2 प्रसिद्ध किताबों के माध्यम से पता चलता है कि the legend khe jane wane म्यूजिशियन गुलशन कुमार की हत्या क्यों और कैसे कि गई थी। एक किताब माई नेम इज अबू सलेम और दूसरी किताब Let me say it now’ है । विस्तार में इन किताबों मे लिखी घटनाओं का निछे जिक्र कर रहा हूं।👇👇
दरियागंज में जूस बेचा और ऑडियो कैसेट भी दिल्ली के दरियागंज इलाके में 5 मई 1956 गुलशन कुमार बचपन के दिनों से ही बेहद महत्वाकांक्षी रहे। किशोरावस्था के दौरान वह अपने पिता के फ्रूट जूस काम में हाथ बंटाने के लिए खुद भी जूस बेचा करते थे। पंजाबी फैमिली के गुलशन कुमार जब बड़े हुए तो उन्होंने आडियो कैसेट बेचने का काम शुरू किया। ऑडियो कैसेट का धंधा जम गया। लोगों की मांग को देखते हुए उन्होंने खुद कैसेट बनाने का काम शुरू कर दिया।
म्यूजिक कंपनी और बॉलीवुड से जुड़ाव गुलशन कुमार ने कारोबार बढ़ने पर दिल्ली से निकलकर 1970 में नोएडा में आडियो कैसेट बनाने के लिए म्यूजिक कंपनी खोली और उसका नाम सुपर कैसेट्स इंडस्ट्री रखा। बाद में बॉलीवुड से जुड़ने के लिए वह मुंबई पहुंच गए। यहां आकर उन्होंने अपनी कंपनी का नाम बदलकर टी सीरीज कर दिया। वह बॉलीवुड सिंगर्स के साथ मिलकर काम करने लगे। उनके रीमिक्स गानों की कैसेट्स की लोगों के बीच धूम मच गई।
भजनों से शोहरत मिलने पर अंडरवर्ल्ड की नजर में आए गुलशन कुमार ने खुद के गाए भजनों की कैसेट्स बाजार में उतारे। 80—90 के दशक में उनकी कैसेट और भजन घर घर पहुंच गए। गुलशन कुमार का सिक्का म्यूजिक इंडस्ट्री में जम गया और वह एक बड़ा नाम बन गए। इस बीच गुलशन कुमार पर अंडरवर्ल्ड की नजर पड़ गई। मुंबई के चर्चित जर्नलिस्ट रहे एस हुसैन जैदी ने अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम पर लिखी अपनी पुस्तक माई नेम इज अबू सलेम में जिक्र किया है अबू सलेम ने गुलशन कुमार से रंगदारी मांगी थी।
(S Hussain Zaidi Book My Name Is Abu Salem. )
डॉन अबू सलेम ने जान के बदले 10 करोड़ मांगे एस हुसैन जैदी की किताब माई नेम इज अबू सलेम में जिक्र है कि अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम ने गुलशन कुमार को जान के बदले 10 करोड़ देने को कहा था। गुलशन कुमार ने कहा कि रुपये उसे देने के बजाय उन रुपयों से वह जम्मू में वैष्णों माता के मंदिर में भंडारा कराएंगे। जम्मू में आज भी गुलशन कुमार के नाम से भंडारा चलता है।
अबू सलेम ने सुनी थीं गुलशन कुमार की चीखें रंगदारी नहीं देने पर अबू सलेम के शूटर राजा ने 12 अगस्त 1997 को मुंबई के अंधेरी इलाके में गुलशन कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के वक्त गुलशन कुमार जीतेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने के बाद लौट रहे थे। तभी शूटर राजा ने गुलशन कुमार के शरीर में 16 गोलियां दाग दी थीं। उसने अबू सलेम को गुलशन कुमार की चीखें सुनाने के लिए फोन भी किया और 10 मिनट तक आन रखा था। इस घटना का जिक्र भी माई नेम इज अबू सलेम किताब में किया गया है।
(जूस बेचकर म्यूजिक इंडस्ट्री के टाइकून बने गुलशन कुमार की क्यों हुई थी हत्या, जानें 16 गोलियां मारकर शूटर ने किसे किया था फोन
)
अब दुसरी किताब के mutabik-
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया की इस चर्चित किताब में म्यूजिक कंपनी टी-सीरिज के मालिक गुलशन कुमार की हत्या को लेकर भी बड़ा खुलासा किया गया है। मारिया ने बताया है कि जिस साल ( वर्ष 1997) गुलशन कुमार की हत्या की गई थी वो उस वक्त डायरेक्टर जनरल कार्यालय में पदस्थापित थे।
किताब ‘Let me say it now’ के मुताबिक साल 1997 में 22 अप्रैल की रात उन्हें उनके एक मुखबिर ने फोन कर कहा था कि गुलशन कुमार का विकेट गिरने वाला है। जब मारिया ने अपने मुखबिर से पूछा कि इसके पीछे कौन है तब मुखबिर ने अबू सलेम का नाम लिया था। मुखबिर ने बताया था कि गैंगस्टर ने अपनी योजना बना ली है और वो उन्हें शिव मंदिर जाने के दौरान मारने वाला है।
अगली ही सुबह मारिया ने मशहूर फिल्म निर्देशक महेश भट्ट को फोन किया था और उनसे पूछा था कि क्या वो गुलशन कुमार को जानते हैं? इसपर महेश भट्ट ने गुलशन कुमार को जानने की बात कही थी और यह भी कहा था कि वो हर रोज मंदिर जाते हैं। उन्होंने महेश भट्ट से कहा था कि वो गुलशन कुमार को बता दें कि उनकी जान को खतरा है लिहाजा वो घर से बाहर कदम ना रखें।
राकेश मारिया ने उस वक्त क्राइम ब्रांच की टीम को कैसेट किंग के नाम से मशहूर गुलशन कुमार को सुरक्षा देने के लिए कहा था। लेकिन 12 अगस्त 1997 को शिव मंदिर से बाहर निकलते वक्त गुलशन कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाद में इस हत्याकांड की जांच के दौरान खुलासा हुआ था कि गुलशन कुमार की सुरक्षा का जिम्मा उत्तर प्रदेश पुलिस संभाल रही थी जिसकी वजह से मुंबई पुलिस ने अपनी सुरक्षा वापस ले ली थी। (गुलशन कुमार का विकेट गिरने वाला है- फोन आने के बाद भी पुलिस नहीं बचा सकी थी जान
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जय हिन्द जय भारत
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