हिन्दू धर्म मे सप्ताह के सात दिन और एक दिन और रात मे 24 घंटे होने का वैज्ञानिक एवं धार्मिक प्रमाण
भारतीय ज्योतिष शास्त्र मे 7 ग्रह माने गए हैं और ज्योतिष के जन्मदाता महापंडित रावण को कहा गया है । रावण को भगवान सूर्यदेव के सारथी अरुण ने ज्योतिष का ज्ञान प्रदान किया था। उसके बाद महापंडित रावण ने ग्रहों का प्रतिपादन किया। सोम,मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि और प्रमुख ग्रह सूर्य है। राहू और केतू छाया
भारतीय ज्योतिष शास्त्र मे 7 ग्रह माने गए हैं और ज्योतिष के जन्मदाता महापंडित रावण को कहा गया है । रावण को भगवान सूर्यदेव के सारथी अरुण ने ज्योतिष का ज्ञान प्रदान किया था। उसके बाद महापंडित रावण ने ग्रहों का प्रतिपादन किया। सोम,मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि और प्रमुख ग्रह सूर्य है। राहू और केतू छाया
ग्रह माने गए हैं
जिनका महत्त्व किसी ग्रह के सहयोग से बनता है,अकेले ये महत्वहीन है ।
उपरोक्त सातों ग्रहों के नामो के आगे वार जोड़कर सप्ताह के सात दिन सोमवार
से रविवार तक बने जो पूरे विश्व मे माना जाता है ॥
अब एक प्रश्न ये है की एक रात और एक दिन मिलकर 24 घंटे ही क्यू होते हैं 25 या 28 घंटे क्यू नहीं होते ??
भारतीय ज्योतिष के अनुसार मेष,वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुम्भ, धनु, मीन 12 राशियाँ मानी गयी है ॥प्रत्येक दिन रात मे हर एक राशि का भोग्यकाल लगभग 2 घंटे का होता है। इस प्रकार रात और दिन मिलकर 24 घंटे (12राशि X 2) हुए ॥
ज्योतिष के अनुसार तीन घंटे अर्थात साढ़े सात घटी का एक पहर होता है और 24 घंटे मे आठ पहर (4 पहर रात के और 4 दिन के)।इस प्रकार 8 पहर X3=24 घंटे एक दिन और रात को मिलकर हुए॥
इस प्रकार हिन्दू धर्म द्वारा विश्व को दिया गया ज्ञान पूर्णरूप से तार्किक एवं कार्यान्वित है।
अब एक प्रश्न ये है की एक रात और एक दिन मिलकर 24 घंटे ही क्यू होते हैं 25 या 28 घंटे क्यू नहीं होते ??
भारतीय ज्योतिष के अनुसार मेष,वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुम्भ, धनु, मीन 12 राशियाँ मानी गयी है ॥प्रत्येक दिन रात मे हर एक राशि का भोग्यकाल लगभग 2 घंटे का होता है। इस प्रकार रात और दिन मिलकर 24 घंटे (12राशि X 2) हुए ॥
ज्योतिष के अनुसार तीन घंटे अर्थात साढ़े सात घटी का एक पहर होता है और 24 घंटे मे आठ पहर (4 पहर रात के और 4 दिन के)।इस प्रकार 8 पहर X3=24 घंटे एक दिन और रात को मिलकर हुए॥
इस प्रकार हिन्दू धर्म द्वारा विश्व को दिया गया ज्ञान पूर्णरूप से तार्किक एवं कार्यान्वित है।