स्वदेशी प्रेमियों के लिए बुरी खबर, घाटे में चल रही एचएमटी वॉचेज को सरकार ने बंद किया
देश भर के लोगों की कलाई पर सजने वाली एचएमटी घडियां अब इतिहास के पन्नों की शोभा बढ़ाएंगी। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने फैसला किया है कि एचएमटी वॉचेस लिमिटेड को बंद किया जाएगा। कभी देश के सबसे प्रतिष्ठित ब्रांड्स में एक और बीते वक्त की याद दिलाने वाली एचएमटी घडियां बदलते समय के साथ तालमेल ना बिठा पाई।
जापान की सिटीजेन वॉच के साथ मिलकर 1961 में शुरू हुई एचएमटी घडियां आज करोड़ों के घाटे में डूब चुकी है। साल 2000 से घाटा झेल रही ये आज इतनी कमाई भी नहीं कर पा रही जिससे अपने कर्मचारियों की तनख्वाह बांट सके। कंपनी को साल 2011-12 में 224 करोड़ का घाटा हुआ, और ये अगले साल बढ़कर 242 करोड़ हो गया। यही नहीं, मार्च 2012 तक इस पर करीब 700 करोड़ रूपये का कर्ज भी था। लेकिन कंज्यूमर की मांग और जरूरतों के हिसाब से वो बदलने में नाकाम रही। एंबैसडर कार और बजाज स्कूटर की तरह एचएमटी घडियों का वक्त भी खत्म हो गया।
देश भर के लोगों की कलाई पर सजने वाली एचएमटी घडियां अब इतिहास के पन्नों की शोभा बढ़ाएंगी। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने फैसला किया है कि एचएमटी वॉचेस लिमिटेड को बंद किया जाएगा। कभी देश के सबसे प्रतिष्ठित ब्रांड्स में एक और बीते वक्त की याद दिलाने वाली एचएमटी घडियां बदलते समय के साथ तालमेल ना बिठा पाई।
जापान की सिटीजेन वॉच के साथ मिलकर 1961 में शुरू हुई एचएमटी घडियां आज करोड़ों के घाटे में डूब चुकी है। साल 2000 से घाटा झेल रही ये आज इतनी कमाई भी नहीं कर पा रही जिससे अपने कर्मचारियों की तनख्वाह बांट सके। कंपनी को साल 2011-12 में 224 करोड़ का घाटा हुआ, और ये अगले साल बढ़कर 242 करोड़ हो गया। यही नहीं, मार्च 2012 तक इस पर करीब 700 करोड़ रूपये का कर्ज भी था। लेकिन कंज्यूमर की मांग और जरूरतों के हिसाब से वो बदलने में नाकाम रही। एंबैसडर कार और बजाज स्कूटर की तरह एचएमटी घडियों का वक्त भी खत्म हो गया।