श्री
हनुमान व शनि दोनों में ही एक समानता है और वह है- शिव तत्व से जुड़ाव।
शिव तत्व का संबंध कल्याण भाव से है। कल्याणकारी देवता शिव यानी रुद्र के
ही अवतार माने जाते हैं श्री हनुमान, वहीं शनि परम शिव भक्त होने के साथ ही
शिव कृपा से ही जगत के हर प्राणी की कर्म गति नियत करने वाले न्यायाधीश
बने।
इसी तरह हनुमान व शनि के संबंध में एक पौराणिक मान्यता यह भी है कि जब श्री हनुमान ने लंका में शनिदेव को रावण के बंधन से मुक्त कराया तो शनिदेव ने प्रसन्न होकर यह वचन दिया था कि आस्था, भक्ति व पावनता के साथ श्री हनुमान की भक्ति करने वाले मेरी क्रूर दृष्टि से पीड़ा नहीं उठाएगा।
आप इन दोनों मन्त्र का नियमित जाप करें आपको कष्टों से मुक्ति मिलेगी , बोलिये "जय शनि देव" !
ऊँ रुद्रवीर्य समुद्भवाय नम:
ऊँ आयुष्कारणाय नम:
( द्रोणाचार्य )
इसी तरह हनुमान व शनि के संबंध में एक पौराणिक मान्यता यह भी है कि जब श्री हनुमान ने लंका में शनिदेव को रावण के बंधन से मुक्त कराया तो शनिदेव ने प्रसन्न होकर यह वचन दिया था कि आस्था, भक्ति व पावनता के साथ श्री हनुमान की भक्ति करने वाले मेरी क्रूर दृष्टि से पीड़ा नहीं उठाएगा।
आप इन दोनों मन्त्र का नियमित जाप करें आपको कष्टों से मुक्ति मिलेगी , बोलिये "जय शनि देव" !
ऊँ रुद्रवीर्य समुद्भवाय नम:
ऊँ आयुष्कारणाय नम:
( द्रोणाचार्य )
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