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मंगलवार, 28 मई 2024

पंचर जिहाद षड्यंत्र - एक्सीडेंट में मरने वाले सबसे ज्यादा ज्यादा हिंदु परिवार

*एक्सीडेंट में मरने वाले सबसे ज्यादा ज्यादा हिंदु परिवार 🛑*
जिंदा रहना चाहते हो तो मैसेज को ध्यानपूर्वक आखिरी तक पढ़े…!! 👇

👉🏻 *"केवल ₹450 से ₹1500 खर्चा करके अपनी गाड़ी में 12V का पोर्टेबल टायर एयर पंप हमेशा गाड़ी में रखो।"*

टायर में हवा 30PSI से 35PSI होनी चाहिए। जि'हादी 60PSI से 65PSI हवा भरते है…!!

*👺 पंचर जिहाद षड्यंत्र 👺*

🛑 सावधान 🛑

एक ऐसा षड्यंत्र जो कोई भी समझ नहीं पाया बस शिकार हो गया। भाइयों क्या आप ने कभी सोचा है कि हाईवे पर चलती हुई गाड़ी अचानक कैसे पेड़ से टकरा जाती है…?

कैसे पूरे परिवार से भरी हुई गाड़ी चलते-चलते पलटी खा जाती है, या किसी गाड़ी से टकराकर दुर्घटना ग्रस्त हो जाती है और पूरा परिवार हमेशा के लिए मौत की नींद सो जाता है…?

क्या ड्राइवर को गाड़ी चलानी नहीं आती थी, क्या वो नया चालक था…? नहीं…!!

आज आप कोई सा भी पेपर उठाकर पढ़ लो वहाँ पर कार में इतने मरे, वहाँ उसकी टक्कर में 3 मरे, रोज की 10 खबरें इन्हीं घटनाओं से संबंधित आती हैं।

क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों हुआ और क्यों हो रहा है…?

100 में से 95% मरने वाले हिन्दू धर्म के लोग ही होते हैं। कोई बर्थडे पार्टी मनाने जा रहा था, कोई कही दर्शन करने जा रहा था तो कोई दुल्हन लेने जा रहा था। एक पल में खुशी का माहौल गम में बदल जाता है, आखिर कैसे…?

आइए मैं आपको बताता हूँ, आप जो अपनी गाड़ी में जो कि रोड़ पर स्थित "पंचरपुत्र" की दुकान से अपनी गाड़ी में आप हवा डलवाते हैं वो आपको गाड़ी से उतरने भी नहीं देता है और आप भी जल्दबाजी में उस पर भरोसा करके 20-30 लाख की गाड़ी में हवा भरवा लेते हो। *आपकी गाड़ी के टायर में हवा आती है (30PSI से 35PSI) जो कि पंचरपुत्र भरते हैं (60PSI से 65PSI)* अब आप रईसी बताते हुए अपनी दो उंगली के बीच में नोट फंसा के पूछते हो कितने हुए। वो भी बड़े प्रेम से बोलता है साहब ₹20 आप ने भी अपनी पर्स में से निकालकर खुशी-खुशी उसे पैसे दिए और चल दिए। भाई साहब उसने हवा के साथ-साथ आपका ऊपर जाने का टिकट काट दिया।

- *(1)* अब आप स्पीड में चले तो टर्निंग में आपकी गाड़ी स्लिप होगी अनबैलेंस होकर पलट जाएगी।

- *(2)* आप ने कही इमरजेंसी ब्रेक लगाई तो वो स्लिप होकर सामने वाले से (जैसे; जानवर, मोटरसाइकिल, बस, ट्रक, कार, पुलिया, पेड़ आदि) से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगी और हो सकता हैं आप बचो भी नहीं।

और कभी आप ने हवा ज्यादा भरते हुए पकड़ लिया तो सामने वाला कहेगा साहब हवा ज्यादा रखने से गाड़ी एवरेज अच्छा देती है और आप उसकी बातों में आ जाते हो।

आपके दिए हुए ₹20 आपकी 20 लाख की लू उतार देते हैं, आप बच गए तो हॉस्पिटल में और आपको गाड़ी ठीक करवानी है तो वो भी यही लोग ठीक करेंगे।

सोचो ₹20 में कितना बड़ा षड्यंत्र हो रहा है। ये लोग आपको हर रोड़ पर हर 5-10 किमी में मिल जाएंगे क्या वो पैसे कमा रहे हैं…? बिल्कुल नहीं…!!

हां, वो कमाई के साथ-साथ आपको भिखारी बनाकर मौत की नींद भी दे रहे हैं।

बचो हिंदु भाई बचो इस भयानक षड्यंत्र से…!!

👉🏻 अपनी गाड़ी में हमेशा 12V का पोर्टेबल टायर एयर पंप रखिए, जो जरूरत पड़ने पर 5 मिनट में ऑटोमेटिक हवा भर देगा। वो भी जितनी आपके टायर को चाहिए। आपकी गाड़ी का डिजिटल हवा का प्रेशर भी बताएगा और आपके टायर की लाइफ भी बढ़ाएगा।

अगर आप 5 लाख की गाड़ी खरीद सकते हो तो फिर ₹1500 का टायर प्रेशर पंप क्यों नहीं।

साथ में अगर आप ₹250 की पंचर किट भी रख लो तो फिर पंचर जेहादियों से आप हमेशा के लिए सुरक्षित हो जाओगे।

अगर आप एक सच्चे सनातनी हैं तो कृपया इस मैसेज जानकारी को आपके पास जितने भी ग्रुप रिश्तेदार हैं उन सभी में ज्यादा से ज्यादा भेजें और भेजना भी उचित है ताकि सभी का जीवन बच सकें।

*नोट :-* ध्यान रहे… अभी गर्मी का मौसम चल रहा है और ज्यादा हवा होने की वजह से इसी मौसम में ज्यादा हादसे होते हैं।

*✍🏻 साभार*

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*जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें॥*
_यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी।_
_विभवे यस्य सन्तुष्टिस्तस्य स्वर्ग इहैव हि।।_

शनिवार, 25 मई 2024

शुभ काम में क्यों बनाई गई नारियल फोड़ने की परंपरा-

शुभ काम में क्यों बनाई गई नारियल फोड़ने की परंपरा-

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सनातन धर्म के ज्यादातर धार्मिक संस्कारों में नारियल का विशेष महत्व है। कोई भी व्यक्ति जब कोई नया काम शुरू करता है तो भगवान के सामने नारियल फोड़ता है। चाहे शादी हो, त्योहार हो या फिर कोई महत्वपूर्ण पूजा, पूजा की सामग्री में नारियल आवश्यक रूप से रहता है। नारियल को संस्कृत में श्रीफल के नाम से जाना जाता है।
विद्वानों के अनुसार यह फल बलि कर्म का प्रतीक है। बलि कर्म का अर्थ होता है उपहार या नैवेद्य की वस्तु। देवताओं को बलि देने का अर्थ है, उनके द्वारा की गई कृपा के प्रति आभार व्यक्त करना या उनकी कृपा का अंश के रूप मे देवता को अर्पित करना।
 एक समय सनातन धर्म में मनुष्य और जानवरों की बलि सामान्य बात थी। तभी आदि शंकराचार्य ने इस अमानवीय परंपरा को तोड़ा और मनुष्य के स्थान पर नारियल चढ़ाने की शुरुआत की। नारियल कई तरह से मनुष्य के मस्तिष्क से मेल खाता है। नारियल की जटा की तुलना मनुष्य के बालों से, कठोर कवच की तुलना मनुष्य की खोपड़ी से और नारियल पानी की तुलना खून से की जा सकती है। साथ ही, नारियल के गूदे की तुलना मनुष्य के दिमाग से की जा सकती है।
नारियल फोड़ने का ये है महत्व- नारियल फोड़ने का मतलब है कि आप अपने अहंकार और स्वयं को भगवान के सामने समर्पित कर रहे हैं। माना जाता है कि ऐसा करने पर अज्ञानता और अहंकार का कठोर कवच टूट जाता है और ये आत्मा की शुद्धता और ज्ञान का द्वार खोलता है, जिससे नारियल के सफेद हिस्से के रूप में देखा जाता है।
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