जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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रविवार, 10 मार्च 2013
शनिवार, 9 मार्च 2013
शिवपुराण में बताए बिल्वपत्र के ये अचूक उपाय
कम ही लोगों को पता है शिवपुराण में बताए बिल्वपत्र के ये अचूक उपाय
वेद, प्रकृति रूप ईश्वर की अपार महिमा व शक्तियां उजागर करते हैं। धर्मग्रंथों में वेद भगवाव शिव का स्वरूप भी पुकारे गए हैं। यानी प्रकृति का कण-कण शिव रूप ही माना गया है। इसी कड़ी में बिल्व वृक्ष साक्षात शिव का ही रूप माना गया है।
शिवपुराण में तो बिल्ववृक्ष की जड़ में सभी तीर्थस्थान माने गए हैं। इसलिए बिल्ववृक्ष की पूजा शिव उपासना ही मानकर कई देवताओं की पूजा का पुण्य देने वाली मानी गई है। खासतौर पर हिन्दू धर्म परंपराओं में महाशिवरात्रि (10 मार्च) को भगवान शिव की उपासना की शुभ घड़ी में बिल्ववृक्ष पूजा के कई अचूक उपाय सांसारिक जीवन की कई इच्छाओं को पूरा करने वाले माने गए हैं। जानिए शिवपुराण में बताए बिल्ववृक्ष पूजा के ये खास उपाय किन-किन मुरादों को पूरा करते हैं-
- बिल्ववृक्ष के नीचे शिवलिंग पूजा से सभी मनोकामना पूरी होती है।
- बिल्व की जड़ का जल अपने सिर पर लगाने से उसे सभी तीर्थों की यात्रा का पुण्य पा जाता है।
- गंध, फूल, धतूरे से जो बिल्ववृक्ष की जड़ की पूजा करता है, उसे संतान और सभी सुख मिल जाते हैं।
- बिल्ववृक्ष के बिल्वपत्रों से पूजा करने पर सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं।
- बिल्व की जड़ के पास किसी शिव भक्त को घी सहित अन्न या खीर दान देता है, वह कभी भी धनहीन या दरिद्र नहीं होता। क्योंकि यह श्रीवृक्ष भी पुकारा जाता है। यानी इसमें देवी लक्ष्मी का भी वास होता है।
वेद, प्रकृति रूप ईश्वर की अपार महिमा व शक्तियां उजागर करते हैं। धर्मग्रंथों में वेद भगवाव शिव का स्वरूप भी पुकारे गए हैं। यानी प्रकृति का कण-कण शिव रूप ही माना गया है। इसी कड़ी में बिल्व वृक्ष साक्षात शिव का ही रूप माना गया है।
शिवपुराण में तो बिल्ववृक्ष की जड़ में सभी तीर्थस्थान माने गए हैं। इसलिए बिल्ववृक्ष की पूजा शिव उपासना ही मानकर कई देवताओं की पूजा का पुण्य देने वाली मानी गई है। खासतौर पर हिन्दू धर्म परंपराओं में महाशिवरात्रि (10 मार्च) को भगवान शिव की उपासना की शुभ घड़ी में बिल्ववृक्ष पूजा के कई अचूक उपाय सांसारिक जीवन की कई इच्छाओं को पूरा करने वाले माने गए हैं। जानिए शिवपुराण में बताए बिल्ववृक्ष पूजा के ये खास उपाय किन-किन मुरादों को पूरा करते हैं-
- बिल्ववृक्ष के नीचे शिवलिंग पूजा से सभी मनोकामना पूरी होती है।
- बिल्व की जड़ का जल अपने सिर पर लगाने से उसे सभी तीर्थों की यात्रा का पुण्य पा जाता है।
- गंध, फूल, धतूरे से जो बिल्ववृक्ष की जड़ की पूजा करता है, उसे संतान और सभी सुख मिल जाते हैं।
- बिल्ववृक्ष के बिल्वपत्रों से पूजा करने पर सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं।
- बिल्व की जड़ के पास किसी शिव भक्त को घी सहित अन्न या खीर दान देता है, वह कभी भी धनहीन या दरिद्र नहीं होता। क्योंकि यह श्रीवृक्ष भी पुकारा जाता है। यानी इसमें देवी लक्ष्मी का भी वास होता है।
नाश्ते में थोड़ा सा अंकुरित खाने के कुछ अनोखे फायदे
नाश्ते में थोड़ा सा अंकुरित खाने के कुछ अनोखे फायदे
हेल्थ बनाने के लिए अधिकतर लोग भोजन में सलाद भी शामिल करते हैं क्योंकि माना जाता है कि खीरा, ककड़ी, टमाटर, मूली, चुकन्दर, गोभी आदि खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। लेकिन अगर पत्तेदार सब्जी व सलाद के साथ ही भोजन में अंकुरित अनाज को शामिल किया जाए तो न सिर्फ यह बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि बीजों के अंकुरित होने के बाद इनमें पाया जाने वाला स्टार्च- ग्लूकोज, फ्रक्टोज एवं माल्टोज में बदल जाता है जिससे न सिर्फ इनके स्वाद में वृद्धि होती है बल्कि इनके पाचक एवं पोषक गुणों में भी वृद्धि हो जाती है। वैसे तो अंकुरित दाल व अनाज खाना लाभदायक होता है ये तो सभी जानते हैं लेकिन आज हम बताते हैं इन्हें खाने के कुछ खास फायदे जिन्हें आप शायद ही जानते होंगे.....
- अंकुर उगे हुए गेहूं में विटामिन-ई भरपूर मात्रा में होता है। शरीर की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन-ई एक आवश्यक पोषक तत्व है। यही नहीं, इस तरह के गेहूं के सेवन से त्वचा और बाल भी चमकदार बने रहते हैं। किडनी, ग्रंथियों, तंत्रिका तंत्र की मजबूत तथा नई रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी इससे मदद मिलती है। अंकुरित गेहुं में मौजूद तत्व शरीर से अतिरिक्त वसा का भी शोषण कर लेते हैं।
- अंकुरित भोजन क्लोरोफिल, विटामिन ,कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम, मैगनीशियम, आयरन, जैसे खनिजों का अच्छा स्रोत होता है।अंकुरित भोजन से काया कल्प करने वाला अमृत आहार कहा गया है यह शरीर को सुंदर व स्वस्थ बनाता है।
- अंकुरित मूंग, चना, मसूर, मूंगफली के दानें आदि शरीर की शक्ति बढ़ाते हैं।अंकुरित दालें थकान, प्रदूषण व बाहर के खाने से उत्पन्न होने वाले ऐसिड्स को बेअसर कर देतीं हैं और साथ ही ये ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ा देती हैं।
- अंकुरित भोजन शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ता है। यह शरीर में बनने वाले विषैले तत्वों को बेअसर कर, रक्त को शुद्घ करता है। अंकुरित गेहूं के दानों को चबाकर खाने से शरीर की कोशिकाएं शुद्घ होती हैं और इससे नई कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद मिलती है। अंकुरित गेहूं में उपस्थित फाइबर के कारण इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया भी सुचारु रहती है। अत: जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं हो उनके लिए भी अंकुरित गेहूं का सेवन फायदेमंद है। अंकुरित खाने में एंटीआक्सीडेंट, विटामिन ए, बी, सी, ई पाया जाता है। इससे कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक मिलता है। रेशे से भरपूर अंकुरित अनाज पाचन तंत्र को सुदृढ बनाते हैं।
- अंकुरित भोज्य पदार्थ में मौजूद विटामिन और प्रोटीन होते हैं तो शरीर को फिट रखते हैं और कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है।
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