जब अशोक गहलोत साहब राजस्थान के मुख्यमंत्री थे तब उनके राज में फायदे भी बहुत थे, उन्होंने प्रदेश की जनता की भलाई के लिए अनेक काम किये जिसे प्रदेश के लोग समझ नहीं पाए थे।
📌 सड़कों की हालत ज़रूर बेहद खराब थी लेकिन उसके कारण वाहन धीमी रफ़्तार से चलते थे, जिसके कारण एक्सीडेंट कम होते थे।
📌 गाड़ियों के टयूब टायर जल्दी फूट जाते थे, ख़राब हो जाते थे, पंक्चर हो जाते थे जिसके कारण टायर ट्यूब इंडस्ट्री खूब फल फूल रही थी, कांग्रेस के प्रिय विशेष वर्ग को भी पंक्चर बनाने, टायर टयूब बेचने, बदलने का भरपूर रोज़गार मिला हुआ था।
📌 चाहे जब बिजली चली जाती थी जिसके कारण बिजली के बिल भी कम आते थे। सुबह 8 से 12 तो समय तय ही था जिसके कारण घर के सभी लोग सुबह जल्दी उठकर नहा लेते थे, पूजापाठ करते थे, काम पर जल्दी निकल जाते थे। ऑफिस, दुकान, फैक्ट्री पर जाने में भी समय लगता था क्योंकि सड़कें ख़राब थी, सो दूरदर्शी मुख्यमंत्री ने 8 से 12 बिजली गायब करने की व्यवस्था रखी थी।
📌 शाम को भी अक्सर बिजली चली जाती थी जिसके कारण लोग दिन में ही खरीदारी कर लिया करते थे और अंधेरा होने से पहले ही घर लौट आते थे जिसके कारण शाम की दिया बत्ती भी समय से हो जाया करती थी।
📌 बिजली नहीं होने से परिवार के लोग एकसाथ बैठकर भोजन किया करते थे आपस में बातचीत किया करते थे क्योंकि बिजली बंद होने से टीवी भी बंद रहते थे, मोबाईल चार्ज नहीं हो पाते थे।
📌 पति पत्नी अक्सर खाना खाकर चाँदनी रात में घर की छत पर या बालकनी में बैठकर गपशप किया करते थे जिसके कारण उनमें आपसी प्रेम और समझ बहुत बढ़ गया था।
📌 जहाँ एक तरफ टॉर्च, मोमबत्ती, चिमनी, कंदील बनाने वाले छोटे उद्योगों को फायदा पहुँचता था तो वहीं दूसरी ओर जनरेटर, यूपीएस बनाने वाली कम्पनियों को भी ज़बरदस्त मुनाफा होता था।
📌 घर के लोग देर तक जागते थे, तो चोरियाँ भी कम होती थीं। चोरों के लिए ही शाम को बिजली ग़ायब की जाती थी जिसके कारण वो भी जल्दी अपना काम निपटाकर अपने घर वालों के साथ भोजन करते, गपशप मारते, दारू पीते थे।
📌 कैंडल लाइट डिनर जितने गहलोत साहेब के राज में हुए उतने तो आजतक किसी बड़े से बड़े होटल में भी नहीं हुए हैं।
📌 सड़कें धूल से सराबोर रहतीं थीं, जिसके कारण कपड़े गंदे हो जाते थे सो एक शर्ट पेंट अगले दिन या दुबारा नहीं पहना जा सकता था, उनको धोना पड़ता था, इसके कारण साबुन, सिर्फ खूब बिकता था, कपड़े जल्दी ख़राब होते थे तो लोग जल्दी जल्दी नए कपड़े खरीदकर लाते थे। इसके कारण इस व्यापार से जुड़े लोगों को बहुत फायदा होता था।
📌 सड़कों पर अपार धूल, गंदगी हुआ करती थी जिसके कारण लोग बीमार बहुत पड़ते थे, इसी कारण डॉक्टरों, अस्पतालों, मेडिकल स्टोर्स, दवा कम्पनियों की खूब चांदी रहती थी। हर छोटा बड़ा अस्पताल, नर्सिंग होम मरीज़ों से गुलज़ार रहता था।
📌 दूसरे देशों, प्रदेशों से लोग केवल ये देखने राजस्थान आते थे कि ऐसे हालातों में राजस्थान के लोग कैसे जीवन यापन करते हैं। कई लोग तो केवल गड्ढों में सड़क ढूँढने, इन गड्डमड्ड सड़कों पर लोगों को कुशलता से वाहन चलाते देखने और धूल फाँकने ही आया करते थे और ये सब देखकर दाँतों तले उंगलियां दबा लिया करते थे।
📌 किसान तो कर्ज़माफी की बात ही नहीं करते थे क्योंकि एक तो बिजली ही बहुत कम आती थी, जितनी आती थी उसमें कितनी ज़्यादा से ज़्यादा सिंचाई कर सकें बेचारे उसी में ही दिमाग़ खपाया करते थे।
📌 घर, दुकान, दफ्तरों, कारखानों में बिजली आते से ही हर किसी के चेहरे पर मुस्कान दौड़ जाती थी लोग खुशी के मारे पूरे जोश के साथ काम निपटाने में लग जाते थे। बिजली आने पर वो खुशी, वो चमक देखते ही बनती थी।
📌 गाँवों में तो बिजली आना मतलब हेलीकॉप्टर आने जैसा होता था लोग तुरंत आटा चक्कियों की ओर दौड़ लगाते थे। आटा चक्की वाले की दुकान पर लोग पहले से ही नम्बर लगाकर लगते थे। आटा चक्की वाले भाव भी खूब खाते थे। लोग उनकी मिन्नतें करते थे, उनको महसूस होता था कि वो बहुत बड़े बिज़नेसमैन हैं।
📌 बहुत से लोग प्रदेश छोड़कर दूसरे देशों, प्रदेशों में जाकर बस गए जिससे राजस्थान पर जनसंख्या का दबाव भी कम हुआ था।
ऐसे अनेकानेक फायदे माननीय अशोक गहलोतजी के राज में होते थे लेकिन उनकी दूरदर्शिता को प्रदेश की जनता ने समझा नहीं, ऊपर से पिछले 5 वर्षों में वसुंधरा राजे ने पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल बिछा दिया, चौबीसों घंटे बिजली दे दी, प्रदेश के हर शहर, कस्बे, गाँव को स्वच्छ भारत मिशन के तहत साफ सुथरा करके चमका दिया है। जिसके कारण हम राजस्थानवासी उस मुस्कान, खुशी, चमक को भुला बैठे हैं..
इसलिए इस बार इस विकास करने वाली भाजपा सरकार को हटाकर बंटाधार करके लोगों के चेहरों पर चमक लाने वाली, हिंदुओं को उनकी दो कौड़ी की औक़ात में रखकर सिर्फ मुसलमानों को सिर पर बिठाने वाली कांग्रेस सरकार लानी है।
माफ़ करें महाराज, महान था अशोक राज !!
😆😆