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गुरुवार, 13 जनवरी 2022

आयुष मंत्रालय से योग सर्टिफिकेट प्राप्त करने का सुनहरा अवसर 14 January 2022


 !! खुशखबर !!


भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीन योग सर्टिफिकेशन बॉडी से सर्टिफिकेट प्राप्त करने का सुनहरा अवसर, वो भी बिना एक रुपया खर्च किये

आगामी १४ जनवरी मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने देश भर में 75 लाख सामूहिक सूर्यनमस्कार का लक्ष्य रखा है |
आप सभी से आग्रह है की नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक करके अपना और अपने परिवार का, साथ ही अधिक से अधिक रजिस्ट्रेशन इस आयोजन हेतु करवाए | इस में रजिस्ट्रेशन कर सूर्यनमस्कार आयोजन का सहभागी बनाने पर आपको योग सर्टिफिकेशन बॉडी की तरफ से एक आकर्षक प्रमाण पत्र दिया जाएगा जो की किसी भी निजी/अर्धसरकारी रोजगार के आवेदन करते समय आपकी योग्यता में वृद्धि करने में सहायक होगा | साथ ही सामूहिक सूर्यनमस्कार के इस सामूहिक आयोजन के माध्यम से देश में स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक वातावरण बनाने में भी आपकी सक्रिय भूमिका रहेगी |


रजिस्ट्रेशन हेतु लिंक -  
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdNVeXm__WaLqeMsjTxcVvCIZBm8kyZPSgkC2Lo73hrrD9Org/viewform

तो फिर देर किस बात की है ?  

तुरंत अपना, अपने परिवार का, अपने मित्रो, परिचितों को प्रेरित कर तुरंत रजिस्ट्रेशन करे जिससे सर्टिफिकेट के साथ ही देश के साथ सदैव खड़े होने का गौरव प्राप्त करे |

महत्वपूर्ण -

रजिस्ट्रेशन के बाद आपको १४ जनवरी को अपने सूर्यनमस्कार के वीडियोज को अपने खुद के फेसबुक/ट्विटर/telegram/इन्स्टाग्राम आदि सोशल मीडिया अकाउंट पर निम्न *हैशटेग के साथ अपलोड अवश्य करना है |


#75LakhSuryaNamaskar #MsplYoga #AmritMahotsav #Ayush #YCB #YcbCertification

सूर्यनमस्कार की अधिक जानकारी हेतु निम्न विडियो देखे -
https://youtu.be/USs5FUwjXLM


https://sanwariyaa.blogspot.com/2022/01/12.html


बुधवार, 12 जनवरी 2022

अंत समय में जटायु को प्रभु "श्रीराम" की गोद की शय्या मिला.!**लेकिन भीष्म पितामह को मरते समय बाण की शय्या मिली.!*

*🌹नारी तू नारायणी🌹*

     
*जब रावण ने जटायु के दोनों पंख काट डाले तब काल उसको लेने आया !!*

*और जैसे ही काल आया गिद्धराज जटायु ने मौत को ललकार कहा "खबरदार ! ऐ मृत्यु ! आगे बढ़ने की कोशिश मत करना...*
*मैं मृत्यु को स्वीकार तो करूँगा...*

*लेकिन तू मुझे तब तक नहीं छू सकती जब तक मैं सीता जी की सुधि प्रभु "श्रीराम" को नहीं सुना देता...!*

*मौत उन्हें छू नहीं पा रही है काँप रही है खड़ी हो कर...मौत तब तक खड़ी रही, काँपती रही जब तक जटायु ने प्राण नही त्यागे*

*यही इच्छा मृत्यु का वरदान जटायु को मिला।*

*किन्तु महाभारत के भीष्म पितामह छह महीने तक बाणों की शय्या पर लेट करके मौत का इंतजार करते रहे...*


*आँखों में आँसू हैं रो रहे हैं भगवान मन ही मन मुस्कुरा रहे हैं...!*

*कितना अलौकिक है यह दृश्य...*
*रामायण मे जटायु भगवान की गोद रूपी शय्या पर लेटे हैं...! प्रभु "श्रीराम" रो रहे हैं और जटायु हँस रहे हैं..!!*

*वहाँ महाभारत में भीष्म पितामह रो रहे हैं और भगवान "श्रीकृष्ण" हँस रहे हैं.*
*भिन्नता प्रतीत हो रही है कि नहीं.?*


*अंत समय में जटायु को प्रभु "श्रीराम" की गोद की शय्या मिला.!*

*लेकिन भीष्म पितामह को मरते समय बाण की शय्या मिली.!*

*जटायु अपने कर्म के बल पर अंत समय में भगवान श्री राम की गोद रूपी शय्या में प्राण त्याग रहे है*

*और बाणों पर लेटे लेटे भीष्म पितामह रो रहे हैं.!*

*ऐसा अंतर क्यों.?*

*ऐसा अंतर इसलिए है कि भरे दरबार में भीष्म पितामह ने द्रौपदी की इज्जत को लुटते हुए देखा था पर विरोध नहीं कर पाये थे.!*

*दुःशासन को ललकार देते.*
*दुर्योधन को ललकार देते.*
*लेकिन द्रौपदी रोती रही.*
*बिलखती रही चीखती रही चिल्लाती रही.*
*लेकिन भीष्म पितामह सिर झुकाये बैठे रहे.*
*नारी की रक्षा नहीं कर पाये!*

*उसका परिणाम यह निकला कि इच्छा मृत्यु का वरदान पाने पर भी बाणों की शय्या मिली !*

*और जटायु ने नारी का सम्मान किया अपने प्राणों की आहुति दे दी तो मरते समय भगवान "श्रीराम" की गोद की शय्या मिली.!*

*जो दूसरों के साथ गलत होते देखकर भी आंखें मूंद लेते हैं उनकी गति भीष्म जैसी होती है*

*और जो अपना परिणाम जानते हुए भी औरों के लिए संघर्ष करते है, उसका माहात्म्य जटायु जैसा कीर्तिवान होता है!!*

शुभ प्रभात 🙏🙂🌹

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