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गुरुवार, 7 मार्च 2019

मोदी भारत के लिए राजनीतिक औषधि है

 आयुर्वेद में शहद को अमृत के समान माना गया हैं और मेडिकल साइंस भी शहद को सर्वोत्तम पौष्टिक और एंटीबायोटिक भंडार मानती हैं लेकिन आश्चर्य इस बात का हैं कि शहद की एक बूंद भी अगर कुत्ता चाट ले तो वह तुरन्त मर जाता हैं यानी जो मनुष्यों के लिये अमृत हैं वह शहद कुत्ते के लिये साइनाइड हैं..!!!

# देशी_घी शुद्ध देशी गाय के घी को आयुर्वेद अमृत मानता हैं और मेडिकल साइंस भी इसे अमृत समान ही कहता हैं पर आश्चर्य ये हैं कि मक्खी घी नही खा सकती अगर गलती से देशी घी पर मक्खी बैठ भी जाये तो अगले पल वह मर जाएगी इस अमृत समान घी को चखना मक्खी के भाग्य में नही होता!

# मिश्री .. इसे भी अमृत के समान मीठा माना गया हैं आयुर्वेद में हाथ से बनी मिश्री को अमृत तुल्य बताया गया हैं और मेडिकल साइंस हाथ से बनी मिश्री को सर्वोत्तम एंटबायोटिक मानता है लेकिन आश्चर्य हैं कि अगर खर ( # गधे) को एक डली मिश्री खिला दी जाए तो अगले ही पल उसके प्राण पखेरू उड़ जाएंगे! ये अमृत समान मिश्री खर नही खा सकता हैं !!!

नीम के पेड़ पर लगने वाली पकी हुई # निम्बोली में सब रोगों को हरने वाले गुण होते हैं और आयुर्वेद उसे अमृत ही कहता हैं मेडिकल साइंस भी नीम के बारे में क्या राय कहता हैं आप जानते होंगे! लेकिन आश्चर्य ये हैं कि रात दिन नीम के पेड़ पर रहने वाला # कौवा अगर गलती से निम्बोली को चख भी ले तो उसका गला खराब हो जाता हैं अगर निम्बोली खा ले तो कौवे की मृत्यु निश्चित हैं....!!!
इस धरती पर ऐसा बहुत कुछ हैं जो # अमृतसमान हैं, # अमृततुल्य हैं.....पर इस धरती पर कुछ ऐसे # जीव भी हैं जिनके # भाग्य में वह # अमृत भी नही हैं ...!!
# मोदी भारत के लिये #अमृत समान ही हैं पर मैडम के # मक्खीकुत्तेकौवे_गधे और मीडिया के शिशुपालों आदि को अमृत की महत्ता समझाने में समय नष्ट न कीजिये.....इनके भाग्य में वो # समझ ही नही हैं....ये जीवन भर # गंदगी मे ही सांस लिये है,इसलिये उसे ही अपना
# प्रारब्ध समझतें है...!
इसलिये मोदी भी भारत के लिए राजनीतिक औषधि है ।क्योंकि वो देश को खोखला करने वालों से मुक्त कराने में ,अंतरराष्ट्रीय शक्ति,सामरिक शक्ति बनाकर भारतीयों का सर गर्व से ऊंचा करने में रात दिन लगे है बेहतर हैं इन कुत्ते,गधे, मक्खी जैसों को समझ आ जाये जो एकजुट होकर देश को पहले जैसा बनाने में लगे है।
जागो और जगाओ।

इसे कहते है मोदी की विदेश नीति

ट्रम्प पुरी रात सो नही पाया ये "अभिनन्दन" कौन हैं यार, जिसने 60 साल पुराने मिग से हमारे अत्याधुनिक F16 को मार गिराया 👌😜😜

मनमोहन अंकल अचम्भे से सोचते होगे कि कैसे कोई प्रधानमंत्री अर्थवयवस्थाएं, विदेश नीति, कूटनीति, राजनीति , अंतरराष्ट्रीय नीति के बारे में इतना कुछ भी कर सकता है😂

कांग्रेस तो सैनिको के कटे सर पर भी कुछ नही कर पाया था
मोदी तो 48 घंटे मैं पायलट को ज़िंदा बुला लिया
"56 इंच दिखता है"💪💪🇮🇳🇮🇳🙏🙏

मुम्बई हमले के बाद इंग्लेंड की टीम मैच छोड़कर वापस लौट गई थी और अब ऑस्ट्रलिया खुशी खुशी खेल रही है । देश सुरक्षित हाथो में है ।💪💪🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏

याद है मुंबई हमला, 182 निर्दोष नागरिक मरे थे.
तब मिराज भी थे, सेना भी तैयार थी. लेकिन, बस सरकार निकम्मी थी।😞😞



हर घर से अफजल निकलेगा! आज हाल यह है कि पाकिस्तान अपने ही देश में अजहर महमूद को पनाहा नहीं दे पा रहा है।


ये है मोदी का खौफ💪💪💪🇮🇳🇮🇳🙏🙏

वाह मोदी जी
57 मुस्लिम देश हैं,,
लेकिन कोई भी पाकिस्तान के साथ खड़ा नही हुआ।।


मनमोहन ने 26/11 के बाद एक हजार पन्नो के सबुत भेजे थे
और मोदीजी ने 14/2 के बाद एक हजार किलो का बम💪💪🇮🇳🇮🇳💐💐

विश्व इतिहास में पहली बार कोई सैनिक 48 घण्टे के अंदर दुश्मनो के कब्जे से बाहर आ रहा है,
इसे कहते है मोदी की
विदेश नीति

आज भारत को ऐसे ही नेता की जरुरत है ।

जो विपक्ष मोदीजी से सबूत मांगते है , उन्हें राजनीति करने की ऐसे आदत पड़ गई है अब हर चीज को शक कि नजर से देखने लगे है। सच तो यह है कि कांग्रेस के झूट अब पूरी तरह बेनकाब हो चुके है, चाहे वह राफेल का मुद्दा हो, आतंकवाद का मुद्दा हो, किसना कि कर्ज माफी का मुद्दा हो, नोट बंदी का मुद्दा हो, विदेश नीति, रक्षा नीति हो, अंतरिष्ट्रिया नीति का मुद्दा हो, हर खाने मोदी ने चित्त किया है कांग्रेस को।
केवल एक व्यक्ति है वहीं सब कुछ कर रहा है..
यह समय आपसे में लड़ने का नहीं है बल्कि सभी हिन्दुओं को एकत्र होने का है।

विरोधी पार्टी वाले सब कहते हैं कि मोदी जी ने क्या किया केवल टॉयलेट बनवाये झाड़ू निकाली सफाई करवाई नोट बन्दी करवाई। मोदी ने इन 4 सालों में जो किया आज तक स्वतंत्र भारत के इतिहास में कोई नहीं कर पाया। अवश्य पढ़ें कहीं बीच में ही छोड़ दिया तो आपकी आँखे बंद ही रह जाएंगी सो पूरा अवश्य पढ़ें ,,,,,,,हो सकता है इसे पढ़ने के बाद आपको मैं कांटा सा चुभने भी लगेगी,


पहली उपलब्धि,,,200 साल तक हमारे देश को गुलाम बनाने वाले ब्रिटेन में 53 देशों की मीटिंग में मोदीजी महा अध्यक्ष बने,,,इसी बात से हर एक भातीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाना चाहिए,,,

दूसरी उपलब्धि,,,,,UN मानवाधिकार परिषद में भारत की बड़ी जीत हुई है,,,सबसे ज्यादा वोटों के साथ बना सदस्य,, 97 वोटों की आवश्यकता थी मिले 188 वोट,,,, अब भी भारत की जनता पूछेगी की मोदी विदेश क्यूँ जाते हैं,,,,

तीसरी उपलब्धि,,,,दुनियाँ के 25 सबसे ताकतवर देशों की हुई लिस्ट जारी,,, भारत आया नम्बर चार पर हमसे आगे अमेरिका, रूस और चीन है,,,ये है मोदी युग,,,

चौथी उपलब्धि,,,,1 लाख करोड़ के पार पहुँचा GST का मासिक टैक्स कलेक्शन,,,,, ये है एक चाय वाले का अर्थशास्त्र,,,

पाँचवी उपलब्धि,,,,नए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में अमेरिका और जापान को पीछे छोड़ भारत पहुँचा दूसरे स्थान पर,,,,

छठी उपलब्धि,,,,,2017-18 में दोगुना हुआ सौर ऊर्जा का उत्पादन,,,,
चीन और अमेरिका भी दंग है,,,

सातवीं उपलब्धि,,,,
भारत की आसमान छू रही GDP को देखकर,,,
भारत की GDP 8.2%, चीन की 6.7% और अमेरिका की 4.2%। अब भी कहेंगे भारतीय की मोदी विदेश क्यों जाते हैं,,,

आठवीं उपलब्धि,,,, जल थल ओर आकाश तीनों क्षेत्रों से सुपरसोनिक मिसाइल दागने वाला दुनियाँ का पहला देश बना भारत,,, ये है मोदी युग,,,अगर आपको गर्व हुआ हो तो जयहिन्द लिखना न भूलें,,,,

नवीं उपलब्धि,,,,,70 सालों में पाकिस्तान को कभी गरीब नहीं देखा,, लेकिन मोदी जी के आते ही पाकिस्तान कंगाल हो गया,,, दरअसल पाकिस्तान की कमाई का जरिया भारतीय नकली नोटों का व्यापार था,,,, जिसे मोदी जी ने खत्म कर दिया,,,

दसवीं उपलब्धि को भी पढ़ें,,,,,, एक बात समझ में नहीं आयी,,,
2014 में कांग्रेसी रक्षामंत्री ऐ.के. एंटोनी ने कहा था देश कंगाल है हम राफेल तो क्या छोटा जेट भी नहीं ले सकते,,,,पर मोदी जी ने ईरान का कर्ज भी चुका दिया,,
राफेल डील भी करली,, S-400 भी ले रहे हैं!
आखिर कांग्रेस के समय देश का पैसा कहाँ जाता था,,,?

ग्याहरवीं उपलब्धि,,,, सेना को मिला बुलेटप्रूफ स्कार्पियो का सुरक्षा कवच,,,
जम्मू कश्मीर में मिली सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो,,,

बाहरवीं उपलब्धि,,,,, अब आपको बताता हूँ भारत का इन 4 सालों में विकास क्या हुआ,,,
अर्थ व्यवस्था में फ्रांस को पीछे धकेल नम्बर 6 बना,,,

तेहरवीं उपलब्धि,,,,, ऑटो मार्केट में जर्मनी को पीछे छोड़ नम्बर 4 बना,,,

चौदहवीं उपलब्धि,,,,,,, बिजली उत्पादन में रूस को पीछे छोड़ नम्बर 3 बना,,,

पन्द्रहवीं उपलब्धि,,,,, टेक्सटाइल उत्पादन में इटली को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,,

सोलहवीं उपलब्धि,,,,, मोबाइल उत्पादन में वियतनाम को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,,

सतरहवीं उपलब्धि,,,,, स्टील उत्पादन में जापान को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,,

अठारहवीं उपलब्धि,,,,, चीनी उत्पादन में ब्राजील को पीछे छोड़ नम्बर 1 बना,,,

इसको कहते हैं मोदी युग
मोदी सरकार में घाटी से हो रहा है आतंकियों का सफाया,,,
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी नवीद जट को मार गिराया,,,
हिज्बुल से जुड़े 2 आतंकी ढेर,,
8 महीनों में 230 आतंकियों को 72 हूरों के पास जहन्नुम में पहुंचाया,,,

कांग्रेस राज में आतंकी दहशत फैलाते थे
मोदी राज में सेना आतंकियों के लिए दहशत बनी हुई है,,,
ये है मोदी राज का फार्मूला,,,,

मोदी जी की बढ़ती हुई ख्याति से सारा विपक्ष बौखला गया है कि अब उनके भ्रष्टाचारी हथकंडे कामयाब नहीं हो सकते तब एक अभिमन्यु का वध करने के लिए सारे भ्रष्टाचारिता के महारथी एक होकर चक्रव्यूह की रचना कर रहे हैं 2019 में मोदी को हराने के लिए,,,लेकिन उन भ्रष्टाचारी महारथियों को यह नहीं मालूम कि द्वापर के अभिमन्यु की चक्रव्यूह भेदन की शिक्षा माँ के गर्भ में ली गयी थी और वो भी केवल घुसने की बाहर निकलने की नहीं, लेकिन इस मोदी रूपी अभिमन्यु ने चक्रव्यूह के भेदन व उसे चकनाचूर करने की शिक्षा माँ के गर्भ से बाहर आकर इस माँ भारती से ली है जो अजेय है पराजेय नहीं है,,,,



नमो नमो का उदघोष करते हुए 2019 में मोदी जी को वापस भारत का प्रधानमंत्री बनाएं।

संस्कृत के वाक्य उल्टे हो जाने पर भी अपना अर्थ नही बदलते

संस्कृत भाषा की रक्षा करना मानव धर्म की पहला कर्तव्य है इसलिए कुछ रोचक तथ्य आपको दे रहा हूं कृपा करके अध्ययन कर लीजिए
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संस्कृत के बारे में ये 20 तथ्य जान कर आपको भारतीय होने पर गर्व होगा। आज हम आपको संस्कृत के बारे में कुछ ऐसे तथ्य बता रहे हैं,जो किसी भी भारतीय का सर गर्व से ऊंचा कर देंगे;;
1. संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी माना जाता है।
2. संस्कृत उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा है।
3. अरब लोगो की दखलंदाजी से पहले संस्कृत भारत की राष्ट्रीय भाषा थी।
4. NASA के मुताबिक, संस्कृत धरती पर बोली जाने वाली सबसे स्पष्ट भाषा है।
5. संस्कृत में दुनिया की किसी भी भाषा से ज्यादा शब्द है। वर्तमान में संस्कृत के शब्दकोष में 102 अरब 78 करोड़ 50 लाख शब्द है।
6. संस्कृत किसी भी विषय के लिए एक अद्भुत खजाना है। जैसे हाथी के लिए ही संस्कृत में 100 से ज्यादा शब्द है।
7. NASA के पास संस्कृत में ताड़पत्रो पर लिखी 60,000 पांडुलिपियां है जिन पर नासा रिसर्च कर रहा है।
8. फ़ोबर्स मैगज़ीन ने जुलाई,1987 में संस्कृत को Computer Software के लिए सबसे बेहतर भाषा माना था।
9. किसी और भाषा के मुकाबले संस्कृत में सबसे कम शब्दो में वाक्य पूरा हो जाता है।
10. संस्कृत दुनिया की अकेली ऐसी भाषा है जिसे बोलने में जीभ की सभी मांसपेशियो का इस्तेमाल होता है।
11. अमेरिकन हिंदु युनिवर्सिटी के अनुसार संस्कृत में बात करने वाला मनुष्य बीपी, मधुमेह,कोलेस्ट्रॉल आदि रोग से मुक्त हो जाएगा। संस्कृत में बात करने से मानव शरीरका तंत्रिका तंत्र सदा सक्रिय रहता है जिससे कि व्यक्ति का शरीर सकारात्मक आवेश (Positive Charges) के साथ सक्रिय हो जाता है।
12. संस्कृत स्पीच थेरेपी में भी मददगार है यह एकाग्रता को बढ़ाती है।
13. कर्नाटक के मुत्तुर गांव के लोग केवल संस्कृत में ही बात करते है।
14. सुधर्मा संस्कृत का पहला अखबार था, जो 1970 में शुरू हुआ था। आज भी इसका ऑनलाइन संस्करण उपलब्ध है।
15. जर्मनी में बड़ी संख्या में संस्कृतभाषियो की मांग है। जर्मनी की 14 यूनिवर्सिटीज़ में संस्कृत पढ़ाई जाती है।
16. नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार जब वो अंतरिक्ष ट्रैवलर्स को मैसेज भेजते थे तोउनके वाक्य उलट हो जाते थे। इस वजह से मैसेज का अर्थ ही बदल जाता था। उन्होंले कई भाषाओं का प्रयोग किया लेकिन हर बार यही समस्या आई। आखिर में उन्होंने संस्कृत में मैसेज भेजा क्योंकि संस्कृत के वाक्य उल्टे हो जाने पर भी अपना अर्थ नही बदलते हैं। जैसे
अहम् विद्यालयं गच्छामि।
विद्यालयं गच्छामि अहम्।
गच्छामिअहम् विद्यालयं ।
उक्त तीनो के अर्थ में कोई अंतर नहीं है।
17. आपको जानकर हैरानी होगी कि Computer द्वारा गणित के सवालो को हल करने वाली विधि यानि Algorithms संस्कृत में बने है ना कि अंग्रेजी में।
18. नासा के वैज्ञानिको द्वारा बनाए जा रहे 6th और 7th जेनरेशन Super Computers संस्कृतभाषा पर आधारित होंगे जो 2034 तक बनकर तैयार हो जाएंगे।
19. संस्कृत सीखने से दिमाग तेज हो जाता है और याद करने की शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए London और Ireland के कई स्कूलो में संस्कृत को Compulsory Subject बना दिया है।
20. इस समय दुनिया के 17 से ज्यादा देशो की कम से कम एक University में तकनीकी शिक्षा के कोर्सेस में संस्कृत पढ़ाई जाती है।
संस्कृत भाषा की सुरक्षा हो🙏🚩🙏
 🚩जय परशुराम🚩
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07 मार्च 2019 को कर्क राशि से मिथुन राशि मे धनु में प्रवेश करेगा

07 मार्च 2019 को कर्क राशि से मिथुन राशि मे धनु में प्रवेश करेगा
बहुत से लोगों के जीवन में व्यापार में स्वास्थ्य में परिवार में परेशानियां चल रही थी वह राहु मिथुन राशि में और केतु महाराज धनु राशि में आ जाने से अनेक अनेक लोगों को लाभ भी मिलने वाला है कुछ दृश्यों का मत है कि राहु मिथुन में उच्च का फल भी देता है तो कई के जीवन में बदलाव भी अवश्य ही आएंगे राहु अचानक लाभ भी देता है और अचानक हानि भी देता है यह जो भी कार्य करता है वह सब अचानक ही करता है राहु किसी की कुंडली में अच्छा हो तो वह राज्य कराने की ताकत भी रखता है
राहु का स्वभाव आडंबर प्रिय होता है, इसलिए व्यक्ति भी इसी के प्रभाव में रहता है। यह गुब्बारे जैसा होता है, जो जगह अधिक घेरता है, लेकिन इसके अंदर कुछ नहीं होता है। राहु की वजह से व्यक्ति ओवर कॉन्फिडेंट भी बनता है, जिससे समस्याएं बढ़ती हैं। राहु गंदगी, जहर, इंफेक्शन, बैक्टीरिया का भी कारक होता है।

केतु का स्वभाव केतु का असर व्यावहारिक रूप से कम और मानसिक रूप से अधिक दिखाई देता है। केतु के असर से बचाव के तरीके पर विचार करने की आदत बहुत बढ़ जाती है। दिमाग में एक अजीब सी उलझन हो सकती है। केतु जीवनसाथी, मित्र या फिर पार्टनर पर बेवजह शक कराता सकता है। केतु की वजह से व्यक्ति में विश्वास की कमी होने लगती है।

राशि परिवर्तन का प्रभाव

मेष राशि- सामाजिक दायरा बढ़ाना होगा। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर एक्टिव रहना होगा। सोशल नेटवर्किंग साइट्स को कैसे अपने करियर से कनेक्ट करें, इस पर काम करना होगा। राहु आपके जन संपर्क को बढाने के लिए काफी मददगार साबित होगा। दूसरी ओर केतु ऑफिस में वर्क लोड बढ़ा सकता हैं। एक बात आपको ध्यान रखनी होगी कि अगर बॉस आपसे अधिक काम लेते हैं तो इसको नकारात्मक रूप में कतई न लें। अलर्ट- अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो उसे छोड़ देना चाहिए। राहु आपके चेस्ट से कनेक्ट हो गया है और वह आपके फेफड़ों में इंफेक्शन हो सकता है। रेमेडी- सुबह शुद्ध वातावरण में नियमित रूप से प्राणायाम करें।

वृष राशि- अपना नेटवर्क तेजी से बढ़ाना होगा। नए-नए लोगों से मिलने की आदत डालनी होगी। यदि संकोची स्वभाव के हैं तो यह स्वभाव छोड़ कर खुद को बदलना पड़ेगा। राहु आपके मित्रों की संख्या को बढ़ाएगा। केतु लक हाउस से कनेक्ट होकर आपके भाग्य को धीरे-धीरे बढ़ाने का काम करेंगे। अगर कहीं नई जगह जॉब या व्यापार का ऑफर हो तो उसे पूर्ण होने के बाद ही सार्वजनिक करें। आपको अच्छा संगीत और सकारात्मक बातें सुननी चाहिए। किसी भी प्रकार की राजनीति से दूर रहना ही फायदेमंद रहेगा। अलर्ट- कोई भी आपसे किसी की बुराई करता है तो उसकी बात आंख बंद कर के कतई न मानें। अपने स्तर से जांच परख कर ही कोई कदम उठाएं। राहु का साइड एफेक्ट यह हो सकता है कि आपको कोई अपने फायदे के लिए किसी के प्रति भड़का दे। रेमेडी- किसी गरीब बच्चे को वस्त्रों का दान करें।

मिथुन राशि- आपको अपनी वाणी के संबंध में गंभीर रहना होगा। अब आपको अपनी बोलने की कला को तेजी से विकसित करना होगा। अंग्रेजी भाषा का प्रयोग अधिक करना चाहिए। यदि आप मार्केटिंग, सेल्स, कॉल सेंटर या अन्य बोलने वाले करियर में हैं तो आपको वाणी से लाभ होगा। केतु आपके डीप नॉलेज के हाउस से कनेक्ट हो गया है, इसलिए आपको अपने ज्ञान का पूरा उपयोग करना होगा। यदि काफी दिनों से प्रोफेशनल कोर्स करने की सोच रहे हैं तो यह समय उपयुक्त है। अलर्ट- अधिक उत्साह में किसी को भी अपशब्द न कहें, इससे आपकी छबी खराब हो सकती है। मीठी वाणी बोलते हुए अपने काम को आगे बढ़ाते चलें। खाने-पीने में ध्यान रखें। कब्ज जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। रेमेडी- अधिक पानी पीना चाहिए। घर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।

कर्क राशि- राहु आपकी पर्सनालटी पर आ गए हैं, जिससे पर्सनैलिटी का एक्सपोजर होगा। आप को खूब मेहनत करते हुए अपने व्यक्तित्व को निखारना चाहिए। यह समय करियर में भी अपनी उपस्थिति जोरदार तरीके से दिखाने की है। अपने साथियों को साथ लेकर चलना होगा यानी टीम वर्क का भी ध्यान रखना होगा। हर साथी का उपयोग करना ही आपकी प्रबंधन कला को और बेहतर बनाएगा। कई बार ऐसा हो सकता है कि आपके सामने कई रास्ते हों, जिनका चयन करने में कंफ्यूजन हो सकता है। इस समय आपको अपने सलाहकारों की मदद लेते हुए सही निर्णय लेना होगा। अलर्ट- क्रोध पर नियंत्रण करें। राहु के कारण आप अचानक किसी पर भड़क सकते हैं। यदि मित्र या साथी आपके मन मुताबिक काम न करे तो उसे छोड़े नहीं। एलर्जी, यूरीन इंफेक्शन, फूड पॉइजनिंग होने का खतरा। रेमेडी- चंदन का प्रयोग अधिक करें। चंदन पाउडर का फेसपैक एवं पर्फ्यूम का प्रयोग करें।

सिंह राशि- अगर आप किसी यात्रा को लेकर काफी दिनों से प्लान कर रहे हैं तो अब समय आ गया है। सुख-सुविधाओं का उपभोग करने का अवसर मिलेगा, जिसकी वजह से खर्च भी होगा। विदेश यात्रा या कहीं बाहर काम-काज के सिलसिले में जाना पड़ सकता है। आपको लग्जरी लाइफ के साथ-साथ अपने काम पर भी बहुत ध्यान देना होगा। धीरे-धीरे अपने काम को भी और मजबूती की तरफ ले जाने का मौका मिलेगा। अगर आपको केवल एक ही भाषा का ज्ञान हो तो कम से कम दो भाषा का ज्ञान जल्दी से जल्द हासिल कर लेना चाहिए। अलर्ट- गुप्त शत्रुओं के प्रति सचेत रहना चाहिए। आपको अपने नेट बैंकिंग, मेल आदि पासवर्ड को रीसेट करके और मजबूत बनाना चाहिए। अधिक भरोसे में नुकसान हो सकता है। रेमेडी- प्रत्येक रविवार किसी भूखे व्यक्ति को भोजन कराना चाहिए।

कन्या राशि- प्रोफेशनल एटीट्यूट रखें। अपने काम पर अधिक फोकस करते हुए उसका पूरा मूल्य भी प्राप्त करें। आपको मेहनत करते हुए अपने प्रमोशन पर भी ध्यान रखना होगा। नए ऑफर में पोस्ट से ज्यादा पैकेज पर फोकस करना चाहिए। आपकी टीम में बढ़ोतरी होगी। ऑफिस के गोपनीय प्रोजेक्ट की भी जिम्मेदारी आ सकती है। आपको उच्च शिक्षा का अवसर मिले तो उसे नहीं छोड़ना चाहिए। आपका ज्ञान ही आपके फ्यूचर को ब्राइट करेगा। अलर्ट- पदोन्नति होने के कारण आपको अहंकार में नहीं आना है। महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट एवं गोपनीय बातें किसी से शेयर न करें। रेमेडी- अपनी आय का कुछ अंश किसी भी प्रकार से दान करना चाहिए।

तुला राशि- मेहनत से बचने का विकल्प नहीं तलाशना है। मेहनत करनी है और स्वर्णिम भविष्य का निर्माण करना है। इस समय में आपको संघर्ष करते हुए अपना लोहा मनवाना होगा। इस समय आपको काम का बोझ महसूस हो सकता है, लेकिन ध्यान रखिए कि अब आप जो सीखेंगे, वही जीवन भर काम आएगा। परिवार में लोगों के साथ-ताल मेल बना कर चलें। छोटी-छोटी घरेलू बातों को लेकर बहुत अधिक चिन्तन न करें। अलर्ट- मां के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। अज्ञात भय के जाल में बिल्कुल भी न फंसे। रेमेडी- सूर्य नारायण को सुबह उठकर प्रणाम करें।

वृश्चिक राशि- वरिष्ठ लोगों का सहयोग आपको प्राप्त होगा। बड़ों का सम्मान करते हुए सीनियर लोगों के अनुभव का पूरा फायदा उठाना होगा। करियर में मेहनत जारी रखें किस्मत के दरवाजे कभी भी खुल सकते हैं। अपने नेटवर्क को बढ़ाना होगा। कम्यूनिकेशन के लिए हाईटेक डिवाइस लेना होगा। यह समय अपने नियम को बना कर रखने का है। रूटीन डिस्टर्ब नहीं होने देना चाहिए। अलर्ट- घर के बुजुर्ग का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। कान में दर्द या अन्य कोई समस्या हो तो लापरवाही न करते हुए डॉक्टर से सलाह लें। रेमेडी- गरीब बच्चों को पुस्तकों का दान करना चाहिए।

धनु राशि- इतिहास से सीखना होगा, जो काम पहले हो चुके हैं, उनके सकारात्मक और नकारात्मक परिणामों को समझते हुए आगे की प्लानिंग करने की आदत डालनी होगी। पुराने मनमुटाव छोड़ कर नए सिरे से रिश्तों का लाभ लेने की कोशिश करनी चाहिए। दूसरों के फीडबैक से करेक्शन करते हुए उसका लाभ लेना होगा। सामने वाले की पूरी बात सुनने के बाद ही अपनी बात कहें। किसी की बात को पूरा सुने बिना न काटें। अलर्ट- गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ने हैं, पुरानी बातों को लेकर राई का पहाड़ न बनाएं। पेट में इंफेक्शन हो सकता है। बाहर का भोजन अधिक न खाएं। रेमेडी- घर का कूड़ा स्वयं साफ करें।

मकर राशि- अपने पुराने मित्रों से तालमेल बना कर चलें। संगत का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि राहु के कारण हो सकता है कि मित्र की बुरी आदतें खुद को लग जाएं। जो मित्र किसी भी प्रकार का नशा नहीं करता हो वह मित्र आपके लिए रत्न के समान होगा। आपको करीब डेढ़ वर्ष प्लानिंग करना होगा। प्लानिंग में किसी भी प्रकार का डर शामिल न होने दें, क्योंकि डर आते ही आपकी प्लानिंग कमजोर रह जाएगी। अलर्ट- चिंता न करें। शंका से बच कर रहें। बेवजह की धारणाएं न बनने दें। रेमेडी- कुत्तों को बासी रोटी या बिस्कुट खिलाएं।

कुंभ राशि- अब आपको नई-नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। जो भी चुनौतियां मिलती हैं, उनको प्रसन्नता के साथ अपनाएं और उनका डट कर मुकाबला करते हुए विजय प्राप्त करें। इस दौर को खराब समय न समझें, क्योंकि यही चुनौतियां और संघर्ष आपको आगे उन्नति तक पहुंचाएंगे। अगर आपका ट्रांसफर या अन्य शहर में नौकरी का ऑफर हो तो उसे लिया जा सकता है। अलर्ट- निराशा को अपने ऊपर हावी न होने दें। ऐसे समय में आत्मबल को कमजोर न होने दें। रेमेडी- किसी गरीब बीमार को फल दान दें। संभव हो तो दवा से भी सहयोग करें।

मीन- दिमाग में आने वाले विचारों को फिल्टर करना होगा। क्योंकि अब आपके दिमाग में विचारों का प्रवाह बहुत ज्यादा हो जाएगा। जिसमें सही और गलत दोनों प्रकार के ही विचार होंगे। काम के विचारों को ग्रहण करना है और फालतू विचारों को तुरंत छोड़ दें। गुप्त कमाई या ब्याज से आय हो सकती है। बड़े भाई का सम्मान करें, उनको प्रसन्न रखें। यदि बड़ा भाई न हो तो बड़े भाई जैसे लोगों का सम्मान करें। अलर्ट- नशेबाजी से बहुत दूर रहें। यदि कोई मित्र आपको शराब, सिगरेट आदि के लिए प्रेरित करता है तो आप ऐसे लोगों से दूरी बनाएं। रेमेडी- धार्मिक स्थलों में जाएं और वहां कुछ समय व्यतीत करें।
श्री राधे राधे
राशि के अलावा लग्न कुंडली का भी पूर्ण विचार करना चाहिए राहु का प्रभाव कुंडली देखकर ही विचार किया जा सकता है हर जातक की जन्मपत्रिका में अलग अलग प्रभाव राहु और केतु देते हैं

सोमवार, 4 मार्च 2019

भोलेनाथ को कैसे मनाएं महाशिवरात्रि पर कैसे करें पूजा

महाशिवरात्रि पर आज कैसे करे शिव पूजा
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सामान्य मंत्रो से सम्पूर्ण शिवपूजन प्रकार और पद्धति
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देवों के देव भगवान भोले नाथ के भक्तों के लिये श्री महाशिवरात्रि का व्रत विशेष महत्व रखता हैं। यह पर्व फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष यह उपवास 4 मार्च - सोमवार के दिन का रहेगा। इस दिन का व्रत रखने से भगवान भोले नाथ शीघ्र प्रसन्न होकर, उपवासक की मनोकामना पूरी करते हैं। इस व्रत को सभी स्त्री-पुरुष, बच्चे, युवा, वृद्धों के द्वारा किया जा सकता हैं।

4 मार्च के दिन विधिपूर्वक व्रत रखने पर तथा शिवपूजन,रुद्राभिषेक, शिवरात्रि कथा, शिव स्तोत्रों का पाठ व "ॐ नम: शिवाय" का पाठ करते हुए रात्रि जागरण करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता हैं। व्रत के दूसरे दिन  यथाशक्ति वस्त्र-क्षीर सहित भोजन, दक्षिणादि प्रदान करके संतुष्ट किया जाता हैं।

चार प्रहर पूजन अभिषेक विधान
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प्रथम प्रहर- सायं 6:48 से रात्रि 9:58 तक

द्वितीय प्रहर- रात्रि 9:58 से रात्रि 1:08 तक

तृतीय प्रहर- रात्रि 1:08 से रात्रि 4:18 तक

चतुर्थ प्रहर- रात्रि 4:18 से प्रातः 7:28 बजे तक पहर की गणना अपने स्थानीय सूर्योदय से करना विधि सम्मत है।

शिवरात्री व्रत की महिमा
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इस व्रत के विषय में यह मान्यता है कि इस व्रत को जो जन करता है, उसे सभी भोगों की प्राप्ति के बाद, मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत सभी पापों का क्षय करने वाला है, व इस व्रत को लगातार 14 वर्षो तक करने के बाद विधि-विधान के अनुसार इसका उद्धापन कर देना चाहिए।

महाशिवरात्री व्रत की विधि
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महाशिवरात्री व्रत को रखने वालों को उपवास के पूरे दिन, भगवान भोले नाथ का ध्यान करना चाहिए। प्रात: स्नान करने के बाद भस्म का तिलक कर रुद्राक्ष की माला धारण की जाती है। इसके ईशान कोण दिशा की ओर मुख कर शिव का पूजन धूप, पुष्पादि व अन्य पूजन सामग्री से पूजन करना चाहिए।

इस व्रत में चारों पहर में पूजन किया जाता है। प्रत्येक पहर की पूजा में "उँ नम: शिवाय" व " शिवाय नम:" का जाप करते रहना चाहिए। अगर शिव मंदिर में यह जाप करना संभव न हों, तो घर की पूर्व दिशा में, किसी शान्त स्थान पर जाकर इस मंत्र का जाप किया जा सकता हैं। चारों पहर में किये जाने वाले इन मंत्र जापों से विशेष पुन्य प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त उपावस की अवधि में 4 पहर का रुद्राभिषेक करने से भगवान शंकर अत्यन्त प्रसन्न होते है।

शिवपूजन में ध्यान रखने जैसे कुछ खास बाते
(१)👉 स्नान कर के ही पूजा में बेठे
(२)👉 साफ सुथरा वस्त्र धारण कर ( हो शके तो शिलाई बिना का तो बहोत अच्छा )
(३)👉 आसन एक दम स्वच्छ चाहिए ( दर्भासन हो तो उत्तम )
(४)👉 पूर्व या उत्तर दिशा में मुह कर के ही पूजा करे
(५)👉 बिल्व पत्र पर जो चिकनाहट वाला भाग होता हे वाही शिवलिंग पर चढ़ाये ( कृपया खंडित बिल्व पत्र मत चढ़ाये )
(६)👉 संपूर्ण परिक्रमा कभी भी मत करे ( जहा से जल पसार हो रहा हे वहा से वापस आ जाये )
(७)👉 पूजन में चंपा के पुष्प का प्रयोग ना करे
(८)👉 बिल्व पत्र के उपरांत आक के फुल, धतुरा पुष्प या नील कमल का प्रयोग अवश्य कर शकते हे
(९)👉 शिव प्रसाद का कभी भी इंकार मत करे ( ये सब के लिए पवित्र हे )

  पूजन सामग्री
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शिव की मूर्ति या शिवलिंगम, अबीर- गुलाल, चन्दन ( सफ़ेद ) अगरबत्ती धुप ( गुग्गुल ) बिलिपत्र बिल्व फल, तुलसी, दूर्वा, चावल, पुष्प, फल,मिठाई, पान-सुपारी,जनेऊ, पंचामृत, आसन, कलश, दीपक, शंख, घंट, आरती यह सब चीजो का होना आवश्यक है।

पूजन करने का विधि-विधान
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महाशिवरात्री के दिन शिवभक्त का जमावडा शिव मंदिरों में विशेष रुप से देखने को मिलता है। भगवान भोले नाथ अत्यधिक प्रसन्न होते है, जब उनका पूजन बेल- पत्र आदि चढाते हुए किया जाता है। व्रत करने और पूजन के साथ जब रात्रि जागरण भी किया जाये, तो यह व्रत और अधिक शुभ फल देता है। इस दिन भगवान शिव की शादी हुई थी, इसलिये रात्रि में शिव की बारात निकाली जाती है। सभी वर्गों के लोग इस व्रत को कर पुन्य प्राप्त कर सकते हैं।

पूजन विधि
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महाशिव रात्रि के दिन शिव अभिषेक करने के लिये सबसे पहले एक मिट्टी का बर्तन लेकर उसमें पानी भरकर, पानी में बेलपत्र, आक धतूरे के पुष्प, चावल आदि डालकर शिवलिंग को अर्पित किये जाते है। व्रत के दिन शिवपुराण का पाठ सुनना चाहिए और मन में असात्विक विचारों को आने से रोकना चाहिए। शिवरात्रि के अगले दिन सवेरे जौ, तिल, खीर और बेलपत्र का हवन करके व्रत समाप्त किया जाता है।

जो इंसान भगवन शंकर का पूजन करना चाहता हे उसे प्रातः कल जल्दी उठकर प्रातः कर्म पुरे करने के बाद पूर्व दिशा या इशान कोने की और अपना मुख रख कर .. प्रथम आचमन करना चाहिए बाद में खुद के ललाट पर तिलक करना चाहिए बाद में निन्म मंत्र बोल कर शिखा बांधनी चाहिए

शिखा मंत्र👉  ह्रीं उर्ध्वकेशी विरुपाक्षी मस्शोणित भक्षणे। तिष्ठ देवी शिखा मध्ये चामुंडे ह्य पराजिते।।

आचमन मंत्र
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ॐ केशवाय नमः / ॐ नारायणाय नमः / ॐ माधवाय नमः
तीनो बार पानी हाथ में लेकर पीना चाहिए और बाद में ॐ गोविन्दाय नमः बोल हाथ धो लेने चाहिए बाद में बाये हाथ में पानी ले कर दाये हाथ से पानी .. अपने मुह, कर्ण, आँख, नाक, नाभि, ह्रदय और मस्तक पर लगाना चाहिए और बाद में ह्रीं नमो भगवते वासुदेवाय बोल कर खुद के चारो और पानी के छीटे डालने चाहिए
ह्रीं नमो नारायणाय बोल कर प्राणायाम करना चाहिए

स्वयं एवं सामग्री पवित्रीकरण
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'ॐ अपवित्र: पवित्रो व सर्वावस्था गतोपी व।
य: स्मरेत पूंडरीकाक्षम सह: बाह्याभ्यांतर सूचि।।

(बोल कर शरीर एवं पूजन सामग्री पर जल का छिड़काव करे - शुद्धिकरण के लिए )

न्यास👉  निचे दिए गए मंत्र बोल कर बाजु में लिखे गए अंग पर अपना दाया हाथ का स्पर्श करे।
ह्रीं नं पादाभ्याम नमः / ( दोनों पाव पर ),
ह्रीं मों जानुभ्याम नमः / ( दोनों जंघा पर )
ह्रीं भं कटीभ्याम नमः / ( दोनों कमर पर )
ह्रीं गं नाभ्ये नमः / ( नाभि पर )
ह्रीं वं ह्रदयाय नमः / ( ह्रदय पर )
ह्रीं ते बाहुभ्याम नमः / ( दोनों कंधे पर )
ह्रीं वां कंठाय नमः / ( गले पर )
ह्रीं सुं मुखाय नमः / ( मुख पर )
ह्रीं दें नेत्राभ्याम नमः / ( दोनों नेत्रों पर )
ह्रीं वां ललाटाय नमः / ( ललाट पर )
ह्रीं यां मुध्र्ने नमः / ( मस्तक पर )
ह्रीं नमो भगवते वासुदेवाय नमः / ( पुरे शरीर पर )
तत्पश्चात भगवन शंकर की पूजा करे

(पूजन विधि निम्न प्रकार से है)
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तिलक मन्त्र👉   स्वस्ति तेस्तु द्विपदेभ्यश्वतुष्पदेभ्य एवच / स्वस्त्यस्त्व पादकेभ्य श्री सर्वेभ्यः स्वस्ति सर्वदा //

नमस्कार मंत्र👉 हाथ मे अक्षत पुष्प लेकर निम्न मंत्र बोलकर नमस्कार करें।
श्री गणेशाय नमः
इष्ट देवताभ्यो नमः
कुल देवताभ्यो नमः
ग्राम देवताभ्यो नमः
स्थान देवताभ्यो नमः
सर्वेभ्यो देवेभ्यो नमः
गुरुवे नमः 
मातृ पितरेभ्यो नमः
ॐ शांति शांति शांति

गणपति स्मरण
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सुमुखश्चैकदंतश्च कपिलो गज कर्णक  लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायक।।
धुम्र्केतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः  द्वाद्शैतानी नामानी यः पठेच्छुनुयादापी।।
विध्याराम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमेस्त्था। संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते।।
शुक्लाम्बर्धरम देवं शशिवर्ण चतुर्भुजम। प्रसन्न वदनं ध्यायेत्सर्व विघ्नोपशाताये।।
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि सम प्रभु। निर्विघम कुरु में देव सर्वकार्येशु सर्वदा।।

संकल्प👉
(दाहिने हाथ में जल अक्षत और द्रव्य लेकर निम्न संकल्प मंत्र बोले :)
'ऊँ विष्णु र्विष्णुर्विष्णु : श्रीमद् भगवतो महापुरुषस्य विष्णोराज्ञया प्रवर्त्तमानस्य अद्य श्री ब्रह्मणोऽह्नि द्वितीय परार्धे श्री श्वेत वाराह कल्पै वैवस्वत मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे युगे कलियुगे कलि प्रथमचरणे भूर्लोके जम्बूद्वीपे भारत वर्षे भरत खंडे आर्यावर्तान्तर्गतैकदेशे ---*--- नगरे ---**--- ग्रामे वा बौद्धावतारे विजय नाम संवत्सरे श्री सूर्ये दक्षिणायने वर्षा ऋतौ महामाँगल्यप्रद मासोत्तमे शुभ भाद्रप्रद मासे शुक्ल पक्षे चतुर्थ्याम्‌ तिथौ भृगुवासरे हस्त नक्षत्रे शुभ योगे गर करणे तुला राशि स्थिते चन्द्रे सिंह राशि स्थिते सूर्य वृष राशि स्थिते देवगुरौ शेषेषु ग्रहेषु च यथा यथा राशि स्थान स्थितेषु सत्सु एवं ग्रह गुणगण विशेषण विशिष्टायाँ चतुर्थ्याम्‌ शुभ पुण्य तिथौ -- +-- गौत्रः --++-- अमुक शर्मा, वर्मा, गुप्ता, दासो ऽहं मम आत्मनः श्रीमन्‌ महागणपति प्रीत्यर्थम्‌ यथालब्धोपचारैस्तदीयं पूजनं करिष्ये।''
इसके पश्चात्‌ हाथ का जल किसी पात्र में छोड़ देवें।

नोट👉  ------ यहाँ पर अपने नगर का नाम बोलें ------ यहाँ पर अपने ग्राम का नाम बोलें ---- यहाँ पर अपना कुल गौत्र बोलें ---- यहाँ पर अपना नाम बोलकर शर्मा/ वर्मा/ गुप्ता आदि बोलें

द्विग्रक्षण - मंत्र👉  यादातर संस्थितम भूतं स्थानमाश्रित्य सर्वात:/ स्थानं त्यक्त्वा तुं तत्सर्व यत्रस्थं तत्र गछतु //
यह मंत्र बोल कर चावालको अपनी चारो और डाले।

वरुण पूजन👉 
अपाम्पताये वरुणाय नमः।
सक्लोप्चारार्थे गंधाक्षत पुष्पह: समपुज्यामी।
यह बोल कर कलश के जल में चन्दन - पुष्प डाले और कलश में से थोडा जल हाथ में ले कर निन्म मंत्र बोल कर पूजन सामग्री और खुद पर वो जल के छीटे डाले

दीप पूजन👉 दिपस्त्वं देवरूपश्च कर्मसाक्षी जयप्रद:।
साज्यश्च वर्तिसंयुक्तं दीपज्योती जमोस्तुते।।
( बोल कर दीप पर चन्दन और पुष्प अर्पण करे )

शंख पूजन👉   लक्ष्मीसहोदरस्त्वंतु विष्णुना विधृत: करे। निर्मितः सर्वदेवेश्च पांचजन्य नमोस्तुते।।
( बोल कर शंख पर चन्दन और पुष्प चढ़ाये )

घंट पूजन👉 देवानं प्रीतये नित्यं संरक्षासां च विनाशने।
घंट्नादम प्रकुवर्ती ततः घंटा प्रपुज्यत।।
( बोल कर घंट नाद करे और उस पर चन्दन और पुष्प चढ़ाये )

ध्यान मंत्र👉  ध्यायामि दैवतं श्रेष्ठं नित्यं धर्म्यार्थप्राप्तये।
धर्मार्थ काम मोक्षानाम साधनं ते नमो नमः।।
( बोल कर भगवान शंकर का ध्यान करे )

आहवान मंत्र👉   आगच्छ देवेश तेजोराशे जगत्पतये।
पूजां माया कृतां देव गृहाण सुरसतम।।
( बोल कर भगवन शिव को आह्वाहन करने की भावना करे )

आसन मंत्र👉   सर्वकश्ठंयामदिव्यम नानारत्नसमन्वितम। कर्त्स्वरसमायुक्तामासनम प्रतिगृह्यताम।।
( बोल कर शिवजी कोई आसन अर्पण करे )

खाध्य प्रक्षालन👉 उष्णोदकम निर्मलं च सर्व सौगंध संयुत।
पद्प्रक्षलानार्थय दत्तं ते प्रतिगुह्यतम।।
( बोल कर शिवजी के पैरो को पखालने हे )

अर्ध्य मंत्र👉  जलं पुष्पं फलं पत्रं दक्षिणा सहितं तथा। गंधाक्षत युतं दिव्ये अर्ध्य दास्ये प्रसिदामे।।
( बोल कर जल पुष्प फल पात्र का अर्ध्य देना चाहिए )

पंचामृत स्नान👉 पायो दाढ़ी धृतम चैव शर्करा मधुसंयुतम। पंचामृतं मयानीतं गृहाण परमेश्वर।।
( बोल कर पंचामृत से स्नान करावे )

स्नान मंत्र👉 गंगा रेवा तथा क्षिप्रा पयोष्नी सहितास्त्था। स्नानार्थ ते प्रसिद परमेश्वर।।
(बोल कर भगवन शंकर को स्वच्छ जल से स्नान कराये और चन्दन पुष्प चढ़ाये )

संकल्प मन्त्र👉 अनेन स्पन्चामृत पुर्वरदोनोने आराध्य देवता: प्रियत्नाम। ( तत पश्यात शिवजी कोई चढ़ा हुवा पुष्प ले कर अपनी आख से स्पर्श कराकर उत्तर दिशा की और फेक दे ,बाद में हाथ को धो कर फिर से चन्दन पुष्प चढ़ाये )

अभिषेक मंत्र👉  सहस्त्राक्षी शतधारम रुषिभी: पावनं कृत। तेन त्वा मभिशिचामी पवामान्य : पुनन्तु में।।
( बोल कर जल शंख में भर कर शिवलिंगम पर अभिषेक करे ) बाद में शिवलिंग या प्रतिमा को स्वच्छ जल से स्नान कराकर उनको साफ कर के उनके स्थान पर विराजमान करवाए

वस्त्र मंत्र👉 सोवर्ण तन्तुभिर्युकतम रजतं वस्त्र्मुत्तमम। परित्य ददामि ते देवे प्रसिद गुह्यतम।।
( बोल कर वस्त्र अर्पण करने की भावना करे )

जनेऊ मन्त्र👉  नवभिस्तन्तुभिर्युकतम त्रिगुणं देवतामयम। उपवीतं प्रदास्यामि गृह्यताम परमेश्वर।।
( बोल कर जनेऊ अर्पण करने की भावना करे )

चन्दन मंत्र👉 मलयाचम संभूतं देवदारु समन्वितम। विलेपनं सुरश्रेष्ठ चन्दनं प्रति गृह्यताम।।
( बोल कर शिवजी को चन्दन का लेप करे )

अक्षत मंत्र👉 अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कंकुमुकदी सुशोभित।
माया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वर।।
(बोल चावल चढ़ाये )

पुष्प मंत्र👉 नाना सुगंधी पुष्पानी रुतुकलोदभवानी च। मायानितानी प्रीत्यर्थ तदेव प्रसिद में।।
( बोल कर शिवजी को विविध पुष्पों की माला अर्पण करे )

तुलसी मंत्र👉 तुलसी हेमवर्णा च रत्नावर्नाम च मजहीम / प्रीती सम्पद्नार्थय अर्पयामी हरिप्रियाम।।
( बोल कर तुलसी पात्र अर्पण करे )

बिल्वपत्र मन्त्र👉  त्रिदलं त्रिगुणा कारम त्रिनेत्र च त्र्ययुधाम।
त्रिजन्म पाप संहारमेकं बिल्वं शिवार्पणं।।
( बोल कर बिल्वपत्र अर्पण करे )

दूर्वा मन्त्र👉  दुर्वकुरण सुहरीतन अमृतान मंगलप्रदान।
आतितामस्तव पूजार्थं प्रसिद परमेश्वर शंकर :।।
( बोल करे दूर्वा दल अर्पण करे )

सौभाग्य द्रव्य👉  हरिद्राम सिंदूर चैव कुमकुमें समन्वितम।
सौभागयारोग्य प्रीत्यर्थं गृहाण परमेश्वर शंकर :।।
( बोल कर अबिल गुलाल चढ़ाये और होश्के तो अलंकर और आभूषण शिवजी को अर्पण करे )

धुप मन्त्र👉 वनस्पति रसोत्पन्न सुगंधें समन्वित :।
देव प्रितिकारो नित्यं धूपों यं प्रति गृह्यताम।।
( बोल कर सुगन्धित धुप करे )

दीप मन्त्र👉  त्वं ज्योति : सर्व देवानं तेजसं तेज उत्तम :.।
आत्म ज्योति: परम धाम दीपो यं प्रति गृह्यताम।।
( बोल कर भगवन शंकर के सामने दीप प्रज्वलित करे )

नैवेध्य मन्त्र👉  नैवेध्यम गृह्यताम देव भक्तिर्मेह्यचलां कुरु।
इप्सितम च वरं देहि पर च पराम गतिम्।।
( बोल कर नैवेध्य चढ़ाये )

भोजन (नैवेद्य मिष्ठान मंत्र) 👉
ॐ प्राणाय स्वाहा.
ॐ अपानाय स्वाहा.
ॐ समानाय स्वाहा
ॐ उदानाय स्वाहा.
ॐ समानाय स्वाहा
( बोल कर भोजन कराये )

नैवेध्यांते हस्तप्रक्षालानं मुख्प्रक्षालानं आरामनियम च समर्पयामि

निम्न ५ मंत्र से भोजन करवाए और ३ बार जल अर्पण करें और बाद में देव को चन्दन चढ़ाये।

मुखवास मंत्र👉 एलालवंग संयुक्त पुत्रिफल समन्वितम।
नागवल्ली दलम दिव्यं देवेश प्रति गुह्याताम।।
( बोल कर पान सोपारी अर्पण करे )

दक्षिणा मंत्र👉 ह्रीं हेमं वा राजतं वापी पुष्पं वा पत्रमेव च।
दक्षिणाम देवदेवेश गृहाण परमेश्वर शंकर।।
( बोल कर अपनी शक्ति अनुसार दक्षिणा अर्पण करे )

आरती मंत्र👉 सर्व मंगल मंगल्यम देवानं प्रितिदयकम।
निराजन महम कुर्वे प्रसिद परमेश्वर।। ( बोल कर एक बार आरती करे )
बाद में आरती की चारो और जल की धरा करे और आरती पर पुष्प चढ़ाये सभी को आरती दे और खुद भी आरती ले कर हाथ धो ले।

अथवा भगवान गंगाधर की आरती करें

🕉 भगवान् गंगाधर की आरती 🕉

ॐ जय गंगाधर जय हर जय गिरिजाधीशा। त्वं मां पालय नित्यं कृपया जगदीशा॥ हर...॥
कैलासे गिरिशिखरे कल्पद्रमविपिने। गुंजति मधुकरपुंजे कुंजवने गहने॥
कोकिलकूजित खेलत हंसावन ललिता। रचयति कलाकलापं नृत्यति मुदसहिता ॥ हर...॥
तस्मिंल्ललितसुदेशे शाला मणिरचिता। तन्मध्ये हरनिकटे गौरी मुदसहिता॥
क्रीडा रचयति भूषारंचित निजमीशम्‌। इंद्रादिक सुर सेवत नामयते शीशम्‌ ॥ हर...॥
बिबुधबधू बहु नृत्यत नामयते मुदसहिता। किन्नर गायन कुरुते सप्त स्वर सहिता॥
धिनकत थै थै धिनकत मृदंग वादयते। क्वण क्वण ललिता वेणुं मधुरं नाटयते ॥हर...॥
रुण रुण चरणे रचयति नूपुरमुज्ज्वलिता। चक्रावर्ते भ्रमयति कुरुते तां धिक तां॥
तां तां लुप चुप तां तां डमरू वादयते। अंगुष्ठांगुलिनादं लासकतां कुरुते ॥ हर...॥
कपूर्रद्युतिगौरं पंचाननसहितम्‌। त्रिनयनशशिधरमौलिं विषधरकण्ठयुतम्‌॥
सुन्दरजटायकलापं पावकयुतभालम्‌। डमरुत्रिशूलपिनाकं करधृतनृकपालम्‌ ॥ हर...॥
मुण्डै रचयति माला पन्नगमुपवीतम्‌। वामविभागे गिरिजारूपं अतिललितम्‌॥
सुन्दरसकलशरीरे कृतभस्माभरणम्‌। इति वृषभध्वजरूपं तापत्रयहरणं ॥ हर...॥
शंखनिनादं कृत्वा झल्लरि नादयते। नीराजयते ब्रह्मा वेदऋचां पठते॥
अतिमृदुचरणसरोजं हृत्कमले धृत्वा। अवलोकयति महेशं ईशं अभिनत्वा॥ हर...॥
ध्यानं आरति समये हृदये अति कृत्वा। रामस्त्रिजटानाथं ईशं अभिनत्वा॥
संगतिमेवं प्रतिदिन पठनं यः कुरुते। शिवसायुज्यं गच्छति भक्त्या यः श्रृणुते ॥ हर...॥

पुष्पांजलि मंत्र👉 पुष्पांजलि प्रदास्यामि मंत्राक्षर समन्विताम।
तेन त्वं देवदेवेश प्रसिद परमेश्वर।।
( बोल कर पुष्पांजलि अर्पण करे )

प्रदक्षिणा👉 यानी पापानि में देव जन्मान्तर कृतानि च।
तानी सर्वाणी नश्यन्तु प्रदिक्षिने पदे पदे।।
( बोल कर प्रदिक्षिना करे )
बाद में शिवजी के कोई भी मंत्र स्तोत्र या शिव शहस्त्र नाम स्तोत्र का पाठ करे अवश्य शिव कृपा प्राप्त होगी।

पूजा में हुई अशुद्धि के लिये निम्न स्त्रोत्र पाठ से क्षमा याचना करें।

।।देव्पराधक्षमापनस्तोत्रम्।।

न मन्त्रं नो यन्त्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहो
न चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथा:।
न जाने मुद्रास्ते तदपि च न जाने विलपनं
परं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम्

विधेरज्ञानेन द्रविणविरहेणालसतया
विधेयाशक्यत्वात्तव चरणयोर्या च्युतिरभूत्।
तदेतत् क्षन्तव्यं जननि सकलोद्धारिणि शिवे
कुपुत्रो जायेत क्व चिदपि कुमाता न भवति

पृथिव्यां पुत्रास्ते जननि बहव: सन्ति सरला:
परं तेषां मध्ये विरलतरलोहं तव सुत:।
मदीयोऽयं त्याग: समुचितमिदं नो तव शिवे
कुपुत्रो जायेत क्व चिदपि कुमाता न भवति

जगन्मातर्मातस्तव चरणसेवा न रचिता
न वा दत्तं देवि द्रविणमपि भूयस्तव मया।
तथापि त्वं स्नेहं मयि निरुपमं यत्प्रकुरुषे
कुपुत्रो जायेत क्व चिदपि कुमाता न भवति

परित्यक्ता देवा विविधविधिसेवाकुलतया
मया पञ्चाशीतेरधिकमपनीते तु वयसि।
इदानीं चेन्मातस्तव यदि कृपा नापि भविता
निरालम्बो लम्बोदरजननि कं यामि शरणम्

श्वपाको जल्पाको भवति मधुपाकोपमगिरा
निरातङ्को रङ्को विहरित चिरं कोटिकनकै:।
तवापर्णे कर्णे विशति मनुवर्णे फलमिदं
जन: को जानीते जननि जपनीयं

चिताभस्मालेपो गरलमशनं दिक्पटधरो
जटाधारी कण्ठे भुजगपतिहारी पशुपति:।
कपाली भूतेशो भजति जगदीशैकपदवीं
भवानि त्वत्पाणिग्रहणपरिपाटीफलमिदम्

न मोक्षस्याकाड्क्षा भवविभववाञ्छापि च न मे
न विज्ञानापेक्षा शशिमुखि सुखेच्छापि न पुन:।
अतस्त्वां संयाचे जननि जननं यातु मम वै
मृडानी रुद्राणी शिव शिव भवानीति जपत:

नाराधितासि विधिना विविधोपचारै:
किं रुक्षचिन्तनपरैर्न कृतं वचोभि:।
श्यामे त्वमेव यदि किञ्चन मय्यनाथे
धत्से कृपामुचितमम्ब परं तवैव

आपत्सु मग्न: स्मरणं त्वदीयं
करोमि दुर्गे करुणार्णवेशि।
नैतच्छठत्वं मम भावयेथा:
क्षुधातृषार्ता जननीं स्मरन्ति

जगदम्ब विचित्रमत्र किं परिपूर्णा करुणास्ति चेन्मयि।
अपराधपरम्परापरं न हि माता समुपेक्षते सुतम्

मत्सम: पातकी नास्ति पापन्घी त्वत्समा न हि।
एवं ज्ञात्वा महादेवि यथा योग्यं तथा कुरु।।

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