जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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शुक्रवार, 24 जून 2022
वराहमिहिर के अनुसार वृक्ष-वनस्पतियों की निशानदेही से भूमिगत जल की खोज
गुरुवार, 23 जून 2022
अंतिम श्वास तक वे एक सामान्य नागरिक की तरह, एक सच्चे स्वतंत्रता सेनानी बन कर ही रहे।
मंगलवार, 21 जून 2022
जोधपुर वुशु टीम ने जीते राज्य स्तरीय वुशु प्रतियोगिता में 11 पदक
सोमवार, 20 जून 2022
भारत में कुल 36,000 बड़े कत्लखाने हैं जिनके पास सरकार द्वारा जीवों को काटने की अनुज्ञा प्राप्त है।
अग्निवीर योजना मोदी का मास्टर स्ट्रोक नही, महा मास्टर स्ट्रोक है।
शनिवार, 18 जून 2022
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देश में 50% लोग ऐसे हैं जो पूरी उम्र में इतना पैसा नहीं कमाते जो 4 साल में अग्निपथ से आयेंगे
भारतीयों के लिए वरदान #अग्निपथ योजना....
गुरुवार, 16 जून 2022
राजस्थान सरकार की जाग्रति: बैक टू वर्क योजना में आवेदन कैसे करें
जाग्रति: बैक टू वर्क योजना का उद्देश्य
- इस योजना का उद्देश्य महिलाओं का सशक्तिकरण करना है।
- योजना के तहत किन्हीं पारिवारिक परिस्थितियों या अन्य किसी कारणवश नौकरी छोड़ चुकी महिलाओं को फिर से नौकरी उपलब्ध करवाना है। गौरतलब है कि महिलाओं को विवाह के बाद घर और बच्चे की जिम्मेदारी निभाने के कारण जॉब छोड़ने की नौबत आ जाती है।
- योजना के तहत व्यवसायिक क्षेत्र में प्रशिक्षित महिलाओं को निजी क्षेत्र की कंपनियों के सहयोग से पुनः नौकरी से जोड़ने के लिए "वर्क फ्रॉम होम" का विकल्प उपलब्ध करवाना है।
- राजस्थान महिला अधिकारिता विभाग एवं सीएसआर संस्था के माध्यम से रोजगार से जुड़ने की इच्छुक प्रशिक्षित महिलाओं के लिए ऑनलाइन सिंगल विंडो प्लेटफार्म उपलब्ध करवाना है।
जाग्रति: बैक टू वर्क योजना की पात्रता
- यह योजना केवल नौकरी छोड़ चुकी महिलाओं के लिए है।
- महिला को राजस्थान की निवासी होना आवश्यक है।
- योजना में आवेदन के लिए नौकरी का एक वर्ष का अनुभव होना आवश्यक है।
- पात्रता की शर्त पूरी करने वाली महिलाओं में से परित्यक्ता, विधवा, तलाकशुदा एवं हिंसा से पीड़ित महिलाओं को नौकरी के चयन में प्राथमिकता दी जायेगी।
जाग्रति: बैक टू वर्क योजना के दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- जन आधार कार्ड
- नौकरी में न्यूनतम एक वर्ष के अनुभव का प्रमाण पत्र
- परित्यक्ता, विधवा, तलाकशुदा एवं हिंसा से पीड़ित महिलाओं की श्रेणी में आने पर सम्बंधित प्रमाण पत्र
- राजस्थान के मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र
- शैक्षिक योग्यता का प्रमाण पत्र
जाग्रति: बैक टू वर्क योजना में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
- इस योजना में आवेदन के लिए जागृति वेबपोर्टल[1] लिंक पर क्लिक करें।
- फिर होम पेज पर दिए Register विकल्प पर क्लिक करें।
- इसके बाद योजना में आवेदन का फॉर्म भरने के माध्यम से आवेदन की प्रक्रिया पूरी करें।
चयनित अभ्यार्थियों को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी के माधयम से सूचित किया जाएगा।
समस्या के समाधान हेतु ईमेल आईडी से सम्पर्क किया जा सकता है —
जाग्रति: बैक टू वर्क योजना की पीडीएफ फाइल
डाउनलोड लिंक।
जानकारी का स्त्रोत — जाग्रति वेबपोर्टल
फुटनोट
बुधवार, 15 जून 2022
भारत को विदेश से मिला गाय के गोबर का ऑर्डर, कुवैत जाएगा बड़ा ऑर्डर
गाय के गोबर की डिमांड विदेश तक पहुंची, जयपुर से कुवैत जाएगा बड़ा ऑर्डर
Cow Dung: भारत को पहली बार विदेश से मिला गाय के गोबर का ऑर्डर। इसके बाद कुवैत को 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर 15 जून को जयपुर से भेजा जाएगा।
- विदेश भी समझ रहे गोबर का महत्व
- कस्टम विभाग की निगरानी में हो रही गोबर की पैकिंग
- "रिसर्च में दावा गोबर के प्रयोग से उत्पादन मे होती है बढ़ोतरी"
Cow Dung: गाय के गोबर की डिमांड विदेश तक पहुंची, जयपुर से कुवैत जाएगा बड़ा ऑर्डर
Cow Dung: भारत को पहली बार विदेश से मिला गाय के गोबर का ऑर्डर। इसके बाद कुवैत को 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर 15 जून को जयपुर से भेजा जाएगा।
- विदेश भी समझ रहे गोबर का महत्व
- कस्टम विभाग की निगरानी में हो रही गोबर की पैकिंग
- "रिसर्च में दावा गोबर के प्रयोग से उत्पादन मे होती है बढ़ोतरी"
Cow Dung: मुस्लिम बाहुल्य देश कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में दावा किया है कि गाय का गोबर फार्मिंग में बहुत उपयोगी होता है। इसके बाद भारत को पहली बार कुवैत से गाय के गोबर का ऑर्डर मिला है। 15 जून को 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर जयपुर से कुवैत भेजा जाएगा। इतने बड़े ऑर्डर की पैकिंग का काम फिलहाल कस्टम विभाग की निगरानी में जयपुर में हो रहा है। इस ऑर्डर की जयपुर के टोंक रोड पर श्री पिंजरापोल गोशाला में सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में पैकिंग की जा रही है। बता दें कि भारत को पहली बार किसी देश से गाय के गोबर का इतना बड़ा ऑर्डर मिला है।
विदेश कर रहे गोबर से ऊर्जा का उत्पादन
जयपुर में टोंक रोड स्थित पिंजरापोल गोशाला के महामंत्री शिवरतन चितलांगिया, डायरेक्टर प्रशांत चतुर्वेदी ने बताया कि भारत में मवेशियों की संख्या लगभग तीस करोड़ के करीब है। इनसे रोजाना 30 लाख टन गोबर मिलता है। इसमें से तीस फीसदी को उपला बनाकर जला दिया जाता है, जबकि ब्रिटेन में गोबर गैस से हर साल सोलह लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा चीन में डेढ़ करोड़ परिवारों को घरेलू ऊर्जा के लिए गोबर गैस की आपूर्ति की जाती है। आपको बता दें कि भारत से प्रमुख तौर पर मांस, दूध और दूग्ध उत्पाद निर्यात किए जाते हैं।
गोबर के इस्तेमाल से फल के आकार और उत्पादन में बढ़त
कुवैत में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक रिसर्च में पता लगाया गया है कि गाय के गोबर को पाउडर के रूप में प्रयोग करने से खजूर की फसल में बढ़त देखी गई है। इसके इस्तेमाल करने से फल के आकार और उत्पादन दोनों में अच्छी बढ़ोतरी हुई। इसके बाद कुवैत की कंपनी लैमोर ने गाय के गोबर का एक बड़ा ऑर्डर भारत को दिया। इस ऑर्डर की पहली खेप 15 जून को कनकपुरा स्टेशन से मंबई के लिए रवाना की जाएगी, जहां से ये कुवैत भेजा जाएगा।
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