बांस की इन खूबियों को जानकर हैरान रह जाएंगे आप
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अगर आपके लाख प्रयास के बावजूद आपको नौकरी और व्यवसाय में अच्छी सफलता नहीं मिल रही है तो आपको अपने घर में बांस का पौधा लगाना चाहिए। अगर आप सोच रहे हैं कि बांस के पौधे में आखिर ऐसी क्या खूबी है, जो आपको सफलता दिला सकती है तो हम आपको इसकी खूबी बताते हैं।
बांस संसार का एक मात्र ऐसा पौधा है जो किसी भी वातावरण में तेजी से उन्नति करता है। अपने इसी गुण के कारण इसे उन्नति का प्रतीक और समृद्धि देने वाला पौधा माना जाता है। फेंगशुई में बांस के पौधे को दिव्य पौधा कहा जाता है।
भारतीय वास्तु विज्ञान में भी बांस को शुभ माना गया है। ऐसा माना जाता है कि बांस का पौधा जहां होता है वहां बुरी आत्माएं नहीं आती हैं। शादी, जनेऊ, मुण्डन में बांस की पूजा एवं बांस से मण्डप बनाने के पीछे भी यही कारण है।
बचपन में भगवान श्री कृष्ण हमेशा अपने पास बांस की बांसुरी रखते थे। इसका कारण भी संभवतः यही था कि उन पर हमेशा आसुरी शक्तियों का भय बना रहता था। आसुरी शक्तियों को कमज़ोर करने एवं उन पर विजय पाने में बांसुरी द्वारा उत्पन्न सकारात्मक उर्जा से उन्हें मदद मिलती थी।
वास्तु एवं फेंगशुई के अनुसार घर में अगर किसी प्रकार का वास्तु दोष है तो घर के मुख्य द्वार पर बांस की दो बांसुरी लटका देनी चाहिए। इसके हिलने से जो उर्जा उत्पन्न होती है वह वास्तु दोष एवं नकारात्मक उर्जा से घर को मुक्त बनाती है।
बेडरूम में बेड के ऊपर बीम का होना वास्तु के अनुसार बहुत ही अशुभ होता है। इससे मानसिक तनाव एवं दांपत्य जीवन में दूरियां बढ़ती है। इस दोष को दूर करने के लिए सबसे आसान तरीका यह है कि दो बांसुरी लेकर उसे बीम के दोनों तरफ लाल फीते से बांध दें। इसमें यह ध्यान रखना चाहिए कि बांसुरी की मुंह बेड की ओर रहे।
बांस की बांसुरी या पौधा ड्राईंग रूप में लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। मन में आशा का संचार होता है और मनोबल बढ़ता है। बांस के इन्हीं दिव्य गुणों के कारण बांस को जलाना शुभ नहीं माना जाता है।
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अगर आपके लाख प्रयास के बावजूद आपको नौकरी और व्यवसाय में अच्छी सफलता नहीं मिल रही है तो आपको अपने घर में बांस का पौधा लगाना चाहिए। अगर आप सोच रहे हैं कि बांस के पौधे में आखिर ऐसी क्या खूबी है, जो आपको सफलता दिला सकती है तो हम आपको इसकी खूबी बताते हैं।
बांस संसार का एक मात्र ऐसा पौधा है जो किसी भी वातावरण में तेजी से उन्नति करता है। अपने इसी गुण के कारण इसे उन्नति का प्रतीक और समृद्धि देने वाला पौधा माना जाता है। फेंगशुई में बांस के पौधे को दिव्य पौधा कहा जाता है।
भारतीय वास्तु विज्ञान में भी बांस को शुभ माना गया है। ऐसा माना जाता है कि बांस का पौधा जहां होता है वहां बुरी आत्माएं नहीं आती हैं। शादी, जनेऊ, मुण्डन में बांस की पूजा एवं बांस से मण्डप बनाने के पीछे भी यही कारण है।
बचपन में भगवान श्री कृष्ण हमेशा अपने पास बांस की बांसुरी रखते थे। इसका कारण भी संभवतः यही था कि उन पर हमेशा आसुरी शक्तियों का भय बना रहता था। आसुरी शक्तियों को कमज़ोर करने एवं उन पर विजय पाने में बांसुरी द्वारा उत्पन्न सकारात्मक उर्जा से उन्हें मदद मिलती थी।
वास्तु एवं फेंगशुई के अनुसार घर में अगर किसी प्रकार का वास्तु दोष है तो घर के मुख्य द्वार पर बांस की दो बांसुरी लटका देनी चाहिए। इसके हिलने से जो उर्जा उत्पन्न होती है वह वास्तु दोष एवं नकारात्मक उर्जा से घर को मुक्त बनाती है।
बेडरूम में बेड के ऊपर बीम का होना वास्तु के अनुसार बहुत ही अशुभ होता है। इससे मानसिक तनाव एवं दांपत्य जीवन में दूरियां बढ़ती है। इस दोष को दूर करने के लिए सबसे आसान तरीका यह है कि दो बांसुरी लेकर उसे बीम के दोनों तरफ लाल फीते से बांध दें। इसमें यह ध्यान रखना चाहिए कि बांसुरी की मुंह बेड की ओर रहे।
बांस की बांसुरी या पौधा ड्राईंग रूप में लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। मन में आशा का संचार होता है और मनोबल बढ़ता है। बांस के इन्हीं दिव्य गुणों के कारण बांस को जलाना शुभ नहीं माना जाता है।
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