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🚩 🌞 *सुप्रभातम्* 🌞 🚩
◆««« *आज का पंचांग* »»»◆
कलियुगाब्द.....................5120
विक्रम संवत्....................2075
शक संवत्.......................1940
मास..............................आषाढ़
पक्ष.................................शुक्ल
तिथी...........................एकादशी
दोप 04.26 पर्यंत पश्चात द्वादशी
रवि...........................दक्षिणायन
सूर्योदय................05.54.19 पर
सूर्यास्त.................07.12.36 पर
सूर्य राशि............................कर्क
चन्द्र राशि........................वृश्चिक
नक्षत्र............................अनुराधा
दोप 12.48 पर्यंत पश्चात ज्येष्ठा
योग.................................शुक्ल
प्रातः 07.18 पर्यंत पश्चात ब्रह्मा
करण................................विष्टि
दोप 04.26 पर्यन्त पश्चात बव
ऋतु...................................वर्षा
दिन..............................सोमवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
23 जुलाई सन 2018 ईस्वी ।
☸ *तिथि विशेष :*
*देवशयनी (हरिशयनी) एकादशी -*
*पद्मा (आषाढ़ शुक्ल)* -
*चातुर्मास प्रारम्भ* -
पुराणों के अनुसार चार माह *(श्रावण, भादौ, अश्विन एवं कार्तिक)* के लिए विष्णु भगवान क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं। तीनों लोकों के स्वामी होने की वजह से भगवान का शयनकाल संपूर्ण संसार का शयनकाल माना जाता है।
देवशयनी या हरिशयनी एकादशी या देशज भाषा में देवसोनी ग्यारस आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है। चूँकि एकादशी व्रत भगवान विष्णु की आराधना का व्रत है, इसलिए देवसोनी व देवउठनी एकादशियों का विशेष महत्व है। आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक का चार माह का समय हरिशयन का काल समझा जाता है।
वर्षा के इन चार माहों का संयुक्त नाम चातुर्मास्य दिया गया है। इसके दौरान जितने भी पर्व, व्रत, उपवास, साधना, आराधना, जप-तप किए जाते हैं उनका विशाल स्वरूप एक शब्द में *'चातुर्मास्य'* कहलाता है। चातुर्मास से चार मास के समय का बोध होता है और चातुर्मास्य से इस समय के दौरान किए गए सभी व्रतों/ पर्वों का समग्र बोध होता है।
पुराणों में इस चौमासे का विशेष रूप से वर्णन किया गया है। भागवत में इन चार माहों की तपस्या को एक यज्ञ की संज्ञा दी गई है। वराह पुराण में इस व्रत के बारे में कुछ उदारवादी बातें भी बताई गई हैं। उदाहरण के लिए, इस व्रत को आषाढ़ शुक्ल एकादशी के स्थान पर द्वादशी (बारस) या आषाढ़ी पूर्णिमा से भी शुरू किया जा सकता है और चार माह पूर्ण करने के लिए इसका समापन उधर कार्तिक शुक्ल द्वादशी या कार्तिक पूर्णिमा तक किया जा सकता है।
संभवतः यह दृष्टिकोण इसलिए समाहित किया गया होगा क्योंकि यात्रा के दौरान किसी निश्चित स्थान पर पहुँचने में विलंब हो सकता है। उस युग में आज की तरह यात्रा के साधन नहीं थे, इसलिए यह विचार शुमार किया गया होगा। चूँकि चौमासे के व्रत में एक ही स्थान पर रहना आवश्यक है, इसलिए इस परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त तथ्य सारगर्भित लगता है।
शास्त्रों व पुराणों में इन चार माहों के लिए कुछ विशिष्ट नियम बताए गए हैं। इसमें चार महीनों तक अपनी रुचि व अभीष्ठानुसार नित्य व्यवहार की वस्तुएँ त्यागना पड़ती हैं। कई लोग खाने में अपने सबसे प्रिय व्यंजन का इन माहों में त्याग कर देते हैं। चूँकि यह विष्णु व्रत है, इसलिए चार माहों तक सोते-जागते, उठते-बैठते *'ॐ नमो नारायणाय'* के जप की अनुशंसा की गई है।
इन चार माहों के दौरान शादी-विवाह, उपनयन संस्कार व अन्य मंगल कार्य वर्जित बताए गए हैं। पुराणों के अनुसार चार माहों के लिए विष्णु भगवान क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं। तीनों लोकों के स्वामी होने की वजह से भगवान का शयनकाल संपूर्ण संसार का शयनकाल माना जाता है। चार मास की अवधि के पश्चात देवोत्थान एकादशी को भगवान जागते हैं।
👁🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 07.36 से 09.15 तक ।
🚦 *दिशाशूल* :-
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें।
☸ शुभ अंक..............4
🔯 शुभ रंग.............लाल
✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 05.57 से 07.36 तक अमृत
प्रात: 09.14 से 10.53 तक शुभ
दोप. 02.11 से 03.49 तक चंचल
अप. 03.49 से 05.28 तक लाभ
सायं 05.28 से 07.07 तक अमृत
सायं 07.07 से 08.28 तक चंचल ।
📿 *आज का मंत्र* :-
|| ॐ नागेन्द्रहाराय नमः ||
*संस्कृत सुभाषितानि* :-
द्वावेव चिन्तया मुक्तौ परमानन्द आप्लुतौ ।
यो विमुग्धो जडो बालो यो गुणेभ्य: परं गत: ॥
अर्थात :
इस जगत में केवल दो प्राकार के लोग परमआनन्द का अनुभव कर सकते है ।
एक है नन्हासा बालक तथा दुसरा है परम योगी ।
🍃 *आरोग्यं* :-
*गला बैठने पर घरेलू उपचार -*
*3. कैमोमाइल चाय -*
कैमोमाइल चाय बहुत ही लाभकारी है और बीमारियों से बचने में मददगार भी है कैमोमाइल चाय स्वाभाविक रूप से सुखदायक है। इसका इस्तेमाल लंबे समय तक औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जाता रहा है। यह गला बैठने की दवा के रूप में काम करता है। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है।
*4. पुदीना -*
पुदीने की ताजा पत्तियों को उबालकर उस पानी से गरारे करने से गला बैठने की समस्या से राहत मिलती है। पेपरमिंट या पुदीना आपके सांस को ताजा करने की क्षमता रखता है। पेपरमिंट तेल स्प्रे भी गले में दर्द से छुटकारा दिला सकता है। पेपरमिंट में मेन्थॉल होता है, जो पतली बलगम और गले में खरास तथा खांसी में मदद करता है। पेपरमिंट में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी, जीवाणुरोधी, और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो गले के उपचार में मदद कर सकते हैं।
⚜ *आज का राशिफल* :-
🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
व्यवसाय ठीक चलेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। जोखिम न लें। प्रसन्नता रहेगी।
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
वाणी पर नियंत्रण रखें। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। बुरी सूचना मिल सकती है। जोखिम न उठाएं। दांपत्य संबंधी विवादों का समाधान निकलेगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
कार्यक्षेत्र में लाभदायी अवसर मिलेंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा सफल रहेगी। मेहनत का फल मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। जल्दबाजी न करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
विवाद न करें। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। अपने लोगों से संबंध सुधरेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायी रहेगा।
👱🏻♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
अपेक्षाकृत कार्य रुकेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्ययवृद्धि होगी। कर्ज लेना पड़ सकता है। घर में शुभ कार्य के आयोजन की भूमिका बनेगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
रुके कार्यों में गति आएगी। जोखिम न उठाएं। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली होगी। अपने पराक्रम से धन एवं यश प्राप्त करेंगे।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
योजना फलीभूत होगी। यात्रा सफल रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। कार्यस्थल पर सुधार होगा। सोचा हुआ कार्य वक्त पर होने से हर्ष रहेगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
व्यवसाय ठीक चलेगा। ईष्ट मित्रों से मिलन होगा। राजकीय बाधा दूर होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कार्य बनने से हर्ष रहेगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
विवेक से कार्य करें। चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अधिकारी आपके गुणों की प्रशंसा करेंगे।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। कानूनी बाधा दूर होगी। कार्यक्षेत्र में लाभदायी अवसर मिलेंगे।
🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
भागदौड़ रहेगी। उन्नति होगी। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। परिवार की चिंता रहेगी। नवीन कार्य की योजना के अवसर प्राप्त होंगे।
☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩.