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रविवार, 24 दिसंबर 2017

भारतीय न्यायप्रणाली वकीलों का स्वर्ग है

12 अप्रैल 2012 की लूट की एक वारदात पढियेगा ....
वारदात मेरे घर से 2 गली आगे हुई .... मेरे ताई जी के घर .... ताई जी बुजुर्ग है और अपने पीहर किशनगढ़ (अजमेर) गए हुए थे .... घर की चाबियां हमारे पास रहती है ताकि सुबह शाम मंदिर में धूप बत्ती हो ....
12 अप्रैल 2012 को मेरे पापा जब सुबह 10 बजे वहां पूजा करने गए तो घर के ताले टूटे हुए थे .... पूरा घर अस्त व्यस्त था .... अलमारियां बिखरी पड़ी थी .... मैं भी वहां तुरंत पहुंचा .... ताई जी को कॉल किया .... स्थानीय पुलिस आई .... ताई जी बुजुर्ग है तो FIR मैंने अपने नाम से दर्ज करवाई .... चोरी की लिस्ट बनाई तो करीब 6 लाख की चोरी हुई थी ....
थाने का प्रभार उसी दिन नए CI (सर्कल इंस्पेक्टर) दर्ज़ा राम जी मेघवाल ने सम्हाला था .... मैंने डिप्टी साब अर्जुना राम जी जाट से CI साब दर्ज़ा राम जी को भी 1 सिफारशी कॉल करवा दिया था .... CI साब का ये नई पोस्टिंग पे पहला केस था उन्होंने इसे चुनोती के रूप में लिया .... फिंगर प्रिंट्स लिए फुट प्रिंट्स लिए .... इलाके के सब बदमाशों को तलब किया .... जानकारी में मालूम चला कि डीडवाना जेल से परसों दो पेशेवर चोर जमानत पर रिहा हुए है .... दोनों चोर बन-बावरिया आदिवासी जनजाति के थे जो शहरों से बाहर डेरा डाल के रहते .... दोनों को उठा के थाने में कायदे की तुड़ाई की गई .... दोनों चोरों ने वारदात को कबूल लिया .............. चोरों की निशानदेही पे उसी दिन लेट नाईट सीकर और झुंझनु में दो जगह दबिश दी गयी .... 2 और चोरों को और माल खरीदने वाले सुनार को धरा गया .... झुंझनु थाने में सबकी सामूहिक कम्बल कुटाई की गई और चोरी का सारा माल आना पाई समेत जब्ती किया गया ....
इस पूरी प्रक्रिया में 7 दिन लगे .... मैं 7 दिन थाने ही बैठा रहा रात को देरी से घर आता है सुबह जल्दी वापस थाने .... सैंकड़ों पेपर पे मेरे दस्तखत .... गवाहों जब्ती मौके के कागज़ों में मेरे और मेरे 4-5 दोस्तों के दस्तखत .... जब्ती माल न्यायालय के आदेश पर थाने में जमा और चोरों को न्यायिक अभिरक्षा में डीडवाना जेल भेजा गया ....
एक साल तक न्यायालय में फ़ाइल बन्द रही .... मामला दीपा शर्मा की अदालत में चला मेरे यहीं लाडनूं .... एक साल बाद फ़ाइल खुलने के बाद पेशियों का दौर शुरू हुआ .... सब दोस्तों को मैं पाँव पकड़ पकड़ के न्यायालय ले गया .... पब्लिक प्रोषिटयूटर से फ़ाइल निकलवा के सब गवाहों को बयान रटवाये .... मजिस्ट्रेट साहिबा और बचाव पक्ष के वकील के सामने बयान कलमबद्ध करवाये गवाहों के ........ महीनें में 2 पेशी आने लगी कभी तीन .... मुझे दिल्ली से गांव आना पड़ता तारीख पे .... 30 लाख के प्लाट के पेपर न्यायालय में जमा कर के हलफनामा दे के जब्ती का माल छुड़वाया .... सुबह 10 से 5 तक महीने में 2 या 3 पेशी पे दिल्ली से आ के कोर्ट जाओ .... लगातार 3 साल .... कभी विशेष अदालत का सत्र तो कभी दहेज अदालत का सत्र तो कभी मजिस्ट्रेट साहिबा छुट्टी पे ............ 3 साल में मेरी चप्पलें घिस गयी कोर्ट के चक्करों में ........... ऐसा लगने लगा जैसे हमने FIR कर के जीवन की सबसे बड़ी गलती कर दी .......... चोर तो मुफ्त की रोटियां जेल में तोड़ रहे थे ........... एक दिन पापा ने मुझसे कहा अपने को अपना माल मिल गया है .... अब केस विथड्रॉल करो कितना अपने समय पैसे का नुकसान करोगे ?? .... चोर भी 4 साल से जेल में है अब बस भी करो ............. मैं भी लगातार 3 साल कोर्ट के चक्कर काट के थक चुका था ............ चोरों के वकील ने मुझसे पेशकश की 50 हज़ार ले के केस उठा लो ........... मुझे भी सोने से महंगी घड़ाई पड़ रही थी .... नेकी और पूछ पूछ .... मैंने 50 हज़ार ले के वो केस उठा लिया .... चोर बरी हो गए ....
2015 अगस्त में दिल्ली मेरी फैक्ट्री में चोरी हुई थी .... 4 लाख का कपड़ा .... दोनों चोर मेरे स्टाफ .... मेरे ही गांव के लड़के जिनमें 1 अनाथ था मैं तरस खा के उसको दिल्ली ले गया .......... चोरी के बाद उन्होंने फैक्ट्री की CCTV भी उखाड़ दी .... लेकिन पड़ोसी की गली में लगी CCTV फुटेज से वो पकड़े गए .... कपड़ा सीलमपुर के एक मुसलमान को बेंचा था .... तीनों लोग तिहाड़ में रहे .... बाद में जमानत हो गयी .... कपड़ा खरीदने वाले ने मुझे 1 लाख का ऑफर दिया मैंने पैसे ले के उसका नाम निकलवा लिया .... बाकी 2 आरोपी चोरों से बात चल रही है .... वो 2 लाख देने को तैयार है मैं 3 लाख पे अड़ा हूँ ........... दो ढाई लाख ले के मैं ये केस भी विथड्रॉल कर रहा हूँ .......... क्योंकि मैंने 2012 से 1215 तक अनेक चक्कर काटें है कोर्ट के हश्र देखा है तारीखों का ........... मुझपे इतना समय नहीं कि कड़कड़डूमा कोर्ट के मैं चक्कर काटूं सालों तक .... मेरा 4 लाख का कपड़ा मुझे मिल चुका है .... 3 लाख एक्स्ट्रा मिल रहे है ....
................... अब 2g केस को समझिए ....
कपिल सिब्बल ने इसिपे ज़ीरो लॉस की थ्योरी दी थी .... तब हमने सिब्बल को पेला था ....
सिब्बल का परिचय सुनिए ........... चेहरे से गोरा किंतु चिंपाजी लगता है .... दिमाग से शातिर लोमड़ी है .... आंखों के ऑय ब्रो झाड़ू के तिनकों जैसे है .... कांग्रेस का वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री है .... देश का नामी वकील है .... सोशल मीडिया की 1 पोस्ट के अनुसार एशिया का सबसे बड़ा स्लॉट हाउस (बूचड़खाना) इसकी पत्नी का है ............ राम मंदिर निर्माण केस की पैरवी ये ही कर रहे हैं सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से .... इन्होंने अभी उस केस की सुनवाई भी आगे टलवाई है ....
2g केस को संक्षेप में समझिए .............
2g की बोली पहले आओ पहले पाओ की नीति पर की गई .... सुप्रीम कोर्ट ने ये आवंटन रद्द किए .... CAG की रिपोर्ट के अनुसार अगर ओपन बोली लगती तो देश को 1.76 करोड़ का लाभ होता .......... होता .... होता .... होता .... होता .... होता शब्द को याद रखिये ....
लेकिन गलत आवंटन नीति के कारण देश को इतनी (1.76 लाख करोड़ की) हानि हुई ....
होता .... होता .... होता .......... यानी होता लेकिन हुआ नहीं .... घोटाला या हानि सिर्फ होती ये एक आंकलन या अनुमान था ............. वास्तव में घोटाला हुआ ही नहीं था ....
सीबीआई के तत्कालीन डायरेक्टर थे रंजीत सिन्हा .... आरोपी (आवंटन कर्त्ता) की बैठकें सिन्हा से उनके निवास पे हुई .... सिन्हा ने उस वक़्त की अपने निवास की CCTV फुटेज ठिकाने लगा दी .... विजिटिंग रजिस्टर ठिकाने लगा दिया .... जिसमें उनसे मिलने आने जाने वालों के दस्तखत होते है .... 1 साल तक फ़ाइल दबा के रखी मामले की .... कमज़ोर चार्ज शीट पेश की ..............
कल न्यायलय ने आरोपियों को बरी कर दिया है ....
क्योंकि ....
बकौल न्यायालय .... ए. राजा और कनिमोझी कसूरवार नहीं है ............ क्योंकि 2g का आवंटन PMO ने किया था ............ यहां न्यायालय का बिंदु विचारणीय है .... सटीक है .... जब आवंटन PMO ने किया तो राजा कनिमोझी का क्या कसूर ?? ..............
अब केंद्र सरकार अपनी साख बचाने को ऊपरी न्यायालय जाएगी ....
वहां भी केंद्र सरकार के चित्त होने के पूरे आसार है ....
क्योंकि ....
क्योंकि घोटाला हुआ ही नहीं .... महज़ एक अनुमान या आंकलन था ............. सुप्रीम कोर्ट ने आवंटन इसलिए रद्द किए कि वो गलत तरीके से आवंटित हुए .... लेकिन जब घोटाला ही नहीं हुआ तो सुप्रीम कोर्ट सज़ा किसको देगा ?? ............. ना ही रिश्वतखोरी का आर्थिक लेनदेन हुआ ....
देश को जो हानि हो सकती थी गलत आवंटन से .... वो कांग्रेस की मिलीभगत या गलत नीति का परिणाम था ....
केस को कमज़ोर किया सीबीआई ने .... कांग्रेस की मिलीभगत से ....
मामले की चार्ज शीट कांग्रेस के समय कोर्ट में दाखिल हुई ....
गवाहों के बयान कॉंग्रेस के समय कोर्ट में कलमबद्ध हुए ....
.................. तो अब न्यायालय के फैसले से मोदी कैसे कसूरवार हुआ ?? ..............
हालांकि मैंने कल मोदी जी के प्रति आक्रोश व्यक्त किया ...... उसका मैं खेद व्यक्त करता हूँ ....
और भी अनेक मित्रों ने मोदी जी के प्रति आक्रोश व्यक्त किया ....
जो देशभक्त देशप्रेमी होगा उसका आक्रोशित होना स्वाभविक है ............. लेकिन कल हम सबसे त्रुटि हुई .... हमने कल गलत जगह अपना आक्रोश व्यक्त किया ....
अपने आक्रोश को 2019 तक सम्हाल के रखिये .... कांग्रेस के विरुद्ध .............. गलती कांग्रेस और सीबीआई की है तो आक्रोश भी इनके विरुद्ध व्यक्त होगा ............. 2019 के चुनावों में 44 से 4 पे ला के व्यक्त होगा ....
मोदी बेकसूर है ....
भारतीय न्यायप्रणाली वकीलों का स्वर्ग है ....
2018 में अभी बहुत कुछ मीठा कड़वा देखने सुनने को तैयार रहिएगा !!!! .....
भाई रितेश प्रज्ञांश का #विशेष लेख बड़ेभाई Vimal Bhati के लिये 

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