सावधान, बच्चों की आंखों का सूख रहा है पानी
घंटों कंप्यूटर या मोबाइल पर गेम खेलने बच्चों की आंखों का पानी सूख जाता है और पलक कम झपकाने के कारण पुतली की नमी समाप्त हो जाती है और इसका दुष्प्रभाव कॉर्निया पर भी पड़ता है और आंखों की पुतली की मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं।
हाल ही में हुए एक शोध में बताया गया है कि सस्ते मोबाइल और कंप्यूटर अधिक घातक होते हैं और इनसे गर्मी अधिक निकलती है। स्क्रीन से निकली तरंगों के कारण सिरदर्द और मतली इत्यादि की शिकायत होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आंख के पानी के सूखने की समस्या जो अब तक 40 वर्ष की आयु में होती थी, अब 14 वर्ष के लड़कों को भी हो रही है। समस्या यह है कि कम आयु के रोगी अपनी समस्या सही ढंग से घर वालों को नहीं बता पाते। विशेषज्ञों का कहना है कि इस संदर्भ में लोगों में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है, नहीं तो आने वाले दिनों में स्थिति और विकट हो सकती है।
आंख के पानी के सूखने के लक्षणः आंखों में खुजली होना, आंखों से पानी आना, पलके झपकाना, सिर और आंखों के आसपास भारीपन का आभास होना और मतली लगना।
बचाव के उपायः स्क्रीन की ब्राइटनेस कम करें, लंबे समय तक टकटकी लगाकर कम्पयूटर या मोबाइल को देखना, आंखों में लुब्रीकेंट डालें, पलकें झपकाते रहें और हर आधे घंटे में आंखों को रेस्ट देते रहें।
घंटों कंप्यूटर या मोबाइल पर गेम खेलने बच्चों की आंखों का पानी सूख जाता है और पलक कम झपकाने के कारण पुतली की नमी समाप्त हो जाती है और इसका दुष्प्रभाव कॉर्निया पर भी पड़ता है और आंखों की पुतली की मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं।
हाल ही में हुए एक शोध में बताया गया है कि सस्ते मोबाइल और कंप्यूटर अधिक घातक होते हैं और इनसे गर्मी अधिक निकलती है। स्क्रीन से निकली तरंगों के कारण सिरदर्द और मतली इत्यादि की शिकायत होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आंख के पानी के सूखने की समस्या जो अब तक 40 वर्ष की आयु में होती थी, अब 14 वर्ष के लड़कों को भी हो रही है। समस्या यह है कि कम आयु के रोगी अपनी समस्या सही ढंग से घर वालों को नहीं बता पाते। विशेषज्ञों का कहना है कि इस संदर्भ में लोगों में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है, नहीं तो आने वाले दिनों में स्थिति और विकट हो सकती है।
आंख के पानी के सूखने के लक्षणः आंखों में खुजली होना, आंखों से पानी आना, पलके झपकाना, सिर और आंखों के आसपास भारीपन का आभास होना और मतली लगना।
बचाव के उपायः स्क्रीन की ब्राइटनेस कम करें, लंबे समय तक टकटकी लगाकर कम्पयूटर या मोबाइल को देखना, आंखों में लुब्रीकेंट डालें, पलकें झपकाते रहें और हर आधे घंटे में आंखों को रेस्ट देते रहें।