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शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

बांद्रा स्टेशन की झोपडपट्टी में प्रतिवर्ष आग का रहस्य

*बांद्रा स्टेशन की झोपडपट्टी में प्रतिवर्ष आग का रहस्य!*

*(बांद्रा चुनावक्षेत्र हिंदुवोंका गढ़ हैं! इसी में शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे जी का निवास हैं, अब ये गढ़ ढह गया हैं, विधानसभा चुनाव में अब मुस्लिम विधायक चुनकर आया हैं, जहां पहले हिंदू ही चुनकर आता था!)*

*✒ बांद्रा स्टेशन के आसपास चारों तरफ गहरी-घनी और गंदगी से लबरेज कई झोपडपट्टी मौजूद हैं, जिनमें से अधिकाँश का नाम “नवाज़ नगर”, “गरीब नगर”, “संजय गांधी नगर”, “इंदिरा गांधी नगर” वगैरह है.*

*🤔 आप सोचेंगे इसमें ऐसी क्या ख़ास बात है, ऐसा तो भारत के कई रेलवे स्टेशनों के आसपास होता होगा…*

*🔥बांद्रा की इन झोपडपट्टी की ख़ास बात यह है कि इसमें प्रतिवर्ष (जी हाँ, बिलकुल बिना किसी खण्ड के, प्रतिवर्ष मतलब प्रतिवर्ष) बड़ी जोरदार आग लगती है. ऐसे अग्निकाण्ड देश की किसी भी झोपडपट्टी में “नियमित” रूप से नहीं होते.*
🤔 आखिर इस आगज़नी का रहस्य क्या है?? बार-बार बांद्रा स्टेशन के आसपास ही आग क्यों लगती है?? *आईये थोड़ा समझने का प्रयास करते हैं…*

*📹पिछले कुछ वर्षों में पत्रकारों ने नोट किया है कि बांद्रा झोपडपट्टी में लगने वाली यह आग हमेशा देर शाम को अथवा देर रात में ही लगती है, दिन में नहीं. ऐसी भीषण आग लगने के बाद बांद्रा स्टेशन पहुँचने वाले, वहाँ इंतज़ार करने वाले रेलवे यात्री घबराकर इधर-उधर भागने लगते हैं, डर के मारे काँपने लगते हैं. 🧐परन्तु सर्वाधिक आश्चर्य इस बात का है कि जब भी इन झोपडपट्टी में आग लगती है, तो यहाँ के निवासी बड़ी शान्ति के साथ चुपचाप खाली स्थानों, रेलवे स्टेशन के आसपास एकत्रित हो जाते हैं. उन्हें कतई भय नहीं होता, आग बुझाने की जल्दबाजी भी नहीं होती.*

*👉स्वाभाविक रूप से इन झोपडपट्टी की गलियाँ बेहद सँकरी होने के कारण अग्निशमन (फायर ब्रिगेड) और पुलिस की गाड़ियाँ अथवा एम्बुलेंस अन्दर तक नहीं पहुँच पातीं… कुल मिलाकर बात यह कि झोपडपट्टी पूरी जल जाने तक यहाँ के “निवासी” शान्ति बनाए रखते हैं.*
*🤷‍♂ इसके बाद एंट्री होती है टीवी कैमरों, चैनलों के संवाददाता और पत्रकारों की, जो गलियों में पैदल घुसकर तमाम फोटो खींचते हैं, चिल्ला-चिल्लाकर बताते हैं कि “देखो, देखो… गरीबों का कितना नुक्सान हो गया है…”. कुछ ही समय में (या अगले दिन कुछ महिलाएँ कैमरे के सामने अपनी छाती कूटते हुए पधारती हैं, रोना-धोना शुरू करती है और सरकार से मुआवज़े की माँग करती हैं.*

*🤗 ज़ाहिर है की अगले दिन की ख़बरों में, समाचार पत्रों, चैनलों इत्यादि पर झोपडपट्टी के इन “गरीबों”(??) के प्रति सहानुभूति जगाते हुए लेख और चर्चाएँ शुरू हो जाती हैं. आगज़नी के कारण जिन गरीबों का नुक्सान हुआ है, जिनकी झोंपड़ियाँ जल गयी हैं, उनका पुनर्वास हो ऐसी मांगें “नेताओं” द्वारा रखी जाती हैं. कथित बुद्धिजीवी और कथित संवेदनशील लोग आँसू बहाते हुए बांद्रा की झोपडपट्टी वाले इन गरीबों के लिए सरकार से पक्के मकान की माँग भी कर डालते हैं. ज़ाहिर है कि इतना हंगामा मचने और छातीकूट प्रतिस्पर्धा होने के कारण सरकार भी दबाव में होती है,*

 *😈जबकि कुछ सरकारें तो इसी आगज़नी का इंतज़ार कर रही होती हैं. इन कथित गरीबों को सरकारी योजनाओं के तहत कुछ मकान मिल जाते हैं, कुछ लोगों को कई हजार रूपए का मुआवज़ा मिल जाता है… इस झोपडपट्टी से कई परिवार नए मकानों या सरकार द्वारा मुआवज़े के रूप में दी गयी “नई जमीन” पर शिफ्ट हो जाते हैं…*

*👺👉इसके बाद शुरू होता है असली खेल!* 

*🐷मात्र एक सप्ताह के अन्दर ही अधिकाँश “गरीबों”(??) को आधार कार्ड, PAN कार्ड, मतदाता परिचय पत्र वगैरह मिलने शुरू हो जाते हैं!. मात्र पंद्रह दिनों के भीतर उसी जले हुए स्थान पर नई दोमंजिला झोपडपट्टी भी तैयार हो जाती है, जिसमे टीन और प्लास्टिक की नई-नकोर चद्दरें दिखाई देती हैं. कहने की जरूरत नहीं कि ऐसी झोपडपट्टी में पानी मुफ्त में ही दिया जाता है, बिजली चोरी करना भी उनका “अधिकार” होता है. झोपडपट्टी में थोड़ा गहरे अन्दर तक जाने पर पत्रकारों को केबल टीवी, हीटर, इलेक्ट्रिक सिलाई मशीनें वगैरह आराम से दिख जाता है (केवल सरकारों को नहीं दिखता.*
*👉🐷हरवर्ष नियमानुसार एक त्यौहार की तरह होने वाली इस आगज़नी के बाद रहस्यमयी तरीके से 1500 से 2000 नए-नवेले बेघर की अगली बैच न जाने कहाँ से प्रगट हो जाती है.*
*🤷‍♂ जली हुई झोपडपट्टी के स्थान पर नई झोपड़ियाँ खड़ी करने वाले ये “नए प्रगट हुए गरीब और बेघर” वास्तव में गरीब होते हैं.*

*👉इन्हें नई झोंपड़ियाँ बनाने, उन झोपड़ियों को किराए पर उठाने और ब्याज पर पैसा चलाने के लिए एक “संगठित माफिया” पहले से ही इन झोपडपट्टी में मौजूद होता है. न तो सरकार, न तो पत्रकार, न तो जनता… कोई भी ये सवाल नहीं पूछता कि जब जली हुई झोपडपट्टी में रहने वाले पूर्ववर्ती लोगों को नई जगह मिल गयी, कुछ को सरकारी सस्ते मकान मिल गए, तो फिर ये “नए गरीब” कहाँ से पैदा हो गए जो वापस उसी सरकारी जमीन पर नई झोपडपट्टी बनाकर रहने लगे??*

*🤔 कोई नहीं पूछता… नई बन रही झोपडपट्टी में ये नए आए हुए “गरीब मेहमान” हिन्दी बोलना नहीं जानते, उनकी भाषा में बंगाली उच्चारण स्पष्ट नज़र आता है…*

*🤔ये “गरीब”(??) दिन भर मुँह में गुटका-पान दबाए होते हैं (एक पान दस रूपए का या एक तम्बाकू गुटका भी शायद दस रूपए का मिलता होगा). इस झोपडपट्टी में आने वाले प्रत्येक “गरीब” के पास चारखाने की नई लुंगी और कुरता जरूर होता है… उनका पहनावा साफ़-साफ़ बांग्लादेशी होने की चुगली करता है.*

*👉नवनिर्मित झोपडपट्टी में महाराष्ट्र के अकाल-सूखा ग्रस्त क्षेत्रों का किसान कभी नहीं दिखाई देता. इन झोपडपट्टी में मराठी या हिन्दुस्तानी पहनावे वाले साधारण गरीब क्यों नहीं दिखाई देते, इसकी परवाह कोई नहीं करता. दो-चार पीढियों से कर्ज में डूबे विदर्भ का एक भी किसान बांद्रा की इन झोपडपट्टी में नहीं दिखता??*

*🤷‍♂ऐसा क्यों है कि बांद्रा स्टेशन के आसपास एक विशिष्ट पह्नावेम विशिष्ट बोलचाल वाले बांग्लाभाषी और “बड़े भाई का कुर्ता, तथा छोटे भाई का पाजामा” पहने हुए लोग ही दिखाई देते हैं??*
*👉 बांद्रा स्टेशन के आसपास चाय-नाश्ते की दुकानों, ऑटो व्यवसाय, अवैध कुली इत्यादि धंधों में एक “वर्ग विशेष” (ये धर्मनिरपेक्ष शब्द है) के लोग ही दिखाई देते हैं??*
*🔥अब अगले साल फिर से बांद्रा की इस झोपडपट्टी में आग लगेगी… फिर से सरकार मुआवज़ा और नया स्थान देगी… फिर से कहीं से अचानक प्रगट हुए “नए गरीब” पैदा हो जाएँगे… झोपडपट्टी वहीं रहेगी अतिक्रमण वैसा ही बना रहेगा… गुंडागर्दी और लूटपाट के किस्से वैसे ही चलते रहेंगे… लेकिन ख़बरदार जो आपने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई…*

*😷 आप तो चुपचाप अपना टैक्स भरिये…. वोटबैंक राजनीति की तरफ आँख मूँद लीजिए. और हाँ!!! यदि आप ये सोच रहे हैं कि यह “गरीबी और आगज़नी का यह खेल” केवल बांद्रा स्टेशन के पास ही चल रहा है, तो आप वास्तव में बहुत नादान हैं… यह खेल बंगाल के कई जिलों में चल रहा है, देश के कई महानगरों में बड़े आराम से चल रहा है, एक दिन यह झोपडपट्टी खिसकते-खिसकते आपके फ़्लैट के आसपास भी आएगी*

*😴तब तक आप चादर ओढ़कर सो सकते है!*

*😈👺यह कोई और नही, आजकल दुनिया के मनपसंद  रोहीगया (रोहिंग्या) शांतिदूत ही है!*

शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

आईये जाने क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि ?

⛳ *ॐ श्री गौरीशंकराय नम:* ⛳

ॐ त्रियम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनं ! उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मोक्षिय मामृतात् !  🕉🙏🕉 


आप सभी मित्रों को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ
शिव की बनी रहे आप पर छाया,
पलट दे जो आपकी किस्मत की काया,
मिले आपको वो सब इस अपनी जिन्दगी में,
जो कभी किसी ने भी न पाया
                  🚩ॐ नमःशिवाय🚩

#महाशिवरात्रि के अवसर पर आप सभी को शुभकामनाएँ । 
अपने अपने स्तर पर विष पीकर अपने देश और समाज को अमृत देते रहिए।

आईये जाने क्यों मनाई जाती है
महाशिवरात्रि ?
 
शिव का अर्थ होता है कल्याण जो कल्याणकारी है वही शिव हैं l
शिवरात्रि का अर्थ होता है भगवान शिव की रात (रात्रि ) पूरी रात्रि जागकर शिवजी का स्मरण पूजा करना ,वो शिवरात्रि बन जाती है इसलिए किसी भी मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी ‘शिवरात्रि’ कहलाती है। लेकिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी “महाशिवरात्रि” कहलाती है। जो भगवान शिव की अतिप्रिय रात्रि होती है।

👉महा शिवरात्रि मनाने के मुख्य रूप से 2 कारण माने गये हैं–

👉1.भगवान शिव के जन्मदिवस को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है , पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान शिवलिंग रूप में प्रकट हुए थे l इस दिन पहली बार शिवलिंग की पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्माजी द्वारा की गयी थी यही कारण है की इस दिन शिवलिंग की पूजा की जाती है l
कहते हैं कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण  हुआ था।

      👉2.जबकि कई स्थानों पर यह भी माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव का पार्वती जी के साथ विवाह हुआ था l 
शिव और पार्वती के विवाह की कथा बड़ी ही दिव्य है जो इस कथा को कहता,सुनता और पढता है उस पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं ,उसके जीवन में सुख ही सुख आ जाता है l

🌷महाशिवरात्रि व्रत की #कथा🌷

एक बार माँ पार्वती जी ने भगवान भोलेनाथ से पूछा, ‘ऐसा कौन-सा श्रेष्ठ, सरल व्रत-पूजन है, जिससे मृत्युलोक के प्राणी को आपकी कृपा सहज ही प्राप्त कर लेते हैं ?’

भगवान शिवजी ने पार्वती को ‘शिवरात्रि’ का व्रत बताया और यह कथा सुनाई 👇–

एक बार एक शिकारी था जिसका नाम चित्रभानु था वह पशुओं की हत्या करकेअपने परिवार को पालता था l उसने एक साहूकार से कुछ ऋण लिया, लेकिन समय पर न ऋण चुका न सका साहूकार ने गुस्सा होकर शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी l

शिकारी वहां पर बड़े ध्यान से शिव-संबंधी धार्मिक बातें सुनता रहा ,चतुर्दशी को उसने शिवरात्रि व्रत की कथा भी सुनी शाम होते ही साहूकार ने उसे अपने पास बुलाया और ऋण चुकाने के बारे में पूछा शिकारी ने कहा कि अगले दिन सारा ऋण लुटा देगा।साहूकार ने इस पर विश्वास करके उसे छोड़ दिया l

शिकारी अब जंगल में शिकार के लिए चल पड़ा लेकिन दिनभर बंदी गृह में रहने के कारण भूख-प्यास से व्याकुल था, शिकार करने के लिए वह एक तालाब के किनारे बेल-वृक्ष पर बेठ गया , बेल वृक्ष के नीचे शिवलिंग था जो विल्वपत्रों से ढका हुआ था शिकारी को शिवलिंग का पता न चला l

पड़ाव (जगह )बनाते समय उसने जो टहनियां तोड़ीं,वे संयोग से शिवलिंग पर गिर गई इस प्रकार सारा दिन भूखे-प्यासे शिकारी का व्रत भी हो गया और शिवलिंग पर बेलपत्र भी चढ़ गए l
एक पहर रात्रि बीत जाने पर एक गर्भवती हिरनी तालाब पर पानी पीने के लिए पहुंची l शिकारी ने धनुष पर तीर चढ़ाकर जैसे ही प्रत्यंचा खींची,हिरनी बोली,‘मैं गर्भिणी हूं।शीघ्र ही प्रसव करूंगी तुम एक साथ दो जीवों की हत्या करोगे,जो ठीक नहीं है मैं अपने बच्चे को जन्म देकर जल्दी ही तुम्हारे पास आ जाऊंगी,तब तुम मुझे मार लेना ,शिकारी ने प्रत्यंचा ढीली कर दी और हिरनी जंगली झाड़ियों में लुप्त हो गई l

थोड़ी देर बाद एक और हिरनी वहां से निकली शिकारी फिर से खुश हो गया नजदीक आने पर उसने धनुष पर बाण चढ़ाया तब उसे देखकर हिरनी ने निवेदन किया-मैं थोड़ी देर पहले ही ऋतु से निवृत्त हुई हूं। कामातुर विरहिणी हूं अपने प्रिय की खोज में भटक रही हूं मैं अपने पति से मिलकर जल्दी ही तुम्हारे पास आ जाऊंगी।’ शिकारी ने उसे भी जाने दिया l

दो बार शिकार को खोकर शिकारी चिंता में पड़ गया  अब रात्रि का आखिरी पहर बीत रहा था।तभी एक अन्य हिरनी अपने बच्चों के साथ वहां से निकली शिकारी ने अच्छा मौका पाकर तुरंत धनुष पर तीर चढ़ाया।वह तीर छोड़ने ही वाला था कि मृगी बोली,‘हे अपराधी!’ मैं इन बच्चों को इनके पिता के हवाले करके लौट आऊंगी . इस समय मुझे मत मारो
शिकारी हंसकर बोला- सामने आए शिकार को कैसे छोड़ दूं? मैं ऐसा मूर्ख नहीं मैं पहले ही दो बार अपना शिकार खो चुका हूँ ,मेरे बच्चे भूख-प्यास से तड़प रहे होंगे l
हिरनी ने फिर कहा,जैसे तुम्हें अपने बच्चों की ममता सता रही है,ठीक वैसे ही मुझे भी सता रही है सिर्फ बच्चों के नाम पर मैं थोड़ी देर के लिए जीवनदान मांग रही हूँ ,मेरा विश्वास करो मैं इन्हें इनके पिता के पास छोड़कर वापिस लौटने की प्रतिज्ञा करती हूँ l

शिकारी को उस पर दया आ गई उसने उस हिरनी को भी जाने दिये शिकार के अभाव में बेल-वृक्ष पर बैठा शिकारी बेलपत्र तोड़-तोड़कर नीचे फेंकता जा रहा था।सुबह होने को हुई तो एक हृष्ट-पुष्ट हिरन उसी रास्ते पर आया l
शिकारी ने सोच लिया कि इसका शिकार किया जाये  शिकारी की तनी प्रत्यंचा देखकर हिरन बड़े प्यार से विनीत स्वर में बोला- भाई! यदि तुमने मुझसे पूर्व आने वाली तीन हिरनियों तथा छोटे-छोटे बच्चों को मार डाला है,तो मुझे भी जल्दी से मार डालो, ताकि मुझे उनके वियोग में एक क्षण भी दुःख न सहना पड़े मैं उन मृगियों का पति हूँ l

यदि तुमने उन्हें जीवनदान दिया है तो मुझे भी कुछ क्षण का जीवन देने की कृपा करो  मैं उनसे मिलकर तुम्हारे सामने आ जाऊंगा l
हिरन की बात सुनते ही शिकारी के सामने पूरी रात का घटनाचक्र घूम गया,उसने सारी कथा हिरन को सुना दी l
तब हिरन ने कहा,‘मेरी तीनों पत्नियां जिस तरह प्रतिज्ञा में बंधकर गई हैं,अगर मेरी मृत्यु हो गई तो वे अपने धर्म का पालन नहीं कर पाएंगी इसलिए जैसे तुमने उन पर विश्वास करके छोड़ा है, वैसे ही मुझे भी जाने दो मैं उन सबके साथ तुम्हारे सामने जल्दी ही उपस्थित होता हूँ  l

भूखे पेट(उपवास),पूरी रात जागने के बाद और शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ने से शिकारी का हिंसक हृदय निर्मल हो गया था उसमें भगवद् शक्ति का वास हो गया था धनुष तथा बाण उसके हाथ से अपने आप ही छूट गया। भगवान शिव की कृपा से उसका हिंसक हृदय करुणा से भर गया, वह अपने पुराने बुरे कर्मों को याद करके पश्चाताप की आग में जलने लगा,थोड़ी ही देर बाद वह हिरन पुरे परिवार के साथ शिकारी के सामने आ गया, ताकि वह उनका शिकार कर सके,किंतु जंगली पशुओं की ऐसी सत्यता,सात्विकता एवं सामूहिक प्रेमभावना देखकर शिकारी को बड़ी ग्लानि हुई l

उसके नेत्रों से आंसुओं की झड़ी लग गई,उस हिरन के परिवार को न मारकर शिकारी ने अपने कठोर हृदय को जीव हिंसा से हटा सदा के लिए कोमल एवं दयालु बना लिया,
देवता भी इस घटना को देखकर दंग रह गए ।देवी-देवताओं ने पुष्प-वर्षा की तब शिकारी तथा मृग परिवार मोक्ष को प्राप्त हुए l
जो भी इस शिवरात्रि को सच्चे मन से व्रत करता है और भगवान को याद करता है l
कोई गलत काम नहीं करता है भगवान शिव उसे मोक्ष प्रदान करते है l

🌷महाशिवरात्रि के व्रत की #विधि🌷🌷 

 भगवान शिव बहुत ही भोले हैं उनके शिवलिंग पर केवल और केवल एक लोटा जल चढाने से प्रसन्न हो जाते हैं l

सुबह जल्दी उठकर स्नान करके भगवान शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग पर गंगा जल मिलाकर दूध या जल चढ़ाना चाहिए क्योंकि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

यदि सामर्थ्य हो तो शिवलिंग को पंचामृत से स्नान करवाना चाहिए और साथ-साथ पंचाक्षर मंत्र “
#ॐ_नमः_शिवाय” ..मन्त्र का जप करते रहे इस दिन भगवान शिव को बिल्व पत्र अर्पित करना चाहिए lभगवान शिव को बिल्व पत्र बेहद प्रिय हैं l
 शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को रुद्राक्ष, बिल्व पत्र,भांग,शिवलिंग और काशी अतिप्रिय हैं।

पंचाक्षर मन्त्र का पूरे दिन जप करना चाहिए l इस दिन लोगों से कम ही बात करके सारा दिन भगवान शिव के ध्यान और याद में गुजारना चाहिए l
रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शंकर की पूजा अर्चना करनी चाहिए। महामृत्युजंय मन्त्र का भी आप जप कर सकते हैं l जो इस प्रकार है —

#ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्! 
उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ll

👉इस विधि से किए गए व्रत से जागरण,पूजा, उपवास तीनों पुण्य कर्मों का एक साथ पालन हो जाता है और भगवान शिव की विशेष अनुकंपा प्राप्त होती है l रात्रि में भी भगवान शिव को जितना हो सके भगवान शिव का भजन, मन्त्र जाप,चिंतन और मनन करना है l
इस व्रत को श्रद्धा-विश्वास से करने पर भगवान शिव की कृपा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है l
मन से व्रत करने पर कन्याओं के विवाह की बाधा दूर होती है और उन्हें भगवान शिव के सामान श्रेष्ठ वर मिलता है l

भक्तों #विशेष_चेतावनी :-
 
बेल पत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं l
बेल पत्र के तीनों पत्ते पूरे हों ,टूटे न हों। इसका चिकना भाग शिवलिंग से स्पर्श करना चाहिए l
 नील कमल भगवान शिव का प्रिय पुष्प माना गया है l अन्य फूलों मे कनेर, आक, धतूरा, अपराजिता, चमेली, नाग केसर, गूलर आदि के फूल चढ़ाए जा सकते है l

जो पुष्प #वर्जित हैं वे हैं- 

कदंब, केवड़ा, केतकी...फूल ताजे हों बासी नहीं । इस दिन काले वस्त्र न पहनें ,इसमें तिल का तेल प्रयोग न करें पूजा में साबुत अक्षत ही चढाएं , टूटे चावल न चढ़ाएं शिवलिंग पर नारियल भी चढ़ा सकते हैं l

लेख पढ़ने के लिये धन्यवाद ll 

🌷जय श्री महाकाल🌷

🌷हर हर महादेव 🌷

 🌷ॐ नम:शिवाय 🌷

सोमवार, 17 फ़रवरी 2020

ऐसा कुछ जो केवल भारत में ही संभव है?


..
लीजिए देखिए….
उपरोक्त सभी फोटो आपके प्रश्नानुसार है, देख के आनंद लीजिए। ये सभी फ़ोटो फेसबुक से लिए गए हैं, और ओरिजिनल हैं जो केवल भारत में ही हो सकता है।
धन्यवाद

कुछ कम ज्ञात लेकिन उपयोगी वेबसाइटें

चलिए शुरू करते है।
यह AI पावर्ड वेबसाइट आपको इमेज से बैकग्राउंड हटाने में मदद करती है। आप इसकी सटीकता पर विश्वास नहीं करेंगे। यह वेबसाइट आपके कई घंटे बचा सकती है (यह एक मेरी व्यक्तिगत पसंदीदा साइट है)।
आप अपने फोन के नेटवर्क की इंटरनेट स्पीड मापने के लिए इस वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं। कोई एप्लिकेशन इंस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं है :)
आप इस वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं, एलेक्सा रैंक, प्रतिदिन किस वेबसाइट पर कितने लोग आते है साडी जानकारी यहाँ है।
4. Scr.im
यह वेबसाइट आपके ईमेल को छोटे यूआरएल में परिवर्तित करती है। यह आपकी ईमेल आईडी को स्पैमबॉट्स से छिपाने में आपकी मदद कर सकता है।
आप इस वेबसाइट का उपयोग रिवर्स इमेज सर्च के लिए कर सकते हैं या आप रिवर्स इमेज सर्च का उपयोग कर सकते हैं Reverse Image Search .
दोनों अच्छे हैं। (आप डेस्कटॉप साइट पर स्विच करने के बाद अपने फोन में Google रिवर्स इमेज सर्च का उपयोग कर सकते हैं)
मोबाइल और डेस्कटॉप पर वेबपृष्ठों के उच्च-रिज़ॉल्यूशन स्क्रीनशॉट लेंने के लिए इस साइट का उपयोग कर सकते हैं।
यह वेबसाइट आपको ऐसे नोट्स भेजने में मदद करती है जो पढ़ने के बाद खुद नष्ट हो जाते हैं।
यह वेबसाइट आपको पीडीएफ फाइलों को संपादित करने, पीडीएफ फॉर्म बनाने और संपादित करने में मदद करती है, पीडीएफ फाइलों को पासवर्ड से सुरक्षित भी कर सकते है।
इस वेबसाइट में 1.6 मिलियन रॉयल्टी तस्वीरें हैं, जिन्हे आप फ्री में डाउनलोड कर सकते है।
आपके द्वारा देखी जाने वाली लगभग हर वेबसाइट आपको ईमेल पते का उपयोग करके साइन-अप करने के लिए कहती है। मेलिनेटर एक मुफ्त सेवा है जो आपको एक ईमेल पता देती है जो कुछ घंटों के बाद स्वचालित रूप से नष्ट हो जाता है। आप किसी भी वेबसाइट पर अपने खाते को सक्रिय करने के लिए इस ईमेल आईडी का उपयोग कर सकते हैं और आपको अपने जीवन में कभी भी स्पैम आने की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
ये वेबसाइट आपको आपके सोशल मीडिया पे बने एकाउंट्स को मिटने में मदद करती है।
यह वेबसाइट आपके कई एंटी-वायरस प्रोग्राम के साथ संदिग्ध फाइलों को आसानी से स्कैन करती है।
यह वेबसाइट एक छोटी लिंक के पीछे छिपे मूल URL को दिखा देती है।

Edit1: बोनस राउंड XD
इस वेबसाइट पर लाखो की तादाद में अलग अलग इमोजी है जो आपके कीबोर्ड में भी नहीं है।
आप किसी भी इमोजी को आसानी से कॉपी करके कही भी पेस्ट कर सकते है।
यदि आप डिजाइनिंग में अच्छे नहीं हैं और अपने लिए एक अच्छी सीवी बनाना चाहते हैं, तो आपको इसे एक बार आज़माना चाहिए।
अपनी जानकारी प्रदान करें और वे स्वचालित रूप से सुंदर सीवी बना देगी।
कहीं भी बजाने और मज़े करने के लिए अपने ब्राउज़र में बस एक साधारण एयर हॉर्न: -)
कहीं भी उपयोग करने के लिए रॉयल्टी मुक्त छवियों की असीमित और विशाल रेंज।
इनके पास वास्तव में कुछ बहुत ही बेहतरीन वॉलपेपर हैं और आपको कहीं भी उनका उपयोग करने के लिए कॉपीराइट के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
आप अपनी तस्वीरो को सीधे अपने ब्राउज़र में, कहीं भी, कभी भी, छोटा कर सकते है जिसके लिए ऐप डाउनलोड करने की आवश्यकता भी नहीं है।
आप इस वेबसाइट की मदद से अपने बारे में एक होमपेज आसानी से बना सकता है और उसके यूआरएल को कही भी साँझा कर सकते है।
यूट्यूब वीडियो को डाउनलोड करे और उन्हें MP3 में भी बदल सकते है।
यह किसी को फ़ाइल भेजने का एक अलग तरीका है।
आपकी फ़ाइलों को कभी भी संग्रहीत नहीं किया जाता है, जिस व्यक्ति को आप किसी भी विशिष्ट फाइल को भेजना चाहते हैं वह सीधे आपकी तरफ से सहकर्मी से सहकर्मी फ़ाइल स्थानांतरण के रूप में डाउनलोड करेगा।
किसी भी ऐप को इंस्टॉल किए बिना QR कोड स्कैन करें।

Edit: हर रोज़ आप लोगो के ढेरो धन्यवाद प्राप्त हो रहे है, आप सभी लोगो का स्वागत है।

रविवार, 16 फ़रवरी 2020

रसोई में एक *डॉक्टर* छुपा बैठा होता है, बिना फीस वाला


प्रत्येक घर में एक रसोई होती है, और इस रसोई में एक  *डॉक्टर* छुपा बैठा होता है,  बिना फीस वाला । आइए आज अपने उसी डॉक्टर से आपका परिचय करायें ।
💼 1- केवल सेंधा नमक का प्रयोग करने पर आप *थायराइड*  और  *ब्लडप्रेशर* से बचे रह सकते हैं, यही नहीं, आपका *पेट* भी ठीक रहेगा ।
💼 2- कोई भी रिफाइंड न खाकर तिल, सरसों, मूंगफली या नारियल के तेल का प्रयोग आपके शरीर को कई बीमारियों से बचायेगा, रिफाइंड में कई हानिकारक *कैमिकल*  होते हैं ।
💼 3- सोयाबीन की बड़ी को दो घंटे भिगोकर मसलकर झाग निकालने के बाद ही प्रयोग करें, यह झाग *जहरीली* होती है ।
💼 4- रसोई में एग्जास्ट फैन अवश्य लगवायें, इससे *प्रदूषित*  हवा बाहर निकलती रहेगी ।

💼 5- ज्यादा से ज्यादा मीठा नीम/कढ़ी पत्ता खाने की चीजों में डालें, सभी का *स्वास्थ्य* सही रहेगा ।
💼 6- भोजन का समय निश्चित करें, *पेट* ठीक रहेगा ।
💼 7- भोजन के बीच बात न करें, भोजन ज्यादा *पोषण*  देगा ।
💼 8- भोजन से पहले पिया गया पानी *अमृत*, बीच का *सामान्य* और अंत में पिया गया पानी *ज़हर* के समान होता है ।
💼 9- बहुत ही आवश्यक हो तो भोजन के साथ गुनगुना पानी ही पियें, यह *निरापद* होता है ।
💼 10- सवेरे दही का प्रयोग *अमृत*, दोपहर में *सामान्य* व रात के खाने के साथ दही का प्रयोग *ज़हर* के समान होता है ।

💼 11- नाश्ते में *अंकुरित* अन्न शामिल करें, पोषण, विटामिन व फाईबर *मुफ्त* में प्राप्त होते रहेंगे ।
💼 12- चीनी कम-से-कम प्रयोग करें, ज्यादा उम्र में *हड्डियां* ठीक रहेंगी । भोजन में *गुड़* व *देशी शक्कर* का प्रयोग बढ़ायें ।
💼 13- छौंक में राई के साथ कलौंजी का प्रयोग भी करें, *फायदे* इतने कि लिखे नहीं जा सकते ।
💼 14- एक *डस्टबिन* रसोई के अंदर और एक बाहर रखें, *सोने से पहले* रसोई का कचरा बाहर के डस्टबिन में डालना न भूलें ।
💼 15- करेले, मेथी और मूली यानि कड़वी सब्जियां भी खाएं,  *रक्त* शुद्ध होता रहेगा ।

💼 16- पानी मटके के पानी से अधिक ठंडा न पियें, *पाचन*  व *दांत* ठीक रहेंगे ।
💼 17- पानी का फिल्टर _*RO*_ वाला हानिकारक है,  _*UV*_ वाला ही प्रयोग करें ।सस्ता भी , बढ़िया भी ।
💼 18- बिना कलौंजी वाला अचार न खायें, यह *हानिकारक* होता है ।
💼 19- माइक्रोवेव, ओवन का प्रयोग न करें, यह *कैंसर कारक* है ।
💼 20- खाने की ठंडी चीजें ( आइस क्रीम) कम से कम खायें, ये पेट की *पाचक अग्नि* कम करती हैं,  *दांत* खराब करती हैं ।
                        🏌‍♂
  _सब स्वस्थ, सुखी व नीरोग रहें,_
         इसी *कामना* के साथ.
                       _*साभार*_
     🌹  मंगलमय हो जीवन सबका  
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एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हिन्दू योद्धाओं को इतिहास से बाहर कर सिर्फ मुगलों को महान बतलाने वाला नकली इतिहास पढ़ाया जाता है।

जब औरंगजेब ने मथुरा का श्रीनाथ मंदिर तोड़ा तो मेवाड़ के नरेश राज सिंह 100 मस्जिद तुड़वा दिये थे।
अपने पुत्र भीम सिंह को गुजरात भेजा, कहा 'सब मस्जिद तोड़ दो तो भीम सिंह ने 300 मस्जिद तोड़ दी थी'।

वीर दुर्गादास राठौड़ ने औरंगजेब की नाक में दम कर दिया था और महाराज अजीत सिंह को राजा बनाकर ही दम लिया।

कहा जाता है कि दुर्गादास राठौड़ का भोजन, जल और शयन सब अश्व के पार्श्व पर ही होता था। वहाँ के लोकगीतों में ये गाया जाता है कि यदि दुर्गादास न होते तो राजस्थान में सुन्नत हो जाती।

वीर दुर्गादास राठौड़ भी शिवाजी के जैसे ही छापामार युद्ध की कला में विशेषज्ञ थे। 

मध्यकाल का दुर्भाग्य बस इतना है कि हिन्दू संगठित होकर एक संघ के अंतर्गत नहीं लड़े, अपितु भिन्न भिन्न स्थानों पर स्थानीय रूप से प्रतिरोध करते रहे।

औरंगजेब के समय दक्षिण में शिवाजी, राजस्थान में दुर्गादास, पश्चिम में सिख गुरु गोविंद सिंह और पूर्व में लचित बुरफुकन, बुंदेलखंड में राजा छत्रसाल आदि ने भरपूर प्रतिरोध किया और इनके प्रतिरोध का ही परिणाम था कि औरंगजेब के मरते ही मुगलवंश का पतन हो गया।

इतिहास साक्षी रहा है कि जब जब आततायी अत्यधिक बर्बर हुए हैं, हिन्दू अधिक संगठित होकर प्रतिरोध किया है। हिन्दू स्वतंत्र चेतना के लिए ही बना है। हिंदुओं का धर्मांतरण सूफियों ने अधिक किया है। तलवार का प्रतिरोध तो उसने सदैव किया है, बस सूफियों और मिशनरियों से हार जाता है।
 बाबर ने मुश्किल से कोई 4 वर्ष राज किया। हुमायूं को ठोक पीटकर भगा दिया। मुग़ल साम्राज्य की नींव अकबर ने डाली और जहाँगीर, शाहजहाँ से होते हुए औरंगजेब आते आते उखड़ गया।
कुल 100 वर्ष (अकबर 1556ई. से औरंगजेब 1658ई. तक) के समय के स्थिर शासन को मुग़ल काल नाम से इतिहास में एक पूरे पार्ट की तरह पढ़ाया जाता है....
मानो सृष्टि आरम्भ से आजतक के कालखण्ड में तीन भाग कर बीच के मध्यकाल तक इन्हीं का राज रहा....!
अब इस स्थिर (?) शासन की तीन चार पीढ़ी के लिए कई किताबें, पाठ्यक्रम, सामान्य ज्ञान, प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रश्न, विज्ञापनों में गीत, ....इतना हल्ला मचा रखा है, मानो पूरा मध्ययुग इन्हीं 100 वर्षों के इर्द गिर्द ही है।
जबकि उक्त समय में मेवाड़ इनके पास नहीं था। दक्षिण और पूर्व भी एक सपना ही था।
अब जरा विचार करें..... क्या भारत में अन्य तीन चार पीढ़ी और शताधिक वर्षों तक राज्य करने वाले वंशों को इतना महत्त्व या स्थान मिला है ?
*अकेला विजयनगर साम्राज्य ही 300 वर्षों तक टिका रहा।  
हम्पी नगर में हीरे माणिक्य की मण्डियां लगती थीं।
 महाभारत युद्ध के बाद 1006 वर्ष तक जरासन्ध वंश के 22 राजाओं ने, 
5 प्रद्योत वंश के राजाओं ने 138 वर्ष , 
10 शैशुनागों ने 360 वर्षों तक , 
9 नन्दों ने 100 वर्षों तक ,
 12 मौर्यों ने 316 वर्षों तक ,
 10 शुंगों ने 300 वर्षों तक ,
 4 कण्वों ने 85 वर्षों तक ,
 33 आंध्रों ने 506 वर्षों तक ,
 7 गुप्तों ने 245 वर्षों तक राज्य किया ।
और पाकिस्तान के सिंध, पंजाब से लेके अफ़ग़ानिस्तान के पर समरकन्द तक राज करने वाले रघुवंशी लोहाणा(लोहर-राणा) जिन्होने देश के सारे उत्तर-पश्चिम भारत वर्ष पर राज किया और सब से ज्यादा खून देकर इस देश को आक्रांताओ से बचाया, सिकंदर से युद्ध करने से लेकर मुहम्मद गजनी के बाप सुबुकटिगिन को इनके खुद के दरबार मे मारकर इनका सर लेके मूलतान मे लाके टाँगने वाले जसराज को भुला दिया। 
कश्मीर मे करकोटक वंश के ललितादित्य मुक्तपीड ने आरबों को वो धूल चटाई की सदियो तक कश्मीर की तरफ आँख नहीं उठा सके। और कश्मीर की सबसे ताकतवर रानी दिद्दा लोहराणा(लोहर क्षत्रिय) ने सब से मजबूत तरीके से राज किया। और सारे दुश्मनों को मार दिया।
तारीखे हिंदवा सिंध और चचनामा पहला आरब मुस्लिम आक्रमण जिन मे कराची के पास देब्बल मे 700 बौद्ध साध्विओ का बलात्कार नहीं पढ़ाया जाता। और इन आरबों को मारते हुए इराक तक भेजने वाले बाप्पा रावल, नागभट प्रथम, पुलकेसीन जैसे वीर योद्धाओ के बारेमे नहीं पढ़ाया जाता।*
फिर विक्रमादित्य ने 100 वर्षों तक राज्य किया था । इतने महान सम्राट होने पर भी भारत के इतिहास में गुमनाम कर दिए गए ।
उनका वर्णन करते समय इतिहासकारों को मुँह का कैंसर हो जाता है। सामान्य ज्ञान की किताबों में पन्ने कम पड़ जाते है। पाठ्यक्रम के पृष्ठ सिकुड़ जाते है। प्रतियोगी परीक्षकों के हृदय पर हल चल जाते हैं।
वामपंथी इतिहासकारों ने नेहरूवाद का मल भक्षण कर, जो उल्टियाँ की उसे ज्ञान समझ चाटने वाले चाटुकारों...!
तुम्हे धिक्कार है !!!
यह सब कैसे और किस उद्देश्य से किया गया ये अभी तक हम ठीक से समझ नहीं पाए हैं और ना हम समझने का प्रयास कर रहे हैं।

एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हिन्दू योद्धाओं को इतिहास से बाहर कर सिर्फ मुगलों को महान बतलाने वाला नकली इतिहास पढ़ाया जाता है। महाराणा प्रताप के स्थान पर अत्याचारी व अय्याश अकबर को महान होना लिख दिया है। 
ये इतिहास को ऐसा प्रस्तुत करने का जिम्मेवार सिर्फ एक व्यक्ति है वो है
मौलाना आजाद
भारत का पहला केंद्रीय शिक्षा मंत्री
अब यदि इतिहास में उस समय के वास्तविक हिन्दू योद्धाओं को सम्मिलित करने का प्रयास किया जाता है तो विपक्ष  शिक्षा के भगवा करण करने का आरोप लगाता है !
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शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

तुम जमीर को बेच दिए, केवल बिजली व पानी पर

ऐग्जिट पोल के नतीजों पर पहली प्रतिक्रिया
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(खुद भी पढ़ें और खास मित्रों को भी शेअर करें)

भारत माता सिसक रही हैं,तुम सब की नादानी पर,
तुम जमीर को बेच दिए, केवल बिजली व पानी पर ।।

तुम बोले मंदिर बनवाओ, 'उसने' काँटा साफ किया,
और तीन सौ सत्तर धारा वाला स्विच ही ऑफ किया,
इच्छा यही तुम्हारी थी,घुसपैठी भागें भारत से,
लाकर के कानून हौंसला घुसपैठी का हाफ किया।

राणा-वीर शिवा के वंशज,रीझे कुटिल कहानी पर।
तुम जमीर को बेच दिए,केवल बिजली व पानी पर ।।1।।

रेप किए, छाती काटा, माँ-बहनों सँग हैवानी की,
याद न आया चार लाख हिंदू के करुण कहानी की,
न्याय दिलाना चाहा 'वो' तो तुमने ये अंजाम दिया?
थूकेगा इतिहास, करेगा मंथन  कारस्तानी की ।

अपनों से ज्यादा विश्वास किए तुम पाकिस्तानी पर।
तुम जमीर को बेंच दिए,केवल बिजली व पानी पर ।।2।।

'उनके' बच्चे-बच्चे समझें,किसको वोट नहीं देना,
टुकड़े-टुकड़े करें देश का,फिर भी खोट नहीं देना,
'तीन तलाक' महामारी, आजाद किया खातूनों को,
लेकिन धरने पर बैठी हैं,पति को चोट नहीं देना।

कैसे कोई करे भरोसा,अपने हिंदुस्तानी पर।
तुम जमीर को बेंच दिए,केवल बिजली व पानी पर।।3।।

क्या कसूर था 'सीएए' पर, 'वो' अड़ गया बताओ तो?
क्या कसूर था पाकिस्तानी पर चढ़ गया बताओ तो?
तुमने जो-जो मांग किया, सब पर कानून बनाया 'वो'
यदि 'एनारसी' पर थोड़ा आगे बढ़ गया बताओ तो?

गांधी-नानक की धरती पर, वोट किए हैवानी पर,
तुम जमीर को बेंच दिए,केवल बिजली व पानी पर ।।4।।

सीट तीन सौ तीन मिली थी,फिर क्यों रिस्क उठाया 'वो'?
भ्रष्टाचारी एक हुए सब,फिर भी क्या घबराया 'वो' ?
तुम पर 'उसे' भरोसा था,इस खातिर कदम बढ़ाया 'वो',
'तुम रोहिंग्या के साथी हो', इतना समझ न पाया 'वो'!

देखो 'वे' सब एक हो गईं,पत्तल भर बिरियानी पर।
तुम जमीर को बेंच दिए,केवल बिजली व पानी पर ।।5।।

पन्नादाई अगर सुनीं तो तुम सबको दुत्कारेंगी,
लक्ष्मीबाई वहाँ स्वर्ग से थूकेंगी,फटकारेंगी,
जीजाबाई रोंएंगी,बिलखेंगी,तुम्हें निहारेंगी,
बस यात्रा क्या मिली मुफ्त, द्रोही को आप सँवारेंगी?

दिल्ली की महिलाएं रीझीं,अफजल और गिलानी पर।
तुम जमीर को बेंच दिए,केवल बिजली व पानी पर ।।6।।

जीत नहीं ये झाड़ू की है, तालीबानी जीत गए,
शाहिनबाग नहीं जीता है,अफजल -बानी जीत गए,
जेएनयू जीता है अबकी,रोहिंग्या भी जीत गए,
सच्चे हिंदुस्तानी हारे, पाकिस्तानी जीत गए।

एक वोट भी दे नहिं पाए,शहीदों की कुर्बानी पर।
तुम जमीर को बेंच दिए, केवल बिजली व पानी पर ।।7।।

सुरेश मिश्र
(हास्य कवि, मुंबई)

प्रतिक्रिया की अपेक्षा और इंतज़ार में

कैसे मनायें ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस

*14th February को कैसे मनायें मातृ-पितृ पूजन दिवस | Parents Worship Day |* 

 *🌹कैसे मनायें ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस*🌹’

*👉🏻माता-पिता को स्वच्छ तथा ऊँचे आसन पर बैठायें ।*

 *👉🏻बच्चे-बच्चियाँ माता-पिता के माथे पर      कुंकुम का तिलक करें ।*

 *👉🏻तत्पश्चात् माता-पिता के सिर पर पुष्प अर्पण करें तथा फूलमाला पहनायें ।*

 *👉🏻माता-पिता भी बच्चे-बच्चियों के माथे पर तिलक करें एवं सिर पर पुष्प रखें । फिर अपने गले की फूलमाला बच्चों को पहनायें ।*

 *👉🏻बच्चे-बच्चियाँ थाली में दीपक जलाकर माता-पिता की आरती करें और अपने माता-पिता एवं गुरु में ईश्वरीय भाव जगाते हुए उनकी सेवा करने का दृढ संकल्प करें ।*

*👉🏻बच्चे-बच्चियाँ अपने माता-पिता के एवं माता-पिता बच्चों के सिर पर अक्षत एवं पुष्पों की वर्षा करें ।*

*👉🏻तत्पश्चात् बच्चे-बच्चियाँ अपने माता-पिता की सात बार परिक्रमा करें ।*

 *👉🏻बच्चे-बच्चियाँ अपने माता-पिता को झुककर विधिवत् प्रणाम करें तथा माता-पिता अपनी संतान को प्रेम से सहलायें । संतान अपने माता-पिता के गले लगे । बेटे-बेटियाँ माता-पिता में ईश्वरीय अंश देखें और माता-पिता बच्चों में ईश्वरीय अंश देखें ।*

 *👉🏻इस दिन बच्चे-बच्चियाँ पवित्र संकल्प करें : “मैं अपने माता-पिता व गुरुजनों का आदर करूँगा/करूँगी । मेरे जीवन को महानता के रास्ते ले जानेवाली उनकी आज्ञाओं का पालन करना मेरा कर्तव्य है और मैं उसे अवश्य पूरा करूँगा/करूँगी ।”*

 *👉🏻इस समय माता-पिता अपने बच्चों पर स्नेहमय आशीष बरसायें एवं उनके मंगलमय जीवन के लिए इस प्रकार शुभ संकल्प करें : “तुम्हारे जीवन में उद्यम, साहस, धैर्य, बुद्धि, शक्ति व पराक्रम की वृद्धि हो । तुम्हारा जीवन माता-पिता एवं गुरु की भक्ति से महक उठे । तुम्हारे कार्यों में कुशलता आये । तुम त्रिलोचन बनो – तुम्हारी बाहर की आँख के साथ भीतरी विवेक की कल्याणकारी आँख जागृत हो । तुम पुरुषार्थी बनो और हर क्षेत्र में सफलता तुम्हारे चरण चूमे ।”*

*👉🏻बच्चे-बच्चियाँ माता-पिता को ‘मधुर प्रसाद’ खिलायें एवं माता-पिता अपने बच्चों को प्रसाद खिलायें ।*

*👉🏻बालक गणेशजी की पृथ्वी परिक्रमा, भक्त पुंडलिक की मातृ-पितृ भक्ति, श्रवण कुमार की मातृ-पितृ भक्ति – इन कथाओं का पठन करें अथवा कोई एक व्यक्ति कथा सुनाये और अन्य लोग श्रवण करें ।*

*👉🏻माता-पिता ‘बाल संस्कार’, ‘दिव्य प्रेरणा-प्रकाश’, ‘तू गुलाब होकर महक’, ‘मधुर व्यवहार’ – इन पुस्तकों को अपनी क्षमतानुरूप बाँटें-बँटवायें तथा प्रतिदिन थोडा-थोडा स्वयं पढने का व बच्चों से पढाने का संकल्प लें ।*

आजकाल मास्टरनियों के जो हाल है उण नै बयां करती मारवाड़ी र मांय लिखी ये दो चारेक लाइनाँ...

आजकाल मास्टरनियों के जो हाल है उण नै बयां करती मारवाड़ी र मांय लिखी ये दो चारेक लाइनाँ...


मैडम जद हूं स्कूल जावण लागी,
 दर्पण ने छोड़कर शाला दर्पण पर समय बितावण लागी।

भूल गई टाबरां टीकरां ने,
सारे टाइम मोबाइल चलावण लागी।
सुबह घरां टाइम हूं खाणों कदै बण कोनी,
पर स्कूल में टेम हूं खाणों खुवावण लागी।
मैडम जद हूं स्कूल जावण लागी,
 दर्पण ने छोड़कर शाला दर्पण पर समय बितावण लागी।

घर हूं बाहर कदे निकली कोनी,
पर इब स्कूल में,
 स्कूटी पे एकली ही जावण लागी।
बांध के मुंह पर कपड़ों,
मुंह धूल सूं बचावण लागी।
मैडम जद हूं स्कूल जावण लागी,
 दर्पण ने छोड़कर शाला दर्पण पर समय बितावण लागी।

कदे किं की भी हाजिरी  लगाई कोनी जीवन में,
आजकाल ऑनलाइन हाजिरी लगावण लागी।
कदे ही टेम पर तैयार कोनी होयी,
पर इब टेम हूं स्कूल में खड़ी तैयार पावण लागी।
मैडम जद हूं स्कूल जावण लागी,
 दर्पण ने छोड़कर शाला दर्पण पर समय बितावण लागी।

घर की और टाबरां की कांस तो पहला सूं ही थी,
इब ऑनलाइन हाली कांस भी इनै खावण लागी।
बावली होगी स्कूल की भाग दौड़ में,
स्कूल और कागज कारवाही के नाम हूं ही घबरावण लागी।
मैडम जी जद हूं स्कूल जावण लागी,
 दर्पण ने छोड़कर शाला दर्पण पर समय बितावण लागी।

कदे सासू की सुनी कोनी,न आदमी की सुणी,
 पर इब रोज पीईईओ कन सूं डाँट खावण लागी।
अगले जन्म मोहे मास्टरनी ना बणा दीज्यो,
टाबरां न बस आ ही बात सिखावण लागी।
मैडम जद हूं स्कूल जावण लागी,
 दर्पण ने छोड़कर शाला दर्पण पर समय बितावण लागी.....

यह गरीबों का मुल्क है

*एक व्यंग हैं पसंद आये तो मुस्कुरा दीजियेगा*

💮यह नदियों का मुल्क है,
पानी भी भरपूर है।
बोतल में बिकता है,
पन्द्रह रू शुल्क है।

💮यह गरीबों का मुल्क है,
जनसंख्या भी भरपूर है।
परिवार नियोजन मानते नहीं,
नसबन्दी नि:शुल्क है।

💮यह अजीब मुल्क है,
निर्बलों पर हर शुल्क है।
अगर आप हों बाहुबली,
हर सुविधा नि:शुल्क है।

💮यह अपना ही मुल्क है,
कर कुछ सकते नहीं।
कह कुछ सकते नहीं,
बोलना नि:शुल्क है।

💮यह शादियों का मुल्क है,
दान दहेज भी खूब हैं।
शादी करने को पैसा नहीं,
कोर्ट मैरिज नि:शुल्क हैं।

💮यह पर्यटन का मुल्क है,
रेलें भी खूब हैं।
बिना टिकट पकड़े गए तो,
रोटी कपड़ा नि:शुल्क है।

💮यह अजीब मुल्क है,
हर जरूरत पर शुल्क है।
ढूंढ कर देते हैं लोग,
सलाह नि:शुल्क है।

💮यह आवाम का मुल्क है,
रहकर चुनने का हक है।
वोट देने जाते नहीं,
मतदान नि:शुल्क है।

💮यह शिक्षकों का मुल्क है,
पाठशालाएं भी खूब है,
शिक्षकों को वेतनमान देने के पैसे नहीं,
पढ़ना,खाना,पोशाक निःशुल्क है।

         *:बेचारा आदमी:*

*जब सर के बाल न आये तो दवाई ढूँढता है*
*जब आ जाते है तो नाई ढूँढता है*
*जब सफ़ेद हो जाते है तो डाई ढूँढता है* 
*और जब काले रहते हैं तो लुगाई ढूँढता है*

*मुस्कुराईये यह तो नि:शुल्क है*
😀😀😀😀😀

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