आइब्रो के बीच ही क्यों लगाते हैं बिंदी, ये हैं वैज्ञानिक कारण
हिंदू धर्म में बिंदी को सुहाग का प्रतीक भी माना गया है। बिंदी सिर्फ
सुंदरता ही नहीं बढ़ाती, बल्कि इसे लगाने के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। इसे
दोनों भौहों के बीच में लगाया जाता है। कहा जाता है कि इससे एकाग्रता बढ़ती
है। आज्ञा चक्र यानी दोनों भौहों के बीच का भाग यानी आजा का चक्र का यह
भाग हमारे मन को नियंत्रित करता है। हम जब भी ध्यान लगाते हैं तब हमारा
ध्यान यहीं केंद्रित होता है। मन को एकाग्र करने के लिए इसी चक्र पर दबाव दिया जाता है।इसलिए बिंदी भौहों के बीच लगाई जाती है। इसके अलावा आज्ञा चक्र पर बिंदी लगाने की और भी फायदे हैं -
सुनने की शक्ति को बढ़ाती है-
बिंदी लगाने से सुनने की शक्ति बढ़ती है। चेहरे की नसों में से एक नस कान की तंत्रिका से जुड़ती है, जो आपके सुनने कि शक्ति को बेहतर करती है। इसलिए इस चक्र पर दबाव बनाने से आपके सुनने की शक्ति बढ़ती है।
आइब्रो के बीच की लाइन कम हो जाती है-
अधिकांश लोग अपनी आइब्रो के बीच की लाइन्स को लेकर परेशान रहते हैं, यदि आप इन लाइन्स से छुटकारा चाहते हैं तो रोज दिन में एक बार इस चक्र के ऊपर मालिश करें या दबाव डालें। धीरे-धीरे लाइन्स कम हो जाएंगी।
सिर दर्द से मिलती है राहत-
बिंदी लगाने से सिरदर्द की समस्या कम सताती है दरअसल एक्युप्रेशर के सिद्धांतों के अनुसार अगर आपको सिर में दर्द हो रहा हो तो, इस चक्र पर मालिश करने से या दबाव डालने से नसें और रक्त वाहिकाएं तनाव मुक्त हो जाती है और सिर दर्द में तुरंत आराम मिलता है।
आंखों के लिए फायदेमंद-
बिंदी लगाना आंखों की हेल्थ के लिए बहुत अच्छा होता है। दरअसल आज्ञा चक्र सीधे आंखों की मांसपेशियों और त्वचा से जुड़ता है, जिससे आपकी आंखें चारों ओर दिशाओं में घूमती हैं। यह चक्र आपकी आंखों की रोशनी को बढ़ाता है जिससे आप अधिक स्पष्ट रूप से वस्तुओं देख सके।
झुर्रियां दूर कर देती है-
बिंदी लगाना त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। आज्ञा चक्र का महत्व त्वचा को टाइट रखने और झुर्रियां दूर करने के लिए भी माना जाता है। इस पर दबाव से रक्त संचार तेज होता है और त्वचा लंबे समय तक टाइट रहती है, झुर्रियां नहीं पड़ती हैं।
चेहरे के लकवे से बचाती है-
बिंदी लगाने से चेहरे पर लकवा आने की संभावना कम हो जाती है, क्योंकि कुमकुम से बिंदी लगाने पर इस पाइंट पर दबाव पड़ता है। आज्ञा चक्र पर मालिश करने से बैल परैलिसिस यानि चेहरे के एक हिस्से में लकवा मार जाने से बचाता है। आयुर्वेद के पंचकर्म में भी इस चक्र का जिक्र मिलता है। पंचकर्म में 40-60 मिनट के लिए माथे पर औषधीय तेल इस चक्र टपकाया जाता है, जिससे चेहरे कि नसों को आराम मिलता है।
दिमाग को रखती है ठंडा-
बिंदी लगाने से दिमाग ठंडा रहता है। बिंदी की सही जगह आज्ञा चक्र पर है। आयुर्वेद में माना गया है इस चक्र पर हल्के दबाव से मानसिक शांति और घबराहट के उपचार में मदद मिलती है।
आएगी गहरी नींद-
बिंदी लगाने से गहरी नींद आती है। इसे लगाने वाले स्थान को न सिर्फ मानसिक शांति के लिए महत्वपूर्ण माना गया है, बल्कि यह नींद को भी प्रभावित करता है। शिरोधरा विधि से इस बिंदु पर दबाव बनाकर अनिद्रा की समस्या दूर की जाती है
बिंदी लगाने से सुनने की शक्ति बढ़ती है। चेहरे की नसों में से एक नस कान की तंत्रिका से जुड़ती है, जो आपके सुनने कि शक्ति को बेहतर करती है। इसलिए इस चक्र पर दबाव बनाने से आपके सुनने की शक्ति बढ़ती है।
आइब्रो के बीच की लाइन कम हो जाती है-
अधिकांश लोग अपनी आइब्रो के बीच की लाइन्स को लेकर परेशान रहते हैं, यदि आप इन लाइन्स से छुटकारा चाहते हैं तो रोज दिन में एक बार इस चक्र के ऊपर मालिश करें या दबाव डालें। धीरे-धीरे लाइन्स कम हो जाएंगी।
सिर दर्द से मिलती है राहत-
बिंदी लगाने से सिरदर्द की समस्या कम सताती है दरअसल एक्युप्रेशर के सिद्धांतों के अनुसार अगर आपको सिर में दर्द हो रहा हो तो, इस चक्र पर मालिश करने से या दबाव डालने से नसें और रक्त वाहिकाएं तनाव मुक्त हो जाती है और सिर दर्द में तुरंत आराम मिलता है।
आंखों के लिए फायदेमंद-
बिंदी लगाना आंखों की हेल्थ के लिए बहुत अच्छा होता है। दरअसल आज्ञा चक्र सीधे आंखों की मांसपेशियों और त्वचा से जुड़ता है, जिससे आपकी आंखें चारों ओर दिशाओं में घूमती हैं। यह चक्र आपकी आंखों की रोशनी को बढ़ाता है जिससे आप अधिक स्पष्ट रूप से वस्तुओं देख सके।
झुर्रियां दूर कर देती है-
बिंदी लगाना त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। आज्ञा चक्र का महत्व त्वचा को टाइट रखने और झुर्रियां दूर करने के लिए भी माना जाता है। इस पर दबाव से रक्त संचार तेज होता है और त्वचा लंबे समय तक टाइट रहती है, झुर्रियां नहीं पड़ती हैं।
चेहरे के लकवे से बचाती है-
बिंदी लगाने से चेहरे पर लकवा आने की संभावना कम हो जाती है, क्योंकि कुमकुम से बिंदी लगाने पर इस पाइंट पर दबाव पड़ता है। आज्ञा चक्र पर मालिश करने से बैल परैलिसिस यानि चेहरे के एक हिस्से में लकवा मार जाने से बचाता है। आयुर्वेद के पंचकर्म में भी इस चक्र का जिक्र मिलता है। पंचकर्म में 40-60 मिनट के लिए माथे पर औषधीय तेल इस चक्र टपकाया जाता है, जिससे चेहरे कि नसों को आराम मिलता है।
दिमाग को रखती है ठंडा-
बिंदी लगाने से दिमाग ठंडा रहता है। बिंदी की सही जगह आज्ञा चक्र पर है। आयुर्वेद में माना गया है इस चक्र पर हल्के दबाव से मानसिक शांति और घबराहट के उपचार में मदद मिलती है।
आएगी गहरी नींद-
बिंदी लगाने से गहरी नींद आती है। इसे लगाने वाले स्थान को न सिर्फ मानसिक शांति के लिए महत्वपूर्ण माना गया है, बल्कि यह नींद को भी प्रभावित करता है। शिरोधरा विधि से इस बिंदु पर दबाव बनाकर अनिद्रा की समस्या दूर की जाती है
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