यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 24 जुलाई 2023

हर खेत, हर गांव, कसबे, शहर मे बारिश का पानी धरती में उतारने का काम होना ही चाहिए...

बहुत ही प्रेरणादायक...

हर खेत, हर गांव, कसबे, शहर मे बारिश का पानी धरती में उतारने का काम होना ही चाहिए...

"विद्या भारती के मार्गदर्शन में भाऊराव देवरस सेवा न्यास भोपाल द्वारा जनजाति क्षेत्र में सरस्वती संस्कार केन्द्र(Singal Teacher School) संचालित है।

 जिसके माध्यम से सामाजिक सरोकार के कार्य किये जाते हैं। इसी कड़ी में वर्षा जल संग्रह कार्य किया जाता है। जिसमें वर्षाकाल में घर के पास सोखता गड्ढा(वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम) बनाकर घर के पानी को उसमें उतारा जाता है।

बैतूल जिले के ग्राम बाचा में इस तरह सोखता गड्ढे बनाये गये। जिसमें आधे घंटे में 500 ली. पानी धरती में समा गया। यह विद्या भारती द्वारा बड़े पैमाने पर समाज हितैषी एवं देश हितैषी कार्य किया जा रहा है।

विद्या भारती द्वारा किये जा रहे कार्य में समस्त ग्रामजन, समाजजन को साधुवाद।"

सोख्ता गड्ढा बनाने की विधि इस प्रकार है-
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

1.सोख्ता गड्ढा वहीँ बनायें जहाँ पानी वेस्ट होता हो।
2. सोख्ता गड्ढा की लम्बाई,चोड़ाई और गहराई =1मीx1मीx1मी  
3. इस गड्ढे के बीचो बीच 6 इंच व्यास का 15 फीट का बोर करे
4. अब इस् बोर में पिल्ली ईंटों (नरम ईंटों) की रोड़ी भरें।
5. अब नीचे 1/4 भाग में 5 इंच x 6 इंच साईज़ के ईंटों के टुकड़े,फिर 
1/4 भाग में 4 इंच x 5 इंच साईज़ के ईंटों के टुकड़े भर देते है। 
6. शेष 1/4 भाग में बजरी (2इंचx2इंच साईज़) भर देते है।
7. अब 6 इंच की एक परत मोटे रेत की बना देते है। 
8. एक मिट्टी का घड़ा या पलास्टिक का डिब्बा लेकर उस में सुराख कर देते है फिट उस में नारियल की जटाएं या सुतली जूट भर देते है यह इसलिए कि पानी के साथ आने वाला ठोस गंद उपर ही रह जाएगा और कभी कभी सफाई करने के लिए भी सुविधा हो जाएगी।
9. अब निकास नाली को इस घड़े या डिब्बे के साथ जोड़ देते है वेस्ट पानी इस में सबसे पहले आएगा।   
10. खाली बोरी से गड्ढे को ढक देते है।
11. बोरी के उपर मिट्टी डाल कर गड्ढे को ईंटों से बंद कर देते है।
12. अब तैयार हो गया सोख्ता गड्ढा ..अब यह गड्ढा प्रतिदिन लगभग 500 लीटर बेकार पानी को 5-6 सालों तक सोख्ता रहेगा।

www.sanwariya.org
www.sanwariyaa.blogspot.in

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी करें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

function disabled

Old Post from Sanwariya