चौघड़िया हिंदू पंचांग का एक विशेष अंग है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए कोई शुभ मुहूर्त न मिले तो उस अवस्था में चौघड़िया का विधान है इसलिए किसी भी मांगलिक कार्य को प्रारंभ करने के लिए चौघड़िया का उपयोग किया जाता है। पारंपरिक रूप से चौघड़िया को यात्रा मुहूर्त के लिए देखा जाता है परंतु इसकी सरलता के कारण इसे हर मुहूर्त के लिए उपयोग में लाया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में चार प्रकार की शुभ चौघड़िया होती हैं और तीन प्रकार की अशुभ चौघड़िया हैं। प्रत्येक चौघड़िया किसी न किसी कार्य के लिए निर्धारित है।
भारत में, लोग पूजा-पाठ, हवन आदि या फिर कोई भी शुभ कार्य करने से पहले मुहूर्त देखते हैं। किसी भी काम को शुभ मुहूर्त या समय पर शुरू किया जाए तो परिणाम इच्छा अनुसार आएगा इसकी संभावना ज्यादा होती है। अब आप यह सोच रहे होंगे की आज का शुभ समय क्या है इसकी जानकारी हमें कैसे होगी। तो आप आज का चौघड़िया देखकर शुभ समय ज्ञात कर सकते हैं।
अधिकांश तौर पर इसका प्रयोग भारत के पश्चिमी राज्यों में किया जाता है। चौघड़िया का उपयोग विशेष रूप से संपत्ति की खरीद और बिक्री में किया जाता है। चौघड़िया सूर्योदय पर निर्भर करता है, इसलिए आमतौर पर प्रत्येक शहर के लिए इसके समय में भिन्नता होती है। यह आपको हिंदू पंचांग में आसानी से मिल सकता है।
चौघड़िया क्या है?
चौघड़िया हिंदू कैलेंडर पर आधारित शुभ और अशुभ समय का पता लगाने की एक प्रणाली है। आज का चौघड़िया ज्योतिषीय गणना से तैयार किया जाता है, जो नक्षत्र और वैदिक ज्योतिष के आधार पर किसी भी दिन के पूरे 24 घंटों की स्थिति का प्रतिनिधित्व करती है। यदि आपको अचानक कोई नया काम शुरू करना है, तो उस अवधि के दौरान शुभ चौघड़िया मुहूर्त का इस्तेमाल करना आपके लिए अच्छा रहेगा। चौघड़िया में 24 घंटों को 16 भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें आठ मुहूर्त का संबंध दिन से होता है और आठ मुहूर्त का संबंध रात से। हर मुहूर्त 1.30 घण्टे का होता है। दिन और रात मिलाकर हर हफ्ते में 112 मुहूर्त होते हैं। दिन और रात के समय पूजा-पाठ आदि करने के लिए मुहूर्त का ज्ञान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, जरुरी यात्रा या विशेष और शुभ कार्य के लिए चौघड़िया मुहूर्त बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह माना जाता है कि अगर किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुभ समय में किया जाता है, तो उस काम से व्यक्ति को बेहतर परिणाम मिलता है।
चौघड़िया का अर्थ क्या होता है ?
चौघड़िया का अर्थ – Choghadiya
चौघड़िया एक संस्कृत शब्द है जो "चौ" और "घड़िया" से मिल कर बना है। चौ का
अर्थ होता है "चार" और "घड़िया " का अर्थ होता है "समय"। "घड़िया" को "घटी"
के रूप में भी जाना जाता है। प्राचीन समय में समय देखने की प्रणाली आज के
समय से काफी भिन्न थी। लोग "घंटों" के बजाय "घटी" देखा करते थे। यदि दोनों
समय प्रारूपों की तुलना की जाये, तो हम पाएंगे कि "60 घटियाँ" और "24 घंटे"
दोनों बराबर होते हैं। हालांकि, इसमें एक विषमता भी देखने को मिलती है,
अर्थात दिन 12:00 बजे आधी रात से शुरू होता है और अगली मध्यरात्रि 12:00
बजे समाप्त होता है। अगर हम भारतीय समय प्रारूप की बात करें तो इसके अनुसार
दिन सूर्योदय से शुरू होता है और अगले सूर्योदय पर ही समाप्त होता है। हर
चौघड़िया में 3.75 घंटियाँ होती हैं, मतलब लगभग 4 घंटे इसलिए एक दिन में 16
चौघड़िया होती हैं।
साधारणतया चौघड़िया(Choghadiya) की गणना सूर्योदय औऱ सूर्यास्त के आधार पर की जाती है। इसलिए चौघड़िया दो प्रकार का होता है।
- दिन का चौघड़िया
- रात का चौघड़िया
चौघड़िया (मुहूर्त) के 7 प्रकार होते हैं, उद्बेग, चाल, लाह, अमृत, काल, शुभ और रोग। हिंदू पंचांग के अनुसार 8 चौघड़िया(मुहूर्त) रात के दौरान और 8 चौघड़िया दिन के समय होते हैं। आईये जानते हैं चोगडिया के प्रकार के बारे में -
दिन का चौघड़िया- यह सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच का समय होता है। अमृत, शुभ, लाभ और चाल को शुभ चौघड़िया माना जाता है। अमृत को सर्वश्रेष्ठ चौघड़िया में से एक माना जाता है वहीँ चाल को भी अच्छे चौघड़िया के तौर पर देखा जाता है। दूसरी ओर, उदेव, रोग और काल को अशुभ मुहूर्त माना जाता है। किसी भी अच्छे कार्य को करते समय अशुभ चौघड़िया से बचना चाहिए। नीचे हमने आपके लिए दिन के चौघड़ियों का एक चार्ट पेश किया है, जिससे आपको समझने में और आसानी होगी।
रात का चौघड़िया- यह सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच का समय होता है। रात में कुल 8 चौघड़िया होते हैं। रात और दिन दोनों के चौघडिया एक समान परिणाम देते हैं। नीचे हमने आपके लिए रात के चौघड़ियों चार्ट पेश किया है, जिससे आपको समझने में और आसानी होगी।
चौघड़िया की गणना कैसे करें?
चौघड़िया हर दिन के लिए अलग होता है। आज का चौघड़िया क्या है इसके लिए हम आपको इसकी गणना करना सिखाएंगे। दिन के लिए चौघड़िया, सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच का समय माना जाता है और फिर इसे 8 से विभाजित करता है, जो लगभग 90 मिनट देता है। जब हम सूर्योदय के समय को इस समय में जोड़ते हैं, तो यह पहले दिन का चौघड़िया देता है। उदाहरण के लिए, अगर सूर्योदय का समय 6:00 बजे लिया जाता है, फिर उसमें 90 मिनट जोड़ते हैं,तो 7:30 बजे आता है। इस प्रकार पहला चौघड़िया 6:00 पूर्वाह्न से शुरू होता है और 7:30 बजे समाप्त होता है। दोबारा, यदि हम पहले चौघड़िया का समय लेते हैं, अर्थात 7:30 बजे, उसमें 90 मिनट जोड़ते हैं, 9:00 बजे आते हैं, इसका मतलब दूसरी बार चौघड़िया 7:30 बजे से शुरू होता है और 9:00 बजे समाप्त होता है। इसी तरह, हम रात के लिए भी चौघड़िया की गणना कर सकते हैं। यदि हम सोमवार के दिन का चौघड़िया देखे तो पहला अमृत है और दूसरा काल है। इसका मतलब पहला अच्छा है और दूसरा बुरा है।
दिन रात चौघड़िया मुहूर्त कैसे देखें?
सूर्योदय अर्थात सूरज निकलने से लेकर सूर्यास्त अर्थात सूरज के छिपने के बीच के समय को दिन का चौघड़िया(Din ka Choghadiya) कहा जाता है। ठीक इसी प्रकार सूर्यास्त और अगले दिन तक सूर्योदय के बीच के समय को रात का चौघड़िया(Raat ka Choghadiya) कहा जाता है। इसी आधार पर चौघड़िया बनाया जाता है। इस चौघड़िया से ही शुभ या अशुभ समय की जानकारी मिलती है।
#दिन का #चौघड़िया – Din ka Choghadiya
#रात का #चौघड़िया – Raat ka Choghadiya
अब हम इसको थोडा ओर गहराई से समझतें है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक और सूर्यास्त से सूर्योदय तक के समय को 30-30 घटी में बांटा जाता है। इन 30 घटी को 8 भागों में विभाजित कर दिया जाता है। इस प्रकार दिन व रात में 8-8 चौघड़िया मुहूर्त होते है।
कौनसा चौघड़िया शुभ है? (Today Chogdiya)
किसी भी नए या शुभ कार्य को प्रारम्भ करने के लिए अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघड़िओं को अति उत्तम माना जाता है, और बाकी के तीन चौघड़िओं रोग, काल और उद्वेग, से दूर ही रहना चाहिए।
हर दिन का पहला मुहूर्त उस दिवस के ग्रह स्वामी द्वारा प्रभावित होता है।
चौघड़िया के प्रकार –
हिंदू धर्म में सात प्रकार के चौघड़िया माने जाते है।
- चर चौघड़िया
- उद्वेग चौघड़िया
- लाभ चौघड़िया
- शुभ चौघड़िया
- रोग चौघड़िया
- अमृत चौघड़िया
- काल चौघड़िया
अब हम इनके बारे में विस्तार से जानतें है। इनके शुभ -अशुभ होने की दशा जानेंगे।
चर चौघड़िया – Char Choghadiya
चर चौघड़िया का स्वामी ग्रह शुक्र होता है। ज्योतिष विधा में शुक्र को अशुभ माना गया है। इस चौघड़िया को चंचलता के रूप में बताया गया है। चर चौघड़िया मुहूर्त को यात्रा के लिए अच्छा माना जाता है।
उद्वेग चौघड़िया – Udveg Choghadiya
उद्वेग चौघड़िया का स्वामी ग्रह सूर्य होता है। इस चौघड़िया मुहूर्त में सरकारी कार्य किये जाते है। ज्योतिष में उद्वेग को अनिष्टकारी माना गया है, क्योंकि ज्योतिष में सूर्य के प्रभाव को अशुभ माना जाता है।
लाभ चौघड़िया – Labh Choghadiya
लाभ चौघड़िया का स्वामी ग्रह बुध होता है। हिंदू धर्म के अनुसार यह शुभ व लाभकारी ग्रह माना जाता है। लाभ चौघड़िया मुहूर्त को किसी नए कार्य को सीखने के उद्देश्य के लिए अच्छा माना जाता है।
शुभ चौघड़िया – Shubh Choghadiya
इस चौघड़िया को शुभ माना गया है। इसका स्वामी ग्रह बृहस्पति होता है। इसे शुभ व लाभकारी ग्रह माना जाता है। यह शादी वगैरह विशेष कार्यक्रमों के लिए अच्छा माना जाता है।
रोग चौघड़िया – Rog Choghadiya
दिलचस्प बात है कि इस चौघड़िया के नाम से ही पता लग रहा है कि यह एक अशुभ मुहूर्त होता है। इसलिए ही इस चौघड़िया को रोग के बुलावे के रूप माना गया है। इस रोग चौघड़िया का स्वामी ग्रह मंगल होता है। इसके क्रूर व अनिष्टकारी प्रभाव माने जाते है। इसलिए रोग चौघड़िया मुहूर्त के समय किसी शुभ कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।
अमृत चौघड़िया – Amrit Choghadiya
इस चौघड़िया का स्वामी ग्रह चंद्रमा होता है। इसे शुभ व लाभकारी माना गया है। इस चौघड़िया को अमृत के रूप में माना गया है। इस समय में शुभ कार्य को करने में अच्छा फल मिलता है।
काल चौघड़िया – Kaal Choghadiya
इसका स्वामी ग्रह शनि होता है। इसे अशुभ माना जाता है। ज्योतिष विधा में शनि को अनिष्टकारी ग्रह माना जाता है। एक तरह से इस चौघड़िया को काल के रूप में माना गया है।