तुम करते हुए भी कुछ करते नहीं ये केसी दुविधा है..
मेरा जीवन कर समर्पण चुप खड़े हो ,ये केसी विपदा है ..
जब आये कृष्ण धरती पर उस युग भाग्य थे जगे हमारे
आज कंसाइयो को सोपते क्यों ना हृदय तुम्हारा विचला है..
मेरा जीवन कर समर्पण चुप खड़े हो ,ये केसी विपदा है ..!
श्वास लेती हूँ तो महसूस होता है यूँ मुझे
जेसे मेरे दिल की हर धड़कन पर नाम किसी का लिखा है...
मेरा जीवन कर समर्पण चुप खड़े हो ,ये केसी विपदा है ..
कलयुग की काली रात आई ,सतयुग का मिट गया सवेरा
बिखर गया ये सारा चमन पतझड़ का सावन खिला है..
मेरा जीवन कर समर्पण चुप खड़े हो ,ये केसी विपदा है ..
जेसा प्यार हमने पाया माँ के रूप में हमे महकाया
मौत के मुह से तुम बचादो
"हमारा जीवन भी तुम्हारे हाथ पला है!"
स्वाति(सरू)जैसलमेरिया ..लेखिका
आज कंसाइयो को सोपते क्यों ना हृदय तुम्हारा विचला है..
मेरा जीवन कर समर्पण चुप खड़े हो ,ये केसी विपदा है ..!
श्वास लेती हूँ तो महसूस होता है यूँ मुझे
जेसे मेरे दिल की हर धड़कन पर नाम किसी का लिखा है...
मेरा जीवन कर समर्पण चुप खड़े हो ,ये केसी विपदा है ..
कलयुग की काली रात आई ,सतयुग का मिट गया सवेरा
बिखर गया ये सारा चमन पतझड़ का सावन खिला है..
मेरा जीवन कर समर्पण चुप खड़े हो ,ये केसी विपदा है ..
जेसा प्यार हमने पाया माँ के रूप में हमे महकाया
मौत के मुह से तुम बचादो
"हमारा जीवन भी तुम्हारे हाथ पला है!"