यदि
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क्राँतिकारी व्याख्यान को डाउनलोड करके सुने और इस पर गंभीर चिँतन करेँ ।
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यही वो चमत्कारिक व्याख्यान है जिसे सुनकर मैँ स्वयं एक आयुर्वेद चिकित्सक
बन चुका हूँ और बड़े बड़े MBBS डॉक्टरोँ के साथ चिकित्सा संबंधी विषयोँ पर
चर्चा कर पाता हूँ ।
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चिकित्सा में पंचगव्य क्यों महत्वपूर्ण है?
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गाय के दूध, घृत, दधी, गोमूत्र और गोबर के रस को मिलाकर पंचगव्य तैयार
होता है। पंचगव्य के प्रत्येक घटक द्रव्य महत्वपूर्ण गुणों से संपन्न हैं।
इनमें गाय के दूध के समान पौष्टिक और संतुलित आहार कोई नहीं है। इसे अमृत
माना जाता है। यह विपाक में मधुर, शीतल, वातपित्त शामक, रक्तविकार नाशक और
सेवन हेतु सर्वथा उपयुक्त है। गाय का दही भी समान रूप से जीवनीय गुणों से भरपूर है। गाय के दही से बना छाछ पचने में आसान और पित्त का नाश करने वाला होता है।
गाय का घी विशेष रूप से नेत्रों के लिए उपयोगी और बुद्धि-बल दायक होता है। इसका सेवन कांतिवर्धक माना जाता है।
गोमूत्र प्लीहा रोगों के निवारण में परम उपयोगी है। रासायनिक दृष्टि से
देखने पर इसमें पोटेशियम, मैग्रेशियम, कैलशियम, यूरिया, अमोनिया, क्लोराइड,
क्रियेटिनिन जल एवं फास्फेट आदि द्रव्य पाये जाते हैं।
गोमूत्र
कफ नाशक, शूल गुला, उदर रोग, नेत्र रोग, मूत्राशय के रोग, कष्ठ, कास, श्वास
रोग नाशक, शोथ, यकृत रोगों में राम-बाण का काम करता है।
चिकित्सा में
इसका अन्त: बाह्य एवं वस्ति प्रयोग के रूप में उपयोग किया जाता है। यह अनेक
पुराने एवं असाध्य रोगों में परम उपयोगी है।
गोबर का उपयोग वैदिक काल से आज तक पवित्रीकरण हेतु भारतीय संस्कृति में किया जाता रहा है।
यह दुर्गंधनाशक, पोषक, शोधक, बल वर्धक गुणों से युक्त है। विभिन्न
वनस्पतियां, जो गाय चरती है उनके गुणों के प्रभावित गोमय पवित्र और रोग-शोक
नाशक है।
अपनी इन्हीं औषधीय गुणों की खान के कारण पंचगव्य चिकित्सा में उपयोगी साबित हो रहा है।
यदि
किसी सबसे लोकप्रिय फल की बात की जाय तो आपके जेहन में नींबू न आये ऐसा हो
ही नहीं सकता है I सभी खट्टे फलों में यह एक विशिष्ट फल है जिसका प्रयोग
चेहरे की त्वचा को पोषण देने से लेकर वजन कम करने तक में किया जाता है Iयह
एक ऐसा फल है जो रेगिस्तान में भी आपको मिल जाएगा और भरी दुपहरी में इसके
साथ का एहसास आपको बिलकुल तरोताजा बना देता है I
आइये आज हम आपको इसके कुछ बहुउपयोगी गुणों की चर्चा करते हैं :-
आप
जानते ही होंगे खट्टे फल विटामिन -सी,मिनरल कैल्शियम,मैग्नीशियम एवं
फास्फोरस सहित प्रोटीन एवं कार्बोहायड्रेट के प्रचुर स्रोत होते हैं ! यदि
आप को उल्टी आने की इच्छा,सीने में जलन और कब्ज जैसी समस्या उत्पन्न हो रही
हो तोएक ग्लास गुनगुना नींबू पानी आपको राहत दे सकता है Iनींबू एक प्रकार
से टोनिक का कार्य करता है जो लीवर को अधिक बाईल के स्रवण को उद्दीपित करता
है ,इतना ही नहीं यह रक्तशोधक की तरह भी कार्य करता है जो जीवाणुओं को
बाहर का रास्ता दिखाता है Iनींबू आतों की पेरीस्टालसिस गति को बढ़ा देता है
जिससे कब्ज दूर होता है Iहाँ, यदि आपको अचानक हिचकी आ रही हो तो बस एक
ग्लास नींबू पानी पी लें और आराम का अनुभव करेंIनींबूपानी एक प्रकार से
मूत्रल द्रव्य का काम करता है जो जीवाणुओं को फ़्लश कर देता है जिससे
मूत्रवहसंस्थान के संक्रमण को कम किया जा सकता है Iयदि आप गले की खराश एवं
टॉन्सिल्स से परेशान हों तो बस गुनगुने पानी में एक चम्मच कागजी नींबू
डालें और गरारे करें ..इसी प्रकार सर्दी एवं जुखाम की स्थिति में गुनगुने
पानी में एक चम्मच कागजी नींबू और एक चम्मच शहद डालकर पी जाएँ ..इसी प्रकार
दमे के रोगीयों में भी गुनगुने पानी में मिलाया गया आधा चम्मच कागजी नींबू
का रस बड़ा ही आराम देता है Iनींबू में लगभग 22 कैंसररोधी तत्व पाए जाते
हैं, इनमें पाया जानेवाला "लाइमोनीन" ट्यूमर्स के बढ़ने को रोक देता है
..कैंसर के रोगियों में रेडीयेशन एवं कीमोथीरेपी के दुष्प्रभाव एवं तनाव को
भी कम करने में यह मददगार होता है Iनींबू हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता को
बढ़ानेवाले एवं एंटी- डीप्रेसेंट के रूप में काम करता है Iनींबू के रस का
मसूड़ों पर किया गया हल्का मसाज मसूड़ों से आनेवाले खून के स्राव को कम कर
देता हैऔर मसूड़ों की दुर्गन्ध को भी कम करता है Iचेहरे पर आये झाईंयों को
महज नींबू के रस से कम करने का उपचार वर्षों से होता आया है ,बस इसे थोड़ा
ग्लीसरीन के साथ मिला दिया जाय तो यह चेहरे के दाग धब्बों को भी दूर कर
सकता हैIयदि एक कप पानी में एक नींबू निचोड़कर फलों एवं सब्जियों को साफ़
किया जाय तो यह इनमें उपस्थित पेस्टीसायड के अवशेषों को हटा देता है Iहाँ
बस इतना ध्यान रहे की नींबू में प्रचुर मात्रा में साइट्रिक एसिड पाया जाता
है जो आपके पेट में इरीटेंट प्रभाव भी उत्पन्न कर सकता है ,खासकर तब .. जब
आप अल्सर के रोगी हों Iअधिक मात्रा में साइट्रिक एसिड पानी में डायल्युट
करने के बावजूद दाँतों के एनामेल को नुकसान पहुंचा सकता है ..लेकिन फिर भी
इस फल के सर्वसुलभ एवं गर्मीयों में होने वाले बहुउपयोग को नकारा नहीं जा
सकता है !
भोजन
करने से पहले दो या तीन पके टमाटरों को काटकर उसमें पिसी हुई कालीमिर्च,
सेंधा नमक एवं हरा धनिया मिलाकर खाएं। इससे चेहरे पर लाली आती है व पौरूष
शक्ति बढ़ती है।
पेट में कीड़े होने पर सुबह खाली पेट टमाटर में
पिसी हुई कालीमिर्च लगाकर खाने से लाभ होता है।या उसमे हींग का छौंका लगा
दीजिये ,अब उसे पी जाइए ,सारे कीड़े मर जायेंगे.
टमाटर को पीसकर
चेहरे पर इसका लेप लगाने से त्वचा की कांति और चमक दो गुना बढ़ जाती है।
मुँहासे, चेहरे की झाइयाँ और दाग-धब्बे दूर करने में मदद मिलती है।