाक उड़ा रहा है वो वास्तव में खु़द का और खु़द की भावी पीढी़ का मज़ाक उड़ा रहा है...।

देश बेचकर अपनी जेब भरने वाले चंद दोग़ले नेताओं, टीवी चैनलों और ब्युरोक्रेट्स की बातों में आकर उसका साथ छोडा़ तो खु़द को मज़ाक बनने से तुम्हें कोई नहीं रोक सकता।

सरकार की कुछ कमियों को, कुछ अब तक न हुए कामों को बढ़ा चढ़ा कर बोल कर ये लोग आप को गुमराह कर रहे हैं...

इस स्थिति में सभी खूनी भेडिये उसके खि़लाफ लामबंद हो रहे हैं...

लेकिन देश के लिए उसे हमारे साथ की ज़रुरत है...
इससे भी ज्या़दा हमें उसकी ज़रूरत है। आप ने उसे हटा दिया तो उस का कुछ नहीं बिगड़ने वाला...वो तो हिमालय चला जाएगा...

लेकिन हमारी अगली नस्लें हमें सैकड़ों सालों तक कोसेंगी....

जागो देशवासियों,

हमें अपने प्रधानमंत्री का साथ हर हाल में देना ही होगा.. हमें उसकी आवाज़ बनना है...अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए....

बाकि आपको जो अच्छा लगे कीजिए लेकिन एक बार यह ज़रूर सोचिए कि आखिर वह यह सब काम किसके लिए कर रहा है... हमारे लिए या अपने लिए???

PLEASE HAVE FAITH IN MODI, उसे अपना घर भरना होता तो वह 13 साल गुजरात का CM रह कर भर लेता। उसे कुर्सी से प्रेम नहीं है सिर्फ़ अपने देश से प्रेम है...

आप मोदी से उसकी कुर्सी छीन सकते हैं लेकिन वो संकल्प वो महान संकल्प नहीं छीन सकते जो उसने भारत को महान बनाने के लिए लिया हुअा है...

मुझे गर्व है अपने प्रधानसेवक पर 💐
जयहिंद
वंदे मातरम
भारत माता की जय

मंगलवार, 17 जुलाई 2018

क्या वाकई आप अब स्वयं को हिन्दू पहचान से जोड़कर नहीं देख पा रहे?

शशि थरूर 'हिन्दू पाकिस्तान' का नाम लेकर उदार हिन्दुओं को सरेआम जूते मार गया, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी शरिया अदालत के पक्ष में खुलकर आ खड़ा हुआ, दिग्विजय सिंह एकबार पुनः हिन्दू आतंकवाद पर खुले आम बोला, राहुल गाँधी ने भी शरिया अदालतों का समर्थन कर अपनी नीयत साफ कर दी....वहीं खानदानी गद्दारों का चश्मों चिराग़ और मध्य प्रदेश कांग्रेस का चेहरा ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने ही कार्यकर्ताओं द्वारा दिया गया नारियल पहले अपने पैरों के पास रखता है और बाद में सड़क पर फेंक देता है।

और आप कहते हो कांग्रेस से इतनी चिढ़ क्यों है? माना कि राजनैतिक स्वार्थ के चलते ढेर सारे हिन्दू अब भी कांग्रेस के साथ जुड़े हैं, पर क्या वाकई आप अंदर से इतने सड़ चुके हैं कि इन देश और धर्म द्रोहियों के विरुद्ध एक शब्द भी नहीं बोल सकते? क्या वाकई आपके भीतर का सनातनी मर चुका है? क्या वाकई आप अब स्वयं को हिन्दू पहचान से जोड़कर नहीं देख पा रहे? क्या वाकई आप की धमनियों में बहने वाला रक्त दूषित हो चुका है?

धिक्कार है ऐसे कांग्रेस समर्थकों और कार्यकर्ताओं पर जो धर्म और देश को तार तार कर देने वालों के साथ पूरी ढिठाई से खड़े हैं।

तुमसे लाख दर्ज़ा अच्छे भाजपा के कार्यकर्ता और समर्थक हैं जो ज़रा सा चूक होने पर भी ना अपने स्थानीय नेतृत्व से भिड़ जाते बल्कि केंद्रीय नेतृत्व तक को नहीं बख्शते ना ही प्रधानमंत्री तक को....खुद का लाख बिगड़ जाए पर धर्म और देश पर आंच नहीं आने देना चाहिए, इस मिट्टी और हमारे गौरव की ख़ातिर सब तिनके की मानिंद लगता है, अरे ठोकर मारो ऐसी राजनीति और स्वार्थ को जो तुम्हें हीनता से भर दे, नमक रोटी खा लेना पर कभी किसी की ग़ुलामी मत करना, कमसे कम अपने बुजुर्गों की आत्माओं से तो खौफ खाओ यार....शर्म करो शर्म।

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