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शुक्रवार, 28 अगस्त 2020

भाजपा मोदी से पहले और मोदी के बाद

*read full story*
*दीपक चौरसिया जाने-माने पत्रकार ने जो कुछ कहा एवं लिखा है उसे आप लोगों से शेयर करने से बाध्य हूँ क्योंकि इसमे सच्चाई है, और मुझे बहुत पसन्द आई।*

*भाजपा मोदी से पहले और मोदी के बाद*
********************************

जब तक भाजपा वाजपेयीजी की विचारधारा पर चलती रही, वो राम के बताये मार्ग पर चलती रही। मर्यादा, नैतिकता, शुचिता इनके लिए कड़े मापदंड तय किये गये थे। परन्तु   कभी भी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर सकी।

जहाँ करोड़ों रुपये के घोटाले- घपले करने के बाद भी कांग्रेस बेशर्मी से अपने लोगों का बचाव करती रही, वहीं पार्टी फण्ड के लिए मात्र एक लाख रुपये ले लेने पर भाजपा ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्षमण को हटाने में तनिक भी विलंब नहीं किया। 
परन्तु चुनावों में नतीजा??
वही ढाक के तीन पात...

झूठे ताबूत घोटाला के आरोप पर तत्कालीन रक्षामंत्री जार्ज फर्नांडिस का इस्तीफा, 
परन्तु चुनावों में नतीजा?? 
वही ढाक के तीन पात...

कर्नाटक में येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते ही येदियुरप्पा को भाजपा ने निष्कासित करने में कोई विलंब नहीं किया.....
परन्तु चुनावों में नतीजा??? 
वही ढाक के तीन पात...

खैर....
फिर  होता है नरेन्द्र मोदी का पदार्पण । मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नक्शे कदम पर चलने वाली भाजपा को वो कर्मयोगी कृष्ण की राह पर ले आते हैं।

कृष्ण अधर्मी को मारने में किसी भी प्रकार की गलती नहीं करते हैं। छल हो तो छल से, कपट हो तो कपट से, अनीति हो तो अनीति से..... अधर्मी को नष्ट करना ही उनका ध्येय होता है। 
इसीलिए वो अर्जुन को सिर्फ कर्म करने की शिक्षा देते हैं।

कुल मिलाकर सार यह है कि, 
अभी देश दुश्मनों से घिरा हुआ है, नाना प्रकार के षडयंत्र रचे जा रहे हैं। इसलिए अभी हम नैतिकता को अपने कंधे पर ढोकर नहीं चल सकते हैं। नैतिकता को रखिये ताक पर, और यदि इस देश को बचाना चाहते हैं, तो सत्ता को अपने पास ही रखना होगा। वो चाहे किसी भी प्रकार से हो, साम दाम दंड भेद किसी भी प्रकार से....

बिना सत्ता के आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं। इसलिए भाजपा के कार्यकर्ताओं को चाहिए कि,
कर्ण का अंत करते समय कर्ण के विलापों पर ध्यान ना दें । सिर्फ ये देखें कि.........
अभिमन्यु की हत्या के समय उनकी नैतिकता कहाँ चली गई थी.....

कर्ण के रथ का पहिया जब कीचड़ में धंस गया तब भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा, 
पार्थ देख क्या रहे हो, इसे समाप्त कर दो।
संकट में घिरे कर्ण ने कहा, यह अधर्म है.....! 
भगवान कृष्ण ने कहा, 
अभिमन्यु को घेर कर मारने वाले और द्रौपदी को भरी दरबार में वेश्या कहने वाले के मुख से आज अधर्म की बातें शोभा नहीं देती ....!! 
आज राजनीतिक गलियारा जिस तरह से संविधान की बात कर रही है तो लग रहा है जैसे हम पुनः महाभारत युग में आ गए हैं...
विश्वास रखो महाभारत का अर्जुन नहीं चूका था आज का अर्जुन भी नहीं चूकेगा

*यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारतः!*
*अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानम सृजाम्यहम !*

चुनावी जंग में अमित शाह   जो कुछ भी जीत के लिए पार्टी के लिए कर रहे हैं वह सब उचित है...

.  अटल बिहारी वाजपेयी   की तरह एक वोट का जुगाड़ न करके आत्मसमर्पण कर देना क्या एक राजनीतिक चतुराई थी....???

अटलजी ने अपनी व्यक्तिगत नैतिकता के चलते एक वोट से अपनी सरकार गिरा डाली और पूरे देश को चोर लुटेरों के हवाले कर दिया.....

साम, दाम, भेद, दण्ड राजा या क्षत्रिय द्वारा अपनायी जाने वाली नीतियाँ हैं जिन्हें उपाय-चतुष्ठय (चार उपाय) कहते हैं....

राजा को राज्य की व्यवस्था सुचारु रूप से चलाने के लिये सात नीतियाँ वर्णित हैं ,

उपाय चतुष्ठय के अलावा तीन अन्य हैं- 
माया, उपेक्षा तथा इन्द्रजाल...!!!

राजनीतिक गलियारे में ऐसा विपक्ष नहीं है जिसके साथ नैतिक - नैतिक खेल खेला जाए.... सीधा धोबी पछाड़ आवश्यक है....!!!

*जय हिन्द...*

*One more*
*-:अनजाना इतिहास:-*
बात 1955 की है। सउदी अरब के बादशाह "शाह सऊद"  प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के निमंत्रण पर भारत आए थे। वे 4 दिसम्बर 1955 को दिल्ली पहुँचे जहाँ उनका पूरे शाही अन्दाज़ में स्वागात किया गया शाह सऊद दिल्ली के बाद वाराणसी भी गए। 
सरकार ने दिल्ली से वाराणसी जाने के लिए, "शाह सऊद" के लिए, एक विशष ट्रेन में विशेष कोच की व्यवस्था की। शाह सऊद, जितने दिन वाराणसी में रहे उतने दिनों तक बनारस के सभी सरकारी इमारतों पर "कलमा तैय्यबा" लिखे हुए झंडे लगाए गए थे।😡😡

वाराणसी में जिन जिन रास्तों से "शाह सऊद" को गुजरना था, उन सभी रास्तों में पड़ने वाली मंदिर और मूर्तियों को परदे से ढक दिया गया था। 

इस्लाम की तारीफ़ और हिन्दुओं का मजाक बनाते हुए शायर "नज़ीर बनारसी" ने एक शेर कहा था -👇🏻
*अदना सा ग़ुलाम उनका, गुज़रा था बनारस से॥*
*मुँह अपना छुपाते थे, काशी के सनम-खाने॥*

अब खुद सोचिये कि क्या आज मोदी और योगी के राज में किसी भी बड़े से बड़े तुर्रम खान के लिए ऐसा किया जा सकता है। आज ऐसा करना तो दूर, कोई करने की सोच भी नहीं सकता। हिन्दुओं जबाब दो तुम्हे और कैसे अच्छे दिन देखने की तमन्ना थी ?

*आज भी बड़े बड़े ताकतवर देशों के प्रमुख भारत आते हैं और उनको वाराणसी भी लाया जाता है, लेकिन अब मंदिरों या मूर्तियों को छुपाया नहीं जाता है बल्कि उन विदेशियों को गंगा जी की आरती दिखाई जाती है और उनसे पूजा कराई जाती है।* 🙏
*ये था दोगले कांग्रेसियों का हिंदुत्व दमन😡*
अपने परिचितों एवं ग्रुपों में फॉरवर्ड करें🙏
कुछ को मै जगाता हूँ- कुछ को आप जगाऐं।

         *राष्ट्रधर्म सर्वोपरि🚩*
*🇮🇳जय हिन्द-जय भारत🇮🇳*

बुधवार, 26 अगस्त 2020

सरल संस्कृत: श्री गणेश पंच रत्न स्तोत्र

सरल संस्कृत: श्री गणेश पंच रत्न स्तोत्र!

मुदा करात्त मोदकं सदा विमुक्ति साधकम् ।
कलाधरावतंसकं विलासिलोक रक्षकम् ।
अनायकैक नायकं विनाशितेभ दैत्यकम् ।
नताशुभाशु नाशकं नमामि तं विनायकम् ॥ 1 ॥

नतेतराति भीकरं नवोदितार्क भास्वरम् ।
नमत्सुरारि निर्जरं नताधिकापदुद्ढरम् ।
सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरम् ।
महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम् ॥ 2 ॥

समस्त लोक शङ्करं निरस्त दैत्य कुञ्जरम् ।
दरेतरोदरं वरं वरेभ वक्त्रमक्षरम् ।
कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करम् ।
मनस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम् ॥ 3 ॥

अकिञ्चनार्ति मार्जनं चिरन्तनोक्ति भाजनम् ।
पुरारि पूर्व नन्दनं सुरारि गर्व चर्वणम् ।
प्रपञ्च नाश भीषणं धनञ्जयादि भूषणम् ।
कपोल दानवारणं भजे पुराण वारणम् ॥ 4 ॥

नितान्त कान्ति दन्त कान्ति मन्त कान्ति कात्मजम् ।
अचिन्त्य रूपमन्त हीन मन्तराय कृन्तनम् ।
हृदन्तरे निरन्तरं वसन्तमेव योगिनाम् ।
तमेकदन्तमेव तं विचिन्तयामि सन्ततम् ॥ 5 ॥

महागणेश पञ्चरत्नमादरेण योऽन्वहं ।
प्रजल्पति प्रभातके हृदि स्मरन् गणेश्वरम् ।
अरोगतामदोषतां सुसाहितीं सुपुत्रताम् ।
समाहितायु रष्टभूति मभ्युपैति सोऽचिरात् ॥ 6 ॥

सोमवार, 24 अगस्त 2020

प्रकृति में केंचुआ, तितली, मधु मख्खी, चिड़िया, मेढ़क, गिद्ध, एवं लाभ दायक सूक्ष्म जीवों की महत्ता

*फसल सुरक्षा रसायनों के दुष्परिणामों से सबक लेकर यदि आज मनुष्य नहीं सुधरा तो मानव सभ्यता का अंत निकट है।* 

प्रकृति में केंचुआ, तितली, मधु मख्खी, चिड़िया, मेढ़क, गिद्ध, एवं लाभ दायक सूक्ष्म जीवों की महत्ता को मनुष्य ने जब से नकारा है तब से उसके जीवन मे संकट बढ़े है, फसलों की उत्पादन लागत बढ़ी है, खाद्यान्न, पानी एवं हवा में प्रदूषण बढ़ा है, कृषि योग्य भूमियों में जीवांश कार्बन बनने की प्रक्रिया बन्द हुई है, भूगर्भ जल स्तर का दोहन बढ़ा है। रसायनों के प्रयोग से प्रकृति की व्यवस्था के नाजुक हालत का यदि ईमानदारी से मूल्यांकन किया जाए तो ज्ञात होता है कि अब इस पृथ्वी पर मनुष्य के जीवन की खुशियों का अंत होने वाला है।

 *यदि समय रहते इस विषय पर विचार नहीं हुआ तो मानव सभ्यता खतरे में पड़ सकती है।* 

" *केंचुआ"* 

कृषि योग्य भूमियों में प्रति वर्ग मीटर क्षेत्रफल में लगभग 5 केंचुआ हुआ करता थे। प्रति हेक्टर इनकी संख्या लगभग 50000 होती थी। 
अनुकूल परिस्थितियों में एक केंचुआ जिसका बजन 3 ग्राम होता है प्रति दिन अपने बजन के बराबर जैव पदार्थ खाकर उसे ह्यूमस में बदल देता था। वर्षा काल के 90 दिन केंचुओं के लिए अनुकूल मौसम रहता है। खेत मे पाये जाने वाले केंचुए प्रति वर्ष खेत मे उपलब्ध जैव पदार्थ की मात्रा के अनुसार 15 से 20 कुंटल जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ाते थे। 
कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि नीतियां केंचुए की इस सच्चाई को जानते है तभी किसानों को वर्मी कम्पोस्टिंग के लिए अनुदान दे रही है।

" *तितलियां एवं मधु मख्खियां"* 

पर परागित फसलों में परागण की क्रिया को तितलियां एवं मधु मख्खियां ही सम्पन्न करती है। यह बात कृषि विषयों के पाठ्यक्रमों में पढ़ाई जाती है।
1950 से 80 के दशक के मध्य गांवों के पुराने वृक्षो में मधु मख्खी के छत्ते देखे जाते थे, उस समय हर पुष्प पर तितलियां मंडराया करती थी। परन्तु फसलों को कीटो से सुरक्षा के नाम पर प्रयोग किये गए रसायनों ने तितलियों एवं मधु मख्खियों को नष्ट कर डाला है।
आज नदी, नालों, सड़को एवं जंगलों के अतरिक्त तितलियां एवं मधु मख्खियां कहीं दिखाई नहीं देती है।
पर परागित फसलों जैसे मिर्च, टमाटर, बैगन, भिंडी, चना, मटर, मसूर, अलसी, उर्द मूंग आदि की उपज घटने का मुख्य कारण यही है।

" *मेढ़क"* 

मेढ़क एक ऐसा कीट भक्षी प्राणी था जो गांव, खलिहान एवं खेतों में रहकर मनुष्य में रोग फैलाने वाले मच्छरों पर नियंत्रण बनाये रखता था एवं फसलों में लगने वाले कीटो से फसलों को भी सुरक्षित रखता था। एक अध्ययन के अनुसार वर्षा ऋतु में प्रति हेक्टर 30 से 40 मेढ़क दिखाई दे जाते थे। गांव के प्रत्येक घर के बाहर बने पानी के गड्ढे में 10 से 20 मेढ़क मौजूद रहते थे। गांव के जलासयो में तो मेढकों की संख्या को गिना जाना मुश्किल था। परन्तु आज मेढ़क कहीं भी दिखाई नहीं देते है।
मेढ़क प्रकृति में पाये जाने वाले हानि कारक कीटों को खाकर प्रकृति में संतुलन बनाये रखता था। मेढ़क वर्षा ऋतु बहुत अधिक सक्रिय रहता था, शरद ऋतु में कम एवं ग्रीष्म ऋतु में सुसुप्ता अवस्था मे रहता था। 
परन्तु फसल सुरक्षा रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से आज मेढ़क हमारे बीच नहीं बचा है इसी लिए मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है एवं फ़सलो मे कीटो का प्रकोप बढ़ रहा है।

" *पक्षी"* 

गौरैया, कौवा, कबूतर, तोता, मैना, बुलबुल, पडखी, सारस, हंस, गिद्ध, मोर, बगुला जैसे अनेक पक्षी बहुत अधिक संख्या में पाये जाते थे। यदि धूप में आनाज सुखाना होता था तो परिवार के एक व्यक्ति को चिड़ियों से आनाज की रखवाली के लिए बैठना पड़ता था। जब कोई पशु मर जाता था और उसे गांव के बाहर फेंक दिया जाता था तो गिद्ध उस पशु को कुछ ही घण्टो में खाकर नष्ट कर दिया करते थे।खेत की जुताई के समय अथवा खेत मे पलेवा के समय सैकड़ो बगुला पक्षी फसलों में क्षति पहुंचाने वाले कीटों को खाकर हमारी फसलों की सुरक्षा करते थे। 
परन्तु आज फसल सुरक्षा रसायनो के बढ़ते प्रयोग से हमारे इनमें से बीच कोई पक्षी नहीं बचा है।
चीनी गोरिया को मारा और इस किसान ने कीट प्रबंधन के लिए गौरैया को अपने घर में पालना शुरू किया देखिए वीडियो
https://youtu.be/Dq7UqlgurDo

" *भूमि के लाभ दायक सूक्ष्म जीव"* 

भूमि की उर्वरता को बढ़ाने में एवं अघुलनशील पोषक तत्वों को घुलनशील बनाने में तथा नाना प्रकार की बीमारियों से फसलों को बचाने मे लाभ दायक सूक्ष्म जीवणुओ की उपयोगिता आज देश के समस्त कृषि वैज्ञानिक सहमत है तभी तो विभिन्य प्रकार के बायो फर्टिलाइजर के प्रयोग की सलाह किसानों को दी जाती है। 
आज से चालीस वर्ष पूर्व जब लोग खेतों में शौच क्रिया के लिए जाते थे तब मानव मल एक दो दिन में ही ह्यूमस में बदल जाता था क्योंकि तब हमारी भूमियों में लाभदायक जीव केंचुए एवं अन्य सूक्ष्म जीव पर्याप्त संख्या में थे। सभी को यवद है कि फसलों में  बीमारियां बहुत कम लगती थी क्योंकि फसलों में लगने वाली बीमारियों पर प्रकृति के लाभ दायक जीव नियंत्रण बनाये रखते थे।
परन्तु विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी के इस युग मे पढ़े लिखे मनुष्य ने अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए मानवीय मूल्यों को एवं प्रकृति की व्यवस्था को नजरंदाज कर दिया है। 
और देश के किसानों को यह समझाने में सफल रहा है कि बिना रसायनों के खेती सम्भव नहीं है। स्वार्थी एवं लालची मनुष्य दीमक को दुश्मन बताता है केंचुआ को मित्र बताता है। तितली एवं मधु मख्खी को मित्र बताता है और इल्ली एवं माहू को दुश्मन बताता है।
आज हमारी अज्ञानता ने हमारे जीवन मे काम आने वाले अनेकों जीव जंतुओं को प्रकृति से समाप्त कर दिया है। 
आज देश मे बिकने वाले प्रत्येक कीट नाशक रसायन पर प्रतिबंध है किंतु प्रतिबंध लगाने में जिस चतुराई को अपनाया गया है उससे प्रतिबंध के बावजूद भी सभी रसायन धड़ल्ले से बिक रहे है।
वास्तव में कीट नाशक रसायन के नाम पर हम प्रकृति को नष्ट करते जा रहे है जिसका परिणाम यह हो रहा है कि मनुष्य के जीवन की खुशियां नष्ट होती जा रही है।
यदि फसल सुरक्षा रसायनों के प्रयोग को बन्द करने में देर कि गयी तो मानव सभ्यता खतरे में पड़नी तय है।



रविवार, 23 अगस्त 2020

अपना PH level कैसे बढ़ाएं और बिमारियों से मुक्ति कैसे पायें #MagicWater #covid19 #kengenwater

दोस्तों कई दिनों से हम सोच रहे थे के हम आपको एक ऐसी चीज बताएं जिससे के आपके शरीर के सभी रोग स्वतः ही समाप्त हो जाए---|


 जैसे : डायबिटीज, कैंसर, हार्ट, ब्लड प्रेशर, जोड़ों का दर्द, UTI – पेशाब के रोग, Osteoporosis, सोरायसिस, यूरिक एसिड का बढ़ना, गठिया – Gout, थाइरोइड, गैस, बदहजमी, दस्त, हैजा, थकान, किडनी के रोग, पेशाब सम्बंधित रोग, पत्थरी और अन्य कई प्रकार के जटिल रोग। इन सबको सही करने का सबसे सही और सस्ता उपयोग है शरीर को एल्कलाइन कर लेना।

पहले तो जानिए पी एच लेवल क्या है?

इसको समझने के लिए सबसे पहले आपको PH को समझना होगा, हमारे शरीर में अलग अलग तरह के द्रव्य पाए जाते हैं, उन सबकी PH अलग अलग होती है,

हमारे शरीर की सामान्य Ph 7.35 से 7.41 तक होती है,

PH पैमाने में PH 1 से 14 तक होती है, 7 PH न्यूट्रल मानी जाती है, यानी ना एसिडिक और ना ही एल्कलाइन। 7 से 1 की तरफ ये जाती है तो समझो एसिडिटी यानी अम्लता बढ़ रही है, और 7 से 14 की तरफ जाएगी तो Alkalinity यानी क्षारीयता बढ़ रही है।

अगर हम अपने शरीर के अन्दर पाए जाने

वाले विभिन्न द्रव्यों की PH को Alkaline की तरफ लेकर जाते हैं। तो हम बहुत सारी बीमारियों के मूल कारण को हटा सकते हैं, और उनको हमेशा के लिए Cure कर सकते हैं।

Cancer and PH – कैंसर

उदहारण के तौर पर सभी तरह के कैंसर सिर्फ Acidic Environment में ही पनपते हैं।

क्यूंकि कैंसर की कोशिका में शुगर का ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में Fermentation होता है जिससे अंतिम उत्पाद के रूप में लैक्टिक एसिड बनता है और यही लैक्टिक एसिड Acidic Environment पैदा करता है जिस से वहां पर एसिडिटी बढती जाती है और कैंसर की ग्रोथ बढती जाती है। और ये हम सभी जानते हैं के कैंसर होने का मूल कारण यही है के कोशिकाओं में ऑक्सीजन बहुत कम मात्रा में और ना के बराबर पहुँचता है। और वहां पर मौजूद ग्लूकोस लैक्टिक एसिड में बदलना शुरू हो जाता है।

Gout and PH – गठिया

दूसरा उदहारण है--  Gout जिसको गठिया भी कहते हैं, इसमें रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे रक्त एसिडिक होना शुरू हो जाता है, जितना ब्लड अधिक एसिडिक होगा उतना ही यूरिक एसिड उसमे ज्यादा जमा होना शुरू हो जायेगा। अगर हम ऐसी डाइट खाएं जिससे हमारा पेशाब Alkaline हो जाए तो ये बढ़ा हुआ यूरिक एसिड Alkaline Urine में आसानी से बाहर निकल जायेगा।


UTI and PH – पेशाब का संक्रमण


तीसरा उदहारण है --  UTI जिसको Urinary tract infection कहते हैं, इसमें मुख्य रोग कारक जो बैक्टीरिया है वो E.Coli है, ये बैक्टीरिया एसिडिक वातावरण में ही ज्यादा पनपता है। इसके अलावा Candida Albicanes नामक फंगस भी एसिडिक वातावरण में ही ज्यादा पनपता है। इसीलिए UTI तभी होते हैं जब पेशाब की PH अधिक एसिडिक हो।

Kidney and PH – किडनी

चौथी एक और उदाहरण देते हैं--- किडनी की समस्या मुख्यतः एसिडिक वातावरण में ही होती है, अगर किडनी का PH हम एल्कलाइन कर देंगे तो किडनी से सम्बंधित कोई भी रोग नहीं होगा। मसलन क्रिएटिनिन, यूरिक एसिड, पत्थरी इत्यादि समस्याएँ जो भी किडनी से सम्बंधित हैं वो नहीं होंगी।

वर्तमान स्थिति

आजकल हम जो भी भोजन कर रहें हैं वो 90 प्रतिशत तक एसिडिक ही है, और फिर हमारा सवाल होता है कि हम सही क्यों नहीं हो रहे ? या फिर कहते हैं कि हमने ढेरों इलाज करवाए मगर आराम अभी तक नहीं आया। बहुत दवा खायी मगर फिर भी आराम नहीं हो रहा। तो उन सबका मुख्यः कारण यही है के उनका PH लेवल कम हो जाना अर्थात एसिडिक हो जाना।

आज हम इसी विषय पर बात करेंगे कि
कैसे हम अपना PH level बढ़ाएं और इन बिमारियों से मुक्ति पायें।_

कैसे बढ़ाएं PH level ? --


इन सभी Alkaline क्षारीय खाद्य पदार्थो का सेवन नित्य करिये...


फल –* सेब, खुबानी, ऐवोकैडो, केले, जामुन, चेरी, खजूर, अंजीर, अंगूर, अमरुद, नींबू, आम, जैतून, नारंगी, संतरा, पपीता, आड़ू, नाशपाती, अनानास, अनार, खरबूजे, किशमिश, इमली, टमाटर इत्यादि फल।


- इसके अलावा तुलसी, सेंधा नमक, अजवायन, दालचीनी, बाजरा इत्यादि।

मुख्य बात --: आज सभी घरों में कंपनियों का पैकेट वाला आयोडीन सफेद नमक प्रयोग हो रहा है, ये धीमा ज़हर है, यह अम्लीय(acidic) होता है और इसमें सामान्य से आयोडीन की अधिक मात्रा भी होती है, जो अत्यंत घातक है शरीर के लिए।  इस नमक से हृदय रोग, थाइरोइड, कैंसर, लकवा, नपुंसकता, मोटापा, एसिडिटी, मधुमेह, किडनी रोग, लिवर रोग,बाल झड़ना, दृष्टि कम होना जैसे अनेको रोग काम आयु से बड़े आयु तक के सभी घर के सदस्यों को हो रहे हैं। जो पैकेट नमक के प्रयोग से पूर्व कभी नही होते थे। इसलिए आयोडीन की कमी का झूठ फैलाकर बीमारी का सामान हर घर तक पहुंचाया गया, जिसने दवाइयों के कारोबार को अरबो, खरबो का लाभ पहुंचाया है।

इसके विकल्प के रूप में आज से ही सेंधा नमक का प्रयोग शुरू कर दीजिए। यह पूरी तरह से प्राकृतिक और क्षारीय (Alkaline) होता है और आयोडीन भी सामान्य मात्रा में होता है। अन्यथा आपके सारे उपचार असफल सिद्ध होते रहेंगे, क्योंकि हर भोजन को सफेद नमक ज़हरीला बना देगा, चाहे कितनी अच्छी सब्जी क्यों न बनाएं आप।

AlkaLine Water बनाने की विधि


रोगी हो या स्वस्थ उसको यहाँ बताया गया ये Alkaline Water ज़रूर पीना है।


इसके लिए ज़रूरी क्षारीय सामान –―


1 निम्बू,

25 ग्राम खीरा,

5 ग्राम अदरक,

21 पोदीने की पत्तियां,

21 पत्ते तुलसी,

आधा चम्मच सेंधा नमक,

चुटकी भर मीठा सोडा।


अभी इन सभी चीजों को लेकर पहले छोटे छोटे टुकड़ों में काट लीजिये, निम्बू छिलके सहित काटने की कोशिश करें। एक कांच के बर्तन में इन सब चीजों को डाल दीजिये और इसमें डेढ़ गिलास पानी डाल दीजिये, पूरी रात इस पानी को ढक कर पड़ा रहने दें। और सुबह उठ कर शौच वगैरह जाने के बाद खाली पेट सब से पहले इसी को छान कर पीना है। छानने से पहले इन सभी चीजों को हाथों से अच्छे से मसल लीजिये और फिर इसको छान कर पीजिये। फिर चमत्कार होते देखिए।

Alkaline के लिए दूसरी विधि

Kangen पानी

Kangen पानी एल्कलाइन होता हैं जो हमारे शरीर में एसिडिटी के स्तर को नियंत्रित करता हैं. जो हमारे पाचन क्रिया को बेहतर बनाता हैं और जो शरीर में कैंसर, कोलेस्ट्रॉल आदि गंभीर बीमारियों के होने की सम्भावना को बहुत ही कम कर देता हैं.

KANGEN वाटर मशीन

इस मशीन की कीमत 2,50,000 से लेकर 7,50,000 रूपये हैं. मुख्य रूप से यह चार अलग-अलग केटेगरी में उपलब्ध हैं. हर मशीन की अपनी अलग क्षमता हैं. इनमे कोई मशीन 6 लीटर पानी प्रति मिनिट और कोई मशीन 3 लीटर प्रति मिनिट पानी फ़िल्टर करती हैं. यह मशीन 5 साल की वारंटी के साथ मिलती हैं और इस मशीन की लाइफ 15 से 20 साल की होती हैं.

Kangen वाटर के गुण और फायदे 
(Kangen Water Benefits)

इस मशीन के द्वारा प्राप्त पानी में एंटी ओक्सिडेंट, एल्कलाइन और माइक्रो क्लस्टर्स का गुण होता हैं.

एंटी ओक्सिडेंट (Anti Oxident)

मनुष्य का शरीर अपने नियमित दिनचर्या के अनुसार अपने भोजन के द्वारा ORP (ऑक्सीडेशन रिडक्शन पोटेंशियल) ग्रहण करता हैं. ये OPR हमें शरीर में जल्दी से नए टिश्यू का निर्माण करती है. आसान शब्दों में कहा जाये तो यह मनुष्य की बुढा होने की प्रक्रिया को धीरे करती है. जिससे आदमी अधिक उम्र में भी जवान दिखता हैं. सामान्य भोजन और जूस में -100 ORP होते हैं. परन्तु केंजेन वाटर में -400 ORP होते हैं.

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 हम अच्छे से अच्छा खाते है  और अच्छे से अच्छा पीते है ।

तो हम आज तक अपने परिवार की

 Life style disease को दुर क्यो नही कर पा रहे है ।

जबकि हमारे पास अच्छे  Doctor / वैद्य और food supplements है ,

हम उनसे इलाज और इस्तेमाल भी करवा रहे है फिर भी हमे इन बीमारीयो छुटकारा नही मिल पा रहा है ।

कारण एक है :-   हमारे पीने का  पानी (Water ) । 

जी हाँ .......

अगर आप इनमें से कोई पानी पी रहे है तो .........     

🔥### सावधान ###🔥

साधारण पानी    Acidic 🔥

RO Water         Acidic +🔥  

Bottle water     Acidic ++🔥🔥

Soft Drink.      Acidic +++🔥🔥🔥


आपके स्वस्थ के साथ खिलवाड़ का कारण 
 Acidic🔥 Water  है

क्योकि हमारे शरीर मे 60% से 80% पानी है ,

अगर आप अच्छा  पानी  ( प्राणदायी जीवित💧पानी ) पीना चाहते है 

            और

अपने परिवार को भी अच्छा पानी   ( Healthy💧water )

प्राणदायी पानी { live Water } पिलाना चाहते है ......   

तो ये

 आपके House / farm house के लिए एक Unique मेडिकल device , जो कि आपके house / farm house की शान तो बढ़ाता ही है और साथ ही bacteria free भी करता है !

क्योंकि आपका lifestyle दुसरो से बिल्कुल अलग है !

this is why we drink FRESHLY Alkalized Ionized Water - in the modern lifestyle we are completely surrounded by acid-forming elements:

- meat

- alcohol

- coffee

- sugar

- stress

- lack of sleep

- air conditioning

- phone radiation

- wifi

- carbonated beverages

- yes including mineral and bottled RO  waters,

.

educate yourself  because you can take  preventative health and

 intelligent choices.

Furthermore, 95% of people living in cities are chronically dehydrated - mostly attributed to the lack of pleasure in drinking tap water and the cost and inconvenience of bottled water in addition to the effects of acidic beverages and foods.

We can all take our health to another level: hook up an Enagic ionizer at the home or  office, drink FRESHLY Aalkaline water on the regular, watch your digestion, skin and energy levels soar! alkaline diet alkaline water kangen water anti inflammatory, antibacterial, anti-oxidant and hydrogen rich.

The Water Revolution is here. Come and Join Hands ✋ ✋ ✋

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हमारे शरीर में 70% पानी  है.  

 ये एक सच्चाई है और हमारे वैज्ञानिकों ने भी माना है कि हमारे शरीर का आधार पानी है तो हम बार-बार ये क्यों कहते है कि ये खा लो वो खा लो जब कि हमें पता है :- 

जल ही जीवन है ! '


यहा ये सवाल उठता है कि कौन सा पानी 

1. साधारण नल का पानी 

2. RO. का पानी 

3. बोतल बंद पानी

4.फ़ूड सुप्लीमेंट / दवाई  जीवन नही है l


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एसिडिटी , 

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सूजन , दर्द , लीवर , 

किडनी , कोलेस्ट्रॉल , Varicose vein , Heart disease , Blood Pressure , Arthritis, Obesity,  Gastrointestinal diseases, Alzheimer, Parkinson और कैंसर जैसी परेशानी मे तुरन्त आराम मिलता हैं 

अपना पीने का पानी बदले. USE NECTAR, AVOID POISON. 


Kangen वाटर के गुण और फायदे 
(Kangen Water Benefits)

इस मशीन के द्वारा प्राप्त पानी में एंटी ओक्सिडेंट, एल्कलाइन और माइक्रो क्लस्टर्स का गुण होता हैं.

एंटी ओक्सिडेंट (Anti Oxident)

मनुष्य का शरीर अपने नियमित दिनचर्या के अनुसार अपने भोजन के द्वारा ORP (ऑक्सीडेशन रिडक्शन पोटेंशियल) ग्रहण करता हैं. ये OPR हमें शरीर में जल्दी से नए टिश्यू का निर्माण करती है. आसान शब्दों में कहा जाये तो यह मनुष्य की बुढा होने की प्रक्रिया को धीरे करती है. जिससे आदमी अधिक उम्र में भी जवान दिखता हैं. सामान्य भोजन और जूस में -100 ORP होते हैं. परन्तु केंजेन वाटर में -400 ORP होते हैं.
Kangen Water in Hindi

एल्कलाइन

Kangen पानी एल्कलाइन होता हैं जो हमारे शरीर में एसिडिटी के स्तर को नियंत्रित करता हैं. जो हमारे पाचन क्रिया को बेहतर बनाता हैं और जो शरीर में कैंसर, कोलेस्ट्रॉल आदि गंभीर बीमारियों के होने की सम्भावना को बहुत ही कम कर देता हैं.

KANGEN वाटर मशीन

इस मशीन की कीमत 2,18000 से लेकर 3,97,000 रूपये हैं. मुख्य रूप से यह चार अलग-अलग केटेगरी में उपलब्ध हैं. हर मशीन की अपनी अलग क्षमता हैं. इनमे कोई मशीन 6 लीटर पानी प्रति मिनिट और कोई मशीन 3 लीटर प्रति मिनिट पानी फ़िल्टर करती हैं. यह मशीन 5 साल की वारंटी के साथ मिलती हैं और इस मशीन की लाइफ 15 से 20 साल की होती हैं.

Magical Water




To stop illness.. Keep safety,

treatment without medicine.. Just WATER THERAPY.

CALL FOR DEMO.... 

Kailash Chandra Ladha
9352174466

#MagicWater #covid19 #kengenwater


ये सूचना आपके परिवार का स्वास्थ्य ओर आपकी शान बढा सकती है #MagicWater

किसी ने क्या खुब कहा है :-  स्वस्थ शरीर  निरोगी काया 


हम सबकी पहली आकंक्षा होनी चाहिए ।

ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी है , 
खुद को और अपने परिवार को स्वस्थ रखने की .....

चाहते हुए भी हम खुद को और अपने परिवार को स्वस्थ नही रख पा रहे है .

जबकि हम अच्छे से अच्छा खाते है  और अच्छे से अच्छा पीते है ।

तो हम आज तक अपने परिवार की

 Life style disease को दुर क्यो नही कर पा रहे है ।

जबकि हमारे पास अच्छे  Doctor / वैद्य और food supplements है ,

हम उनसे इलाज और इस्तेमाल भी करवा रहे है फिर भी हमे इन बीमारीयो छुटकारा नही मिल पा रहा है ।


कारण एक है :-   हमारे पीने का  पानी (Water ) । 

जी हाँ .......

अगर आप इनमें से कोई पानी पी रहे है तो .........     

🔥### सावधान ###🔥

साधारण पानी    = Acidic 🔥

RO Water         = Acidic +🔥  

Bottle water     = Acidic ++🔥🔥

Soft Drink.      = Acidic +++🔥🔥🔥


आपके स्वस्थ के साथ खिलवाड़ का कारण 
 Acidic🔥 Water  है

क्योकि हमारे शरीर मे 60% से 80% पानी है ,

अगर आप अच्छा  पानी  ( प्राणदायी जीवित💧पानी ) पीना चाहते है 

            और

अपने परिवार को भी अच्छा पानी   ( Healthy💧water )

प्राणदायी पानी { live Water } पिलाना चाहते है ......   

तो ये

 आपके House / farm house के लिए एक Unique मेडिकल device , जो कि आपके house / farm house की शान तो बढ़ाता ही है और साथ ही bacteria free भी करता है !

क्योंकि आपका lifestyle दुसरो से बिल्कुल अलग है !

this is why we drink FRESHLY Alkalized Ionized Water - in the modern lifestyle we are completely surrounded by acid-forming elements:

- meat

- alcohol

- coffee

- sugar

- stress

- lack of sleep

- air conditioning

- phone radiation

- wifi

- carbonated beverages

- yes including mineral and bottled RO  waters,

.

educate yourself  because you can take  preventative health and

 intelligent choices.

Furthermore, 95% of people living in cities are chronically dehydrated - mostly attributed to the lack of pleasure in drinking tap water and the cost and inconvenience of bottled water in addition to the effects of acidic beverages and foods.

We can all take our health to another level: hook up an Enagic ionizer at the home or  office, drink FRESHLY Aalkaline water on the regular, watch your digestion, skin and energy levels soar! alkaline diet alkaline water kangen water anti inflammatory, antibacterial, anti-oxidant and hydrogen rich.

The Water Revolution is here. Come and Join Hands ✋ ✋ ✋

Magical Water..  - To stop illness. Keep safety,
treatment without medicine.. Just WATER THERAPY.


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हमारे शरीर में 70% पानी  है.  

 ये एक सच्चाई है और हमारे वैज्ञानिकों ने भी माना है कि हमारे शरीर का आधार पानी है तो हम बार-बार ये क्यों कहते है कि ये खा लो वो खा लो जब कि हमें पता है :- 

जल ही जीवन है ! '

यहा ये सवाल उठता है कि कौन सा पानी 

1. साधारण नल का पानी 

2. RO. का पानी 

3. बोतल बंद पानी

4.फ़ूड सुप्लीमेंट / दवाई  जीवन नही है l


MAGICAL WATER

केंगेन पानी पीने से आपको 

एसिडिटी , 

यूरिक एसिड ,

सूजन , दर्द , लीवर , 

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अपना पीने का पानी बदले. USE NECTAR, AVOID POISON. 

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Kailash Chandra Ladha

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अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करे :- 

+919352174466 (whatsapp)

Email: P4pariwar@gmail.com

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Networking Business क्यो जरूरी है आज सभी समझ जाओ वरना जिंदगी भर पछताओगे

*Networking  Business क्यो जरूरी है
 आज सभी समझ जाओ वरना जिंदगी भर पछताओगे।*🔽

⌚TIME = MONEY💵💰

*●एक इंसान पूरी जिंदगी में  कितना काम करता है आओ जानते हैं-*
 1(एक इंसान)   X  10 (रोज कार्य घंटे)   X    30 (दिन) X  12 ( महीने)   
    X   40 (साल कीजिंदगी)  
= 144000 घंटे ,

*एक इंसान पूरी जिंदगी मे अकेले इससे ज्यादा काम चाहकर भी नहीं सकता है*
इससे फर्क नहीं पडता कि सैलरी कितनी भी  हो ,चाहे वो 10 हजार हो या 50 हजार हो या 2 लाख हो,चाहे वो HCL का या  IBM का Top Level का SOFTWARE ENG ही क्यो ना हो, अगर वो अकेला JOB कर रहा है; तो वो Hard Work ही कर रहा है।

*●SCIENCE और Economy का एक Survey कहता है---*
               महगाई  रेशियो
😎 वैज्ञानिक का नाम-- आमृतसेन
   *20  वर्ष् का अन्तराल*
  1920 ------   1₹  में घर चलता था 
  1940 ------   10₹ में घर चलता था
  1960 ------   100₹ में घर चलता था
  1980 ------   1000₹ में घर चलता था
   2000 ------   10000₹ में घर चलता था
   2020 ------   1 लाख ₹ चहिये ही चाहिये 

आप सोच सकते है कि जो इंसान सन् 2000 में एक महीने का 10000 ₹  कमाता था तो उसका  घर - परिवार सुखी से रहता था।
इसी तरह सन् 2020 तक जो इंसान महीने का 1 लाख रुपये  नहीं कमायेगा वो जिंदगी जियेगा नहीं बल्कि काटेगा । इसका एक ही सैलुसन है।

*→✩ HARD WORK की सोच को बदलकर 2020 आने से पहले SMART WORK को अपना लेना ही जिंदगी की सबसे बडी उपलब्धि है।*
           अब देखते हैं कि Smart Work किसे कहते हैं,जो BUSINESSMAN और Net worker करते हैं - 
           पूरी दुनिया में सबके पास बराबर 24 घंटे है , आइये जानते है कि नौकरी  वाले और बिजनेसमैन/ नेटवर्कर अपने काम करने वाले 10 घंटे कैसे इस्तेमाल करते है -

         *नौकरी वाला-*
10+10+10+10+10+10 = 60 घंटे हफ्ता X  4 = 240 घंटे
240 घंटे X 6 =1440 घंटे 6 महीने अकेले काम करने पर,

           *बिजनेसमैन/ नेटवर्कर-*
10 X 10 X 10 X 10 X 10...................
10 X (6बार) हर महीने सिर्फ 10 लोगों की टीम बनाने पर
1X10=10
10X10=100
100X10= 1000
1000X10=10000
10000X10=100000
100000X10=1000000
10 लाख घंटे 6 महीने तक टीम के साथ काम करने पर,

और अगर टीम मैं सिर्फ और सिर्फ 1000 ही लोग हो तो

1000 ( लोग) X 10 (घंटे) X 15 ( दिन)= 150000 घंटे

      यानि कि जो काम *एक पढा लिखा इंसान पूरी जिंदगी में कर पाता है* 
वही काम *एक कम पढा लिखा या अनपढ भी, और पढे लिखे  इंसान* भी सिर्फ और सिर्फ 

 *1000* लोगों की टीम बनाकर 365 दिन में कर लेता हैं तो पूरी जिंदगी का पैसा *365*दिन में  भी कमाया जा सकता है।
 
            सिर्फ इसी ताकत की वजह से बहुत सारे कम पढे लिखे लोग भी *कम समय में करोडपती* बन जाते हैं,और बहुत सारे नौकरी की मानसिकता वाले 95% बहुत समझदार और पढे लिखे लोग इस बात को पचा नहीं पाते और जो यकीन नहीं करते,और वहीं के वहीं रह जाते हैं ,और जो यकीन कर लेते हैं वो *SUCCESS*  हो जाते हैं और *करोडपती* बन जाते हैं। और इससे कोई फर्क नहीं पडता कि  वे अनपढ है, या कम पढे लिखे है, या PHD Holder हैं।

   *बदलते वक्त के साथ जो खुद  को बदल लेता है*
SUCCESS ,उसके कदमों मैं.   --

Kailash Chandra Ladha 
9352174466

शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

वैदिक घड़ी - देखिये आपकी घड़ी क्या कहती है

*वैदिक घड़ी*

*देखिये आपकी घड़ी क्या कहती है*

◆ 12:00 बजने के स्थान पर आदित्या: लिखा हुआ है, जिसका अर्थ यह है कि सूर्य 12 प्रकार के होते हैं...

अंशुमान, अर्यमन, इंद्र, त्वष्टा, धातु, पर्जन्य, पूषा, भग, मित्र, वरुण, विवस्वान और विष्णु

◆ 1:00 बजने के स्थान पर ब्रह्म लिखा हुआ है, इसका अर्थ यह है कि ब्रह्म एक ही प्रकार का होता है।
एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति

◆ 2:00 बजने की स्थान पर अश्विनौ लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि अश्विनी कुमार दो हैं।

◆ 3:00 बजने के स्थान पर त्रिगुणा: लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य यह है कि गुण तीन प्रकार के हैं।

सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण।

◆ 4:00 बजने के स्थान पर चतुर्वेदा: लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य यह है कि वेद चार प्रकार के होते हैं।

ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।

◆ 5:00 बजने के स्थान पर पंचप्राणा: लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य है कि प्राण पांच प्रकार के होते हैं।

अपान, समान, प्राण, उदान और व्यान

◆ 6:00 बजने के स्थान पर षड्र्सा: लिखा हुआ है, इसका तात्पर्य है कि रस 6 प्रकार के होते हैं।

मधुर, अमल, लवण, कटु, तिक्त और कसाय

◆ 7:00 बजे के स्थान पर सप्तर्षय: लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि सप्त ऋषि 7 हुए हैं।

कश्यप, अत्रि, भरद्वाज , विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ

◆ 8:00 बजने के स्थान पर अष्ट सिद्धिय: लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि सिद्धियां आठ प्रकार की होती है।

अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्व और वशित्व

◆ 9:00 बजने के स्थान पर नव द्रव्यणि अभियान लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि 9 प्रकार की निधियां होती हैं।

पद्म, महापद्म, नील, शंख, मुकुंद, नंद, मकर, कच्छप, खर्व

◆ 10:00 बजने के स्थान पर दशदिशः लिखा हुआ है, इसका तात्पर्य है कि दिशाएं 10 होती है।

पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, आकाश, पाताल

◆ 11:00 बजने के स्थान पर रुद्रा: लिखा हुआ है, इसका तात्पर्य है कि रुद्र 11 प्रकार के हुए हैं।

कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, अहिर्बुध्न्य, शम्भु, चण्ड और भव

*सनातन धर्म मे प्रत्येक वस्तु कुछ न कुछ अवश्य सिखाती है...शिव ✍🏻🔱👣*

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