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रविवार, 29 मई 2022

पूरे कुंए का पानी मीठा,साफ और औषधि युक्त कर दिया जाता था।

आपने जिन भी कुंओ का पानी पिया होगा आपको साधारण पानी की अपेक्षा ठंडा और मीठा लगा होगा। इस पानी को पीने से सिर्फ प्यास नही बुझती बल्कि तृप्ति होती है।

 

मैं कभी गांव में नही रहा इसलिए इसका कारण मुझे आज पता चला। इसके लिए प्राकृतिक उपाय अपनाए जाते हैं।

कुंओ का आधार जामुन की लकड़ी का बनाया जाता है, जामुन की लकड़ी हज़ारों साल पानी मे रहने पर भी नही सड़ती।इसको नेवार बोलते हैं।

अंगूठी के आकार के इस छल्ले को जो आंवले की लकड़ी से बनी होती है को कुएं के सबसे निचले हिस्से में डूबा कर रखते है,क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार आंवले की लकड़ी उत्कृष्ट वाटर प्यूरिफायर है। ये कुएं के पानी को मीठा भी बनाता है ।

जब हम आंवला खाकर पानी पीते हैं तो पानी मीठा लगता है ,इसी आधार पर पूरे कुंए का पानी मीठा,साफ और औषधि युक्त कर दिया जाता था।

अब कुएं विलुप्त हो रहे हैं तो शायद यह विधा भी खत्म हो जाए । पर आंवले की लकड़ी के इन गुणों को ग्रहण करना या समझना आवश्यक है ।

कोई आश्चर्य नही की पिछली पीढ़ी के लोग सुखी रोटी और सादा पानी पीकर इतने स्वस्थ रहते थे ।



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