सभी को देख लिया,
जीवन को उसकी संपूर्णता में जी लेने में भी ,
परस्पर संबंधों में भी, और स्वास्थ्य की आखिरी जंग में भी जीवन-दर्शन निर्धारक होता है, जीवन चर्या नहीं !!
जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
क्योंकि समुद्र में डूबे टाइटैनिक की खोज करनेवाली बोट पर जाने का उसका मकसद यही था.
यदि आप इसपर विचार करें तो- बहुत अधिक वृद्ध और कमज़ोर होने के बाद भी रोज़ ने बीच समुद्र में स्थित बोट तक जाने के लिए यात्रा करने का कष्ट क्यों उठाया? क्या उसने ऐसा केवल अपनी लंबी दुखद कहानी सुनाने के लिए किया, जिसे वह फोन पर भी या टाइटैनिक के अन्वेषकों को उनके तट पर लौटने के बाद भी सुना सकती थी?
रोज़ केल्दाइश नामक उस बोट पर इसलिए जाना चाहती थी क्योंकि वह टाइटैनिक की समाधिस्थल के ठीक ऊपर थी. उसने अन्वेषकों को अपनी कहानी इसलिए सुनाई क्योंकि वह उसके जीवन का सार और गहरा रहस्य था, जिसे सुना जाना ज़रूरी था. वह जैक के त्याग और अपने जीवन में उसके स्थान के बारे में अंततः सबको बताकर उसे वह सम्मान दिलाना चाहती थी जिसका वह हकदार था.
रोज़ ने अन्वेषकों को अपनी दुखांत कहानी का छोटे-से-छोटा किस्सा भी तफ़सील से सुनाया, और उस स्थान पर सुनाया जो इस काम के लिए सर्वथा उपयुक्त था. यह वह जगह थी जहां जैक ने रोज़ के लिए अपने जीवन को दांव पर लगा दिया था.
फिर रोज़ ने वह काम किया जिसे करने के लिए वह वहां गई थी. उसने वह हीरे का हार समुद्र को वापस सौंप दिया. ऐसा करने के पीछे कुछ खास वजह थी.
पहली यह कि फ़िल्म दर्शकों को यह बताना चाहती थी कि हीरे का वह हार उस समय तक रोज़ के पास ही था. वह चाहती तो उसे बेचकर अमेरिका में अपनी नई ज़िंदगी की शानदार शुरुआत कर सकती थी, क्योंकि हादसे से बचने के बाद उसके पास कुछ भी नहीं था. वह हादसे से पहले के जीवन का अपना नाम उपयोग में नहीं लाना चाहती था, क्योंकि तब उसका मंगेतर उसे खोज लेता और उसे विवाह करने पर मजबूर कर देता. हीरे का वह हार उसके पास अंत समय तक होने से यह बात साबित होती थी कि उसने अमेरिका में अपने जीवन की शुरुआत शून्य से की, और उसके किरदार को स्थापित करने के लिए यह बात बहुत महत्वपूर्ण है. हीरे के हार को अंत में समुद्र में अर्पित कर देना उसके लिए बहुत ज़रूरी बन गया था. यह हमें बताता है कि रोज़ बहुत मजबूत व्यक्तित्व के रूप में विकसित हुई थी.
दूसरी बात यह है कि इस बात से हमें इसका पता चलता है कि रोज़ जैक से ताउम्र प्रेम करती रही, हालांकि उसने हादसे के बाद किसी से विवाह भी कर लिया था. लेकिन अपने हृदय के एक कोने में उसने जैक को हमेशा संजो कर रखा. वह उसे और उसके त्याग को कभी नहीं भूली.
अंत में, हीरे के हार को समुद्र में छोड़ते समय वह जैक को मुक्त कर देती है. हार को पानी में छोड़ते हुए वह यह सुनिश्चित कर देती है कि कोई और इसे कभी न प्राप्त कर सके. वह जैक के स्मृतिचिह्न को उसे वापस कर देती है. यही कारण है कि वह टाइटैनिक की समाधिस्थल पर तैर रही नौका तक गईः ताकि कोई दूसरी स्त्री कभी भी उस हार को नहीं पहन सके या रोज़ की मृत्यु होने के बाद उसे बेचकर रूपयों में बदल सके. हीरे के उस हार का नाम था "the Heart of the Ocean". और रोमानी भाव में कहें तो रोज़ का हृदय ही वह हार था. और इस हृदय पर केवल जैक का ही अधिकार था.
"स्त्री का हृदय रहस्यों का गहरा सागर है - A woman's heart is a deep ocean of secrets."
उस हार को तिलांजलि देकर रोज़ अपने जीवन के हर रहस्य को उस स्थान पर मुक्त कर देती है जहां उनका जन्म हुआ था.
ट्रैफिक पुलिस गाड़ी की चाभी निकाल ले तो क्या करना चाहिए?
सांकेतिक फ़ोटो गूगल से प्राप्त।।
पुलिस द्वारा वाहन से चाबी निकालना गैरकानूनी है। अगर कोई पुलिसकर्मी ऐसा करता है तो वह पुलिस विभाग और मोटर वाहन एक्ट द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहा है।
किसी भी पुलिसकर्मी को आपके वाहन की चाबी निकालने का अधिकार नहीं है। पुलिस विभाग में दायर सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी के अनुसार कोई भी पुलिसकर्मी चाहे वह किसी भी रैंक का हो, किसी भी दोपहिया, तिपहिया या चारपहिया वाहन की चाबी नहीं निकल सकता है।
नए मोटर वाहन एक्ट 2019 में ये निर्देश दिया गया है कि सिर्फ सहायक सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) या उससे ऊपर के रैंक के ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ही ट्रैफिक उल्लंघन के लिए चालान या नोटिस देने के लिए अधिकृत हैं। एएसआई (वन-स्टार), सब-इंस्पेक्टर (टू-स्टार) और इंस्पेक्टर (थ्री-स्टार) रैंक के अधिकारी केवल स्पॉट जुर्माना जमा करने के लिए अधिकृत हैं।
अगर ट्रैफिक पुलिस वाले चेकिंग के नाम पर आपसे बदसलूकी करते हैं या गाली गाली-गलौज या मारपीट करते हैं तो आप इसके खिलाफ नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत कर सकते हैं या 100 नंबर पर डायल कर पुलिस हेल्पलाइन में इसकी शिकायत कर सकते हैं।
यदि इसपर भी कार्रवाई नहीं हो तो मामले को हाईकोर्ट में ले जा सकते हैं। पुलिस वाले के खिलाफ नागरिक और मानवाधिकार हनन का केस डालिये। इससे उक्त पुलिसकर्मी ससपेंड हो सकता है और उसे बचने वाले पुलिस अधिकारीयों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
हमेशा ध्यान रखें की मोटर वाहन एक्ट पुलिसकर्मी को गुंडा गर्दी करने का अधिकार नहीं देता। वो सिर्फ चलन काट सकते हैं और गाड़ी जब्त कर सकते हैं। पुलिसकर्मी सिर्फ हाथ से इशारा कर गाड़ी रुकवा सकते हैं। अगर कोई वाहन नहीं रोकता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अधिकार है। पुलिसकर्मी को प्रदूषण स्तर का सर्टिफिकेट चेक करने का अधिकार है।