जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
यह ब्लॉग खोजें
शनिवार, 2 जुलाई 2022
सनातन धर्म की जानकारी
ऑफ़लाईन माँ चाहिए
सभी ने अपनी माँ की प्रशंसा करते हुए विवरण लिखा।
जगन्नाथ रथ यात्रा आज से होगी शुरू
मंगलवार, 28 जून 2022
आषाढ़ अमावस्या आज कालसर्प और पितृदोष से मिलेगी मुक्ति
शुक्रवार, 24 जून 2022
मोटरसाइकिल सवार को हेलमेट से क्या मदद मिलती है यदि वे 60-70 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दुर्घटनाग्रस्त होते हैं ?
यदि वे 60-70 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दुर्घटनाग्रस्त होते हैं तो मोटरसाइकिल सवार को क्या मदद मिलेगी यह इसपर निर्भर करता है की दुर्घटना कैसे हुई ।
अगर ईंट की दीवार से टकरा गयी , या एक ट्रक जैसी गाडी के निचे चली गई, तो हेलमेट कुछ नहीं करेगा। हालाँकि, ऐसी दुर्घटनाएँ कम होता है।
राइडर्स मुख्य रूप से यात्री कारों से दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं, जो गली में हाइवे की तुलना में बहुत अधिक सामान्य है, या वे बाहर फिसल जाते हैं और स्लाइड करते हैं।
कार से टकराने पर बाइक चालक बाइक से उछल जाते हैं और कार के ऊपर से दूसरी तरफ जाकर गिरते हैं । हेलमेट, जाहिर है, आपके चेहरे को फुटपाथ के कंकरों से और आपकी खोपड़ी को टूटने से से बचाता है। ध्यान दें कि भले ही आपके वाहन की गति 70 हो गई हो, लेकिन कार से दुर्घटनाग्रस्त होने पर आप नीचे गिर जाते हैं, और जब तक आप जमीन से टकराते हैं, इस दरमियान आपकी गति बहुत धीमी गति से बढ़ती है ।
यदि आप 70 पर जा रहे हैं और बिना कुछ किए नीचे गिर जाते हैं, तो आप , 70 की स्पीड में क्षैतिज रूप से जा रहे हैं । जब आप जमीन से टकराते हैं तो क्षैतिज गति किसी कुर्सी से गिरने वाली गति से बहुत अधिक नहीं होती है। ऐसा नहीं है कि यदि आप ऐसा होता है तो आपके सिर को चोट नहीं पहुंचेगी। इस परिस्थिति में, घर्षण बड़ा खतरा है। क्या आपका फुटपाथ पर कभी घुटना और खाल छिला है? शायद, 1-2 मील प्रति घंटा की स्लाइड होगी । और यह चोट लगी है 70 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से, इसलिए यह स्लाइड आपकी त्वचा और अन्य नरम चीजों को चिथडा कर देगी। तो, हेलमेट आपके सर , नाक और कान को आपके सर से जोड़े रखता है। और यह गिरावट के प्रभाव को अपेक्षाकृत कम करता है।
देखिये इन सभी हेलमेटों में क्या कॉमन है :
बहुत सारे घर्षण , प्रभाव या कोई नुकसान नहीं।
क्या आपको लगता है कि आपका चेहरा हेलमेट के प्लास्टिक के समान हो सकता है?
बुढ़ापे में घुटने दर्द ना हो इसके लिए क्या करना चाहिए ?
प्राचीन काल से ही मनुष्य अपने रोगों का इलाज जड़ी बूटियों के माध्यम से करता आया है। कालांतर में लिखी इसी विधा की कई किताबें आज भी दुनिया के तमाम प्रकार के रोगों का इलाज कर रही हैं। हड्डियां मानव श्रृंखला की जड़ होती हैं जब इन्हीं में दर्द शुरू हो जाये तब इंसान दुख ग्रस्त हो जाता है। इन्हीं जोड़ों में एक जोड़ घुटने का भी होता है जो पैरों के बीच स्थित होता है। घुटना दर्द एक ऐसा रोग है जो आज के दौर में आम हो गया है। मसलन यह मर्ज बीते दौर में बुढ़ापे का रोग कहलाता था लेकिन आज समाज का हर तबका इसकी जद में आ चुका है।
बदलते दौर में लगातार जीवनशैली में परिवर्तन और गलत खान पान के अलावा पुरानी चोट ओर मधुमेह सहित मोटापा भी इसका बड़ा कारण माना जाता है। खान पान में विकृतियों के चलते इंसान की हड्डियों में यूरिक एसिड जमा होकर दर्द बढ़ा देता है। घुटना दर्द के लिए आज के दौर में कई प्रकार की चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं लेकिन आयुर्वेद द्वारा काफी हद तक इस रोग पर विजय प्राप्त की जा सकती है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको आयुर्वेद द्वारा घुटना दर्द में। फायदे और नुकसान पर प्रकाश डालेंगे।
आयुर्वेदिक उपचार के फायदे।[1]
जड़ी बूटियों द्वारा निर्मित दवाएं हमारे जीवन को नया प्रकाश देती हैं। मसलन कुछ ऐसे उपाय हैं जिनसे हम घुटने दर्द में लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
दूध और अश्वगंधा का सेवन
दूध पीकर नवजात शिशु बड़ा होता है। दूध ऐसा पदार्थ है जिसमें कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी होती है जो शरीर की हड्डियों को प्रचुरता से विटामिन डी प्रदान करती है। एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण खाकर एक गिलास गुनगुना दूध पीने से घुटने में उठ रहा दर्द समाप्त हो जाता है।
लहसुन और सरसों तेल के फायदे
लहसुन एक प्राकृतिक दर्द नाशक माना जाता है। हड्डियों के दर्द में 10 से 15 कली लहसुन को सरसों के तेल में अच्छे से उबालकर जोड़ों पर मालिश करें। इससे दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा लहसुन को उबालकर बचे हुए पानी की एक चम्मच मात्रा दिन में सूप की भांति 2 बार सेवन करने से घुटना दर्द समाप्त हो जाता है।
लौंग के फायदे
लौंग ऐसा दर्द निवारक है जो मिनटों में दर्द दूर भगा देता है। चार से 5 कली लौंग को तवे पर भूनकर इसे चूर्ण बना लें। इसी चूर्ण में एक चम्मच देशी शहद मिलाकर खाली पेट इस्तेमाल करने से घुटना दर्द दूर होने लगता है। इसे नियमित तौर पर इस्तेमाल करने से शरीर मे मौजूद हड्डियों के समस्त विकार दूर होने लगते हैं।
आयुर्वेदिक उपचार के नुकसान[2]
आदिकाल से दवाओं के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी बूटियों का वैसे तो कोई नुकसान देखने को नहीं मिलता लेकिन कुछ सावधानियां ना बरतने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है। मसलन जब भी हम इस उपचार माध्यम का प्रयोग करें चिकित्सक की सलाह जरूर लें। औषधि इस्तेमाल करने से पहले उसकी मात्रा के बारे में अच्छे से जान लें। यदि गलत मात्रा का सेवन किया गया तो यह इंसान के आंतरिक अंगों को प्रभावित कर सकता है जो किसी भी रूप में शरीर पर साइड इफेक्ट के रूप में सामने आ जाता है।
रामबाण औषध
स्तोत्-गुगल फोटो
हड़जाेड़ ( Hadjod ) को आयुर्वेद में हड्डी जोड़ने की कारगर दवा बताया गया है। इसे अस्थि संधानक या अस्थिशृंखला ( Asthisamharaka ) के नाम से भी जानते हैं। यह छह इंच की खंडाकार बेल होती है। इसके हर खंड से एक नया पौधा पनप सकता है। हृदय के आकार जैसी दिखने वाली पत्तियों वाले इस पौधेे में लाल रंग के मटर के दाने के बराबर फल लगते हैं। जानते हैं इसके बारे में:-
उपयोग और लाभ
भूरे रंग का हड़जाेड़ ( Cissus Quadrangularis ) पौधा स्वाद में कसैला और तीखा होता है। इसकी बेल में हर 5-6 इंच पर गांठ होती है। इस पौधे की प्रकृति गर्म होती है। जैसा कि इसके नाम से ही साफ है कि यह टूटी हड्डियों को जोड़ने मेंं कारगर है ( Plants Used For Healing Of Bone Fracture )। यह खाने और लगाने दोनों में काम आता है।
ऐसे लें :
250-500 मिलीग्राम की मात्रा में सुबह-शाम दूध के साथ लें। इसका रस निकालकर ठंडे दूध के साथ ले सकते हैं। इसका 5-6 अंगुल तना लेकर बारीक टुकड़े काटकर काढ़ा बना लें व सुबह-शाम पीएं।
खास बातें : हड़जाेड़ ( Veld Grape ) में सोडियम, पोटैशियम, कार्बोनेट भरपूर पाया जाता है। इसमें मौजूद कैल्शियम कार्बोनेट और फॉस्फेट हड्डियों को मजबूत करता है। आयुर्वेद सेंट्रल लैब के एक शोध में पाया गया कि हड़जाेड़ ( Devil's Backbone ) के उपयोग से हड्डी के जुड़ने का समय 33-50 फीसदी तक कम हो जाता है। यानी प्लास्टर के साथ हड़जाेड़ ( Pirandai ) लिया जाए तो हड्डी जल्दी जुड़ती है। ये हड्डियों को लचीला भी बनाता है इसलिए इसका प्रयोग खिलाड़ी भी करते हैं।[3]
फुटनोट
किन 25 लोगों को नहीं देना पड़ेगा टोल टैक्स, भारत सरकार द्वारा जारी की गई लिस्ट?
टोल टैक्स या टोल वह शुल्क है जो वाहन चालकों को कुछ अंतरराज्यीय एक्सप्रेसवे, सुरंगों, पुलों और अन्य राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को पार करते समय चुकाना पड़ता है। इन सड़कों को टोल रोड कहा जाता है और ये भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के नियंत्रण में हैं।
टोल टैक्स का उपयोग सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए किया जाता है। इसलिए, यह टोल टैक्स लगाकर नवनिर्मित टोल सड़कों की लागत को कवर करता है। भारत सरकार ने फास्टैग पेश किया है जो कैशलेस टोल टैक्स भुगतान के लिए RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक का उपयोग करते हैं।
हालांकि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 के नियम 11 के अनुसार टोल टैक्स का भुगतान करने से छूट प्राप्त लोगों और वाहनों की एक सूची है।
भारत के राष्ट्रपति
भारत के उपराष्ट्रपति
भारत के प्रधानमंत्री
किसी राज्य का राज्यपाल
भारत के मुख्य न्यायाधीश
लोक सभा के अध्यक्ष
संघ के कैबिनेट मंत्री
किसी राज्य का मुख्यमंत्री
सुप्रीम कोर्ट के जज
संघ राज्य मंत्री
एक केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल
चीफ ऑफ स्टाफ जो पूर्ण सामान्य या समकक्ष रैंक का पद धारण करता है
किसी राज्य की विधान परिषद के सभापति
किसी राज्य की विधान सभा के अध्यक्ष
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
ससद सदस्य
थल सेनाध्यक्ष के सेना कमांडर और अन्य सेवाओं में समकक्ष
संबंधित राज्य के भीतर किसी राज्य सरकार के मुख्य सचिव
सचिव, भारत सरकार
राज्यों की परिषद सचिव
सचिव, लोक सभा
राजकीय यात्रा पर विदेशी गणमान्य व्यक्ति
किसी राज्य की विधान सभा के सदस्य और अपने-अपने राज्य के भीतर किसी राज्य की विधान परिषद के सदस्य, यदि वह राज्य के संबंधित विधानमंडल द्वारा जारी अपना पहचान पत्र प्रस्तुत करता है या नहीं
परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र, और शौर्य चक्र से सम्मानित व्यक्ति, यदि ऐसा पुरस्कार प्राप्तकर्ता ऐसे पुरस्कार के लिए उपयुक्त या सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत प्रमाणित अपना फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करता है
हालांकि अन्य श्रेणी भी हैं जिन्हें टोल टैक्स से छूट दी गई है।
केंद्र और राज्य के सशस्त्र बल वर्दी में। इसमें अर्धसैनिक बल और पुलिस, एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट, अग्निशमन विभाग या संगठन, एम्बुलेंस के रूप में उपयोग , अंतिम संस्कार वैन के रूप में उपयोग, यांत्रिक वाहन जो विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता से पीड़ित व्यक्ति के उपयोग के लिए डिज़ाइन और निर्मित किए जाते हैं।
कहां लिखा है कि लड़कियों को शिव भक्ति में #नशा करना, और गांजा फुकना और ऐसे छोटे कपड़े पहन कर नशे करके #नाचना
⛳🚩⛳🌹🌺🌻🌼ये जो #माथे पर #टीका लगाकर #उल्टे सीधे कपड़े पहनकर, गले मे #रुद्राक्ष जैसी परम #पवित्र माला डालकर, #गांजा फुकते हुए, और नाम के आगे भक्त महाभक्त #परमभक्त लगाकर लोग गुगल से लेकर फेसबुक तक धर्म का #मजाक बनाये बैठे हैं #शर्म नहीं आती है ऐसे #निच हरकत करते हुए??
और खास कर ये ऐसे लड़कियां जो बहुत बड़े शिव भक्त का #ठेकेदार बनी फिर रही है, कहां लिखा है कि लड़कियों को शिव भक्ति में #नशा करना, और गांजा फुकना और ऐसे छोटे कपड़े पहन कर नशे करके #नाचना??
अपने कायदे में रहें तो ही अच्छा होगा धर्म #संस्कृति को बदनाम कर के रख दिया है लोगों ने,
#सुल्फे के साथ फोटो डालना अपने साथ साथ हमारे #सनातन समाज और धर्म का भी #अपमान करना आराध्य #महादेवजी की सुल्फे के साथ फोटो बनाकर पेश करना, अरे मूर्खो क्या ईश्वर को भूख प्यास लगती है क्या ईश्वर नशा करते है या ईश्वर #मादक पदार्थो का सेवन करते है बिल्कुल नही करते हैं।
ये सब झूठ है एक दम महाझूठ जिसे कुछ नशेड़ी और दिमाग से #विकलांग लोगों ने धर्म के नाम पर #शौक़ बना दिया है अपनी मर्जी पूरी करने के लिए,
#यदग्रे चानुबन्धे च सुखं मोहनमात्मनः।
#निद्रालस्यप्रमादोत्थं तत्तामसमुदाहृतम्॥
यानी जो सुख #भोगकाल में तथा परिणाम में भी आत्मा को मोहित करने वाला है, वह निद्रा, आलस्य और प्रमाद (नशा) से उत्पन्न सुख #तामस कहा गया है.
इसके अलावा भी #गीता में कई जगह नशा न करने की सलाह दी गई है।
आज की युवा पीढ़ी सुल्फा भांग गांजा बीड़ी सिगरेट शराब का नाम भगवान से जोड़ते है इनका सेवन करते है अपने भगवानो को भी नही बख्शते ।
अपनी फोटो लाइक करवाने के लिए कपड़े बदल बदलकर और हाथ मे सुल्फा लेकर फोटो खिंचवाने वाले लोगों ने ही हमारे धर्म में ये नशेड़ीपना फैलाया है📙📒🚩⛳🌺🌻🌹
function disabled
Old Post from Sanwariya
- ▼ 2024 (345)
- ► 2023 (420)
- ► 2022 (477)
- ► 2021 (536)
- ► 2020 (341)
- ► 2019 (179)
- ► 2018 (220)
- ► 2012 (671)