आज इस लेख में आँखों के रोग विशेषज्ञ आयुर्वेदिक डॉक्टर संतोष कुमार गुप्ता द्वारा बतायी गयी चिकित्सा विधि की जानकारी आपके साथ शेयर करुँगी। डॉक्टर के अनुसार नेत्र क्रिया कल्प थैरेपी लेने से चश्मे का पॉवर बढ़ना रुक जाता है। इसके अतिरिक्त आँखों की रौशनी में सुधार भी होने की सम्भावना रहती है। आइये जाने इलाज से सम्बंधित जानकारी।
आँखों के चश्मे का पॉवर बढ़ने से रोकने के लिए उपचार की अवधि
- रोगी के आँखों की स्थिति और रोग के प्रकार के आधार पर उपचार में समय लगता है। एक अनुमान के अनुसार आँखों की रोशिनी से सम्बंधित रोगों के उपचार में न्यूनतम 7 दिन और अधिकतम 21 दिन का वक्त लगता है। उपचार के दौरान प्रतिदिन एक बार थैरेपी लेना होता है।
- उपचार की अवधि के दौरान प्रतिदिन बीमारी की गंभीरता के आधार पर न्यूनतम 45 मिनट से अधिकतम 3 घंटे तक थेरेपी दी जाती है।
- उपचार की प्रक्रिया पूरी होने तक हल्का सुपाच्य आहार लेना होता है।
आँखों के चश्मे का पॉवर बढ़ने से रोकने के उपचार की प्रक्रिया
Netradhara Therapy नेत्रधारा थेरेपी
प्रत्येक आंख या प्रभावित आंख में 2-3minutes की एक निर्धारित अवधि के लिए 5-6 इंच की ऊँचाई से लगातार नाक के कैन्थस पर लगातार औषधीय की पतली धारा डाली जाती है। यह प्रक्रिया आंख के चैनल (श्रोत) को साफ करने में मदद करती है और सेलुलर स्तर पर डिटॉक्सिफिकेशन करती है।
Anjana Therapy अंजना थेरेपी
इस थेरेपी में इस्तेमाल की जाने वाली दवा धातुओं, खनिजों और जड़ी-बूटियों के मिश्रण से तैयार की जाती है। इस औषधि को पेस्ट के रूप में उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है।
Aschyotana Therapy अश्योतन थैरेपी
इस थेरेपी में जड़ी -बूटियों से तैयार की गयी तरल औषधि की 8-10 बूँद नाक के कैंथस पर टपकाई जाती है।
Tharpana Therapy तर्पण थेरेपी
इस उपचार थेरेपी में आँखों के चारों ओर आटे से गहरा आकार बनाते हैं। फिर इसके अन्दर जड़ी -बूटियों से तैयार औषधि डालकर छोड़ा जाता है। इस थेरेपी से आँखों की कोशिकाओं को पोषण प्राप्त होती हैं।
Shirodhara Therapy सिरोधारा थेरेपी
रोगी को टेबल पर लेटना होता है। इसके बाद औषधीय तेल माथे पर लगभग 45 मिनट की अवधि के लिए लगातार डाला जाता है। यह प्रक्रिया तंत्रिका तंत्र को ताकत देती है और ऑप्टिक नसों के रक्त परिसंचरण को बढ़ाती है। यह मस्तिष्क के कई अपक्षयी रोगों /degenerative diseases में भी प्रभावी है, जैसे कि लकवा, मस्तिष्क शोष, पार्किंसंस रोग और तंत्रिका तंत्र के अपक्षयी रोग। इस थेरेपी में रोग के आधार पर औषधीय तेलों/ दूध/ छाछ के साथ औषधीय काढ़े का प्रयोग किया जाता है।
Sirovasty Therapy सिरोवस्ती थेरेपी
इस थेरेपी में सहनीय तापमान में तरल औषधि को चमड़े के बैग को सिर के चारो तरफ फिट करके वस्ति दी जाती है। ये थेरेपी निष्क्रिय कोशिकाओं को पुनः सक्रीय करने में बहुत प्रभावी होती है।
Nasya Therapy नस्य थेरेपी
इस थेरेपी में जड़ी -बूटियों से तैयार तेल को नाक के दोनों छिद्रों में डाला जाता है। नस्य थेरेपी खाली पेट यानी खाना खाने से पहले प्रदान की जाती है। इस प्रक्रिया में गर्दन से ऊपर के भाग का शोधन किया जाता है।
आँखों से सम्बंधित रोग के आयुर्वेदिक उपचार के लिए नीचे दिए पते पर संपर्क किया जा सकता है :
Veda Panchakarma Hospital & Research Institute
148, Medical College Road,
Basaratpur, Gorakhpur,
Uttar Pradesh 273004
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